रोबोटिक्स का नाम आप ने सुना ही होगा आओ आज जाने कुछ इसके इतिहास के बारे में । सब से पहले एक ग्रीक वैज्ञानिक Archy...
रोबोटिक्स का नाम आप ने सुना ही होगा आओ आज जाने कुछ इसके इतिहास के बारे में। सबसे पहले एक ग्रीक वैज्ञानिक Archytas ने एक मेकेनिकल चिड़िया बनाई। जिसके नाम " The Pegion" था। ये एक ऐसा प्रोयाग था जिसमे भाप की शक्ति का प्रोयोग किया गया था। जिसकी सहायता से ये चिडया उड सकती थी। ये प्रोयोग आगे चलकर रोबोटिक्स के इतिहास में मिल का पत्थर साबित हुआ। इसके बाद ग्रेक वैज्ञानिक ने एक वाटर क्लोक बनाई जिसकी प्रमुख विशेस्ताता ये थी की इसमे टाइम को मेजर करने के लिए पनी की बूंदों का प्रोयोग किया जाता था। इस क्लोक पर पानी की बूंदे एक स्थायी रेट से गिरती थी और टाइम को मेजर किया जाता था। इस वाटर क्लोक पर चलायमान चित्र भी अंकित थे।

सन १७०० से १८०० का समय रोबोटिक्स के इतिहास में अपना एक विशेष महत्व रखता है। सन १७७० में स्विस नमक वैज्ञानिक ने एक रोबोटिक्स डोल का आविष्कार किया जिसकी विशेस्ताता ये थी की ये रोबोटिक्स डोल म्यूजिक प्ले करने, पिक्चर बनाने और जानकारी को पड़ने में शक्षम थी। इस समय के दौरान ही भाप की शक्ति का प्रोयोग किया गया। जो की ओधोगिक विकास में काफी महत्व रखती है। अब बात करते है सन १८०० से १९०० के समय की। सन १८२२ में कंप्यूटर के जनक Charles Babbage ने एक Analytical Engine का अविष्कार किया जो की कार्ड इनपुट के बेस पर कार्य करता था।


सन १८९८ में Nikola Tesla नाम के वैज्ञानिक ने एक महत्वपूरण खोज की जो की Remote Controlled रोबोट Boat का अविष्कार था। उन्होने अपने इस अविकार को Madison Square Garden New York में प्रदर्शित किया था। सन १९०० के आरंभ में रोबोटिक्स को प्रसिदी मिली सन १९०० से २००० के समय को रोबोटिक्स का आधुनिक युग मना जाता है। इस समय में प्रथम फिमेल रोबोट मारिया का अविष्कार हुआ था और सन १९५९ में John Mccarthy and Marvin Minsky ne Massachusetts Institute of Technology (MIT) में एक Artificial Intelligence Lab बनाई। बाद में सन १९६१ में रोबोटिक्स हैण्ड बने गया और १९६२ में एक रोबोट बनाया गया जिसका नाम Unimate रखा गया।

सन १९७४ में वैज्ञानिक विक्टर ने टच सेंसर टेक्नोलोजी का प्रोयोग करके रोबोटिक्स आर्म का अविष्कार किया था। सन १९८६ में होंडा कंपनी ने अनेक प्रकार के रोबोट प्रोग्राम को विकशित किया। इसके बाद रोबोट का ऐसा विकास हुआ जिसने आधुनिक रोबोट को जन्म दिया। ऐसे ऐसे रोबोट बनाये गए जो की वातावरण को सेन्स करने में सक्षम थे।
सन १९९६ में दविड़ बर्रेत्त वैज्ञानिक ने रोबो तुना नाम का एक रोबोट बनाया। इसके बाद Sturat Wilkinson Scientist ne University of South Florida me "GastRobot" नाम का एक ऐसा रोबोट बनाया था जो की ओर्गानिक मास को डाइजेस्ट करके Corbon Dioxide Gas Produce करता था। इसके तीन साल बाद सोनी कंपनी ने ऐबो रोबोटिक पेट का अविष्कार किया। अगर हम सन २००0 के बाद की बात करे जिसमे होंडा कंपनी ने असिमो नाम का एक मानवीय रोबोट का अविष्कार किया।
२००३ में सोनी कंपनी ने तीसरी जेनरेसन के रोबोटिक्स पेट को लौंच किया जिसका नाम ऐबोएर्स-७ था। आज के समय में रोबोट एक ऐसी मशीन बन चुका है जो की मानव के साथ हाथ मिलाकर चल सकता है । अभी २ साल पहले इंडिया में एक रोबोट के द्वारा सर्जेरी करने का प्रकरण भी सामने आया था। कुछ भी हो लेकिन एक बात सही है की "Robotics is a developing Science".
मनोज कुमार युवा एवं उत्साही लेखक हैं तथा 'साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन' के सक्रिय सदस्य के रूप में जाने जाते हैं।
आप जून 2009 से ब्लॉग जगत में सक्रिय हैं और नियमित रूप से अपने ब्लॉग 'डायनमिक' के द्वारा विज्ञान संचार को मुखर बना रहे हैं।
इसके अलावा आपके लेख हिन्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका 'साइंटिफिक वर्ल्ड' में भी पढ़े जा सकते हैं।

सन १७०० से १८०० का समय रोबोटिक्स के इतिहास में अपना एक विशेष महत्व रखता है। सन १७७० में स्विस नमक वैज्ञानिक ने एक रोबोटिक्स डोल का आविष्कार किया जिसकी विशेस्ताता ये थी की ये रोबोटिक्स डोल म्यूजिक प्ले करने, पिक्चर बनाने और जानकारी को पड़ने में शक्षम थी। इस समय के दौरान ही भाप की शक्ति का प्रोयोग किया गया। जो की ओधोगिक विकास में काफी महत्व रखती है। अब बात करते है सन १८०० से १९०० के समय की। सन १८२२ में कंप्यूटर के जनक Charles Babbage ने एक Analytical Engine का अविष्कार किया जो की कार्ड इनपुट के बेस पर कार्य करता था।


सन १८९८ में Nikola Tesla नाम के वैज्ञानिक ने एक महत्वपूरण खोज की जो की Remote Controlled रोबोट Boat का अविष्कार था। उन्होने अपने इस अविकार को Madison Square Garden New York में प्रदर्शित किया था। सन १९०० के आरंभ में रोबोटिक्स को प्रसिदी मिली सन १९०० से २००० के समय को रोबोटिक्स का आधुनिक युग मना जाता है। इस समय में प्रथम फिमेल रोबोट मारिया का अविष्कार हुआ था और सन १९५९ में John Mccarthy and Marvin Minsky ne Massachusetts Institute of Technology (MIT) में एक Artificial Intelligence Lab बनाई। बाद में सन १९६१ में रोबोटिक्स हैण्ड बने गया और १९६२ में एक रोबोट बनाया गया जिसका नाम Unimate रखा गया।

सन १९७४ में वैज्ञानिक विक्टर ने टच सेंसर टेक्नोलोजी का प्रोयोग करके रोबोटिक्स आर्म का अविष्कार किया था। सन १९८६ में होंडा कंपनी ने अनेक प्रकार के रोबोट प्रोग्राम को विकशित किया। इसके बाद रोबोट का ऐसा विकास हुआ जिसने आधुनिक रोबोट को जन्म दिया। ऐसे ऐसे रोबोट बनाये गए जो की वातावरण को सेन्स करने में सक्षम थे।
सन १९९६ में दविड़ बर्रेत्त वैज्ञानिक ने रोबो तुना नाम का एक रोबोट बनाया। इसके बाद Sturat Wilkinson Scientist ne University of South Florida me "GastRobot" नाम का एक ऐसा रोबोट बनाया था जो की ओर्गानिक मास को डाइजेस्ट करके Corbon Dioxide Gas Produce करता था। इसके तीन साल बाद सोनी कंपनी ने ऐबो रोबोटिक पेट का अविष्कार किया। अगर हम सन २००0 के बाद की बात करे जिसमे होंडा कंपनी ने असिमो नाम का एक मानवीय रोबोट का अविष्कार किया।
२००३ में सोनी कंपनी ने तीसरी जेनरेसन के रोबोटिक्स पेट को लौंच किया जिसका नाम ऐबोएर्स-७ था। आज के समय में रोबोट एक ऐसी मशीन बन चुका है जो की मानव के साथ हाथ मिलाकर चल सकता है । अभी २ साल पहले इंडिया में एक रोबोट के द्वारा सर्जेरी करने का प्रकरण भी सामने आया था। कुछ भी हो लेकिन एक बात सही है की "Robotics is a developing Science".
-X-X-X-X-X-
लेखक परिचय:

आप जून 2009 से ब्लॉग जगत में सक्रिय हैं और नियमित रूप से अपने ब्लॉग 'डायनमिक' के द्वारा विज्ञान संचार को मुखर बना रहे हैं।
इसके अलावा आपके लेख हिन्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका 'साइंटिफिक वर्ल्ड' में भी पढ़े जा सकते हैं।
रोचक इतिहास है। आगे भी बहुत आशाएँ हैं।
ReplyDeleteबेहद महत्वपूर्ण व रोचक प्रविष्टि ।
ReplyDeleteमनोज जी, रोबोटिक्स के इतिहास को संक्षेप में प्रस्तुत करने के लिए शुक्रिया।
ReplyDeleteयह खबर तो महत्वपूर्ण है!!
ReplyDeletekafi nayi baat pata chali is post se...
ReplyDeleteरोबाटिक का सुंदर इतिहास ....... जिस तरह से विग्यान की खूज़ हो रही है जल्दी ही ये असलियत बन जाएगी .......
ReplyDeleteRobotics is a developing Science".
ReplyDeleteno doubts!
Rochak aur sundar prastuti.
in IIIT hydrabad ,Some persons are working on a research on the topic 'Limitations of Artificial Intelligence '.These people have strong bereave that, what about human being , artificial intelligence systems can never be even as intelligent an any living being.
ReplyDeleteIf it is true, shayad aapko kharab lagega.
Am I right?
this post is very usefull thx!
ReplyDeleteWhat a great resource!
ReplyDelete