शिकार : एक कहानी, विज्ञान और संभावनाएं!

आइये पहले आपको कुछ तकनीकी शब्दों की जानकारी दे दूं, जो इस लेख में प्रयोग करने वाला हूँ। रोबोटिक्स: तकनीकी की वह शाखा जो रोबोट की डिजाइन, ...



आइये पहले आपको कुछ तकनीकी शब्दों की जानकारी दे दूं, जो इस लेख में प्रयोग करने वाला हूँ।
  1. रोबोटिक्स: तकनीकी की वह शाखा जो रोबोट की डिजाइन, उनके व्यवहार आदि के बारे में बताती है।
  2. नैनो टेक्नॉलोजी: विज्ञान की वह शाखा जो सूक्ष्म से सूक्ष्मतम मशीनों को बनाने के बारे में बताती है।
  3. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता जो मशीनों को प्रदान की जाती है।
  4. डिस्ट्रीब्यूटेड कम्प्यूटिंग: किसी कार्य को एक कंप्यूटर की जगह कई कंप्यूटर से करवाना, इसके फायदे हैं कि यदि कोई कंप्यूटर बीच में बंद भी हो गया तो भी कार्य नहीं रुकेगा, यानी कार्य रुकने की संभावना लगभग समाप्त हो जाती है।
  5. जैव प्रौधौगिकी: यानी इन्जीनीयारिग की वह शाखा जो अभियान्त्रिकी और तकनीकी के डाटा और तरीकों को जीवों और जीवन तन्त्रों से सम्बन्धित अध्ययन और समस्या के समाधान के लिये उपयोग करता है।
बस आज के लिए इतना ही :)
विकीपीडिया से साभार

अब एक कहानी सुनाता हूँ,
एक प्रयोगशाला में एक कंपनी ऐसे रोबोट बनाने का प्रयत्न कर रही है जो ऊपर बताई गयी सभी तकनीकों का प्रयोग करते हैं, यानि कि
  1. वो रोबोट हैं,
  2. वो अति सूक्ष्म है, इतने सूक्ष्म कि १०० ग्राम में कई लाख ऐसे जीव बन जायें
  3. उनमे सोचने समझने की शक्ति है
  4. वो समूह में ही कार्य कर सकते है, किसी समस्या को सुलझाने के लिए वो साथ में कार्य करते हैं, अकेला रोबोट कुछ नहीं कर सकता क्यूंकि उसके पास पर्याप्त मेमोरी नहीं है, (अब इतने छोटे दिमाग से कितना कार्य हो सकता है?)
  5. वो पूरी मशीन नहीं है अर्थात उनमे सजीवों वाले भी कुछ गुण हैं जैसे कि
    1. वो पशुओं को खा कर अपनी ऊर्जा एकत्र करते हैं, 
    2. वो खुद ही और रोबोट भी बना सकते हैं,
    3. वो अपनी गलतियों से सीखते हैं और उनकी आने वाली पीढ़ी उनसे ज्यादा होशियार होती है
    4. वो शत्रु और मित्र का भेद जानते हैं।
अब ये रोबोट बन कर तैयार है और कंपनी इन पर प्रयोग कर रही है और इनको सभी के सामने लाने से पहले पूरी तरह से जांच लेना चाहती है कि ये मनुष्य के लिए सुरक्षित हैं या नहीं, पर अचानक एक दुर्घटना होती है और रोबोटों का यह झुण्ड आजाद हो जाता है।

यदि कोई भूखा आजाद हो जाये तो वो सबसे पहले क्या करेगा? जाहिर है खाना खायेगा तो ये भी अपना भोजन तलाशते हैं और जानवरों को मारना शुरू कर देते हैं। जैसे जैसे समय बीतता जाता है, इनकी नई पीढियां आती जाती हैं, जो अपनी पिछली पीढ़ी से ज्यादा होशियार है और अपने शिकार को मारने में पहले से ज्यादा कुशल- ठहरिये इससे पहले कि आप अपनी कल्पना के घोड़े लेकर एक लंबी रेस पर निकल जायें आप कुछ और बात भी जान लीजिए।
  1.  इनके मरने के अनुपात से नयी सदस्यों के बढ़ने का अनुपात दोगुना है
  2. क्यूंकि ये जैविक गुण भी रखते है तो ये कुछ नई चीजे भी सीख सकते हैं, जैसे कि अपना रंग बदलना, खुद को एक समूह में ज्यादा बेहतर तरीके से बनाये रखना जैसा कि छोटी मछलियाँ करती हैं, बड़ी मछली को डराने के लिए  |
  3. इनकी नई पीढ़ी आने में ६ घंटे का वक्त लगता है और ये शाम को निष्क्रिय हो जाते हैं सिर्फ सूरज के रहने तक ही कार्य करते रहते हैं

कंपनी जानती है कि ये अगर इसी तरह से बाहर रहे तो धीरे धीरे बहुत बड़ी मुसीबत बन जायेंगे, इसलिए कुछ वैज्ञानिकों को इनको पकड़ने के कार्य में लगा देती है, पर कुछ अद्भुत होता है बहुत अद्भुत - ये रोबोट एक ऐसी कला में माहिर हो चुके हैं कि कोई वैज्ञानिक अब एक दूसरे पर विशवास नहीं कर सकता | वो कला है रूप बदलना यानि कि किसी और का रूप रखना ये रोबोट एक समूह में मिलकर एक आदमी का रूप रख लेते हैं क्यूंकि हर रोबोट अपना रंग बदल सकता है तो ये इस तरह से रंग बदलते हैं कि ठीक किसी आदमी की नक़ल लगें | ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह समस्या बहुत ही मुश्किल होती जाती है पर जैसा कि आप सभी जानते हैं मनुष्य कठिन से कठिन परिस्थिति पर भी विजय पाता आया है, इस पर भी पा लेता है पर अंत में सिर्फ दो लोग ही जीवित रहते हैं, एक पति जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर है पर किसी कारणवश उसको नौकरी से बाहर कर दिया गया है और दूसरी उसकी पत्नी जिसने कंपनी के कहने पर ये रोबोट बनाये | कहानी खत्म |

मुझे दोष मत दीजिए ये कहानी मैंने नहीं लिखी है बल्कि एक बहुत ही अच्छे लेखक ने लिखी है वही जिन्होंने डायनोसोर पर आधारित नोवल जुरासिक  पार्क लिखा था जिस पर बाद में फिल्म बनी जो शायद ही किसी ने ना देखी हो, जी हाँ लेखक का नाम है मिशेल क्रिस्टन | इनकी लिखी इस नोवल का नाम है प्रे यानि शिकार 

तो दोस्तों कहानी खत्म हो गयी पर क्या वाकई यह संभव है? तो मेरा उत्तर तो 'हाँ' ही होगा यह संभव है शत-प्रतिशत संभव है पर कुछ अलग अंदाज में, जैसे कि

  1. आप कार चला रहे हैं और आपने अपनी सेवा करने के लिए 500 ग्राम रोबोटों को रखा हुआ है, कार में बैठने से पहले आप इनको कार सफाई का हुक्म देते हैं  और ये सफाई में जुट जाते हैं, अधिक संख्या में होने के कारण यह जल्दी सफाई कर देते हैं, और अति सूक्ष्म होने के कारण ये उन हिस्सों को भी साफ़ कर देते हैं जहाँ आपके हाथ कभी नहीं पहुच सकते।
  2. अब आप कार चला रहे हैं और आप अपनी कार में परदे चाहते हैं, आपने रोबोटो को हुक्म दिया और ये तुरंत एक पतली चादर बन कर आपकी कार के शीशों पर लटक गए, यदि आप  प्रेमिका के साथ हैं तो इनको गुलाबी होने का हुक्म दीजिए और आपके लिए गुलाबी रंग के परदे तैयार।
  3. दुर्भाग्य बस आपका एक्सीडेंट हो गया और ये एयर-बैग  की जगह आपके सर के आगे स्वतः आ गए और आप किसी गंभीर चोट को खाने से बच गए , मजाक लग रहा हो तो ये पढ़िए 

मेरा यह पेपर 2008 में BITS-ranchi में राष्ट्रीय confrence में पब्लिश हुआ था, इसमें मैंने इन रोबोटों का आकार तथा उनके उपयोग के बारे में लिखा था आप चाहें तो इसको डाउनलोड भी कर सकते हैं|

अंत में आपको याद है ना कलाम जी ने क्या कहा है? 
"युवाओं खूब सपने देखो और उन सपनों को पूरा करने के लिए जी जान एक कर दो"
तो जिनको यह यकीन नहीं है कि ये कभी होगा वो अपने निराशावादी कमेन्ट यहाँ दर्ज ना करें, और युवाओं को मेरा सन्देश यही है कि यदि नकारात्मक कमेन्ट को देखें तो "prey" जरूर पढ़ें किसी भी अच्छे बुक-स्टोर पर मिल जायेगी - और अपने सपनों के बीच में सिर्फ बोलने वालों को ना आने दें, क्यूंकि इनका कार्य सिर्फ बोलना है अभी नकारात्मक बोलेंगे और बाद में आपकी जय-जय :D


अगर आपको 'साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन' का यह प्रयास पसंद आया हो, तो कृपया फॉलोअर बन कर हमारा उत्साह अवश्य बढ़ाएँ।

COMMENTS

BLOGGER: 25
  1. योगेन्‍द्र भाई, 'प्रे' से मिलवाने का आभार। आपके आकलन भी फलित हुए, इस‍के लिए आपको बधाई। वैसे आप तो विज्ञान कथाएं भी अच्‍छी लिख सकते हैं। कब से शुरू कर रहे हैं?

    ReplyDelete
  2. 'प्रे' से मिलवाने का आभार!

    Read my article at this blog by copy paste the below URL in address bar:::

    http://sb.samwaad.com/search/label/-%E0%A4%B8%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%AE%20%E0%A4%96%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%A8

    ReplyDelete
  3. 'प्रे' से मिलवाने का आभार!

    ReplyDelete
  4. नूतन जानकारी...
    पढते वक्त ऐसा भी लगा जैसे रजनीकांत की रोबोट पिक्चर की बात चल रही हो । आभार सहित...

    ReplyDelete
  5. नूतन जानकारी...
    पढते वक्त ऐसा भी लगा जैसे रजनीकांत की रोबोट पिक्चर की बात चल रही हो । आभार सहित...

    ReplyDelete
  6. कहानी बहुत ही बढ़िया है ... और जानकारी रोचक ! शायद निकट भविष्य में यह हमारे सामने वास्तविक रूप लेकर आयेगा ... हर चीज़ को सही या गलत तरीके से इस्तमाल की जा सकती है ... देखना है कि इस तकनीक का इस्तमाल कैसे होगा ...

    ReplyDelete
  7. प्रे की कहानी भविष्य में घटित हो जाए, यह संभव है।
    पुरानी विज्ञान कथाओं की बहुत सी बातें आज घटित हो रही हैं।

    ReplyDelete
  8. वाह योगेन्द्र पाल जी आप तो छुपे रुस्तम निकले -शानदार जानदार प्रस्तुति ..
    माईकल(मिशेल ) क्रिख्टन एक सिद्धहस्त एस ऍफ़ राईटर हैं -
    दरअसल कम्प्यूटर , नैनो टेक्नोलोजी ,कृत्रिम बुद्धि मिलकर क्या गुल खिलाने वाले हैं यह तो भविष्य बतायेगा ही -
    खतरा मनुष्य पर है कहीं मशीने उसे गुलाम न बना लें ....या मशीनों में मनुष्यता जज्ब होकर नश्वरता को न पा ले -
    मतलब मनुष्य अमर हो जाए .....संभावनाएं अनंत है -एक थो कहानी की सरकार है आपसे -भिक्षुक की झोली फ़ैली है डाल दीजिये एक मन की भूख मिटाने वाली कथा ...

    ReplyDelete
  9. प्रे की कहानी बहुत बढ़िया और रोचक है!

    ReplyDelete
  10. पसंद करने के लिए आप सभी का शुक्रिया,

    @जाकिर जी तथा अरविन्द जी: मनोबल बढ़ाने के लिए शुक्रिया, कहानी लिखने के बारे में कभी सोचा नहीं है, अभी तो सिर्फ शिक्षा के स्तर को सुधारने के कार्य में लगा हुआ हूँ, यदि कोई अच्छा विचार दिमाग में आया तो जरूर लिखूंगा

    @सोनल जी: आपके कमेन्ट का अर्थ समझ में नहीं आया :)

    ReplyDelete
  11. बहुत रोचक जानकारी है विग्यान कथा और शोध के लिये आगे बढने के लिये प्रेरित करती है। धन्यवाद।

    ReplyDelete
  12. वो सब जो चीजें कि‍सी पि‍कासो का चि‍त्र होती हैं भवि‍ष्‍य में हवाई जहाज भी बन सकती हैं।
    ऐसे रोबोटस भी हो सकते हैं जो गीता, कुरान पढ़ें, मंत्र जपें, दूसरों को उद्धृत(कोट) कर सकें, बता सकें कि‍ आदमी को यह चीज करनी चाहि‍ये जो कि‍सी वेद, कुरान, बाईबि‍ल के कि‍स पेज के कि‍स पैरा कि‍ कि‍स लाईन में लि‍खी है। लेकि‍न इससे क्‍या वो रोबोट धार्मि‍क हो जायेंगे।
    रोबोट आज ही बनना शुरू नहीं हुए, रोबोट तब बनना शुरू हुए जब कुछ बुद्धि‍मानों ने कम अक्‍ल लोगों पर हुकूमत चलाने के लि‍ये नई नई चालाकि‍यां ईजाद की।
    अब हम खुद के बारे में ही सोचें - कि‍ हममे क्‍या क्‍या कंडीशंड है, एक डाटा की तरह फीड है और हम सम्‍पन्‍न करते हैं।

    1 समाज का तथाकथि‍त सफलता असफलता मापने का पैमाना- धन, शोहरत, इज्‍जत - हम इन्‍हें शर्तों पर सारी जि‍न्‍दगी बि‍ना कि‍सी के कहे गुलामों से भी ज्‍यादा बुरे तरीके से, अपनी मर्जी से 10 से 16 घंटें समझदार लोगों के दफ़तरों में बूढ़े होते हुए बि‍ताते हैं।
    2 इज्‍जत की खाति‍र आरूषि‍ और नौकर का कत्‍ल कर देते हैं, कि‍ दुनि‍यां क्‍या कहेगी।
    3 धर्म के नाम पर एक दूसरे का कत्‍ल कर देते हैं कि‍ धर्म पर कुर्बान होने वाले को स्‍वर्ग मि‍लेंगे।

    4 यहां तक कि‍ आत्‍मघाती बम बनने को भी तैयार हो जाते हैं।
    ये सब क्‍या कि‍सी रोबोटि‍कसाईंस से कम अध्‍ययन का वि‍षय है।
    क्‍या आदमी को अपने ही बारे, अपनी दि‍नचर्या, हरकतों, अपने सोचने के तरीके के बारे में नहीं जानना ?

    ReplyDelete
  13. @rajey sha: बिल्कुल सही बात है आपकी, पर क्या सभी लोग एक ही कार्य शुरू कर दें?

    सभी को अलग अलग कार्य करने दीजिए, इससे अलग-अलग दिशाओं में प्रगति होगी,

    आप मनोविज्ञान पर कार्य कीजिये, मैं शिक्षा पर कर रहा हूँ, कोई भौतिकी पर कोई रसायन शास्त्र पर कोई कविता, कहानियों पर सभी को करने दीजिए, आप अपना कार्य जतन से कीजिये, आप किसी को जबरदस्ती अपना कार्य करने के लिए नहीं कह सकते

    एक ही रंग में मजा नहीं आता, इसलिए हर रंग का मजा लीजिए और दूसरों को लेने दीजिए

    ReplyDelete
  14. apke lekh padh kar ishwar se bharosa uthne par achetan man me samaye ishwar se yadi kisi ko mansik ahgaat pahunche to wo kya karein. kripya bahut mahatvpoorn hai.jawaab avashya dein.

    ReplyDelete
  15. @manish: मेरा लेख पढ़ कर किसी के ईश्वर से भरोसा उठने पर अचेतन मन में समाये ईश्वर से यदि किसी (जाहिर है आप अपनी बात कर रहे हैं) को मानसिक आघात पहुंचे तो

    वो व्याकरण की किताब पढ़े और अपने प्रश्न को दुबारा शुद्ध व्याकरण में यहाँ लिखे जिससे मैं उसके प्रश्न को समझ कर सही-सही उत्तर दे सकूं, और साथ में गूगल आई.एम.ई. भी इंस्टाल करे जिससे उसे लिखने में आसानी रहे और दूसरों को पढ़ने में- धन्यवाद

    ReplyDelete
  16. बचपन के वातावरण और पारिवारिक शिक्षा ने ईश्वर को अर्धचेतन मन (Semi Conscious Mind ) में इस तरह बसा दिया कि बड़े होने पर चेतन मन (Conscious Mind ) आपके लेख पढने के बाद अच्छी तरह जान गया कि आत्मविश्वास,प्रकृति ही सबकुछ है लेकिन फिर भी मानसिक अघात पंहुचने का खतरा पैदा हो गया था.कृपया इसका उत्तर अवश्य दें.बहुत लोगो के लिए महत्वपूर्ण है.

    ReplyDelete
  17. @manish: आपके कमेन्ट को देख कर मुझे लगता है
    १. या तो आप इसी लेख की बात कर रहे हैं
    २. या फिर आप किसी अन्य लेख की बात कर रहे हैं

    यदि २ सही है तो सब कुछ ठीक है सिर्फ एक सलाह दूंगा कि कमेन्ट लिखने से पहले लेख पढ़ लिया करें

    यदि १ सही है तो आप किसी डॉ. से जल्दी मिले साथ में इस लेख को प्रिंट करा कर ले जायें, डॉ. को आपकी समस्या समझने में आसानी रहेगी

    ReplyDelete
  18. योगेन्‍द्र भाई, आपकी सलाह काबिलेदाद है।

    ReplyDelete
  19. Sir,mai apke jaisa lekhak nahi shayad is wajah se apko samjha nahi paa raha hun.
    kripya aap is lekh se pare hat kar baat karein.yogender ji mera matlab apke is lekh ya aap kis tarah ke lekh likhte hai usse nahi tha balki poore science bloggers aur tasleem ke karyakartao se tha.aur yahaan mai apke lekh par comment karne nahi balki apni samashya aaptak panhuchane chata tha taaki aapse ya aap jaise kisi bhi mahanubhav ya manochikitsak se kuch sakratmak paramarsh mil jaye.

    aur apko apni samashya pahle bata chuka hun.aastik se naastik banna shayad apko bachcho ka khel lagta hoga lekin sirf itna kahna chahunga pagal hone jaisi isthti ho gayee thi.dil dhadkne laga ,haath pair kaampne lage,baar baar dimaag ko doosri taraf lagane ki koshish karta lekin dimaag ghoomne laga tha.bas paagal hi nahi hua tha.is ghatna ke baad sab kuch rookha rookha lagta tha.yadi mere akele ke saath hota to shayad mai khud ko kamjor samajh kar chup rahta.bilkul aisi ishthti mujhse do din pahle astik se nastik banne wale ke huyee thi.maine use kamjor dil ka samjh kar doctoro jaisi salaah bhi de daali ki chetan aur ardhchetan man wala karana hai.sakratmak socho theek ho jaoge.aur mujhe nahi lagta tha mere jaise zindadil insaan ke kabhi ye samashya aa sakti hai.karan sirf itna tha lagataar aastik aur naastik ke beech 7 din bahas chalti rahi.sawaalo aur jawaabo me ulajh gaye aur hum apke lekhon ke sahaare jitte bhi chale gaye.kyunki sirf hum do logo ne apki baate dimaag ke saath saath dil se apnane ki sochi thi.lekin ab sab kuch theek hai.mai khud nahi samajh paa raha hun wo sab kyun aur kaise hua tha.sirf bahas karne ke karan???

    hum aaj bhi naastik hai.lekin kya ye samashya age bhi aa sakti hai.aur aage naa aye iske liye kya karein.
    ummed karta hun aap meri madad karenge.
    Dhanyawaad.

    waise doctor ki salaah ke liye dhanywaad.itna paagal nahi hua ki itna bhi na soch sakuun.

    ReplyDelete
  20. धन्यवाद इस बारे मे जानकारी देने के लिए परन्तु अगर आप इस बारे में जानते हैं तो शायद आप को पता होगा की IIIT ह्यदरबाद के निदेशक एक शोध कर रहे हैं जिसका विषय है "LIMITETIONS of अर्तिफिसिअल इंटेलिजेंस" , उसके अंतर्गत उनका कहना है की रोबोट कभी भी इतने बुद्धमान नहीं हो पायेंगे और इनकी कुछ सीमायें हैं तो ये कभी भी मनुष्यों के लिए खतरा नहीं बन सकते हैं |

    ReplyDelete
  21. maine apse ummed karke vistarpoorvak sab bata diya. yogender ji mujhe apke uttar ki pratiksha hai.yadi aap madad kar sakte hain to kripya batayein.
    Dhanywaad

    ReplyDelete
  22. योगेन्द्र आप का यह लेख और यह पोडकास्ट अच्छा लगा.
    बहुत शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete
  23. समय लेने के लिए इस बहस के लिए धन्यवाद , मैं इसके बारे में दृढ़ता से महसूस करते हैं और इस विषय पर अतिरिक्त सीखने के प्यार करता हूँ . संभावित यदि , जैसा कि आप अनुभव प्राप्त करने के लिए , आप अतिरिक्त जानकारी के साथ अपने वेबलॉग अद्यतन मन होता है ? यह मेरे लिए बेहद उपयोगी है .

    ReplyDelete

Name

- दर्शन लाल बावेजा,1,- बी एस पाबला,1,-Dr. Prashant Arya,2,-अंकित,4,-अंकुर गुप्ता,7,-अभिषेक ओझा,2,-अल्पना वर्मा,22,-आशीष श्रीवास्‍तव,2,-इन्द्रनील भट्टाचार्जी,3,-काव्या शुक्ला,2,-जाकिर अली ‘रजनीश’,56,-जी.के. अवधिया,6,-जीशान हैदर जैदी,45,-डा प्रवीण चोपड़ा,4,-डा0 अरविंद मिश्र,26,-डा0 श्‍याम गुप्‍ता,5,-डॉ. गुरू दयाल प्रदीप,8,-डॉ0 दिनेश मिश्र,5,-दर्शन बवेजा,1,-दर्शन लाल बवेजा,7,-दर्शन लाल बावेजा,2,-दिनेशराय द्विवेदी,1,-पवन मिश्रा,1,-पूनम मिश्रा,7,-बालसुब्रमण्यम,2,-योगेन्द्र पाल,6,-रंजना [रंजू भाटिया],22,-रेखा श्रीवास्‍तव,1,-लवली कुमारी,3,-विनय प्रजापति,2,-वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई),81,-शिरीष खरे,2,-शैलेश भारतवासी,1,-संदीप,2,-सलीम ख़ान,13,-हिमांशु पाण्डेय,3,.संस्‍था के उद्देश्‍य,1,।NASA,1,(गंगा दशहरा),1,100 billion planets,1,2011 एम डी,1,22 जुलाई,1,22/7,1,3/14,1,3D FANTASY GAME SPARX,1,3D News Paper,2,5 जून,1,Acid rain,1,Adhik maas,1,Adolescent,1,Aids Bumb,1,aids killing cream,1,Albert von Szent-Györgyi de Nagyrápolt,1,Alfred Nobel,1,aliens,1,All india raduio,1,altruism,1,AM,18,Aml Versha,1,andhvishwas,5,animal behaviour,1,animals,1,Antarctic Bottom Water,1,Antarctica,9,anti aids cream,1,Antibiotic resistance,1,arunachal pradesh,1,astrological challenge,1,astrology,1,Astrology and Blind Faith,1,astrology and science,1,astrology challenge,1,astronomy,4,Aubrey Holes,1,Award,4,AWI,1,Ayush Kumar Mittal,1,bad effects of mobile,1,beat Cancer,1,Beauty in Mathematics,1,Benefit of Mother Milk,1,benifit of yoga,1,Bhaddari,1,Bhoot Pret,3,big bang theory,1,Binge Drinking,1,Bio Cremation,1,bionic eye Veerubhai,1,Blind Faith,4,Blind Faith and Learned person,1,bloggers achievements,1,Blood donation,1,bloom box energy generator,1,Bobs Award,1,Breath of mud,1,briny water,1,Bullock Power,1,Business Continuity,1,C Programming Language,1,calendar,1,Camel reproduction centre,1,Carbon Sink,1,Cause of Acne,1,Change Lifestyle,1,childhood and TV,1,chromosome,1,Cognitive Scinece,1,comets,1,Computer,2,darshan baweja,1,Deep Ocean Currents,1,Depression Treatment,1,desert process,1,Dineshrai Dwivedi,1,DISQUS,1,DNA,3,DNA Fingerprinting,1,Dr Shivedra Shukla,1,Dr. Abdul Kalam,1,Dr. K. N. Pandey,1,Dr. shyam gupta,1,Dr.G.D.Pradeep,9,Drug resistance,1,earth,28,Earthquake,5,Einstein,1,energy,1,Equinox,1,eve donation,1,Experiments,1,Facebook Causes Eating Disorders,1,faith healing and science,1,fastest computer,1,fibonacci,1,Film colourization Technique,1,Food Poisoning,1,formers societe,1,gauraiya,1,Genetics Laboratory,1,Ghagh,1,gigsflops,1,God And Science,1,golden number,2,golden ratio,2,guest article,9,guinea pig,1,Have eggs to stay alert at work,1,Health,70,Health and Food,14,Health and Fruits,1,Heart Attack,1,Heel Stone,1,Hindi Children's Science Fiction,1,HIV Aids,1,Human Induced Seismicity,1,Hydrogen Power,1,hyzine,1,hyzinomania,1,identification technology,2,IIT,2,Illusion,2,immortality,2,indian astronomy,1,influenza A (H1N1) virus,1,Innovative Physics,1,ins arihant,1,Instant Hip Hain Relief,1,International Conference,1,International Year of Biodiversity,1,invention,5,inventions,30,ISC,2,Izhar Asar,1,Jafar Al Sadiq,1,Jansatta,1,japan tsunami nature culture,1,Kshaya maas,1,Laboratory,1,Ladies Health,5,Lauh Stambh,1,leap year,1,Lejend Films,1,linux,1,Man vs.Machine,1,Manish Mohan Gore,1,Manjeet Singh Boparai,1,MARS CLIMATE,1,Mary Query,2,math,1,Medical Science,2,Memory,1,Metallurgy,1,Meteor and Meteorite,1,Microbe Power,1,Miracle,1,Misconduct,3,Mission Stardust-NExT,1,MK,71,Molecular Biology,2,Motive of Science Bloggers Association,1,Mystery,1,Nature,1,Nature experts Animal and Birds,1,Negative Effects of Night Shift,1,Neuroscience Research,1,new technology,1,NKG,4,open source software,1,Osmosis,1,Otizm,1,Pahli Barsat,1,pain killer and pain,1,para manovigyan,1,PCST 2010,5,pencil,1,Physics for Entertainment,1,PK,2,Plagiarism,5,Prey(Novel) by Michael Crichton,1,Pshychology,1,psychological therapy in vedic literature,1,Puberty,1,Rainbow,1,reason of brininess,1,Refinement,1,Research,4,Robotics,1,Safe Blogging,1,Science Bloggers Association as a NGO,2,Science communication,1,science communication through blog writing,4,Science Fiction,16,Science Fiction Writing in Regional Languages,1,Science Joks,1,Science Journalism and Ethics,3,Science News,2,science of laughter,1,science project,1,Science Reporter,1,Science Theories,9,scientific inventions,2,Scientist,47,scientists,1,Search Engine Volunia,1,Secret of invisibility,1,Sex Ratio,1,Shinya Yamanaka,1,SI,1,siddhi,1,Solar Energy,1,space tourism,1,space travel,1,Spirituality,1,Stem Cell,1,Stephen Hawking,1,stonehenge mystery,1,Summer Solstice,1,Sunspots and climate,1,SuperConductivity,1,survival of fittest,1,sweet 31,1,Swine flue,1,taantra siddhee,1,tally presence system,1,Tantra-mantra,1,technical,1,technology,18,telomerase,1,Theory of organic evolution,1,Therapy in Rig veda,1,tokamak,1,Top 10 Blogger,1,Transit of Venus,1,TSALIIM Vigyan Gaurav Samman,1,tsunami warning,1,Tuberculosis Bacillus,1,tyndall effect,1,universe,14,Urdu Science Fiction Writer,1,vedic literature,1,VIDEO BOOK,1,Vigyan Pragati,1,Vigyan Prasar,1,Vision,1,Vividh Bharti,1,water,1,Web Technology,1,Wild life,3,Women Empowerment,1,Workshop,5,World Health Day,1,World no tobacco day,1,world trade center,1,Wormhole concept,1,Ya Perelman,1,yogendra,2,π,1,अंक,1,अंक गणित,1,अंतरिक्ष,1,अंतरिक्ष में सैर सपाटा,1,अंतरिक्ष यात्रा,1,अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन,1,अतिचालकता,1,अतीन्द्रिय दृष्टि,1,अतीन्द्रिय बोध,1,अथर्ववेद,1,अंध-विश्वास,2,अंधविश्‍वास,1,अंधविश्वास को चुनौती,3,अधिक मास,1,अध्यात्म,1,अनंत,1,अनसुलझे रहस्य,1,अन्तरिक्ष पर्यटन,3,अन्धविश्वास,3,अन्धविश्वास के खिलाफ,1,अभिषेक,8,अभिषेक मिश्र,4,अमरता,1,अम्ल वर्षा,1,अयुमु,1,अरुणाचल प्रदेश,1,अर्थ एक्सपेरीमेंट,3,अर्शिया अली,1,अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी,1,अलौकिक संगीत,1,अवसाद मुक्ति,1,अस्थि विज्ञान,1,आई आई टी,1,आई साईबोर्ग,1,आईएनएस अरिहंत,1,आकाश,1,आकाशगंगा,2,आटिज्‍म,1,आध्यात्म,1,आनंद कुमार,1,आनुवांशिक वाहक,1,आर्कियोलॉजी,1,आलम आरा,1,आविष्कार,1,आविष्कार प्रौद्योगिकी मोबाईल,1,इंटरनेट का सफर,1,इंडिव्हिजुअल व्हेलॉसिटी,1,इनविजिबल मैन,1,इन्जाज़-ऊंट प्रतिकृति,1,इन्द्रधनुष,1,इन्द्रनील भट्टाचार्जी,1,इन्द्रनील भट्टाचार्य,1,इशारों की भाषा,1,ईश्वर और विज्ञान,1,उजाला मासिक,1,उन्माद,1,उन्‍मुक्‍त,1,उप‍लब्धि,3,उबुन्टू,1,उल्‍कापात,1,उल्‍कापिंड,1,ऋग्वेद,1,एड्स जांच दिवस,1,एड्सरोधी क्रीम,1,एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया,1,एल्कोहल,1,एल्फ्रेड नोबल,1,औरतों में दिल की बीमारी का खतरा,1,कदाचार,1,कपडे,1,कम्‍प्‍यूटर एवं तकनीक,4,कम्प्यूटर विज्ञान,1,करेंट साइंस,1,कर्मवाद,1,किसानों की आत्महत्याएँ,1,कीमती समय,1,कृत्रिम जीवन,1,कृत्रिम रक्‍त,1,कृषि अवशेष,1,केविन वार्विक्क,1,कैसे मजबूत बनाएं हड्डियां,1,क्रायोनिक्स,1,क्रैग वेंटर,1,क्षय मास,1,क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञान कथा लेखन,2,खगोल,1,खगोल विज्ञान,2,खगोल विज्ञान.,1,खगोल वेधशाला,1,खतरनाक व्‍यवहार,1,खाद्य विषाक्‍तता,1,खारा जल,1,खूबसूरत आँखें,1,गणित,3,गति,1,गर्भकाल,1,गर्भस्‍थ शिशु का पोषण,1,गर्मी से बचने के तरीके,1,गुणसूत्र,1,गेलिलियो,1,गोल्डेन नंबर,2,गौरैया,1,ग्रह,1,ग्रीष्मकालीन अयनांत,1,ग्रुप व्हेलॉसिटी,1,ग्रेफ़ाइट,1,ग्लोबल वार्मिंग,2,घाघ-भड्डरी,1,चंद्रग्रहण,1,चमत्कार,1,चमत्कारिक पत्थर,1,चरघातांकी संख्याएं,1,चार्ल्‍स डार्विन,1,चिकत्सा विज्ञान,1,चैटिंग,1,छरहरी काया,1,छुद्रग्रह,1,जल ही जीवन है,1,जान जेम्स आडूबान,1,जानवरों की अभिव्यक्ति,1,जीवन और जंग,1,जीवन की उत्‍पत्ति,1,जैव विविधता वर्ष,1,जैव शवदाह,1,ज्योतिष,1,ज्योतिष और अंधविश्वास,2,झारखण्‍ड,1,टिंडल प्रभाव,1,टीलोमियर,1,टीवी और स्‍वास्‍थ्‍य,1,टीवी के दुष्‍प्रभाव,1,टेक्‍नालॉजी,1,टॉप 10 ब्लॉगर,1,डा0 अब्राहम टी कोवूर,1,डा0 ए0 पी0 जे0 अब्दुल कलाम,1,डाइनामाइट,1,डाटा सेंटर,1,डिस्कस,1,डी•एन•ए• की खोज,3,डीप किसिंग,1,डॉ मनोज पटैरिया,1,डॉ. के.एन. पांडेय,1,डॉ० मिश्र,1,ड्रग एडिक्‍ट,1,ड्रग्स,1,ड्रग्‍स की लत,1,तम्बाकू,1,तम्‍बाकू के दुष्‍प्रभाव,1,तम्बाकू निषेध,1,तर्कशास्त्र,1,ताँत्रिक क्रियाएँ,1,थर्मोइलेक्ट्रिक जेनरेटर,1,थ्री ईडियट्स के फार्मूले,1,दर्दनाशी,1,दर्शन,1,दर्शन लाल बवेजा,3,दिल की बीमारी,1,दिव्‍य शक्ति,1,दुरबीन,1,दूरानुभूति,1,दोहरे मानदण्ड,1,धरोहर,1,धर्म,2,धातु विज्ञान,1,धार्मिक पाखण्ड,1,धुम्रपान और याद्दाश्‍त,1,धुम्रपान के दुष्‍प्रभाव,1,धूल-मिट्टी,1,नई खोजें,1,नन्हे आविष्कार,1,नमक,1,नवाचारी भौतिकी,1,नशीली दवाएं,1,नाइट शिफ्ट के दुष्‍प्रभाव,1,नारायणमूर्ति,1,नारी-मुक्ति,1,नींद और बीमारियां,1,नींद न आने के कारण,1,नेत्रदान और ब्लॉगर्स,1,नेत्रदान का महत्‍व,1,नेत्रदान कैसे करें?,1,नैनो टेक्नालॉजी,1,नॉटिलस,1,नोबल पुरस्कार,1,नोबेल पुरस्कार,2,न्‍यूटन,1,परमाणु पनडुब्‍बी,1,परासरण विधि,1,पर्यावरण और हम,1,पर्यावरण चेतना,2,पशु पक्षी व्यवहार,1,पहली बारिश,1,पाई दिवस,1,पुच्‍छल तारा,1,पुरुष -स्त्री लिंग अनुपात,1,पूर्ण अँधियारा चंद्रग्रहण,1,पृथ्वी की परिधि,3,पृथ्‍वेतर जीवन,1,पेट्रोल चोरी,1,पेंसिल,1,पैडल वाली पनडुब्बी,1,पैराशूट,1,पॉवर कट से राहत,1,पौरूष शक्ति,1,प्रकाश,2,प्रज्ञाएँ,1,प्रतिपदार्थ,1,प्रतिरक्षा,1,प्रदूषण,1,प्रदूषण और आम आदमी,1,प्ररेणा प्रसंग,1,प्रलय,2,प्रलय का दावा बेटुल्गुयेज,1,प्रसव पीड़ा,1,प्रेम में ।धोखा,1,प्रोटीन माया,1,प्लास्टिक कचरा,1,फाई दिवस,1,फिबोनाकी श्रेणी,1,फिबोनाची,1,फेसबुक,1,फ्रीवेयर,1,फ्रेंकेंस्टाइन,1,फ्रेंच किसिंग,1,बनारस,1,बायो-क्रेमेशन,1,बायोमैट्रिक पहचान तकनीकियाँ,2,बाल विज्ञान कथा,1,बालसुब्रमण्यम,6,बिग-बेंग सिद्धांत,1,बिजली,1,बिजली उत्‍पादन,1,बिजली कैसे बनती है?,1,बिजलीघर,1,बिली का विकल्‍प,1,बी0एम0डब्ल्यू0,1,बीरबल साहनी,1,बुलेटप्रूफ,1,बैल चालित पम्प,1,ब्रह्मण्‍ड,1,ब्रह्मा,1,ब्रह्माण्‍ड,1,ब्रह्माण्‍ड के रहस्‍य,1,ब्रह्मान्ड,1,ब्रेन म्‍यूजिक,1,ब्लॉग लेखन,1,ब्लॉग लेखन के द्वारा विज्ञान संचार,2,ब्लॉगिंग का महत्व,1,भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद,1,भारतीय विज्ञान कथा लेखक समिति,1,भारतीय वैज्ञानिक,2,भारतीय शोध,1,भूकंप के झटके,1,भूकम्‍प,1,भूगर्भिक हलचलें,1,मंगल,1,मधुमेह और खानपान,1,मनजीत सिंह बोपाराय,1,मनीष मोहन गोरे,1,मनीष वैद्य,1,मनु स्मृति,1,मनोरंजक गणित,1,महिला दिवस,1,माचू-पिचू,1,मानव शरीर,1,माया,1,मारिजुआना,1,मासिक धर्म,1,मिल्‍की वे,1,मिशन स्टारडस्ट-नेक्स,1,मीठी गपशप,1,मीमांसा,1,मुख कैंसर,1,मृत सागर,1,मेघ राज मित्र,1,मेडिकल रिसर्च,1,मेरी शैली,1,मैथेमेटिक्स ओलम्पियाड,1,मैरी क्‍यूरी,2,मैरीन इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज लि,1,मोटापा,1,मोबाईल के नुकसान,1,मौसम,1,यजुर्वेद,1,युवा अनुसंधानकर्ता पुरष्कार,1,यूरी गागरिन,1,योगेन्द्र पाल,1,योगेश,1,योगेश रे,1,रक्षा उपकरण,1,राईबोसोम,1,रूप गठन,1,रेडियो टोमोग्राफिक इमेजिंग,1,रैबीज,1,रोचक रोमांचक अंटार्कटिका,4,रोबोटिक्स,1,लखनऊ,1,लादेन,1,लालन-पालन,1,लिनक्स,1,लिपरेशी,1,लीप इयर,1,लेड,1,लॉ ऑफ ग्रेविटी,1,लोक विज्ञान,1,लौह स्तम्भ,1,वजन घटाने का आसान तरीका,1,वाई गुणसूत्र,1,वायु प्रदुषण,1,वाशो,1,विज्ञान,1,विज्ञान कथा,3,विज्ञान कथा सम्मेलन,1,विज्ञान के खेल,2,विज्ञान चुटकले,1,विज्ञान तथा प्रौद्यौगिकी,1,विज्ञान प्रगति,1,विज्ञान ब्लॉग,1,विज्ञापन,1,विटामिनों के वहम,1,विद्युत,1,विवेकानंद,1,विवेचना-व्याख्या,1,विश्व नि-तम्बाकू दिवस,1,विश्व पर्यावरण दिवस,1,विश्व भूगर्भ जल दिवस,1,विष्णु,1,वीडियो,1,वीडियो बुक,1,वैज्ञानिक दृष्टिकोण,1,वैद्य अश्विनी कुमार,1,वोस्तोक,1,व्‍यायाम के लाभ,1,व्हेलॉसिटी,1,शिव,1,शुक्र पारगमन,1,शुगर के दुष्‍प्रभाव,1,शून्य,1,शोध परिणाम,1,शोधन,1,श्रृष्टि का अंत,1,सं. राष्ट्रसंघ,1,सकारात्‍मक सोच का जादू,1,संक्रमण,1,संख्या,1,संजय ग्रोवर,1,संज्ञात्मक पक्षी विज्ञान,1,सटीक व्‍यायाम,1,संत बलबीर सिंह सीचेवाल,1,सत्यजित रे,1,समय की बरबादी को रोचकने के उपाय,1,समाज और हम,1,समुद्र,1,संयोग,1,सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस,1,सर्प संसार,1,साइकोलोजिस्ट,1,साइनस उपचार,1,साइंस ब्लागर्स मीट,1,साइंस ब्लागर्स मीट.,2,साइंस ब्लॉग कार्यशाला,2,साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन अवार्ड,1,साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन रजिस्ट्रेशन,1,साइंस ब्लॉगर्स ऑफ दि ईयर अवार्ड,1,साइंस ब्लोगिंग,1,साईकिल,1,सामवेद,1,सामाजिक अभिशाप,1,सामाजिक चेतना,1,साहित्यिक चोरी,2,सिगरेट छोड़ें,1,सी. एस. आई. आर.,1,सी.वी.रमण विज्ञान क्लब,1,सीजेरियन ऑपरेशन,1,सुपर अर्थ,1,सुपर कम्प्यूटर,1,सुरक्षित ब्लॉगिंग,1,सूर्यग्रहण,2,सृष्टि व जीवन,3,सेक्स रेशियो,1,सेहत की देखभाल,1,सोशल नेटवर्किंग,1,स्टीफेन हाकिंग,1,स्पेन,1,स्मृति,1,स्वर्ण अनुपात,1,स्वाईन-फ्लू,1,स्वास्थ्य,2,स्‍वास्‍थ्‍य और खानपान,1,स्वास्थ्य चेतना,3,हमारे वैज्ञानिक,4,हरित क्रांति,1,हंसी के फायदे,1,हाथरस कार्यशाला,1,हिंद महासागर,1,हृदय रोग,1,होलिका दहन,1,ह्यूमन रोबोट,1,
ltr
item
Science Bloggers' Association: शिकार : एक कहानी, विज्ञान और संभावनाएं!
शिकार : एक कहानी, विज्ञान और संभावनाएं!
http://upload.wikimedia.org/wikipedia/en/9/9d/Prey1.jpg
Science Bloggers' Association
https://blog.scientificworld.in/2011/02/blog-post_21.html
https://blog.scientificworld.in/
https://blog.scientificworld.in/
https://blog.scientificworld.in/2011/02/blog-post_21.html
true
1415300117766154701
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy