धूप में समय बिताने ,धूप काम करने सूर्य स्नान को लेकर कई भ्राँतियाँ और मिथक रहे हैं अलबत्ता कैंसर से धूप का रिश्ता सीधा सीधा ...
धूप में समय बिताने ,धूप काम करने सूर्य स्नान को लेकर कई
भ्राँतियाँ और मिथक रहे हैं अलबत्ता कैंसर से धूप का रिश्ता सीधा सीधा
धनात्मक, पॉज़िटिव नहीं रहा है।
सूर्य के पराबैंगनी अंश UV-B से प्रभावन को नोन -मेलनोमा कैंसर के जोखिम का वजन बढ़ाने वाला पर्यावरणी घटक भी समझा गया है। विटामिन -D का प्राथमिक स्रोत क्योंकि सौर -विकिरण , सूर्य की रश्मियाँ ही हैं चमड़ी के कैंसर में इसकी क्या भूमिका है इसकी पड़ताल होती रही है हो रही है शोध छात्रों द्वारा।
कुछ का मानना है पर्याप्त सौर रश्मियाँ समुचित सौर विकिरण आपको चाहिए विटामिन -D के स्तर को बनाये रखने के लिए बस गोरी चमड़ी के कुछ लोग ये ध्यान रखें देखें इसका कितना सेवन आपके लिए लाभप्रद रहता है चमड़ी को नुकसानी नहीं पहुंचाता है। ऐसा करना स्किन कैंसर के मरीज़ों के सर्वाइवल के लिए हमारे बीच दीर्घावधि बने रहने के लिए भी लाभदायक माना गया है।
अलावा इसके शोध की खिड़की से छनके ये महत्वपूर्ण जानकारी भी आ रही है के क्या विटामिन -D ,कुछेक कैंसर समूह यथा बड़ी- आंत(colon) ,वक्षस्थल (छाती या सीने breast),पौरुष ग्रंथि (prostate )से बचाव भी करता है इनके पनपने के मौके कम करता है ?
१९४१ में पहली मर्तबा (पहली बार )
अमरीकी ,रोगविज्ञानों के माहिर एक पैथोलोजिस्ट ने जो भौगोलिक आंकड़े प्रकाशित किये उनसे उत्तरी अमरीका (इसे ही अब अमरीका या स्टेट्स कहा जाता है )में सौर विकिरण के पराबैंगनीअंश और मृत्यु दर में एक विलोम संबंध (इनवर्स करेलशन )की पुष्टि हुई । यानी जितनी अधिक विकिरण की बौछार उतनी ही कम मृत्यु दर देखने में आई। यानी कैंसर से मरने वालों की संख्या कम रही उन लोगों में जो अधिक समय धूप में काम करते रहे.
कालान्तर में यह भी पुष्ट हुआ जो लोग भूमध्य रेखा से अधिक दूरी वाले क्षेत्रों में निवास करते हैं उनमें बड़ी आंत कैंसर ,स्तन एवं अंडाशय (ओवेरियन ),चमड़ी कैंसर तथा पौरुषग्रंथि कैंसर समूह से मरने वालों के खतरे का वजन बढ़ गया।इन लोगों में संक्राम्य रोगों मालिग्नंसीस से मरने के खतरे ज्यादा मिले।
अपेक्षतया अधिक विटामिन -D सम्पूरन का चलन एवं सेवन क्या कैंसर समूह रोगों से बचावी चिकित्सा का काम कर सकता है अलबत्ता इसकी और पड़ताल किये जाने की वर्तमान में जरूरत है।
भ्राँतियाँ और मिथक रहे हैं अलबत्ता कैंसर से धूप का रिश्ता सीधा सीधा
धनात्मक, पॉज़िटिव नहीं रहा है।
सूर्य के पराबैंगनी अंश UV-B से प्रभावन को नोन -मेलनोमा कैंसर के जोखिम का वजन बढ़ाने वाला पर्यावरणी घटक भी समझा गया है। विटामिन -D का प्राथमिक स्रोत क्योंकि सौर -विकिरण , सूर्य की रश्मियाँ ही हैं चमड़ी के कैंसर में इसकी क्या भूमिका है इसकी पड़ताल होती रही है हो रही है शोध छात्रों द्वारा।
कुछ का मानना है पर्याप्त सौर रश्मियाँ समुचित सौर विकिरण आपको चाहिए विटामिन -D के स्तर को बनाये रखने के लिए बस गोरी चमड़ी के कुछ लोग ये ध्यान रखें देखें इसका कितना सेवन आपके लिए लाभप्रद रहता है चमड़ी को नुकसानी नहीं पहुंचाता है। ऐसा करना स्किन कैंसर के मरीज़ों के सर्वाइवल के लिए हमारे बीच दीर्घावधि बने रहने के लिए भी लाभदायक माना गया है।
अलावा इसके शोध की खिड़की से छनके ये महत्वपूर्ण जानकारी भी आ रही है के क्या विटामिन -D ,कुछेक कैंसर समूह यथा बड़ी- आंत(colon) ,वक्षस्थल (छाती या सीने breast),पौरुष ग्रंथि (prostate )से बचाव भी करता है इनके पनपने के मौके कम करता है ?
१९४१ में पहली मर्तबा (पहली बार )
अमरीकी ,रोगविज्ञानों के माहिर एक पैथोलोजिस्ट ने जो भौगोलिक आंकड़े प्रकाशित किये उनसे उत्तरी अमरीका (इसे ही अब अमरीका या स्टेट्स कहा जाता है )में सौर विकिरण के पराबैंगनीअंश और मृत्यु दर में एक विलोम संबंध (इनवर्स करेलशन )की पुष्टि हुई । यानी जितनी अधिक विकिरण की बौछार उतनी ही कम मृत्यु दर देखने में आई। यानी कैंसर से मरने वालों की संख्या कम रही उन लोगों में जो अधिक समय धूप में काम करते रहे.
कालान्तर में यह भी पुष्ट हुआ जो लोग भूमध्य रेखा से अधिक दूरी वाले क्षेत्रों में निवास करते हैं उनमें बड़ी आंत कैंसर ,स्तन एवं अंडाशय (ओवेरियन ),चमड़ी कैंसर तथा पौरुषग्रंथि कैंसर समूह से मरने वालों के खतरे का वजन बढ़ गया।इन लोगों में संक्राम्य रोगों मालिग्नंसीस से मरने के खतरे ज्यादा मिले।
अपेक्षतया अधिक विटामिन -D सम्पूरन का चलन एवं सेवन क्या कैंसर समूह रोगों से बचावी चिकित्सा का काम कर सकता है अलबत्ता इसकी और पड़ताल किये जाने की वर्तमान में जरूरत है।
अवसाद (Depression )
सूरज की रौशनी मयस्सर न हो पाने और अवसाद और इससे सम्बन्धी ऐसे ही अन्य मनो -विकारों में एक अंतर्संबंध अब से दो हज़ार बरस पहले ही भांप लिया गया था। हमारे दिमाग में इस विटामिन से जुड़े अभिग्राही (receptors )होतें हैं। इन्हीं की मार्फ़त विटामिन -D हमारे दिमाग में कुछ जैव रसायन और हारमोन एड्रेनालाईन ,नोराड्रेनलिने ,डोपामाइन आदि के निर्माण का विनयमन ,नियंत्रण ,संचालन करता है। यह काम विटामिन -D रिसेप्टर्स एड्रेनल कोर्टेक्स में करते हैं। अलावा इसके ये अभिग्राही सेरोटोनिन और डोपामाइन आदि दिमागी जैवरसायनों के सफाये से ,उनके चुकने समाप्त होने से भी बचाव करते हैं।
शोध की एक अभिनव खिड़की है विटामिन -D और अवसाद में एक संभावित संबंध को बूझना समझना। इसकी कमीबेशी से अवसाद के मामलों में ८-१४ फीसद वृद्धि देखी गई है।
आत्मघाती प्रवृत्ति के खतरे के वजन के बढ़ने और इस विटामिन के निम्न स्तर में रहने होने में भी एक संबंध होने की पड़ताल की जा रही है। बड़ा सवाल यह है क्या इस स्थिति से बचा जा सकता है विटामिन -D के समुचित आभरण से आपूर्ति करवाने पर।
तपेदिक
तपेदिक से ग्रस्त लोगों में भी इस विटामिन की कमी देखी गई है सेहत मंद लोगों की तुलना में। विटामिन -D सम्पूरण देने पर रोग के लक्षणों में कमी बेशी दर्ज़ हुई है।
जीवन शैली रोग डायबिटीज़
शोध अध्ययनों से पुष्ट हुआ है ,जिनमें ब्लड विटामिन -D स्तर कमसे कम २५ नैनोग्रेम प्रति मिलीलीटर (२५ ng /mL)या और अधिक रहा है उनमें इस रोग के पनपने के खतरे का वजन ४३ फीसद कम हो जाता है।
Multiple sclerosis:
Evidence continues to accumulate supporting the role of vitamin D and the prevention and treatment of multiple sclerosis (MS). It begins with the vitamin D levels in pregnant women. Numerous studies have linked the occurrence of MS with birth month. There is a high prevalence of MS in high-latitude areas. The lack of sunlight exposure appears to be a significant predictor, and research is ongoing in this area.
Decreasing inflammation: Many of the health benefits associated with vitamin D may come from its role in decreasing inflammation. Research has shown a decrease in levels of C-reactive protein, a marker of inflammation, with increased levels of vitamin D to just below 21 ng/mL.
Reducing risk of allergies in children and adolescents: A nationwide study of over 6,000 individuals showed that allergic sensitization was more common in those with vitamin D levels under 15 ng/mL versus those with levels 30 ng/mL or more.
Sleep apnea: There is some evidence that vitamin D deficiency may increase the risk of obstructive sleep apnea brought on by inflammatory rhinitis and/or tonsillar hypertrophy. More research needs to be done to confirm this.
Decreasing dental cavities: A review of 24 controlled clinical trials encompassing 2,827 children found a 47% reduced risk of cavities with vitamin D supplementation.
Possibly helping with erectile dysfunction (ED): It is not clear if increasing your serum vitamin D levels can help with ED. Many men diagnosed with ED are diagnosed with cardiovascular disease (CVD) within a few years. Vitamin D deficiency is linked with CVD, so if you are deficient in vitamin D, some researchers believe that treating this could reduce your risk of ED.
Reference:
(1)https://www.medicinenet.com/vitamin_d_deficiency/article.htm
cause symptoms?
(3)
Vitamin D: Wonder Pill or Overkill?
Wouldn’t it be great if one vitamin could build stronger bones and protect against diabetes, multiple sclerosis, cancer, heart disease, and depression? Or even help you lose weight? Researchers have high hopes for vitamin D -- which comes from our skin's reaction to sunlight, a few foods, and supplements. Learn the facts in the slides ahead … and see who's at risk for a "D" deficiency.
Vitamin D is critical for strong bones, from infancy into old age. It helps the body absorb calcium from food. In older adults, a daily dose of "D" and calcium helps to prevent fractures and brittle bones. Children need "D” to build strong bones and prevent rickets, a cause of bowed legs, knock knees, and weak bones. Adding the vitamin to milk in the 1930s helped to nearly eliminate rickets.
Multiple sclerosis (MS) is more common far away from the sunny equator. For years, experts suspected a link between sunlight, vitamin D levels, and this autoimmune disorder that damages the nerves. One newer clue comes from a study of a rare gene defect that leads to low levels of vitamin D – and a higher risk of MS. Despite these links, there's not enough evidence to recommend vitamin D for the prevention or treatment of MS.
Some studies have shown a link between a low vitamin D level and type 1 and type 2 diabetes . So, can boosting your vitamin D levels help ward off the disease? There's not enough proof for doctors to recommend taking this supplement to prevent diabetes. Excess body fat may play a role in type 2 diabetes and low levels of vitamin D.
Vitamin D and Weight Loss
Studies have shown that people who are obese often have low blood levels of vitamin D. Body fat traps vitamin D, making it less available to the body. It's not clear whether obesity itself causes a low vitamin D level or if it's the other way around. But one small study of dieters suggests that adding vitamin D to a calorie-restricted diet may help overweight people with low vitamin D levels lose weight more easily.
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (09-12-2017) को "महँगा आलू-प्याज" (चर्चा अंक-2812) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'