क्या ज्योतिष विज्ञान है?

अक्सर यह बहस उठती है कि ज्योतिष अंधविश्वास है अथवा विज्ञान। ऐसे में दोनों ओर से तमाम तर्क पेश किये जाते हैं। जहाँ तक विज्ञानियों की बात ह...


अक्सर यह बहस उठती है कि ज्योतिष अंधविश्वास है अथवा विज्ञान। ऐसे में दोनों ओर से तमाम तर्क पेश किये जाते हैं। जहाँ तक विज्ञानियों की बात है, वे इसे कोरा अंधविश्वास मानते हैं। जबकि ज्योतिषी इसे ज्योतिर्विज्ञान कहकर पुकारते हैं। इसी आधार पर एन0डी0ए0 के शासन काल में इसकी पढ़ाई भी कई विश्विद्यालयों में शुरू हो चुकी है।

वर्तमान लोकसभा चुनावों से पूर्व ज्योतिषियों की राय जानने के लिए हिन्दुस्तान समाचार पत्र ने देश के 6 जाने माने ज्यातोषियों की राय जानी भी और उसे 16 मई के अंक के द्वारा पाठकों को अवगत कराया था। मेरी समझ से ज्योतिष को जांचने का यह सबसे सही अवसर है। आइए देखें कि उन ज्योतिषियों ने क्या कहा।

पटना के ज्योतिषाचार्य पं0 बीपेन्द्र माधव का कथन था- राजग के पक्ष में स्थिति बन रही है। वर्तमान में गोचर में कुंभ का बृहस्पति, सिंहस्थ का वक्री शनि, उच्चवर्ती सूर्य आदि के प्रभाव से राजग की प्रबल दावेदारी जान पड़ती है।

ज्योतिषी बीरेन्द्र कुमार का कथन था- प्रश्न कुण्डली के आधार पर विश्लेषण करने पर राजग की सरकार बनने की पूरी संभावना दिखती है। हालाँकि इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि येन केन प्रकारेण इनकी सरकार तो बन जाएगी, लेकिन दशम भाव में केतु की स्थिति होने के कारण सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी

गोरखपुर के विख्यात ज्योतिषी पं0 राजेश तिवारी का कहना था- दो बातें तो तय हैं। एक डा0 मनमोहन सिंह दुबारा प्रधानमंत्री नहीं बनने वाले और दो, लालकृष्ण प्रधानमंत्री बनेंगे भी तो उन्हें किसी महिला का सहयोग लेना होगा। आडवाणी का समय बेहतर है और उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावना है।

वहीं राजस्थान ज्योतिष परिषद एवं शोध संस्थान के महासचिव पं0 विनोद शास्त्री के अनुसार मनमोहन सिंह खुश न हों, क्योंकि कमजोर ग्रहों के कारण उनको दोबारा यह गददी नहीं मिलने वाली।

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो0 नागेन्द्र पाण्डेय का कथन था कि महिला पीएम बनने का योग है। शायद उनका इशारा मायावती की ओर था। पर उनका हश्र क्या हुआ, यह सबके सामने है।

मात्र एक ज्योतिषी पं0 राजेन्द्र प्रसाद शर्मा कहना था कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री के रूप में दूसरी पारी खेलने के योग बन रहे हैं।

आपको बताते चलें कि ये हमारी आपकी गली मोहल्ले में मिलने वाले लल्लू-फल्लू ज्योतिषी नहीं हैं। ज्योतिष की दुनिया में इनकी ऊंची साख है और बड़े-बड़े राजनेता छींकने से भी पहले इनसे राय मशविरा करते हैं कि मैं मुँह ऊपर करके छींकूं अथवा नीचे। और इन सबका हश्र आपके सामने है।

लगे हाथ आपको बताते चलें कि इससे पहले इसी ब्लॉग पर आई एक पोस्ट क्या यूँ ही धरी रह जाएगी 25 लाख की चुनौती? में प्रतिक्रिया स्वरूप सुश्री संगीता पुरी जी ने लिखा था- 'साइंस एण्ड रेशनालिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया' के प्रमुख ज्‍योतिषी को भगवान समझते हैं या फिर अपनी जीत को पक्‍की रखने के लिए ऐसे सवाल पूछा करते हैं?

यहाँ पर मेरा सवाल संगीता जी से है। अगर आप ज्योतिष को विज्ञान मानती हैं, तो फिर सवालों से इतनी चिढ़ क्यों? विज्ञान का कोई भी फार्मूला चाहे आप भारत में हल करो अथवा अमरीका में, एक जैसा ही परिणाम देता है और लगभग सौ प्रतिशत सही परिणाम देता है। लेकिन ज्योतिष के साथ यह बात क्यों नहीं लागू होती? अगर ज्योतिष विज्ञान है तो फिर परिणाम में इतनी गल्ती क्यों?

देश के इन जाने माने ज्योतिषाचार्यों (?) ने अपनी भविष्यवाणियों से एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि ज्योतिष विज्ञान तो कतई नहीं है। हाँ आप अपनी सुविधा के लिए अथवा अपनी दुकान चलाते रहने के लिए और आम जनता को बेवकूफ बनाने के लिए इसे  चाहे जो भी कहते रहें।

COMMENTS

BLOGGER: 28
  1. 'ज्योतिष' विषय बहुत जटिल है.अपनी समझ से परे...इस लिए कोई राय नहीं दे सकती .न सहमती ,न असहमति में.

    ReplyDelete
  2. बहुत लम्बा विमर्श चाहिये इसके लिये । संगीता जी के उत्तर की प्रतीक्षा है ।

    ReplyDelete
  3. कुछ कुछ प्रमाण देकर इसे पूरी तरह से नकारा भी तो नहीं जा सकता क्योंकि बहुत सी ऐसी बातें भी हैं जो सत्य साबित हुईं हैं और जैसा कि आपने अपने आलेख में लिखा भी है। वैसे संगीता जी या अन्य ज्योतिष के जानकार ही विषद चर्चा कर सकते हैं।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

    ReplyDelete
  4. BAAT NIKLI HAI TOH PHIR DOOR TAK JANI HI CHAHIYE.......AB IS MUDDE PAR KHULI BAHAS HO JANI CHAHIYE
    aapki pramaanik post k liye
    badhai

    ReplyDelete
  5. इस आलेख को पढने के बाद एक बात तो मेरी समझ में आ ही गयी कि आपने यह आलेख मेरे द्वारा जवाब जानने के लिए ही लिखा है ..यह अपनी खुशकिस्‍मती ही मानूंगी कि साइंस ब्‍लागर असोसिएशन जैसे मंच पर मुझे जवाब देने का मौका मिला .. इतिहास गवाह है कि गणित ज्‍योतिष को विकसित करनेवाले विद्वानों ने ही फलित ज्‍योतिष का विकास किया .. दिन रात आसमान में ग्रह नक्षत्रों का अध्‍ययन करनेवालों ने अवश्‍य ही पृथ्‍वी में होनवाली कुछ घटनाओं का ग्रहों से सामंजस्‍य देखा होगा .. पर वे अन्‍य विधाओं की तरह फलित ज्‍योतिष को पूर्ण तौर पर विकसित नहीं कर सके .. और कालांतर में इस विद्या को अंधविश्‍वास समझते हुए इसे यूं ही छोड दिया गया .. विज्ञान के विद्यार्थी रहे मेरे पिताजी भी जब ज्‍योतिष के क्षेत्र में आए .. उन्‍होने भी ज्‍योतिष के विरोध में ही लिखना शुरू किया था.. इसके कारण परंपरागत ज्‍योतिषी उनसे खफा भी रहे हें .. पर कुछ ही दिनों में उन्‍हें महसूस हुआ कि ज्‍योतिष विज्ञान है .. पर इसमें कुछ खामियां हैं .. मुख्‍य रूप से परंपरागत ज्‍योतिष में उन्‍हें दो खामियां नजर आयी .. पहला ग्रहों की शक्ति के आकलन का एक नहीं , दस बारह सूत्रों का होना .. भला कोई ज्‍योतिषी एक निष्‍कर्ष पर कैसे पहुंचे .. दूसरा विभिन्‍न ग्रहों के प्रतिफलन काल के बारे में सही जानकारी का न होना .. यदि ग्रहों की शक्ति सही सही निकाल भी ली जाए तो मानव जीवन पर उस ग्रह का प्रभाव किस काल में पडेगा .. इसके बारे में तय करना मुश्किल है .. लोगों के एक साथ चार चार दशा चलते रहते हैं ..फिर किसी शास्‍त्र में गोचर यानि अभी आसमान में ग्रहों की स्थिति के आधार पर भी भविष्‍यवाणी करने की बात कही गयी है .. उन्‍होने अपनी पूरी जिंदगी ज्‍योतिष की इन दोनो कमजोरियों को सुलझाने में लगा दी .. कालखंड का निर्णय 1975 में हुआ तथा ग्रहों की शक्ति का सूत्र 1981 में उन्‍हें मिला .. इस तरह ज्‍योतिष की दोनो कमजोरियां हल कर दी गयी .. ग्रहों की शक्ति के आकलन के लिए सूत्रों का प्रतिपादन किया गया .. और उनका प्रभाव जीवन के किस कालखंड में पडेगा इसके लिए 'गत्‍यात्‍मक दशा पद्धति' विकसित की गयी .. इसके बाद किसी भी जन्‍म विवरण से जातक के जीवनभर के उतार चढाव का लेखाचित्र खींच पाना संभव हो गया .. जन्‍मविवरण से आजतक हजारो लोगों के जीवनभर का ग्राफ खींचा गया है .. विरले ही अपवाद आया हो .. हर तरह की इतनी सटीक गणना के बावजूद परंपरागत ज्‍योतिष की इन्‍हीं दो कमजोरियों ने ज्‍योतिष को विज्ञान नहीं बनने दिया है .. पर ज्‍योतिष की 'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' नामक इस शाखा ने इन दोनो कमजोरियों को दूर कर चुका है और इस कारण इसके द्वारा सटीक गणना की जाती है .. अब ज्‍योतिष अधिक जटिल भी नहीं रह गया है .. और भविष्‍यवाणी करने में अनुभव या सिद्धि की भी कोई बात नहीं रह गयी है .. साल दो साल ही 'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' के ज्ञान के लिए काफी है .. और इसके द्वारा गणना करनेवाले सभी ज्‍योतिषी एक ही निष्‍कर्ष पर पहुंचेंगे .. क्‍योंकि यह सांकेतिक तौर पर सारी परिस्थितियों की चर्चा कर देता है .. वैसे इन सारी बातों की चर्चा मैं अपने चिट्ठे पर भी कर चुकी हूं .. मेरा चिट्ठा ज्‍योतिषियों के लिए नहीं होकर जनसामान्‍य के लिए है और इसमें इस तरह की सारी बाते समझायी जा चुकी है .. उसे अच्‍छी तरह पढने पर सारी बाते समझ में आ जाएंगी।

    ReplyDelete
  6. मेरे दिमाग मे एक बहुत अच्छा मोडेल है जिसके द्वारा यह निश्चित किया जा सकता है की ज्योतिष विद्या का कोई वैज्ञानिक आधार है या नही । भारत मे कई बडे अस्पताल है जिस मे कोई 40 – 50 वर्ष पुराने जन्म अभिलेख सुरक्षित है । वहां से पुराने अभिलेख से कोई 10 ऐसे जोडो को खोजा जाए जिनका जन्म कोई 30-40 वर्ष पहले एक ही समय मे हुआ हो । और फिर आज की अवस्था मे उन्हे ढुंढ कर उनके जीवन का अध्यन किया जाए । अगर उन जोडो के जीवन मे महत्वपुर्ण घडीयो, एवम घटनाओ मे कुछ समानता दिखती है तो फिर ज्योतिष का कोई वैज्ञानिक आधार सिद्ध होगा । अन्यथा उसे बकवास माना जाए । इस कार्य को कोई निष्ठापुर्वक बिना पुर्वाग्रह के करना चाहिए तो कुछ धनराशी मै सहयोग करना भी चाहुंगा ।
    महादेव – नेपाल

    ReplyDelete
  7. साइंस एण्ड रेशनालिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया' के प्रमुख के सवाल से उस दिन चिढने की वजह यह थी कि हम सभी जानते हैं .. कि ग्रहों का परिमाणात्‍मक नहीं .. गुणात्‍मक और सांकेतिक प्रभाव पडता है .. और इसे सिद्ध करने के लिए जब मै संपादको , मंत्रियों और निदेशकों को पत्र लिखती हूं .. तो कोई जवाब नहीं देते .. और बाद में सवाल जवाब करते रहते हैं।

    ReplyDelete
  8. महादेव जी .. धन्‍यवाद .. आपने बहुत अच्‍छा उपाय बतलाया .. हमलोग 20 वर्षों से चीख रहे हैं .. सब लोग ज्‍योतिष के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं .. कोई इस दिशा में शोध नहीं करना चाहते .. आज ही बोर्ड की परीक्षाओं से संबंधित मेरा पूरा आलेखडाटा के साथ प्रकाशित हुआ है .. पर कोई ध्‍यान नहीं देते इसमें मान लेते हैं कि यूं ही लिखा गया है .. पूरा विमर्श हो तो मुझे भी खुशी हो .. पर मै जानती हूं .. ऐसा नहीं होगा ।

    ReplyDelete
  9. Astrology is a complete science based on calculations, but the way of prediction is an art.
    Now the question arise why astrologer's prediction went wrong? Its simple -if Prediction is done in the influence of someone, it ought to be wrong, it cannot be justified...

    ReplyDelete
  10. महादेव जी के द्वारा की गयी टिप्‍पणी को ध्‍यान में रखते हुए मैं एक बात की चर्चा करना चाहूंगी .. यूं तो 40 वर्ष के आसपास की उम्र संघर्ष की नहीं होती .. लोग कहीं न कहीं अपना स्‍थायित्‍व बना चुके होते हैं .. यह उम्र संतान पक्ष की भी बडी जवाबदेही का समय नहीं होता है .. इसके बावजूद 'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' का दावा है कि 25 अगस्‍त से 5 सितंबर 1967 तक या उसके आसपास जन्‍म लेनेवाले सभी स्‍त्री पुरूष 2003 के बाद से ही बहुत परेशान खुद को समस्‍याओं से घिरा हुआ पा रहे होंगे .. उसी समय से परिस्थितियों पर अपना नियंत्रण खोते जा रहे होंगे .. और खासकर इस वर्ष जनवरी से उनकी स्थिति बहुत ही बिगडी हुई हैं .. परेशानी किसी भी संदर्भ की हो सकती है .. जिसके कारण अभी भी वे लोग काफी तनाव में जी रहे हैं .. वैसे ये किसी भी बडे या छोटे पद पर .. किसी भी बडे या छोटे व्‍यवसाय से जुडे हो सकते हैं और कितनी भी बडी या छोटी संपत्ति के मालिक हो सकते हैं .. पर परेशानी वाली बात सबमें मौजूद होगी .. 10,000 हिन्‍दी ब्‍लागर अपने परिवार में , अपने अडोस पडोस में और परिचितों , रिश्‍तेदारों में ही सर्वे कर इस बात की पुष्टि कर दें .. तो सारा विवाद ही समाप्‍त हो जाएगा।

    ReplyDelete
  11. शेयर निवेशकों को रुला सकते हैं ग्रह .......15 मई तो खासकर शेयर बाजार के लिए बहुत बुरा होना चाहिए।
    This was calculated based on 'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' . Everyone was expecting based on exit poll that no one will get mejority and unstable coalltion Government. However election results gone in favour of Congress and now stable Government is expected in Central. Predictions are always made based on different curcumstances (not based on any 'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' ) But you have to run your shop. Scientist use big Telescope to study different Planets. However our ज्‍योतिष go on the roof and with naked eyes they can calculate the motion of different planets and the angle of those planets not only on earth but also the difference of thase angles on different houses....what a joke. and after all this they claim that this is science.

    ReplyDelete
  12. संगीता जी, आजकल तो हर जगह तनाव का बोलबाला है, फिर चाहे किसी ने चालीस साल पहले जन्‍म लिया हो या बीस साल पहले। तनाव बेहद आम समस्‍या है, और इसका कारण ग्रह नहीं हैं।
    खैर, इस ब्‍लॉग के संचालकों से अनुरोध है कि वे धर्म और ईश्‍वर की वैज्ञानिक अवधारणा, मनुष्‍य की उत्‍पत्ति, डार्विन के सिद्धांत और उस पर पोंगापंडितों के कुतर्क और उनके जवाब पर कुछ पोस्‍ट लगातार लिखें तो वर्चुअल दुनिया में भी विज्ञान एवं तर्कणा का प्रसार होगा।

    ReplyDelete
    Replies
    1. सही बात बोल रहे हो Sir ji..

      Delete
  13. हम जब दसवीं कक्षा की परीक्षा दे कर निपटे तो पहला काम मिला जन्मपत्रिका बनाना सीखने का। वह सीखा गया। लेकिन फलित अपनी समझ में आज तक न आई।
    यह प्रोबेबिलिटी की तरह है। वैसे ही जैसे मौसम की भविष्य़वाणियाँ होती हैं। बस फर्क इतना है कि मौसम की भविष्यवाणी में फैक्टर वास्तविक होते हैं ज्योतिष में काल्पनिक,जिनका आज तक यह पता नहीं कि इन का क्या असर है।
    हाँ मेरे परिवार के बड़े यह काम करते रहे हैं, पूरे विश्वास के साथ लेकिन इस में मनोगत वाद का पूरा योगदान रहता है। ज्योतिषी केवल लोगों के टूटे हुए मनोबल को वापस ला कर व्यक्ति को कठिनाइयों से जूझने में सक्षम बनाने का प्रयास मात्र है जो सामाजिक रूप से उपयोगी होता है। लेकिन तब तक ही जब तक ज्योतिषी का उद्देश्य धनोपार्जन न हो कर समाज कल्याण रहता है।
    ज्योतिष विज्ञान तो कदापि नहीं है।

    ReplyDelete
  14. बहुत पुरानी कथा है,मृत्यु से डरनेवाले सैनिकों का मनोबल बढाने के लिये युवा राजा ने भरे दरबार में युवा ज्योतिषी से पुछा "मैं कब तक जीवित रहुंगा?" ज्योतिषी ने कहा"महाराज 100 साल" "और आप?" राजा ने फिर पुछा."आपसे एकाध साल कम"ज्योतिषी ने जवब दिया.राजा ने तुरंत तलवार निकाली और ज्योतिषी की गर्दन उडा दी और कहा "जिसे अपने भविष्य के बारे मे नही पता वह औरों का भविष्य क्या खाक बतायेगा" इस कथा से आप जो कुछ भी समझें लेकिन वास्तविकता यह है कि नागपुर की अन्धश्रद्धा निर्मूलन समिति का विगत अनेक वर्षों से ज्योतिशियों को चेलेंज है 20 कुंडली देखकर 18 में सिर्फ यह बता दें व्यक्ति स्त्री है या पुरुष जीवित है या मृत. इस चेलेंज को अब तक किसीने स्वीकार नही किया है.

    ReplyDelete
  15. मुद्दा गहन है....छोटी मोती बहस से सुलझने वाला नहीं है ! हरेक पक्ष के पास अपने अपने तर्क है , वितर्क हैं और कुतर्क भी है....!
    सवाल यह है की हम ज्योतिष को किस सन्दर्भ से देखते हैं....! दृष्टि सीमा के विस्तार तक तो ज्योतिष शास्त्र महज दुकानदारी ही बना दिखाई देता है ....अत: इसे समझने के लिए ...कुछ समझ की और कुछ शोध की सीमा को विस्तृत करना ही होगा ....तभी शायद कुछ हाथ लग सके ! अभी तो इसकी वोह हालत है की जैसे एक बनते हुए मकान को देख बना बहुधा , उसके खँडहर होने का भी भ्रम उत्पन्न हो जाता है ....कभी कभी ऐसा ही प्रतीत होता है कि जिसे हम अपने शोध से सम्पूर्णता कि ओर लेजाना चाह रहे है वह तो किसी एक भव्य इमारत के खँडहर हैं ....जो कुछ हमारे हाथ में हैं वह केवल किसी विशाल भव्य ईमारत का मलबा मात्र है !

    इसी सन्दर्भ में इंग्लिश दार्शनिक थॉमस हब्ब्स कि याद हो आयी ...उन्होंने इस बाबत बात कि है और काफी वैज्ञानिक धरातल पर खड़े रहकर ....उन्हें पड़ना शायद इस विषय पर कुछ रौशनी डाल सके ! इसके आलावा आचार्य रजनीश ( जो बाद में ओशो भी कहलाये ) कि पुस्तक " ज्योतिष अद्वैत का विज्ञान " काफी ज्ञानवर्धक और रोचक पुस्तक है.....कहीं कहीं कुछ जिज्ञासाओं का समाधान करती सी प्रतीत होती है.....!!

    विषय गंभीर और विशाल है...केवल टिपण्णी भर से काम नहीं चलने का , अत: इसे विराम ....! विषय को उठाने के लिए आप साधुवाद के पात्र निश्चय ही हो जाते हैं...!!

    ReplyDelete
  16. सचमुच तर्क , वितर्क और कुतर्क से कुछ सुलझने वाला नहीं .. और यहां सब यही कर रहे हैं .. काश एक पाठक का भी ध्‍यान मेरे उपर किए गए टिप्‍पणी में दी गई तिथि 25 अगस्‍त से 5 सितंबर 1967 तक या उसके आसपास जन्‍म लेनेवाले सभी स्‍त्री पुरूषके बारे में कही गयी बातों की ओर जाता .. अंधश्रद्धा निर्मूलन समि‍ति या प्रो नार्लीकर हमेशा ज्‍योतिष की परीक्षा लेने के लिए कुछ न कुछ प्रयोग करते रहते हैं .. क्‍या वे मेरे दावे की पुष्टि के लिए प्रयास करना चाहेगे ?

    ReplyDelete
  17. जी ज्योतिष तो निसंदेह विज्ञान है मगर फलित ज्योतिष विज्ञान पद्धति के अनुकूल नहीं है -संकल्पना ,प्रेक्षण ,प्रयोग परीक्षण और निष्पत्ति के मानदंड पर इसे कसने का गंभीर प्रयास न के बराबर हुआ है ! फलित में तर्क की गहरी खामियां हैं ! हाँ इसके मनोवैज्ञानिक पहलू से इनकार नहीं किया जा सकता है!

    ReplyDelete
  18. ज्‍योतिष, विज्ञान है या नहीं। काफी गणमान्‍य व्‍यक्तियों के विचार पढ्नें को मिले। कुछ सही भी लगे। कुछ के भाव सही होते हुये भी बहुत अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया है। किसी के विचार को नकारने के लिये कम से कम सभ्‍य लोगों को तो सभ्‍य भाषा का प्रयोग करना चाहिये।
    बहुत कम में कहूं तो यह कि कोई 2 धन 2 बराबर 5 बता दे तो क्‍या गणित विषय गलत हो गया। सब कहेंगे कि बताने वाले को ज्ञान नहीं है। इसी तरह ज्‍योतिष गणना से गलत राशिफल निकालने वाले लोगों को असली ज्‍योतिष का ज्ञान नहीं है। सिर्फ थोडा बहुत तुक्‍के का ज्ञान भर है। कुछ लोगों के गलत बताने से पूरी विद़या गलत नहीं हो जाती। रहीं प्रसिद्व होने की बात तो जो जीता वही सिकन्‍दर। जीत गया यह बात अहम है। साम, दाम, दण्‍ड, भेद, कैसे जीता हुआ है इसका कोई अर्थ नहीं है। आजकल ज्ञान नहीं, क्‍वालिटी नहीं, मार्केटिंग आवश्‍यक है। कहीं तुम मुझे सराहो, मेरे काम बनाओं, बदले में मैं तुम्‍हे अपने पूरे स्‍तर से रिटर्न दूंगा, इस पर प्रसिद्वि चल रही है। प्रत्‍येक स्‍तर पर यह नहीं, पर ज्‍यादातर में यही हो रहा है। कुछ विस्‍तार दूंगा तो बहस फिर बढने लगेगी जो मैं नहीं चाहता हूं। अन्‍त में एक बात कहूंगा कि विज्ञान जो जो आज सिद्व कर रहा है उनमें से काफी कुछ हमारे ज्‍योतिष बहुत ही पहले बता चुके थे और रू0 25;00 लाख, 50;00 लाख की चुनौती देने वालों को बताउं कि यह कोई सिंगिग या डान्‍स कम्‍पटीशन नहीं है कि व्‍यक्ति आकर अपनी प्रतिभा दर्शाये और इनाम जीत कर ले जाये। यह एक विदया, एक ज्ञान है और ज्ञानी की अपनी एक गरिमा है। आपको ज्ञान प्राप्‍त करना है तो खुद उनके पास जाये। सिद्व पुरूष को अपने को किसी के सामने सिद्व करने की जरूरत नहीं है। जैसे अगर आपने आगरा शहर नहीं देखा तो ऐसा नहीं कि वह है ही नहीं। कभी न कभी देखने को मिलेगा। ज्‍योतिष को भी आप सब मानेंगे। हां इन्‍तजार थोडा लम्‍बा करना पडेगा।

    ReplyDelete
  19. इस्लाम के अनुसार ज्योतिष एक ऐसा ज्ञान है जो अल्लाह की ओर से कुछ सेलेक्टेड लोगों को ही मिलता है, और वह भी केवल थोडा सा भाग. हज़रत अली के अनुसार "ज्योतिष सीखने से परहेज़ करो, हाँ इतना ज़रूर सीखो कि ज़मीन और समुन्द्र में रास्ते मालूम कर सको."

    ReplyDelete
  20. माननीय,मुझ मूढ को कृपया जानकारी दें..बालक के जन्म का सही समय क्या होना चाहिये? जब उसका सिर इस दुनिया मे प्रवेश करत है तब या जब उसके पैर प्रवेश करते है तब या जब उसे जन्म के पश्चात टेबल पर रखा जाता है तब या जैसे आजकल शल्यक्रिया द्वारा अपने मनचाहे समयानुसार उसे जन्म दिया जाता है तब ? संगीत जी आप अपन दावा प्रो.नार्लीकर के पास अवश्य प्रस्तुत कीजिये.

    ReplyDelete
  21. शरद कोकास जी .. 'गत्‍यामक ज्‍योतिष' के अनुसार बच्‍चा अपनी पहली सांस में पूरे ब्रह्मांड के की अनूठी स्थिति के अनुसार अपनी प्रकृति और अपनी परिस्थितियां निश्चित कर लेता है .. प्रो नार्लीकर को तो अभी तक मैने पत्र नहीं लिखा है .. इतने बडे हिन्‍दी ब्‍लाग जगत में शायद किसी के माध्‍यम से मेरा दावा उनतक पहुंच जाए।

    ReplyDelete
  22. विज्ञान के नाम पर प्रत्येक आदर्श/ परंपरा को गाली देंना फैशन हो गया है। इस सन्दर्भ में मेरी विस्तृत टिप्पड़ी कृपया मेरे ब्लाग पर देखें।

    ReplyDelete
  23. Jyotish Vigyan nahi hai..
    mai kisi paksha me nahi hoon par..jyotish vigyan se alag hij hai.. iska sahi prayog aaj ke bharat me koi kar payega..mujhe sandeh hai..fir bhi apne apko jyotishcharya mananewalo ki lekhan shaili prabhavi hai.. wo meri badhaiya swikar kare...

    ReplyDelete
  24. dekhiye lekhak mahoday..jyotish vigyan vedon se nikla aur isi se trignometry,algebra etc ka vikas hua hai..ye parmanik hai , isi vigyaan ke adhar par pahle log surya evam chandragrahan ka pata lagane ke liye karte the aur ek dam sahi ganna karte the

    ReplyDelete

Name

- दर्शन लाल बावेजा,1,- बी एस पाबला,1,-Dr. Prashant Arya,2,-अंकित,4,-अंकुर गुप्ता,7,-अभिषेक ओझा,2,-अल्पना वर्मा,22,-आशीष श्रीवास्‍तव,2,-इन्द्रनील भट्टाचार्जी,3,-काव्या शुक्ला,2,-जाकिर अली ‘रजनीश’,56,-जी.के. अवधिया,6,-जीशान हैदर जैदी,45,-डा प्रवीण चोपड़ा,4,-डा0 अरविंद मिश्र,26,-डा0 श्‍याम गुप्‍ता,5,-डॉ. गुरू दयाल प्रदीप,8,-डॉ0 दिनेश मिश्र,5,-दर्शन बवेजा,1,-दर्शन लाल बवेजा,7,-दर्शन लाल बावेजा,2,-दिनेशराय द्विवेदी,1,-पवन मिश्रा,1,-पूनम मिश्रा,7,-बालसुब्रमण्यम,2,-योगेन्द्र पाल,6,-रंजना [रंजू भाटिया],22,-रेखा श्रीवास्‍तव,1,-लवली कुमारी,3,-विनय प्रजापति,2,-वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई),81,-शिरीष खरे,2,-शैलेश भारतवासी,1,-संदीप,2,-सलीम ख़ान,13,-हिमांशु पाण्डेय,3,.संस्‍था के उद्देश्‍य,1,।NASA,1,(गंगा दशहरा),1,100 billion planets,1,2011 एम डी,1,22 जुलाई,1,22/7,1,3/14,1,3D FANTASY GAME SPARX,1,3D News Paper,2,5 जून,1,Acid rain,1,Adhik maas,1,Adolescent,1,Aids Bumb,1,aids killing cream,1,Albert von Szent-Györgyi de Nagyrápolt,1,Alfred Nobel,1,aliens,1,All india raduio,1,altruism,1,AM,18,Aml Versha,1,andhvishwas,5,animal behaviour,1,animals,1,Antarctic Bottom Water,1,Antarctica,9,anti aids cream,1,Antibiotic resistance,1,arunachal pradesh,1,astrological challenge,1,astrology,1,Astrology and Blind Faith,1,astrology and science,1,astrology challenge,1,astronomy,4,Aubrey Holes,1,Award,4,AWI,1,Ayush Kumar Mittal,1,bad effects of mobile,1,beat Cancer,1,Beauty in Mathematics,1,Benefit of Mother Milk,1,benifit of yoga,1,Bhaddari,1,Bhoot Pret,3,big bang theory,1,Binge Drinking,1,Bio Cremation,1,bionic eye Veerubhai,1,Blind Faith,4,Blind Faith and Learned person,1,bloggers achievements,1,Blood donation,1,bloom box energy generator,1,Bobs Award,1,Breath of mud,1,briny water,1,Bullock Power,1,Business Continuity,1,C Programming Language,1,calendar,1,Camel reproduction centre,1,Carbon Sink,1,Cause of Acne,1,Change Lifestyle,1,childhood and TV,1,chromosome,1,Cognitive Scinece,1,comets,1,Computer,2,darshan baweja,1,Deep Ocean Currents,1,Depression Treatment,1,desert process,1,Dineshrai Dwivedi,1,DISQUS,1,DNA,3,DNA Fingerprinting,1,Dr Shivedra Shukla,1,Dr. Abdul Kalam,1,Dr. K. N. Pandey,1,Dr. shyam gupta,1,Dr.G.D.Pradeep,9,Drug resistance,1,earth,28,Earthquake,5,Einstein,1,energy,1,Equinox,1,eve donation,1,Experiments,1,Facebook Causes Eating Disorders,1,faith healing and science,1,fastest computer,1,fibonacci,1,Film colourization Technique,1,Food Poisoning,1,formers societe,1,gauraiya,1,Genetics Laboratory,1,Ghagh,1,gigsflops,1,God And Science,1,golden number,2,golden ratio,2,guest article,9,guinea pig,1,Have eggs to stay alert at work,1,Health,70,Health and Food,14,Health and Fruits,1,Heart Attack,1,Heel Stone,1,Hindi Children's Science Fiction,1,HIV Aids,1,Human Induced Seismicity,1,Hydrogen Power,1,hyzine,1,hyzinomania,1,identification technology,2,IIT,2,Illusion,2,immortality,2,indian astronomy,1,influenza A (H1N1) virus,1,Innovative Physics,1,ins arihant,1,Instant Hip Hain Relief,1,International Conference,1,International Year of Biodiversity,1,invention,5,inventions,30,ISC,2,Izhar Asar,1,Jafar Al Sadiq,1,Jansatta,1,japan tsunami nature culture,1,Kshaya maas,1,Laboratory,1,Ladies Health,5,Lauh Stambh,1,leap year,1,Lejend Films,1,linux,1,Man vs.Machine,1,Manish Mohan Gore,1,Manjeet Singh Boparai,1,MARS CLIMATE,1,Mary Query,2,math,1,Medical Science,2,Memory,1,Metallurgy,1,Meteor and Meteorite,1,Microbe Power,1,Miracle,1,Misconduct,3,Mission Stardust-NExT,1,MK,71,Molecular Biology,2,Motive of Science Bloggers Association,1,Mystery,1,Nature,1,Nature experts Animal and Birds,1,Negative Effects of Night Shift,1,Neuroscience Research,1,new technology,1,NKG,4,open source software,1,Osmosis,1,Otizm,1,Pahli Barsat,1,pain killer and pain,1,para manovigyan,1,PCST 2010,5,pencil,1,Physics for Entertainment,1,PK,2,Plagiarism,5,Prey(Novel) by Michael Crichton,1,Pshychology,1,psychological therapy in vedic literature,1,Puberty,1,Rainbow,1,reason of brininess,1,Refinement,1,Research,4,Robotics,1,Safe Blogging,1,Science Bloggers Association as a NGO,2,Science communication,1,science communication through blog writing,4,Science Fiction,16,Science Fiction Writing in Regional Languages,1,Science Joks,1,Science Journalism and Ethics,3,Science News,2,science of laughter,1,science project,1,Science Reporter,1,Science Theories,9,scientific inventions,2,Scientist,47,scientists,1,Search Engine Volunia,1,Secret of invisibility,1,Sex Ratio,1,Shinya Yamanaka,1,SI,1,siddhi,1,Solar Energy,1,space tourism,1,space travel,1,Spirituality,1,Stem Cell,1,Stephen Hawking,1,stonehenge mystery,1,Summer Solstice,1,Sunspots and climate,1,SuperConductivity,1,survival of fittest,1,sweet 31,1,Swine flue,1,taantra siddhee,1,tally presence system,1,Tantra-mantra,1,technical,1,technology,18,telomerase,1,Theory of organic evolution,1,Therapy in Rig veda,1,tokamak,1,Top 10 Blogger,1,Transit of Venus,1,TSALIIM Vigyan Gaurav Samman,1,tsunami warning,1,Tuberculosis Bacillus,1,tyndall effect,1,universe,14,Urdu Science Fiction Writer,1,vedic literature,1,VIDEO BOOK,1,Vigyan Pragati,1,Vigyan Prasar,1,Vision,1,Vividh Bharti,1,water,1,Web Technology,1,Wild life,3,Women Empowerment,1,Workshop,5,World Health Day,1,World no tobacco day,1,world trade center,1,Wormhole concept,1,Ya Perelman,1,yogendra,2,π,1,अंक,1,अंक गणित,1,अंतरिक्ष,1,अंतरिक्ष में सैर सपाटा,1,अंतरिक्ष यात्रा,1,अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन,1,अतिचालकता,1,अतीन्द्रिय दृष्टि,1,अतीन्द्रिय बोध,1,अथर्ववेद,1,अंध-विश्वास,2,अंधविश्‍वास,1,अंधविश्वास को चुनौती,3,अधिक मास,1,अध्यात्म,1,अनंत,1,अनसुलझे रहस्य,1,अन्तरिक्ष पर्यटन,3,अन्धविश्वास,3,अन्धविश्वास के खिलाफ,1,अभिषेक,8,अभिषेक मिश्र,4,अमरता,1,अम्ल वर्षा,1,अयुमु,1,अरुणाचल प्रदेश,1,अर्थ एक्सपेरीमेंट,3,अर्शिया अली,1,अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी,1,अलौकिक संगीत,1,अवसाद मुक्ति,1,अस्थि विज्ञान,1,आई आई टी,1,आई साईबोर्ग,1,आईएनएस अरिहंत,1,आकाश,1,आकाशगंगा,2,आटिज्‍म,1,आध्यात्म,1,आनंद कुमार,1,आनुवांशिक वाहक,1,आर्कियोलॉजी,1,आलम आरा,1,आविष्कार,1,आविष्कार प्रौद्योगिकी मोबाईल,1,इंटरनेट का सफर,1,इंडिव्हिजुअल व्हेलॉसिटी,1,इनविजिबल मैन,1,इन्जाज़-ऊंट प्रतिकृति,1,इन्द्रधनुष,1,इन्द्रनील भट्टाचार्जी,1,इन्द्रनील भट्टाचार्य,1,इशारों की भाषा,1,ईश्वर और विज्ञान,1,उजाला मासिक,1,उन्माद,1,उन्‍मुक्‍त,1,उप‍लब्धि,3,उबुन्टू,1,उल्‍कापात,1,उल्‍कापिंड,1,ऋग्वेद,1,एड्स जांच दिवस,1,एड्सरोधी क्रीम,1,एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया,1,एल्कोहल,1,एल्फ्रेड नोबल,1,औरतों में दिल की बीमारी का खतरा,1,कदाचार,1,कपडे,1,कम्‍प्‍यूटर एवं तकनीक,4,कम्प्यूटर विज्ञान,1,करेंट साइंस,1,कर्मवाद,1,किसानों की आत्महत्याएँ,1,कीमती समय,1,कृत्रिम जीवन,1,कृत्रिम रक्‍त,1,कृषि अवशेष,1,केविन वार्विक्क,1,कैसे मजबूत बनाएं हड्डियां,1,क्रायोनिक्स,1,क्रैग वेंटर,1,क्षय मास,1,क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञान कथा लेखन,2,खगोल,1,खगोल विज्ञान,2,खगोल विज्ञान.,1,खगोल वेधशाला,1,खतरनाक व्‍यवहार,1,खाद्य विषाक्‍तता,1,खारा जल,1,खूबसूरत आँखें,1,गणित,3,गति,1,गर्भकाल,1,गर्भस्‍थ शिशु का पोषण,1,गर्मी से बचने के तरीके,1,गुणसूत्र,1,गेलिलियो,1,गोल्डेन नंबर,2,गौरैया,1,ग्रह,1,ग्रीष्मकालीन अयनांत,1,ग्रुप व्हेलॉसिटी,1,ग्रेफ़ाइट,1,ग्लोबल वार्मिंग,2,घाघ-भड्डरी,1,चंद्रग्रहण,1,चमत्कार,1,चमत्कारिक पत्थर,1,चरघातांकी संख्याएं,1,चार्ल्‍स डार्विन,1,चिकत्सा विज्ञान,1,चैटिंग,1,छरहरी काया,1,छुद्रग्रह,1,जल ही जीवन है,1,जान जेम्स आडूबान,1,जानवरों की अभिव्यक्ति,1,जीवन और जंग,1,जीवन की उत्‍पत्ति,1,जैव विविधता वर्ष,1,जैव शवदाह,1,ज्योतिष,1,ज्योतिष और अंधविश्वास,2,झारखण्‍ड,1,टिंडल प्रभाव,1,टीलोमियर,1,टीवी और स्‍वास्‍थ्‍य,1,टीवी के दुष्‍प्रभाव,1,टेक्‍नालॉजी,1,टॉप 10 ब्लॉगर,1,डा0 अब्राहम टी कोवूर,1,डा0 ए0 पी0 जे0 अब्दुल कलाम,1,डाइनामाइट,1,डाटा सेंटर,1,डिस्कस,1,डी•एन•ए• की खोज,3,डीप किसिंग,1,डॉ मनोज पटैरिया,1,डॉ. के.एन. पांडेय,1,डॉ० मिश्र,1,ड्रग एडिक्‍ट,1,ड्रग्स,1,ड्रग्‍स की लत,1,तम्बाकू,1,तम्‍बाकू के दुष्‍प्रभाव,1,तम्बाकू निषेध,1,तर्कशास्त्र,1,ताँत्रिक क्रियाएँ,1,थर्मोइलेक्ट्रिक जेनरेटर,1,थ्री ईडियट्स के फार्मूले,1,दर्दनाशी,1,दर्शन,1,दर्शन लाल बवेजा,3,दिल की बीमारी,1,दिव्‍य शक्ति,1,दुरबीन,1,दूरानुभूति,1,दोहरे मानदण्ड,1,धरोहर,1,धर्म,2,धातु विज्ञान,1,धार्मिक पाखण्ड,1,धुम्रपान और याद्दाश्‍त,1,धुम्रपान के दुष्‍प्रभाव,1,धूल-मिट्टी,1,नई खोजें,1,नन्हे आविष्कार,1,नमक,1,नवाचारी भौतिकी,1,नशीली दवाएं,1,नाइट शिफ्ट के दुष्‍प्रभाव,1,नारायणमूर्ति,1,नारी-मुक्ति,1,नींद और बीमारियां,1,नींद न आने के कारण,1,नेत्रदान और ब्लॉगर्स,1,नेत्रदान का महत्‍व,1,नेत्रदान कैसे करें?,1,नैनो टेक्नालॉजी,1,नॉटिलस,1,नोबल पुरस्कार,1,नोबेल पुरस्कार,2,न्‍यूटन,1,परमाणु पनडुब्‍बी,1,परासरण विधि,1,पर्यावरण और हम,1,पर्यावरण चेतना,2,पशु पक्षी व्यवहार,1,पहली बारिश,1,पाई दिवस,1,पुच्‍छल तारा,1,पुरुष -स्त्री लिंग अनुपात,1,पूर्ण अँधियारा चंद्रग्रहण,1,पृथ्वी की परिधि,3,पृथ्‍वेतर जीवन,1,पेट्रोल चोरी,1,पेंसिल,1,पैडल वाली पनडुब्बी,1,पैराशूट,1,पॉवर कट से राहत,1,पौरूष शक्ति,1,प्रकाश,2,प्रज्ञाएँ,1,प्रतिपदार्थ,1,प्रतिरक्षा,1,प्रदूषण,1,प्रदूषण और आम आदमी,1,प्ररेणा प्रसंग,1,प्रलय,2,प्रलय का दावा बेटुल्गुयेज,1,प्रसव पीड़ा,1,प्रेम में ।धोखा,1,प्रोटीन माया,1,प्लास्टिक कचरा,1,फाई दिवस,1,फिबोनाकी श्रेणी,1,फिबोनाची,1,फेसबुक,1,फ्रीवेयर,1,फ्रेंकेंस्टाइन,1,फ्रेंच किसिंग,1,बनारस,1,बायो-क्रेमेशन,1,बायोमैट्रिक पहचान तकनीकियाँ,2,बाल विज्ञान कथा,1,बालसुब्रमण्यम,6,बिग-बेंग सिद्धांत,1,बिजली,1,बिजली उत्‍पादन,1,बिजली कैसे बनती है?,1,बिजलीघर,1,बिली का विकल्‍प,1,बी0एम0डब्ल्यू0,1,बीरबल साहनी,1,बुलेटप्रूफ,1,बैल चालित पम्प,1,ब्रह्मण्‍ड,1,ब्रह्मा,1,ब्रह्माण्‍ड,1,ब्रह्माण्‍ड के रहस्‍य,1,ब्रह्मान्ड,1,ब्रेन म्‍यूजिक,1,ब्लॉग लेखन,1,ब्लॉग लेखन के द्वारा विज्ञान संचार,2,ब्लॉगिंग का महत्व,1,भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद,1,भारतीय विज्ञान कथा लेखक समिति,1,भारतीय वैज्ञानिक,2,भारतीय शोध,1,भूकंप के झटके,1,भूकम्‍प,1,भूगर्भिक हलचलें,1,मंगल,1,मधुमेह और खानपान,1,मनजीत सिंह बोपाराय,1,मनीष मोहन गोरे,1,मनीष वैद्य,1,मनु स्मृति,1,मनोरंजक गणित,1,महिला दिवस,1,माचू-पिचू,1,मानव शरीर,1,माया,1,मारिजुआना,1,मासिक धर्म,1,मिल्‍की वे,1,मिशन स्टारडस्ट-नेक्स,1,मीठी गपशप,1,मीमांसा,1,मुख कैंसर,1,मृत सागर,1,मेघ राज मित्र,1,मेडिकल रिसर्च,1,मेरी शैली,1,मैथेमेटिक्स ओलम्पियाड,1,मैरी क्‍यूरी,2,मैरीन इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज लि,1,मोटापा,1,मोबाईल के नुकसान,1,मौसम,1,यजुर्वेद,1,युवा अनुसंधानकर्ता पुरष्कार,1,यूरी गागरिन,1,योगेन्द्र पाल,1,योगेश,1,योगेश रे,1,रक्षा उपकरण,1,राईबोसोम,1,रूप गठन,1,रेडियो टोमोग्राफिक इमेजिंग,1,रैबीज,1,रोचक रोमांचक अंटार्कटिका,4,रोबोटिक्स,1,लखनऊ,1,लादेन,1,लालन-पालन,1,लिनक्स,1,लिपरेशी,1,लीप इयर,1,लेड,1,लॉ ऑफ ग्रेविटी,1,लोक विज्ञान,1,लौह स्तम्भ,1,वजन घटाने का आसान तरीका,1,वाई गुणसूत्र,1,वायु प्रदुषण,1,वाशो,1,विज्ञान,1,विज्ञान कथा,3,विज्ञान कथा सम्मेलन,1,विज्ञान के खेल,2,विज्ञान चुटकले,1,विज्ञान तथा प्रौद्यौगिकी,1,विज्ञान प्रगति,1,विज्ञान ब्लॉग,1,विज्ञापन,1,विटामिनों के वहम,1,विद्युत,1,विवेकानंद,1,विवेचना-व्याख्या,1,विश्व नि-तम्बाकू दिवस,1,विश्व पर्यावरण दिवस,1,विश्व भूगर्भ जल दिवस,1,विष्णु,1,वीडियो,1,वीडियो बुक,1,वैज्ञानिक दृष्टिकोण,1,वैद्य अश्विनी कुमार,1,वोस्तोक,1,व्‍यायाम के लाभ,1,व्हेलॉसिटी,1,शिव,1,शुक्र पारगमन,1,शुगर के दुष्‍प्रभाव,1,शून्य,1,शोध परिणाम,1,शोधन,1,श्रृष्टि का अंत,1,सं. राष्ट्रसंघ,1,सकारात्‍मक सोच का जादू,1,संक्रमण,1,संख्या,1,संजय ग्रोवर,1,संज्ञात्मक पक्षी विज्ञान,1,सटीक व्‍यायाम,1,संत बलबीर सिंह सीचेवाल,1,सत्यजित रे,1,समय की बरबादी को रोचकने के उपाय,1,समाज और हम,1,समुद्र,1,संयोग,1,सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस,1,सर्प संसार,1,साइकोलोजिस्ट,1,साइनस उपचार,1,साइंस ब्लागर्स मीट,1,साइंस ब्लागर्स मीट.,2,साइंस ब्लॉग कार्यशाला,2,साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन अवार्ड,1,साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन रजिस्ट्रेशन,1,साइंस ब्लॉगर्स ऑफ दि ईयर अवार्ड,1,साइंस ब्लोगिंग,1,साईकिल,1,सामवेद,1,सामाजिक अभिशाप,1,सामाजिक चेतना,1,साहित्यिक चोरी,2,सिगरेट छोड़ें,1,सी. एस. आई. आर.,1,सी.वी.रमण विज्ञान क्लब,1,सीजेरियन ऑपरेशन,1,सुपर अर्थ,1,सुपर कम्प्यूटर,1,सुरक्षित ब्लॉगिंग,1,सूर्यग्रहण,2,सृष्टि व जीवन,3,सेक्स रेशियो,1,सेहत की देखभाल,1,सोशल नेटवर्किंग,1,स्टीफेन हाकिंग,1,स्पेन,1,स्मृति,1,स्वर्ण अनुपात,1,स्वाईन-फ्लू,1,स्वास्थ्य,2,स्‍वास्‍थ्‍य और खानपान,1,स्वास्थ्य चेतना,3,हमारे वैज्ञानिक,4,हरित क्रांति,1,हंसी के फायदे,1,हाथरस कार्यशाला,1,हिंद महासागर,1,हृदय रोग,1,होलिका दहन,1,ह्यूमन रोबोट,1,
ltr
item
Science Bloggers' Association: क्या ज्योतिष विज्ञान है?
क्या ज्योतिष विज्ञान है?
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEidSgmzgkcH6W2wruwREN_5SjT0R1dPXGohw-zee_F-qWqBtzuO6cim-EGvs_qU9IKY7U1-VpVHg9u3f8yoL6FvkC8D-L38Q69H8Sh2lpsLLKgD5orfiqqejVmYMY9wfaczkYeIsVULydR4/s200/kundali.gif
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEidSgmzgkcH6W2wruwREN_5SjT0R1dPXGohw-zee_F-qWqBtzuO6cim-EGvs_qU9IKY7U1-VpVHg9u3f8yoL6FvkC8D-L38Q69H8Sh2lpsLLKgD5orfiqqejVmYMY9wfaczkYeIsVULydR4/s72-c/kundali.gif
Science Bloggers' Association
https://blog.scientificworld.in/2009/05/blog-post_21.html
https://blog.scientificworld.in/
https://blog.scientificworld.in/
https://blog.scientificworld.in/2009/05/blog-post_21.html
true
1415300117766154701
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy