(नावेल कोरोना वायरस .......दूसरी क़िस्त ) साबुन के अलावा हाथ धोने के लिए ऐसे अन्य उपायों को भी काम में लिया जा सकता हैं जिनमें एल्कोहल का...
(नावेल कोरोना वायरस .......दूसरी क़िस्त )
साबुन के अलावा हाथ धोने के लिए ऐसे अन्य उपायों को भी काम में लिया जा सकता हैं जिनमें एल्कोहल का प्रतिशत कमसे कम ६५ फीसद से ज्यादा हो भले वह हेंड सेनेटाइजर हो क्योंकि यह घोल या मिश्रण चर्चित कोरोना विषाणु के बाहरी आवरण (लिपिड लिबास ,या वसीय पैरहन )को बे -असर कर देता है मकसद हाथों को विषाणु मुक्त करना है।
पांच भाग जल और एक भाग ब्लीच भी असरकारी साबित होगा जो इस प्रोटीन कोट को काफूर कर देगा देखते ही देखते उड़ा देगा। हाथ अलबत्ता तसल्ली से विसंक्रमित करें जल्दबाज़ी सब किये धरे पर तमाम उपायों पर पानी फेर देगी। बहु -विध स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े माहिर लोग इसका प्रदर्शन कर रहें हैं,हाथ कैसे और कितनी देर धोया जाए। कमसे कम बीस सेकिंड ज्यादा से ज्यादा चालीस सेकिंड। दोहरा दें गर्म पानी और भी बेहतर रहेगा हस्त -प्रक्षालन के लिए।
ठंण्डे इलाके हों या फिर घर -दफ्तर, कारों अन्य वाहनों की वातुनुकूलन प्रणाली वायरस को माफिक आती है। ठंडे बंद अँधेरे कमरे भी खूब रास आते हैं इस नायाब अभिनव विषाणु को अलबत्ता शुष्क गर्म हवा और पूरी रौशनी रोशन दानी कमरे ठीक से आलोकित शानदार रूप से ब्राइट इसे भगाने का काम करते हैं ऐसे माहौल में इसकी दाल नहीं गलती।
डी- ह्यूमि -डिफाइड ड्राई वार्म -एअर इसे अपेक्षाकृत जल्दी निम्नीकृत कर देगी। टूट जाएगा इसका हौसला।
पराबैंगनी विकिरण डालने पर यह जिन भी चीज़ों पे विराजमान होगा उन्हें छोड़ जाएगा। अल्ट्रा वायलिट रेडिएशन इसकी प्रोटीन को तहस नहस कर देगा। बरते हुए एन -९५ मास्क को विसंक्रमित करने के लिए यह सही उपाय है। अलबत्ता हाथों को खुली चमड़ी को इसकी बौछार से बचा कर रखें। चमड़ी के लिए यह कार्सिनोजन का काम करेगा। ट्यूब लाइट में चौबीसों घंटा न सही तो अक्सर बने रहने वाले गोरी चमड़ी के लोग इससे ज्यादा असर ग्रस्त होते हैं।
बहुपरतीय चमड़ी के कोलाजन को भी यह तेज़ -तर्रार विकिरण क्षति ग्रस्त कर सकता है। तंदरुस्त हेल्दी चमड़ी में यह प्रवेश नहीं करेगा। हाथ दिन में ज़रूरी तौर पर कुछ भी छूने के बाद धोएं ज़रूर इसमें आलस ना करें लेकिन दिन में कई मर्तबा चमड़ी की नमी को बनाये रखने के लिए सांद्र नमी -कारक कहो तो डेन्स मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल करना न भूलें सूखी चमड़ी की दरारों से सूक्ष्म चटकन से ये चमड़ी के अंदर दाखिल हो सकता है। ध्यान रखें।
सिरके का इस्तेमाल बे -असर होगा इसके प्रोटीन का वह कुछ भी बालबांका न कर सकेगा।
वोडका फोडका व्हिस्की फिसकी रम आदिक सब जाया जायेंगें यहां (इनमें )ले देकर चालीस फीसद ही एल्कोहाल है। कुछ भाई लोग इसी गफलत में हैं शराब पियो मस्त रहो। भाई साहब अगर आपको देर से डायबीटीज़ चली आई है तो आपको वायरस से पहले शराब ही मार देगी।
किसी भी इस प्रकार के छलावे बहलावे बहकावे में ना आये। फेसबुकियों की तो कौन कहे इधर बहुत अपने से डॉ. ट्रम्प भी नुश्खे बतलाने लगे हैं। मलेरिया की दवा लोग आज़मा रहें हैं। भारत की आबादी फिलवक्त दुनिया भर की कुल आबादी का १७. ७ फीसद हिस्सा है। इनमें कितने नीमहकीम हैं कोई नहीं जानता।सावधान रहें इस दौर में इन तमाम नीम -हकीमों से। जयहिंद !
(ज़ारी )
संदर्भ -सामग्री :
साबुन के अलावा हाथ धोने के लिए ऐसे अन्य उपायों को भी काम में लिया जा सकता हैं जिनमें एल्कोहल का प्रतिशत कमसे कम ६५ फीसद से ज्यादा हो भले वह हेंड सेनेटाइजर हो क्योंकि यह घोल या मिश्रण चर्चित कोरोना विषाणु के बाहरी आवरण (लिपिड लिबास ,या वसीय पैरहन )को बे -असर कर देता है मकसद हाथों को विषाणु मुक्त करना है।
पांच भाग जल और एक भाग ब्लीच भी असरकारी साबित होगा जो इस प्रोटीन कोट को काफूर कर देगा देखते ही देखते उड़ा देगा। हाथ अलबत्ता तसल्ली से विसंक्रमित करें जल्दबाज़ी सब किये धरे पर तमाम उपायों पर पानी फेर देगी। बहु -विध स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े माहिर लोग इसका प्रदर्शन कर रहें हैं,हाथ कैसे और कितनी देर धोया जाए। कमसे कम बीस सेकिंड ज्यादा से ज्यादा चालीस सेकिंड। दोहरा दें गर्म पानी और भी बेहतर रहेगा हस्त -प्रक्षालन के लिए।
ठंण्डे इलाके हों या फिर घर -दफ्तर, कारों अन्य वाहनों की वातुनुकूलन प्रणाली वायरस को माफिक आती है। ठंडे बंद अँधेरे कमरे भी खूब रास आते हैं इस नायाब अभिनव विषाणु को अलबत्ता शुष्क गर्म हवा और पूरी रौशनी रोशन दानी कमरे ठीक से आलोकित शानदार रूप से ब्राइट इसे भगाने का काम करते हैं ऐसे माहौल में इसकी दाल नहीं गलती।
डी- ह्यूमि -डिफाइड ड्राई वार्म -एअर इसे अपेक्षाकृत जल्दी निम्नीकृत कर देगी। टूट जाएगा इसका हौसला।
पराबैंगनी विकिरण डालने पर यह जिन भी चीज़ों पे विराजमान होगा उन्हें छोड़ जाएगा। अल्ट्रा वायलिट रेडिएशन इसकी प्रोटीन को तहस नहस कर देगा। बरते हुए एन -९५ मास्क को विसंक्रमित करने के लिए यह सही उपाय है। अलबत्ता हाथों को खुली चमड़ी को इसकी बौछार से बचा कर रखें। चमड़ी के लिए यह कार्सिनोजन का काम करेगा। ट्यूब लाइट में चौबीसों घंटा न सही तो अक्सर बने रहने वाले गोरी चमड़ी के लोग इससे ज्यादा असर ग्रस्त होते हैं।
बहुपरतीय चमड़ी के कोलाजन को भी यह तेज़ -तर्रार विकिरण क्षति ग्रस्त कर सकता है। तंदरुस्त हेल्दी चमड़ी में यह प्रवेश नहीं करेगा। हाथ दिन में ज़रूरी तौर पर कुछ भी छूने के बाद धोएं ज़रूर इसमें आलस ना करें लेकिन दिन में कई मर्तबा चमड़ी की नमी को बनाये रखने के लिए सांद्र नमी -कारक कहो तो डेन्स मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल करना न भूलें सूखी चमड़ी की दरारों से सूक्ष्म चटकन से ये चमड़ी के अंदर दाखिल हो सकता है। ध्यान रखें।
सिरके का इस्तेमाल बे -असर होगा इसके प्रोटीन का वह कुछ भी बालबांका न कर सकेगा।
वोडका फोडका व्हिस्की फिसकी रम आदिक सब जाया जायेंगें यहां (इनमें )ले देकर चालीस फीसद ही एल्कोहाल है। कुछ भाई लोग इसी गफलत में हैं शराब पियो मस्त रहो। भाई साहब अगर आपको देर से डायबीटीज़ चली आई है तो आपको वायरस से पहले शराब ही मार देगी।
किसी भी इस प्रकार के छलावे बहलावे बहकावे में ना आये। फेसबुकियों की तो कौन कहे इधर बहुत अपने से डॉ. ट्रम्प भी नुश्खे बतलाने लगे हैं। मलेरिया की दवा लोग आज़मा रहें हैं। भारत की आबादी फिलवक्त दुनिया भर की कुल आबादी का १७. ७ फीसद हिस्सा है। इनमें कितने नीमहकीम हैं कोई नहीं जानता।सावधान रहें इस दौर में इन तमाम नीम -हकीमों से। जयहिंद !
(ज़ारी )
संदर्भ -सामग्री :
Johns Hopkins University has sent this detailed note on avoiding the contagion:
* The virus is not a living organism, but a protein molecule (DNA) covered by a protective layer of lipid (fat), which, when absorbed by the cells of the ocular, nasal or buccal mucosa, changes their genetic code. (mutation) and convert them into aggressor and multiplier cells.
* Since the virus is not a living organism but a protein molecule, it is not killed, but decays on its own. The disintegration time depends on the temperature, humidity and type of material where it lies.
* The virus is very fragile; the only thing that protects it is a thin outer layer of fat. That is why any soap or detergent is the best remedy, because the foam CUTS the FAT (that is why you have to rub so much: for 20 seconds or more, to make a lot of foam). By dissolving the fat layer, the protein molecule disperses and breaks down on its own.
* HEAT melts fat; this is why it is so good to use water above 25 degrees Celsius for washing hands, clothes and everything. In addition, hot water makes more foam and that makes it even more useful.
* Alcohol or any mixture with alcohol over 65% DISSOLVES ANY FAT, especially the external lipid layer of the virus.
* Any mix with 1 part bleach and 5 parts water directly dissolves the protein, breaks it down from the inside.
* Oxygenated water helps long after soap, alcohol and chlorine, because peroxide dissolves the virus protein, but you have to use it pure and it hurts your skin.
* NO BACTERICIDE SERVES. The virus is not a living organism like bacteria; they cannot kill what is not alive with anthobiotics, but quickly disintegrate its structure with everything said.
* NEVER shake used or unused clothing, sheets or cloth. While it is glued to a porous surface, it is very inert and disintegrates only between 3 hours (fabric and porous), 4 hours (copper, because it is naturally antiseptic; and wood, because it removes all the moisture and does not let it peel off and disintegrates). ), 24 hours (cardboard), 42 hours (metal) and 72 hours (plastic). But if you shake it or use a feather duster, the virus molecules float in the air for up to 3 hours, and can lodge in your nose.
* The virus molecules remain very stable in external cold, or artificial as air conditioners in houses and cars. They also need moisture to stay stable, and especially darkness. Therefore, dehumidified, dry, warm and bright environments will degrade it faster.
* UV LIGHT on any object that may contain it breaks down the virus protein. For example, to disinfect and reuse a mask is perfect. Be careful, it also breaks down collagen (which is protein) in the skin, eventually causing wrinkles and skin cancer.
* The virus CANNOT go through healthy skin.
* Vinegar is NOT useful because it does not break down the protective layer of fat.
* NO SPIRITS, NOR VODKA, serve. The strongest vodka is 40% alcohol, and you need 65%.
* LISTERINE IF IT SERVES! It is 65% alcohol.
* The more confined the space, the more concentration of the virus there can be. The more open or naturally ventilated, the less.
* This is super said, but you have to wash your hands before and after touching mucosa, food, locks, knobs, switches, remote control, cell phone, watches, computers, desks, TV, etc. And when using the bathroom.
* You have to HUMIDIFY HANDS DRY from so much washing them, because the molecules can hide in the micro cracks. The thicker the moisturizer, the better.
* Also keep your NAILS SHORT so that the virus does not hide there.
उपयोगी सुझाव
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