मासिक धर्म: सम्पूर्ण वैज्ञानिक जानकारी।

Menstrual Cycle and Pregnancy in Hindi.

Disclaimer यहाँ दी गयी जानकारी केवल शैक्षिक एवं सूचना के प्रसार  हेतु है. यह जानकारी किसी भी तरह से चिकित्सीय परामर्श या व्यवसायिक चिकित्सा स्वास्थ्य कर्मचारी का विकल्प न समझी जाए. इस जानकारी के दुरूपयोग की ज़िम्मेदारी लेखिका या सबाई परिवार की नहीं है. पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी में सम्बंधित चिकित्सा कर्मचारी से परामर्श करें.

'तस्‍लीम' द्वारा आयोजित 'साइंस ब्‍लॉगिंग वर्कशॉप' में किए गये वादे के क्रम में इस श्रृंखला को आरम्भ करते  हुए आज मैं  जिस विषय पर आप से बात करूंगी वह बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है.

woman with hot water bottle
चूँकि इस ब्लॉग को पुरुष भी पढते हैं तो इस पोस्ट पर यह प्रश्न उठ सकता है कि क्या महिलाओं की इस 'निजी' कही जानी वाली जानकारी को पुरुषों को भी बताना कितना ज़रुरी है? उसका यह जवाब है कि आज हम जिस 21 वीं  सदी में हैं उस में पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिला कर स्त्रियाँ  भी काम कर रही हैं. ऐसे में  अब वो समय नहीं रहा जब मासिक धर्म के दिनों में लडकियों को अलग कमरे में घर से बाहर रहने को भेज दिया जाता था और इस के बारे में बात करना गलत माना जाता था.

वैसे  भी लगभग सभी को यह ज्ञात है कि यह प्रक्रिया स्त्री शरीर की एक कुदरती  प्रक्रिया है और स्वस्थ शरीर में इस प्रक्रिया के दौरान सामान्य रूटीन के कार्य करने से कोई असुविधा या हानि नहीं होती. हर स्त्री को इस विषय  के बारे में जानने का जितना अधिकार और आवश्यकता है, उसी तरह हर पुरुष को भी इस प्रक्रिया को समझने की उतनी ही आवश्यकता है.
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स्कूल में जहाँ लडके-लड़कियां एक साथ पढते हैं और महिला-पुरुष अध्यापक पढाते हैं ऐसे में जब किसी लडकी को पहली बार मासिक धर्म [Menarche] शुरू होता है या किसी लड़की को मासिक धर्म में तेज दर्द [Dysmenorrhea] अचानक उठता है तब यह स्थिति असहजता और शर्मिंदगी  का वातावरण न बनाये इसके लिए इस सम्बन्ध में सभी को इस का  पूर्व ज्ञान /ज्ञान होना ज़रुरी है. यही बात अन्य कार्य स्थलों के  लिए भी लागू होती है.

संयुक्त अरब एमिरात में  [सरकारी नियम अनुसार] सभी स्कूलों की  कक्षा 6 की  छात्राओं को मासिक धर्म  के बारे में व्याख्यान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दिया जाता है ताकि वे अपने शरीर में होने वाले इस परिवर्तन के लिए मानसिक रूप से तैयार हो सकें. विवाह उपरान्त गर्भ धारण करने में /परिवार को प्लान करने में भी इस जानकारी का उपयोग किया जा सकता  है.

 प्रश्न1. मासिक धर्म या माहवारी या रजोधर्म क्या होता है ? (What is Menstrual Cycle?)
उत्तर- यह किशोर अवस्था पार कर नव यौवन में प्रवेश करने वाली सामान्यत 10 से 16 वर्ष की  लड़कियों के शरीर में होने वाला एक हार्मोनल परिवर्तन  (Hormonal Changes) है जो चक्र के रूप में  प्रति मास 28 से 35  दिन की अवधि में एक बार 3 से 5 दिन के लिए  होता है .[एमिरात  में 9 वर्ष की उम्र में भी यह चक्र शुरू होते देखा गया है. कुछ स्थानों पर ऋतुस्त्राव की अवधि  2 से 7 दिनों  को  भी सामान्य माना जाता है.]
मासिक धर्म चक्र

 इसकी प्रक्रिया को  यहाँ दी गयी विडियो में  दिए एक साक्षात्कार में डॉ.शीला गुप्ते इस तरह समझाती हैं-:


स्त्री के शरीर में दो अंडाशय (Ovary) और एक गर्भाशय (Uterus) होता है .हर माह किसी एक ओवरी से एक अंडाणु  बनता है***.जैसे जैसे यह अंडाणु परिपक्व होता है, गर्भाशय की भीतरी सुरक्षा परत भी परिपक्व होती जाती है. जब अंडाणु पूरी तरह परिपक्व हो जाता है और  निषेचन (Fertilisation) योग्य बनता है. अगर यह निषेचित हो जाता है तो यह परत भी उसे ग्रहण करने के लिए तैयार हो जाती है और निषेचित अंडाणु को गर्भाशय में स्थापित करती  है जहाँ शिशु बनता है. इसका अर्थ है कि इस परत का कार्य निषेचित अंडाणु को आरंभिक पोषण देना है.

अगर अंडाणु  का निषेचन नहीं होता तब यह परत बेकार हो जाती है. तब मासिक धर्म के चक्र के अंत में इस परत के उत्तक, रक्त, म्युकस का मिला-जुला स्त्राव होता है. यह रक्त-मिश्रित स्त्राव के रूप में योनी (Vagina) से  बाहर निकलता है, जिसे मासिक स्त्राव कहते हैं .

 Updated:
***पोस्ट प्रकाशित होने के बाद ऊपर दी गयी जानकारी के विषय में माननीय दिनेशराय द्विवेदीजी  ने एक बहुत ही अच्छा प्रश्न किया-

''मेरा एक प्रश्न भी है, यहाँ कहा गया है कि हर माह किसी एक ओवरी से एक अंडाणु बनता है.जैसे जैसे यह अंडाणु परिपक्व होता है.

जहाँ तक मेरा ज्ञान है दोनों अंडाशयों (ओवेरी) में जितने अंडाणु होते हैं वे सभी स्त्री के अपनी माँ के गर्भ में रहते ही बन जाते हैं, और बालिका के जन्म से ही उस के अंडाशयों में मौजूद रहते हैं, केवल हर माह एक अंडाणु विकसित हो कर गर्भाशय तक पहुँचने के लिए अपनी यात्रा आरंभ करता है। क्या यह जानकारी सही है?''

---अपने प्रश्न में दिनेश  जी ने आपने बिलकुल सही बताया कि  बालिका के शरीर में जन्म से ही  दोनों अंडाशयों  में अंडाणु मौजूद होते हैं. इसे  थोड़ा विस्तार से जानिये-:

हम जानते हैं कि स्त्री के  गर्भाशय के  दायीं और बायीं  तरफ़ अंडाशय Utero-Ovarian Ligament  द्वारा  जुड़े होते हैं. माँ के गर्भ में ही Female Fetus में अंडाणु बन जाते हैं जिनकी संख्या '20 हफ्ते के Fetus/Foetus'  में लगभग 7  मिलियन (Miliun) होती है, जन्म के समय यह लगभग 2 मिलियन रह जाती है और Puberty के समय यह संख्या 300,000 - 500,000 के बीच होती है.यह कम होती संख्या 'Atresia' प्रक्रिया के कारण होती है जो एक सामान्य  प्रक्रिया है. एक पूरे Reproductive काल में  सामान्यत 400-500 अंडाणु ही पूर्ण विकसित  हो पाते हैं.[Ripen in to Mature Egg] .

पहले से मौजूद ये अंडाणु अभी अपरिपक्व होते हैं जो कि अंडाशय में फोलिकल (Follicle) में रहते हैं जहाँ  उनका पोषण और संरक्षण भी होता है. इस स्थिति में ये 'संभावित अंडाणु' (Potential Egg) भी कहे जाते हैं.
प्रस्तुत विडियो में  डॉ.गुप्ते द्वारा अंग्रेजी में दी गयी जानकारी में  'Egg is formed) का अनुवाद  'अंडाणु बनता है' किया  गया है.  यहाँ  'is formed' भ्रामक है उस स्थिति में .[यहाँ 'अंडाणु का  विकसित होना' वाक्य अधिक सटीक होता].
वास्तव में कोई भी Immature ovarian follicle/potential egg तब तक 'True Egg' नहीं कहलाता जब तक कि वह निषेचन क्रिया में सक्षम न हो सके.[An immature egg can not get fertilized].

28 दिन के मासिक चक्र में ओवरी में Follicle-Stimulating होर्मोन के प्रभाव से Follicles Mature होते हैं और नियत समयावधि  में परिपक्व Egg को रिलीज़ करने के लिए तैयार होते हैं .इस दौरान कई Follicles Mature होते हैं लेकिन एक या दो ही Dominating होते हैं वही Ovulatory Phase में परिपक्व Ovum को रिलीज़ करते हैं. 28 दिनों के चक्र में यह Phase 12-16 दिनों में होती है. अधिकतर केसेस में ओवा 14वें दिन  रिलीज़ होता है. सीधे  शब्दों  में  कह  सकते  हैं  कि  उन लाखों अण्डाणुओं में से   प्रतिमाह मात्र एक Ova परिपक्व हो कर  रिलीज़  होता है


 प्रश्न 2. गर्भावस्था के समय माहवारी क्यूँ नहीं होती?


उत्तर- जब यह  विकसित अंडा शुक्राणु (Sperm) से निषेचन (Infusion) क्रिया करता है तब गर्भाशय  के संस्तर से जुड़ जाता है और फिर वहीं विकसित होने लगता है जिसे गर्भ ठहराना कहते हैं. इसी के साथ अब विशेष हार्मोन का रिसाव होता है जो इस संस्तर को Thick कर देते हैं जिससे स्त्राव बंद हो जाता है और साथ ही कुछ खास हार्मोन इस अवधि में अंडाशय में अंडाणु का बनना रोक देते हैं.

प्रश्न 3. क्या माहवारी के समय सभी स्त्रियों को दर्द होता है?


उत्तर- माहवारी शुरू होने से पहले कमर/पेडू में हल्का दर्द या बेआरामी की शिकायत आम है जिसे पूर्व माहवारी दर्द कहते हैं. सामान्य रूप से इस स्त्राव के दौरान थोड़े दर्द या बेआरामी की शिकायत कुछ स्त्रियाँ करती हैं. तो अधिकतर कोई तकलीफ महसूस नहीं करतीं.
माहवारी के समय बहुत सी महिलाओं में सामान्य रूप से कमर में दर्द के साथ साथ पाँव में दर्द, शरीर में भारीपन, उलटी जैसा आना, सर दर्द, दस्त लगना, कब्ज होना, स्तनों में टेंडरनेस, भारीपन, मूड में बदलाव देखा गया है .
 माहवारी के दौरान बार बार तेज असहनीय  दर्द, अत्यधिक  स्त्राव या थक्के के रूप में खून  बहना साधारण नहीं है. यह किसी सम्बंधित रोग के लक्षण हो सकते हैं. इसलिए ,ऐसी दशा में डॉक्टर से जांच अवश्य कराएं.
प्रश्न 4. क्या महिला में मानसिक तनाव या बदलते मौसम इस के चक्र के देर से या समयावधि से पूर्व होने का कोई कारण हैं?

उत्तर. हाँ, ऐसा देखा गया है परन्तु इसके कोई ठोस मेडिकल कारण ज्ञात नहीं हैं.

प्रश्न 5. महावरी के दिनों में महिलाएं अक्सर चिडचिडी हो जाती हैं, ऐसा क्यूँ?


उत्तर. इसका कोई ठोस कारण ज्ञात नहीं है परन्तु कुछ विशेषज्ञ इस स्वभाव परिवर्तन का कारण चक्र के समय बहने वाले हारमोन को मानते हैं.

प्रश्न 6. क्या यह चक्र सारी उम्र चलता है?
उत्तर- नहीं, यह चक्र स्त्री की 40 से 60 आयु के बीच में कभी भी  बंद हो जाता है. उम्र के अंतिम मासिक चक्र को रजोनिवृत्ति [Menopause मेनोपोस] कहते हैं. अधिकतर स्त्रियों में रजोनिवृत्ति की औसत उम्र 51 साल देखी गयी है.


प्रश्न 7. एक चक्र में महिला के शरीर से कितना रक्त बहता है?

उत्तर- एक सामान्य चक्र में 15 से 80 (औसतन 35) मिलीलीटर तक खून स्त्री के शरीर से बह जाता है.

प्रश्न 8. स्त्राव के दौरान लगाये  पैड [Pad] को कितनी देर में बदलना चाहिए?


उत्तर- प्रस्तुत विडियो में डॉ शीला ने कहा है कि जब भी पेड पूरा गीला हो जाये बदल देना चाहिए और नहीं तो हर 8 घंटे में, रात को सोने के बाद सुबह इसे बदल देना चाहिए. सारा दिन लगाये रखने से इस में जीवाणु पनपेंगे जो दुर्गन्ध और इन्फेक्शन फैलायेंगे. इसलिए इस समय सफाई का खास ध्यान महिलाओं को रखना चाहिए.

प्रश्न 9. मासिक धर्म के चक्र में गिनती कैसे की जाये?
उत्तर- 28 दिन के चक्र का पहला दिन वह माना जाता है जिस दिन स्त्राव शुरू होता है उस दिन से 28 दिन गिन कर 29 वें दिन से अगला चक्र शुरू होना चाहिए. जैसे अगर 01 दिसंबर को किसी को स्त्राव शुरू हुआ है तो अगला चक्र 29 दिसंबर से होना चाहिए और उससे अगला चक्र 26 जनवरी को.
डॉ गुप्ते के अनुसार मासिक चक्र को देर से या जल्दी लाने वाली दवाएं नहीं खानी चाहिए. इसका विपरीत असर चक्र की नियमितता पर पड़ता है. ऐसी हार्मोनल दवाओं के अधिक इस्तमाल करने से रक्त के जमने पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है.

अब  प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शीला गुप्ते से सुनीये और विडियो में देखिए कि मासिक धर्म क्या होता है और इस समय स्त्रियों को स्वच्छता का किस तरह और क्यूँ ध्यान रखना चाहिए.
Dr. (Mrs.) Sheela Gupte [M.D.],
Working at Vrundavan Hospital & Research Centre, Mapusa, Goa. is a senior consultant obstetrician and gynecologist with a special interest in fetal medicine- a super speciality  that endeavors to prevent and manage birth defects in unborn babies. A graduate in Medicine and Surgery from Nagpur, she earned her M.D. in the year 1983.In the year 2003, she earned Ian Donald Diploma in Obstetric and Gynecological Ultrasound. She has the distinction of being certified by the fetal Medicine Foundation, U.K. for early screening for chromosomal defects like Down's syndrome.


अगली कड़ी में पढ़ें मासिक धर्म से जुड़ी विभिन्‍न भ्रान्तियों एवं धारणाओं के बारे में
[स्त्रोत- विभिन्न वेब साईट और सबंधित पुस्तक] सभी चित्र: साभार गूगल सर्च

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COMMENTS

BLOGGER: 55
  1. निश्चित तौर पर महत्वपूर्ण एवं उपयोगी जानकारी से भरपूर संग्रहणीय आलेख.

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  2. इस संबंध में उपयोगी जानकारी ...

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  3. बहुत बढ़िया और उपयोगी जानकारी ! ये पोस्ट न केवल महिलाओं के काम की है बल्कि इसे पुरुषों को भी पढनी चाहिए ताकि वो अपने घर की महिलाओं की तकलीफ या परेशनियां समझ सके ... दुःख की बात है कि इक्कीसवी सदी में भी प्राकृतिक बातों को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई है ...

    वैसे अच्छा हुआ जो इस बार पहले ही disclaimer लगा दिए वरना ... कोई डॉक्टर पहुँच जाता लढाई करने ... और दुनिया को अयोग्य घोषित करने ...

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  4. उपयोगी जानकारी दी है आपने।
    आभार

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  5. अल्‍पना जी, इस तरह के विषयों पर हमारे समाज में आम तौर से लोग बात करने की हिम्‍मत नहीं दिखाते हैं। आपने इस चुप्‍पी को तोड़ने का साहस किया है, इस‍के लिए आपको बधाई देता हूँ। हमें विश्‍वास है कि आपका यह लेख इस विषय पर व्‍याप्‍त अज्ञानताओं और अंधविश्‍वासों को तोड़ने में सहायक होगा।

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  6. मैं जाकिर अली जी से पुरी तरह सहमत हुॅ। बेहद ज्ञानवर्धक लेख। बधाई के पात्र है।

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  7. बहुत बढ़िया और उपयोगी जानकारी ……………सहेजने योग्य्।

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  8. बहुत ही उपयोगी जानकारी दी है आपने!

    हिन्दी ब्लोगिंग को ऐसे ही सार्थक पोस्टों की सख्त जरूरत है जो कि सामान्य पाठकों को आकर्षित करें।

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  9. Vaishali Bhatt12/27/10, 2:01 PM

    This is one topic among many which orthodox people do not like to discuss about.
    This post is a great attempt to educate general public.

    Congratulations Alpna for writing on this topic so beautifully.

    Vaishali Bhatt

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  10. ज्ञानवर्धक लेख। बधाई के पात्र

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  11. बेहद उपयोगी लेख बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने अल्पना इस में ...बेहतरीन प्रयास बधाई

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  12. इस जानकारी को यहाँ प्रकाशित करने के लिए बधाई!
    मेरा एक प्रश्न भी है, यहाँ कहा गया है कि .....हर माह किसी एक ओवरी से एक अंडाणु बनता है.जैसे जैसे यह अंडाणु परिपक्व होता है....
    जहाँ तक मेरा ज्ञान है दोनों अंडाशयों (ओवेरी) में जितने अंडाणु होते हैं वे सभी स्त्री के अपनी माँ के गर्भ में रहते ही बन जाते हैं, और बालिका के जन्म से ही उस के अंडाशयों में मौजूद रहते हैं, केवल हर माह एक अंडाणु विकसित हो कर गर्भाशय तक पहुँचने के लिए अपनी यात्रा आरंभ करता है। क्या यह जानकारी सही है?

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  13. सभी के लिए उपयोगी जानकारी।
    इस संबंध में व्याप्त भ्रांतियों का निराकरण इस लेख से हो सकेगा।
    ...धन्यवाद।

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  14. उपयोगी जानकारी ....आभार

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  15. @आदरणीय दिनेश जी ,
    दी हुई जानकारी बिलकुल सही है.

    आप यहाँ पोस्ट में दी गयी विडियो में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.शीला गुप्ते जी द्वारा दिए वक्तव्य को कृपया सुनीये.
    [यही जानकारी उन्हीं के इसी व्यक्तव्य को पोस्ट में लिखित रूप में दी गयी है.]
    अगर आवश्यकता होगी तो इस की पुष्टि में और व्याख्या दी जायेगी.
    -आभार.

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  16. @ अल्पना वर्मा जी,
    मैं जीव विज्ञान का विद्यार्थी हूँ, स्नातक भी। मुझे हर माह किसी एक ओवरी से एक अंडाणु बनने की बात पर आश्चर्य हुआ था। यह सूचना सही नहीं है। पर जब मैं ने टिप्पणी की थी तो मुझे भी खुद की स्मृति पर संदेह हो उठा था। मैं ने इसी कारण अपनी बात को प्रश्न के रूप में रखा था। लेकिन मेरी स्मृति ठीक ही थी। मैं ने अनेक साइटों पर इसे देखा और सब स्थानों पर जो सूचना प्राप्त हुई यहाँ रख रहा हूँ- यह वाक्यांश यूएसए के ऊर्जा विभाग की साइट http://www.newton.dep.anl.gov/askasci/mole00/mole00332.htm से लिया गया है....

    It states that "Women are born with a finite number of eggs. At birth, a woman has around 1 to 2 million eggs. However, throughout her life, a woman loses eggs through a destructive process called atresia. At puberty, only around 400,000 eggs remain. Throughout the reproductive
    life span, from puberty until menopause, women lose about 1,000 eggs each month. Of these thousand eggs, only one is released. Once released, it is
    picked up by the fallopian tube.
    इस तरह हम देखते हैं कि उन लाखों अण्डाणुओं में से केवल एक प्रतिमाह 'रिलीज' होता है।
    इस आलेख में इस जानकारी को ठीक किया जाना चाहिए।

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  17. @ बहुत बहुत शुक्रिया दिनेश जी.आप की बात बिलकुल सही है कि बालिका के जन्म से ही उस के दोनों अंडाशयों में अंडाणु मौजूद रहते हैं परन्तु यहाँ एक चिकित्सक के कहे शब्दों में 'formed '/ 'बनने 'से क्या तात्पर्य होगा इस की पूरी विस्तृत जानकारी के साथ पोस्ट को अपडेट करती हूँ.
    -आभार.

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  18. To add--पोस्टेड विडियो में जो डॉक्टर शीला गुप्ते जी इस प्रक्रिया के बारे में समझा रही हैं उनके बारे में जानकारी-
    Dr. (Mrs.) Sheela Gupte [M.D.],
    Obstertrics & Gynaecology Consultant at Vrundavan Hospital & Research Centre,Mapusa,Goa.

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  19. वाकई महत्वपूर्ण जानकारी. ऐसी ही पोस्ट्स से इस साईट की सार्थकता है.

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  20. @संशोधन के साथ पोस्ट अपडेट कर दी है..
    परन्तु डॉ शीला के कहे गए जिस वक्तव्य को विडियो से ही कॉपी कर के पोस्ट में लिखा गया है उसे इसलिए बदला नहीं है क्योंकि वही बात उन्होंने विडियो में खुद कही है.
    -साभार.

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  21. एक बहुत जरूरी जानकारी वाली पोस्ट ,इस विषय पर आप आगे भी चर्चा करेगीं इसलिए ज्यादा तो नहीं मगर एक बात जोड़ने का लोभ संवरण नहीं कर पा रहा हूँ -जो महिलायें ज्यादा समय एक साथ रहती हैं उनका मासिक धर्म चक्र भी सामान हो उठता है यानी सिंक्रोनायिज कर जाता है -यह अध्ययनों में पाया गया है!
    बहुत अच्छी पोस्ट ..आभार !

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  22. अल्‍पना जी, जिस सहजता से आपने इस जानकारी को संशोधित एवं परिवर्धित किया, वह आपकी सहजता और विनम्रता को दर्शाता है। एक विज्ञान संचारक में यह गुण होना ही चाहिए।

    पोस्‍ट को तर्कपूर्ण बनाने के लिए द्विवेदी जी का भी विशेष आभार।

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  23. जानकारी को अपडेट करने के लिए आभारी हूँ।

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  24. this is very impartent

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  25. उपयोगी जानकारी ....आभार!

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  26. bahut achha pryas ! nari ke jeevan mai masik dharm ek abhishaap nahi balki vardaan hai ... fir uske vishay mai jankari to sabko honi hee chahiye ... thanksssss !

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  28. बहुत ही बढ़िया प्रयास। इस तरह की स्वस्थ जानकारी दी जाती रहनी चाहिये। मासिक धर्म शुरु होने पर लड़कियाँ शुरु में बहुत परेशान होती हैं यदि उन्हें इस बारे में सही प्रकार से शिक्षा दी जाय तो उन्हें इस लेकर परेशानी नहीं होगी।

    इसी प्रकार लड़कों को भी किशोरावस्था में शुरुआत में स्वप्नदोष (जो कि सामान्य तौर पर कोई बीमारी नहीं है) को लेकर काफी परेशानी होती है। नीम-हकीम के भ्रामक विज्ञापनों से वे इसे बीमारी समझकर परेशान हो जाते हैं। इस बारे भी कोई पोस्ट लिखें।

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  29. बहुत ही सुंदर जानकारी ....!

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  30. मेरे द्वारा अब तक पढ़ी गयीं बेहतरीन एवं महत्वपूर्ण लेखों में से एक लेख यह है ! बधाई अल्पना जी !

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  31. bahut gyanvardhak jaankari ke liye dhanyawaad . bahut hi sarahniy prayas hai .

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  32. @आज अचानक गूगल पर सर्च करते हुए मुझे डॉ अनवर जमाल का नवभारत पर मई २०१२ को दिया मेरा लिखा यह लेख मिला --
    http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/BUNIYAD/entry/%E0%A4%AE-%E0%A4%B8-%E0%A4%95-%E0%A4%A7%E0%A4%B0-%E0%A4%AE-%E0%A4%8F%E0%A4%95-%E0%A4%95-%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%AA-%E0%A4%B0%E0%A4%95-%E0%A4%B0-%E0%A4%AF?sortBy=mostThreaded

    क्या मैं पूछ सकती हूँ कि किस अधिकार से उन्होंने बिना मेरी या डॉ.अरविन्द या जाकरी जी की अनुमति से पहले मेरे लेख को उन्होंने यहाँ से उठाकर अपने ब्लॉग पर २०११ में डाला और फिर नवभारत के रीडर्स ब्लोग़ पर लगा दिया?

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    Replies
    1. और उस पर यह कि लेख के नीचे साभार 'मेरी प्यारी माँ' का लिंक दिया है जो खुद इन्हीं का ब्लॉग है!जिस ब्लॉग से इन्होंने लेख उठाया है उसका कोई ज़िक्र नहीं !

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  33. ‘प्यारी मां‘ एक लोकप्रिय ब्लॉग है जो औरतों के जीवन के सभी पक्षों में उन्हें सही ज्ञान देकर उनकी समस्याओं का हल देता है। हिंदी ब्लॉग जगत में यह पहला ब्लॉग है जो कि मां के लिए एक संगठित प्रयास है। आप सभी का सादर स्वागत है। जो लोग रचनात्मक योगदान देना चाहें , वे भी सम्पर्क कर सकते हैं।
    देखिए

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  34. ‘प्यारी मां‘ एक लोकप्रिय ब्लॉग है जो औरतों के जीवन के सभी पक्षों में उन्हें सही ज्ञान देकर उनकी समस्याओं का हल देता है। हिंदी ब्लॉग जगत में यह पहला ब्लॉग है जो कि मां के लिए एक संगठित प्रयास है। आप सभी का सादर स्वागत है। जो लोग रचनात्मक योगदान देना चाहें , वे भी सम्पर्क कर सकते हैं।
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  35. women in rural areas are needed to be educated with this knowledge.
    Science has so many questions still to be answered. Like how two women have same period if they continue to live in same house. And in medicine factories women workers who have periods are not allowed in the areas where injections are being prepared.

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  36. If mc period date change above 10 day what can i do for this

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  37. mem agr period time ruk 2 month ho jaye or baach ni chiye to kya karna chiye

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  38. mem agr period time ruk 2 month ho jaye or baach ni chiye to kya karna chiye

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  39. mem agr period time ruk 2 month ho jaye or baach ni chiye to kya karna chiye

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  40. mem agr period time ruk 2 month ho jaye or baach ni chiye to kya karna chiye

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  41. 3 mhine se periods nhi hue hai uske kya kaaran ho9 skte hai????pregnancy nhi hai

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  42. 3 months se periods nhi hue hai uske kya kaaran ho sakte hai????pregnancy nhi hai

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  43. महत्‍वपूर्ण जानकारी।

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  44. उपयोगी एवं संग्रहणीय।

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- दर्शन लाल बावेजा,1,- बी एस पाबला,1,-Dr. Prashant Arya,2,-अंकित,4,-अंकुर गुप्ता,7,-अभिषेक ओझा,2,-अल्पना वर्मा,22,-आशीष श्रीवास्‍तव,2,-इन्द्रनील भट्टाचार्जी,3,-काव्या शुक्ला,2,-जाकिर अली ‘रजनीश’,56,-जी.के. अवधिया,6,-जीशान हैदर जैदी,45,-डा प्रवीण चोपड़ा,4,-डा0 अरविंद मिश्र,26,-डा0 श्‍याम गुप्‍ता,5,-डॉ. गुरू दयाल प्रदीप,8,-डॉ0 दिनेश मिश्र,5,-दर्शन बवेजा,1,-दर्शन लाल बवेजा,7,-दर्शन लाल बावेजा,2,-दिनेशराय द्विवेदी,1,-पवन मिश्रा,1,-पूनम मिश्रा,7,-बालसुब्रमण्यम,2,-योगेन्द्र पाल,6,-रंजना [रंजू भाटिया],22,-रेखा श्रीवास्‍तव,1,-लवली कुमारी,3,-विनय प्रजापति,2,-वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई),81,-शिरीष खरे,2,-शैलेश भारतवासी,1,-संदीप,2,-सलीम ख़ान,13,-हिमांशु पाण्डेय,3,.संस्‍था के उद्देश्‍य,1,।NASA,1,(गंगा दशहरा),1,100 billion planets,1,2011 एम डी,1,22 जुलाई,1,22/7,1,3/14,1,3D FANTASY GAME SPARX,1,3D News Paper,2,5 जून,1,Acid rain,1,Adhik maas,1,Adolescent,1,Aids Bumb,1,aids killing cream,1,Albert von Szent-Györgyi de Nagyrápolt,1,Alfred Nobel,1,aliens,1,All india raduio,1,altruism,1,AM,18,Aml Versha,1,andhvishwas,5,animal behaviour,1,animals,1,Antarctic Bottom Water,1,Antarctica,9,anti aids cream,1,Antibiotic resistance,1,arunachal pradesh,1,astrological challenge,1,astrology,1,Astrology and Blind Faith,1,astrology and science,1,astrology challenge,1,astronomy,4,Aubrey Holes,1,Award,4,AWI,1,Ayush Kumar Mittal,1,bad effects of mobile,1,beat Cancer,1,Beauty in Mathematics,1,Benefit of Mother Milk,1,benifit of yoga,1,Bhaddari,1,Bhoot Pret,3,big bang theory,1,Binge Drinking,1,Bio Cremation,1,bionic eye Veerubhai,1,Blind Faith,4,Blind Faith and Learned person,1,bloggers achievements,1,Blood donation,1,bloom box energy generator,1,Bobs Award,1,Breath of mud,1,briny water,1,Bullock Power,1,Business Continuity,1,C Programming Language,1,calendar,1,Camel reproduction centre,1,Carbon Sink,1,Cause of Acne,1,Change Lifestyle,1,childhood and TV,1,chromosome,1,Cognitive Scinece,1,comets,1,Computer,2,darshan baweja,1,Deep Ocean Currents,1,Depression Treatment,1,desert process,1,Dineshrai Dwivedi,1,DISQUS,1,DNA,3,DNA Fingerprinting,1,Dr Shivedra Shukla,1,Dr. Abdul Kalam,1,Dr. K. N. Pandey,1,Dr. shyam gupta,1,Dr.G.D.Pradeep,9,Drug resistance,1,earth,28,Earthquake,5,Einstein,1,energy,1,Equinox,1,eve donation,1,Experiments,1,Facebook Causes Eating Disorders,1,faith healing and science,1,fastest computer,1,fibonacci,1,Film colourization Technique,1,Food Poisoning,1,formers societe,1,gauraiya,1,Genetics Laboratory,1,Ghagh,1,gigsflops,1,God And Science,1,golden number,2,golden ratio,2,guest article,9,guinea pig,1,Have eggs to stay alert at work,1,Health,70,Health and Food,14,Health and Fruits,1,Heart Attack,1,Heel Stone,1,Hindi Children's Science Fiction,1,HIV Aids,1,Human Induced Seismicity,1,Hydrogen Power,1,hyzine,1,hyzinomania,1,identification technology,2,IIT,2,Illusion,2,immortality,2,indian astronomy,1,influenza A (H1N1) virus,1,Innovative Physics,1,ins arihant,1,Instant Hip Hain Relief,1,International Conference,1,International Year of Biodiversity,1,invention,5,inventions,30,ISC,2,Izhar Asar,1,Jafar Al Sadiq,1,Jansatta,1,japan tsunami nature culture,1,Kshaya 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Science Bloggers' Association: मासिक धर्म: सम्पूर्ण वैज्ञानिक जानकारी।
मासिक धर्म: सम्पूर्ण वैज्ञानिक जानकारी।
Menstrual Cycle and Pregnancy in Hindi.
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