अंतरिक्ष में महिलाएं: रोचक तथ्य!

आज हर जगह महिला ने अपनी सकारात्मक भूमिका निभायी है चाहे वह कोई भी क्षेत्र रहा हो ..अन्तरिक्ष अन्वेक्ष्ण में भी महिलाओं का बहुत योगदान र...

आज हर जगह महिला ने अपनी सकारात्मक भूमिका निभायी है चाहे वह कोई भी क्षेत्र रहा हो ..अन्तरिक्ष अन्वेक्ष्ण में भी महिलाओं का बहुत योगदान रहा है. पिछले आंकडे देखे जाए तो अब तक सबसे अधिक अमरीकी महिलायें अन्तरिक्ष में गयी हैं.

वैसे महिलाओं को अन्तरिक्ष में भेजने का सिलसिला सबसे पहले रूस ने शुरू किया. 16 जून 1963 को पहली महिला वैल्नतीना तेरेस्कोवा (Valentina Tereshkova) अन्तरिक्ष में गयी थी. यह अनुभव किया गया कि अन्तरिक्ष अन्वेषण में महिलाएं अपनी विशिष्ट सरंचना के कारण अधिक अच्छी भूमिकाएं निभा सकती है. अब चाहे इस को स्वीकार किया जाए या नहीं कि अन्तरिक्ष अन्वेषण में महिलाओं ने पुरुष के समान ही कार्य किया है.

अन्तरिक्ष के संदर्भ में अपने स्वभाविक गुण के कारण महिलायें कष्ट, गर्मी और अन्तरिक्ष यान के कम्पन पुरुष की तुलना में बेहतर तरीके से झेल सकती है. महिलायें अन्तरिक्ष विकरण से कम प्रभावित होती है. 120 पोंड की महिला 160 पोंड ने पुरुष की तुलना से कम आक्सीजन उपयोग करती है. इसके अतिरिक्त महिलाओं का कम भार अन्तरिक्ष यात्रा में के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.इन कडियों में हम इन्ही महिला अन्तरिक्ष यात्री के बारे में पढ़ंगे ...जिस में हमारे देश की कल्पना चावला का जिक्र भी बहुत फख्र के साथ किया जायेगा ..अन्तरिक्ष यात्रा की बारे में कुछ महिलाओं को ले कर जो विशिष्ट सुर्खियाँ रही.

अन्तरिक्ष यात्रा से वापस आने के बाद जिस पुरुष अन्तरिक्ष यात्री और जिस महिला यात्री ने अपनी शादी रचाई वह हस्तियाँ थी- विश्व की प्रथम महिला अन्तरिक्ष यात्री वेल्न्तिना तेरेस्कोवा और पुरुष अन्तरिक्ष यात्री आन्द्रियान निकोलेव (Andrian Nikolayev).
 
न्तरिक्ष अन्वेक्ष्ण में मृत्यु को प्राप्त करने वाली पहली महिला थी ..कल्पना और लारेल क्लार्क (Laurel Clark). इन दोनों की मृत्यु कोलम्बिया शटल की दुर्घटना में 1 फरवरी 2003 को हुई

अन्तरिक्ष में जाने वाली पहली महिला वैल्नतीना तेरेस्कोवा एक साधारण मिल वर्कर थी ...

अन्तरिक्ष स्टेशन में स्पेस वाक् वाली पहली महिला डॉ पेग्गी ए हित्सन (Peggy A Whitson) थी

अन्तरिक्ष से हेम रेडियो से धरती पर बात करने वाली पहली महिला सुसान हेल्म्स (Susan Helms) थी.

सन 1998 में सम्पन स्पेस शटल में की उड़ान संख्या एस टी एस 95 ग्राउंड चित्र गूगल के सोजन्य से. 
चित्र गूगल के सोजन्य से

यह जानकरी विश्व की महिला अन्तरिक्ष यात्री पुस्तक, जिसके लेखक है काली शंकर. यह पुस्तक राजपाल प्रकाशन से प्रकाशित है यह कुछ तथ्य इनसे लिए गए हैं यदि आप विस्तृत रूप से इन के बारे में पढना चाहे तो इस किताब से पढ़ सकते हैं ..इस में प्रयुक्त चित्र व सामग्री अव्यावसायिक प्रयोजनार्थ हैं।
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COMMENTS

BLOGGER: 36
  1. बहुत ही सुन्‍दर विषय का चयन किया है आपने, चैलेन्जिंग और साहसपूर्ण।

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  2. जानकारियों से भरपूर, महत्वपूर्ण श्रंखला शुरू की है आपने.

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  3. " antriksh or usse judi jankariyan apne ap mey ek rochak or adbhut subject hai.....is vishy pr ye lekh bhut romanchak lga.."

    regards

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  4. This comment has been removed by the author.

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  5. अंतरिक्ष का आकर्षण हर किसी को अपनी ओर खींचता है। इस आकर्षक और रोजांचक विषय पर श्रृंखला शुरू कर सराहनीय कार्य किया है। इस हेतु हार्दिक बधाई स्‍वीकारें।

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  6. 'अन्तरिक्ष अन्वेक्ष्ण में महिलाएं अपनी विशिष्ट सरंचना के कारण अधिक अच्छी भूमिकाएं निभा सकती '
    - यह तथ्य इस और इंगित करता है की महिलाओं और पुरुषों में स्वाभाविक भेद है. अतः महिला पुरुष समानता की बात न करते हुए उन्हें उनके स्वभाव के अनुसार कार्य करने चाहिए.

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  7. बंधू लिखते हुए डर लग रहा है मगर अन्तरिक्ष में पहले और भी कोई भेजी गई थी /शायद आपको ध्यान हो ?

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  8. Blogger BrijmohanShrivastava said...

    बंधू लिखते हुए डर लग रहा है मगर अन्तरिक्ष में पहले और भी कोई भेजी गई थी /शायद आपको ध्यान हो ?

    aap naam laene mae naa daarey . lae hi lae kyuki jab aap ke dimaag mae baat aa hee gayee haen to bataa daena hee sahii hoga

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  9. बहुत ही अच्छी श्रंखला शुरू की है आप ने रंजना जी.
    badhaayee.
    आज की kadi भी pasand aayi.

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  10. महिलाएं किसी से कम नहीं।

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  11. @ बृजमोहन जी आप निसंकोच अपनी बात कहें ..मैंने यहाँ यह लेख लिखने के लिए २ पुस्तकों का सहारा लिया है ..जिस में दी गयी जानकारी इस प्रकार है ...यह किताब सन २००४ तक के महिला अन्तरिक्ष यात्रियों के बारे में बताती है ..उस के अनुसार जून २००४ तक विश्व के ४३६ यात्री अब तक अन्तरिक्ष में जा चुके हैं इस में से ४१ महिला अन्तरिक्ष यात्री हैं ..४१ महिला यात्रियों में ३ महिला यात्री रूस की हैं और ३३ अमेरिका से हैं ....बाकी महिला यात्री अन्य देशों से हैं ..२ कनाडा से एक महिला फ्रांस से और एक जापान से एक ब्रिटेन से है ...सबसे अधिक जाने वाली महिलायें अमेरिका से हैं ..पहली महिला अन्तरिक्ष यात्री के जाने की घटना प्रथम पुरुष यूरी गेगरीन के जाने के २ वर्ष दो महीने बाद हुई थी ..अन्तरिक्ष में जाने वाली पहली अमरीकी अन्तरिक्ष यात्री सैली राइड थीं और सबसे अधिक अन्तरिक्ष में वक़्त गुजारने वाली महिला यात्री डॉ शेनन ल्युसिड थी ..उन्होंने १८८ दिन का अन्तरिक्ष प्रवास १९९६ में मीर स्टेशन में गुजारा ..

    इस तरह हर देश से जाने वाली प्रथम महिलाओं के बारे में इस श्रृंखला में बताने की कोशिश रहेगी ..इस के आलावा आपके पास कोई नयी जानकारी हो तो आपका स्वागत है ..मेरे पास भी जितनी भी जानकारी है वह मेरे स्व अध्याय से है ..आप निसंकोच यहाँ पर अपनी बात कह सकते हैं ..सही और उचित उपयोगी जानकारी देना ही हमारे इस ब्लॉग का उद्देश्य है ..आपके विचारों का जानकारी का यहाँ सदैव स्वागत है ...शुक्रिया
    --

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  12. बृजमोहन जी का शायद मतलब है कि जीवों में भी पहली अन्तरिक्ष यात्री एक फीमेल ही थी. लाइका नामक.

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  13. definitely...its a very informative blog.. I congrates each of ur authers, who do intensive research...

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  14. ब्लोग की दुनिया एक अच्छा ब्लोग। यहाँ आकर ढेरो जानकारी मिलती है। अलग अलग विषयों पर। जैसे आज भी कई जानकारी मिली। शुक्रिया रंजू जी।

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  15. बहुत खूब जानकारी. इससे अधिक और क्या लिखा जा सकता है? नारी नें अब सभी धरातल पर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है, कई विधाओं में. अब अंतरिक्ष भी पाट लिया.

    शुक्रिया रंजू जी.

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  16. आप ने बिलकुल सही कहा zeashan zaidi बृजमोहन जी का जो मतलब हैं वो यही हैं . रंजना उनकी बात को नहीं समझ सकी इस लिये उन्होने इतनी विस्तार से पूछा . मै समझ चुकी थी इस लिये मैने अपने कमेन्ट मे बृजमोहन जी से पूछा पर जवाब नहीं आया . अगर इतने गंभीर आलेख को पढ़ कर बृजमोहन जी को एक "कुतिया" { ये ही होगा उनके मन मे } याद आगई तो ये एक ६५ साल के वृद्ध की पुरुष प्रधान मानसिकता ही हैं . और इस ब्लॉग के moderator को इस प्रकार के कमेन्ट से कोई आपति नहीं हैं इस पर मुझे कमेन्ट से भी ज्यादा अफ़सोस हैं

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  17. विश्व की पहली महिला अन्तरिक्ष यात्री वैल्नतीना तेरेस्कोवा ही थीं -! अच्छा लेख १ विज्ञान निरंतर चर्चा और मतभेदों से पुष्ट होता रहा है -यहाँ फतवे नहीं चलते ! अगर किसी सुधीजन को कोई आपत्ति या संशोधन दर्ज करना हो तो सदैव खुले मन से स्वागत है ! रंजना जी ने अपनी बात बहुत सलीके और खुले मन से रख दी है -उन्हें भी धन्यवाद !

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  18. मेरे विचार से बेहतर होता अगर हम सिर्फ मनुष्यों की बात करते. अगर बृजमोहन जी का संकेत इसी तरफ था तो यह सिर्फ एक भद्दा मज़ाक ही कहा जा सकता है. मेरे विचार में किसी ब्लॉग में सिर्फ खूबसूरत मज़ाक के लिए जगह होनी चाहिए. वैसे तो सभी को अपनी अपनी बात कहने का अधिकार है. रंजना जी से क्षमा सहित. Aur haan thanks for starting a good series.

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  19. लोग कहाँ -कहाँ घृणा फैलायेंगे ..लगता है टिप्पणी से बात नहीं बनने वाली पोस्ट लिखनी पड़ेगी. मेरे ब्लॉग में भी ऐसी २ टिप्पणियाँ मिली मुझे.

    बाहरहाल रंजू जी जरी रखें इस सिलसिले को ..बढ़िया लेख लिखा है आपने

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  20. रंजना जी,
    बेहद जानकारी पूर्ण लेख। मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों की टिप्पणी पर अपनी ऊर्जा व्यर्थ करने की कोई आवश्यकता नहीं है। आपके लेखों का आगे भी इन्तजार रहेगा।

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  21. इतनी मेहनत करके आपने हमलोगों के पढने लायक इतनी अच्‍छी सामग्री जुटायी है ... बहुत बहुत धन्‍यवाद।

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  22. बढ़िया जानकारी... बाकी नामों का तो नहीं कह सकते लेकिन कल्पना चावला से भला कौन अपरिचित है.

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  23. जीशान जी शुक्रिया ,आपने बात स्पष्ट करदी -मैं तो चाह रहा हूँ की बृजमोहन जी अपना पक्ष रखें नहीं तो उनकी टिप्पणी डिलीट कर दी जाय !

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  24. अन्तरिक्ष की ओर बढ़ते हुए ये किस ओर मुड़ रहे हैं हम!

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  25. कब टिप्पणी डिलीट करी जायेगी ...? प्रबंधक महोदय बताएं ?

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  26. इतनी जल्दी क्या हैं लवली , अभी तो इन्तीज़र हो रहा हैं मानिये ब्रिज भूषण जी का की वो आये और बताये . उसके बाद जांच होगी की जो उन्होने कहा और जो मेने या तुमने समझा उसमे कितना अंतर हैं . फिर समझाया जायेगा की इतने वृद्ध व्यक्ति के ज्ञान को हम समझ नहीं सके अब नादान औरते हैं हम , अज्ञानी . क्यों परेशान हो रही हो जल्दी ही ब्लॉग कचहरी बैठेगी और न्याय किया जायेगा . सब्र करो अभी देर हैं

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  27. ऐसी महिलाओं की जीवटता को सलाम !!
    __________________________________
    गणेश शंकर ‘विद्यार्थी‘ की पुण्य तिथि पर मेरा आलेख ''शब्द सृजन की ओर'' पर पढें - गणेश शंकर ‘विद्यार्थी’ का अद्भुत ‘प्रताप’ , और अपनी राय से अवगत कराएँ !!

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  28. बहुत ही महत्वपूर्ण एवं उपयोगी विषय उठाया गया है....किन्तु ऊपर की गई टिप्पणियों को देखकर लगता है कि सब गुड गोबर हो रहा है...

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  29. Is post men aayi tippadiyon se ye saaf ho jaata hai ki kuchh log kis tarah se aag lagane ke liye tatpar rahte hain, iski jitni bhartsanaa ki jaaye kam hai.

    Mere ek dost ki maan ki deth ho jaane ke karan main aaj net par nahi baith saka, isiliye ispar nirnay lene men vilamb huaa.

    Baharhaal Brijmohan ji ko kal subah 10 baje tak apni baat rakhne ka mauka diya gaya hai. Yadi ve santoshjanak uttar de pate hain to theek, anyatha unki tippadi delete kar di jaayegi.

    Aap sab se nivedan hai ki ye blog ek bade uddeshya ke liye chal raha hai, isliye ismen is tarah ki teeka-tippadi na karen, jisse kisi prakar ka vivaad ho.


    Saadar
    ZAkir Ali Rajnish

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  30. नैसर्गिक न्याय का तकाजा है की आरोपित को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाय -इसलिए ज़ाकिर आपने बिलकुल ठीक किया जो बृजमोहन जी को अपनी बात रखने का युक्तियुक्त मौका और समय दे दिया है और यदि निर्धारित अवधि में उनका जवाब नहीं आता है तो उस टिप्पणी और तदन्तर उसी के संदर्भ में जीशान की टिप्पणी को भी डिलीट कर दी जायं !
    यद्यपि मैं बृजमोहन जी से परिचित नहीं हूँ फिर भी अनुरोध है कि उन पर कोई व्यक्तिगत आक्षेप जैसे उम्र आदि को लेकर कटूक्तियां न की जायं !
    इस पूरे प्रकरण को मैंने संज्ञान में लिया है और उचित समय पर इस पर अपनी बात रखूंगा !

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  31. विद्वान अरविन्द जी मिश्रा ने ठीक ही कहा है पहले अपराधी को सुनो फिर सजा दो मगर यहाँ तो विद्वानों ने कल्पना करली किजैदी साहिब ने तो मतलब ही निकल लिया कि शायद लेखक का मतलब यह हैफिर दूसरी लेखिका ने समझ लिया कि हां मतलब यही थालबली जी ने किन्ही मेरी क्युरी के वारे में लेख लिखा था कि""वे जिंदगी भर नारी होने की कीमत चुकती रहीं पर मेरे यह टिप्पणी कहाँ तक घ्रणा फैलाने वाली है विद्वान विचार करें

    BrijmohanShrivastava said...
    किस दयनीय ,गरीब ,प्रताडित =पुरुष= ने यहाँ कीमत नहीं चुकाई है
    March 21, 2009 5:17 AMअब चूंकि आपने तो किताब में से देख कर लेख लिखा है और मेरे पास कोई सवूत लिखित में है नहीं फिर भी मैं उस नाम से (तेरेस्कोवा ) सहमत नहीं हूँ /नाम लिखने में इसलिए डर रहा था कि कभी तो मेरे दिमाग में यांग लीवी का नाम आये कहीं लाक्पा शेरपा का कभी ये शंका हो कि यह पुरुषों के नाम तो नहीं है /यदि आप इतना लिख देते कि ""नहीं पहला नाम यही है "" बात ही खत्म हो जाती /मगर ""पक्ष और प्रतिपक्ष संसद में मुखर हैं ,बात इतनी है कि कोई पुल बना है /मेरा तो फिर भी यही कहना है या तो वह पहली यात्री नहीं थी और यदि थी तो उसका असली नाम कुछ और ही था /'' मौनम मूर्खस्य बलम '' मैंने सोचा अंदाज़ मार नाम लेने से मूर्खता ज़ाहिर होगी अत बात को गोल मोल रखो मगर विद्वानों ने क्या अर्थ निकाल कर मेरी बुढापे में मट्टी पलीद की है ,जिस नाम की मैंने कल्पना नहीं की थी वह विद्वानों के दिमाग में आ कैसे गया और वह भी इतनी द्रढ़ता के साथ जैसे मेरी लेखनी से मेरी आद्दों से परिचित हों /मैंने अनजाने में ,अज्ञानता वश आप लोगों का दिल दुखाया मै शर्मिंदा हूँ आप सब से विनम्र प्रार्थना करता हूँ के ""क्षमहु सज्जन मोर ढिठाई "" आयन्दा से ब्लॉग पढ़ कर चला जाया करूंगा ,टिप्पणी नहीं किया करूंगा

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  32. चलिए बात साफ़ हो गई. अब पहले तो बृजमोहन जी से माफ़ी मांगता हूँ की मेरी टिप्पणी के कारण उनकी सादी बात कहाँ से कहाँ पहुँच गई. वैसे मेरे दिमाग में लाइका का नाम वास्तव में रचना जी की टिप्पणी के बाद आया था जब उन्होंने बृजमोहन जी की टिप्पणी को रिपीट किया था. वह भी एक विशेष वजह से मैंने नाम लिया था. इस पर एक पूरा लेख लिखा जा सकता है कि दरअसल जीव जगत में नर से कहीं अधिक महत्ता मादा की है. शेरों में शेरनी ही शिकार करके अपने बच्चों का और शेर का पेट पालती है. और मधुमक्खी से कौन भला परिचित नहीं है जहाँ पूरा काम ही मादा मधुमक्खी संभालती है. देश में अधिकतर जीवों को मादा नाम से ही बुलाया जाता है, चिड़िया, मछली, मकड़ी, तितली. हाँ गधा और घोड़ा जैसे नाम ज़रूर पुरुषवाचक हैं. इस तरह जीव जगत में महत्ता तो फीमेल की ही है. बेहतर होता साइंस ब्लोगेर्स पर एक लेख लेकिन अब जल्दबाजी में टिप्पणी से ही काम चलाना पड़ रहा है. नारी की तौहीन का तो कोई सवाल ही नहीं, उसे तो ऊपर वाले ने ही ऊंचा दर्जा प्रदान कर दिया है.

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  33. रजनीश जी अब अग्रेतर कार्यवाही का अधिकार मैं आपको प्रतिनिधानित करता हूँ !

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  34. BrijmohanShrivastava said...
    किस दयनीय ,गरीब ,प्रताडित =पुरुष= ने यहाँ कीमत नहीं चुकाई है
    ..जी बिलकुल चुकाई ,पर ध्यान देने योग्य बात है की कभी किसी पुरुष के एकादमिक जीवन की तुलना उसके व्यक्तिगत जीवन से नहीं की गई.
    एक टिप्पणी और मिली थी "कौन कहता है नारी सशक्त नहीं है ?" मैंने कब कहा, नहीं है. बात वहाँ नारी के सशक्त होने की नही बल्कि उसके विरोध में पुरुष मानसिकता होने की बात पर यह लेख था ..पर लोगों ने यह तो देखा नही ..लगे टिप्पणी करने तब मैंने कुछ नही कहा.
    यहाँ आपने महिला की तुलना मादा जानवर से की तब मुझे सहन नही हुआ..आपने जो कटाक्ष किया वह मेरे बर्दास्त से बाहर था उससे मेरा मन आहात हुआ.
    अब जब आपने स्पस्टीकरण दिया है की आप ने ऐसा नही सोंचा था और हमें समझने में गलती हुई तो हम अपने दिमाग के दिवालियेपन पर तरस खाते हुए अपनी टिप्पणी वापस लेते हैं .
    वैसे टिप्पणी देखने वाले को सहज बुद्धि से यह आभास हो जाये की सामने वाला क्या कहता है.

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  35. और सेवा में ब्लॉग प्रबंधक महोदय आगे से घृणा फैलाने वाली टिप्पणी को ध्यान में रखकर मोडरेट करें ..अन्यथा कई पढने वालों की भावनाएं आहत होंगी...जो की निश्चय ही इस ब्लॉग का उद्धेश्य नहीं होगा.

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- दर्शन लाल बावेजा,1,- बी एस पाबला,1,-Dr. Prashant Arya,2,-अंकित,4,-अंकुर गुप्ता,7,-अभिषेक ओझा,2,-अल्पना वर्मा,22,-आशीष श्रीवास्‍तव,2,-इन्द्रनील भट्टाचार्जी,3,-काव्या शुक्ला,2,-जाकिर अली ‘रजनीश’,56,-जी.के. अवधिया,6,-जीशान हैदर जैदी,45,-डा प्रवीण चोपड़ा,4,-डा0 अरविंद मिश्र,26,-डा0 श्‍याम गुप्‍ता,5,-डॉ. गुरू दयाल प्रदीप,8,-डॉ0 दिनेश मिश्र,5,-दर्शन बवेजा,1,-दर्शन लाल बवेजा,7,-दर्शन लाल बावेजा,2,-दिनेशराय द्विवेदी,1,-पवन मिश्रा,1,-पूनम मिश्रा,7,-बालसुब्रमण्यम,2,-योगेन्द्र पाल,6,-रंजना [रंजू भाटिया],22,-रेखा श्रीवास्‍तव,1,-लवली कुमारी,3,-विनय प्रजापति,2,-वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई),81,-शिरीष खरे,2,-शैलेश भारतवासी,1,-संदीप,2,-सलीम ख़ान,13,-हिमांशु पाण्डेय,3,.संस्‍था के उद्देश्‍य,1,।NASA,1,(गंगा दशहरा),1,100 billion planets,1,2011 एम डी,1,22 जुलाई,1,22/7,1,3/14,1,3D FANTASY GAME SPARX,1,3D News Paper,2,5 जून,1,Acid rain,1,Adhik maas,1,Adolescent,1,Aids Bumb,1,aids killing cream,1,Albert von Szent-Györgyi de Nagyrápolt,1,Alfred Nobel,1,aliens,1,All india raduio,1,altruism,1,AM,18,Aml Versha,1,andhvishwas,5,animal behaviour,1,animals,1,Antarctic Bottom Water,1,Antarctica,9,anti aids cream,1,Antibiotic resistance,1,arunachal pradesh,1,astrological challenge,1,astrology,1,Astrology and Blind Faith,1,astrology and science,1,astrology challenge,1,astronomy,4,Aubrey Holes,1,Award,4,AWI,1,Ayush Kumar Mittal,1,bad effects of mobile,1,beat Cancer,1,Beauty in Mathematics,1,Benefit of Mother Milk,1,benifit of yoga,1,Bhaddari,1,Bhoot Pret,3,big bang theory,1,Binge Drinking,1,Bio Cremation,1,bionic eye Veerubhai,1,Blind Faith,4,Blind Faith and Learned person,1,bloggers achievements,1,Blood donation,1,bloom box energy generator,1,Bobs Award,1,Breath of mud,1,briny water,1,Bullock Power,1,Business Continuity,1,C Programming Language,1,calendar,1,Camel reproduction centre,1,Carbon Sink,1,Cause of Acne,1,Change Lifestyle,1,childhood and TV,1,chromosome,1,Cognitive Scinece,1,comets,1,Computer,2,darshan baweja,1,Deep Ocean Currents,1,Depression Treatment,1,desert process,1,Dineshrai Dwivedi,1,DISQUS,1,DNA,3,DNA Fingerprinting,1,Dr Shivedra Shukla,1,Dr. Abdul Kalam,1,Dr. K. 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