पिछले भाग में आपने पढ़ा कि भूकंप क्या होता है और यह क्यों आता है । इस कड़ी में आप पढिए ऐतिहासिक समय में होने वाले सबसे बड़े और मुख...
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि भूकंप क्या होता है और यह क्यों आता है। इस कड़ी में आप पढिए ऐतिहासिक समय में होने वाले सबसे बड़े और मुख्य भूकंपों के बारे में।
प्रागैतिहासिक समय से ही हमारी धरती में भूकंप होते रहे हैं। हर साल हज़ारों भूकंप होते हैं, जिनमें से ज्यादातर हम महसूस नहीं कर पाते हैं. क्यूंकि या तो वो रिख्टर स्केल में बहुत नीचे होते हैं या फिर ऐसी जगह होते हैं जहाँ जान माल का कोई नुक्सान नहीं होता है। हमें भूकंपों के बारे में तब पता चलता है जब वो जनबहूल स्थानों में होता है और जान-माल का भारी नुक्सान पैदा करता है ।
मानव इतिहास में कई ऐसे भूकंपों के बारे में जानकारी है जो केवल बहुत शक्तिशाली ही नहीं थे बल्कि भयानक रूप से विनाशकारी भी थे। आज मैं ऐसे ही कुछ भूकंपों के बारे में आप सबको बताऊँगा।
1 नवम्बर 1755 (लिस्बोन, पोर्तुगल)– यह पहला भूकंप है जिसका वैज्ञानिक अध्ययन किया गया था। इस भूकंप में 70,000 लोग मारे गए थे। इस भूकंप की वजह से जो सुनामी आई थी और आग लगी थी उससे लिस्बोन शहर लगभग पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। रिख्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 9 आंकी गई है ।
1811-1812 (न्यू माद्रिद, USA)– भूकंपों का एक ऐसा क्रम जो 16 दिसंबर 1811 से शुरू हुआ था। उस दिन दो बड़े झटके आये थे रिख्टर पैमाने पर जिनकी तीव्रता 7.1 से 8.2 आंकी गई है। इस भूकंप क्रप का कारण न्यू माद्रिद उत्तर दोष बताया जाता है। शहर के बहुत सारे मकान ध्वस्त हो गए थे पर ज्यादा लोगों के मरने का खबर नहीं है। इस झटकों को लगभग दो तिहाई अमेरिका में महसूस किया गया था।
31 अगस्त, 1886 (चार्ल्सटन, दक्षिण करोलिना)– यह भूकंप एक शक्तिशाली अन्तःप्लेट भूकंप था। केवल एक मिनट में ही यह भूकंप 2000 मकानों को ध्वस्त कर दिया था (शहर की एक चौथाई भाग) और करीब 100 लोग मारे गए थे। रिख्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.6 से 7.3 आंकी गई है।
31 जनवरी 1906 (इकुआदोर-कोलोम्बिया)– रिख्टर पैमाने पर 8.8 आंकी गई इस भूकंप को दुनिया का पांचवा सबसे शक्तिशाली भूकंप मन जाता है। तटीय क्षेत्र के शहर एस्मेराल्दास के पास आया इस भूकंप से जो सुनामी आई थी उससे तटीय क्षेत्र में रहने वाले 500 से 1500 लोगों की मौत हो गई थी। यह भूकंप नाज्का प्लेट और दक्षिण अमरीकिय प्लेट के बीच अभिकेंद्रित सीमा पर आया था। इस सीमा पर नाज्का प्लेट दक्षिण अमरीकिय प्लेट के नीचे जा रहा है।
18 अप्रैल 1906 (सैन फ्रांसिस्को, कलिफोर्निया)– रिख्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.7 से 8.2 आंकी गई है। इसके झटके ओरेगोन से लेकर लोस एंजेल्स तक महसूस किये गए थे। यह भूकंप और इसकी वजह से लगी आग, अमरीका के इतिहास का सबसे भयानक प्राकृतिक आपदा के रूप में याद किया जाता है । करीब 300 लोग अपने जान से हाथ धो बैठे थे।
1 सितम्बर 1923 (टोक्यो, जापान)– दोपहर से पहले आई इस भयंकर भूकंप को रिख्टर पैमाने पर 8.3 आंकी गई है। जापान में आई भूकंपों में सबसे भयानक भूकंप था। इस भूकंप से टोक्यो और योकोहामा शहरों में भयंकर तबाही मची थी । भूकंप से चरों ओर आग लग गई थी। पानी के नल फट जाने के कारण आग बुझाने में बहुत दिक्कतें आई थी । करीब 100,000 लोग मारे गए थे। 40,000 लोगों का आजतक कोई अता-पता नहीं मिला है। आग इतना भयंकर रूप धारण कर चुकी थी कि होंजो और फुकुगावा नामक जगहों पर एक साथ करीब 30,000 लोग जल मरे थे। इस भूकंप को Great Kanto Earthquake के नाम से जाना जाता है ।
4 नवंबर 1952 (कमचटका, रशिया)- इस भूकंप को दुनिया का चौथा शक्तिशाली भूकंप मन जाता है। रिख्टर पैमाने पर 9.0 नापी गई इस भूकंप से आई सुनामी से कमचटका, कुरील द्वीपसमूह में काफी जान-माल का नुक्सान हुआ था। इस भूकंप का केन्द्र ज़मीन से 30 किमी नीचे था।
22 मई 1960 (वल्दिविया, चिली)- रिख्टर पैमाने पर 9.5 आंकी गई इस भूकंप से 20,000 लोग मारे गए थे। इसे आजतक के सबसे शक्तिशाली भूकंप मन जाता है। इसके चलते जो सुनामी आई थी उससे चिली, हवाई, जापान, फिलीपींस, न्यू जीलैंड तथा ऑस्ट्रेलिया तक प्रभावित हुए थे। 10.7 मीटर ऊँची लहरों कि वजह से चिली के तटीय इलाके में पबहुत तबाही मची थी। करीब 5000 से 6000 लोग मारे गए थे।
27 मार्च 1964 (प्रिंस विलिआम, अलास्का)– रिख्टर पैमाने पर 9.2 नापी गई इस भूकंप को दुनिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली भूकंप माना जाता है। चार मिनिट तक चला इस भूकंप में ज़मीन फट गई थी, मकानें ध्वस्त हो गई थी, पानी के पाइप फट गए थे, बिजली के खम्बे उखड गए थे और करीब 150 से 200 लोगों की मौत हुई थी। इससे जो सुनामी ई थी उससे एक गांव के 23 लोग मारे गए थे (उस गांव के केवल 68 लोग ही रहते थे)। तटीय भूस्खलन से एक जहाज के 30 लोग एक साथ मारे गए थे।
28 जुलाई 1976 (तांगशान, चीन)– बीसवी सदी में आनेवाले भूकंपों में सबसे ज्यादा लोग इसी भूकंप में मारे गए थे। इसका अधिकेंद्र चीन के हेबेई प्रान्त के तांगशान शहर के पास था। इस औद्योगिक शहर में उस समय करीब 10 लाख लोग रह रहे थे, जिसमें से करीब ढाई लाख लोगों के मारे जाने कि पुष्टि हुई थी और करीब डेढ़ लाख लोग ज़ख़्मी हो गए थे। इस भूकंप को रिख्टर पैमाने पर 7.8 से 8.2 आँका गया है।
26 दिसम्बर 2004 (सुमात्रा-इंडोनेसिया)– इस भूकंप को दुनिया का दूसरा सबसे शक्तिशाली भूकंप नमन जाता है। रिख्टर पैमाने पर इस भूकंप को 9.3 आँका गया है। इसका अधिकेंद्र सुमात्र-इंडोनेसिया के पास समुद्र तल में था। इस भूकंप और इससे आये भयंकर सुनामी से 3,00,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस सुनामी में भारत के पूर्व तटीय इलाके में भी भारी जान-माल का नुकसान हुआ था।
नीचे दिया गया नक़्शे में आप उपरोक्त भूकंपों के अलावा भी और बहुत सारे भूकंपों के बारे में जान पाएंगे ।
19 मार्च 2011 (जापान)- रिख्टर पैमाने पर इस भूकंप को 9 आँका गया है। जापान की राजधानी टोक्यो के उत्तरपूर्व में समुद्र तल के 24 किमी नीचे उत्पन्न इस भूकंप से उठी सुनामी लहरों से जापान के पूर्व तट में स्थित होन्शु और सेंदाई शहर तथा तटवर्ती कई जनबस्ती में भारी नुक्सान हुआ है। कई जगह आग लग जाने से जान-माल का नुक्सान हुआ है। भूकंप से 14650 से ज्यादा लोगों के मारे जाने का अंदेशा लगाया जा रहा है। फुकुशिमा स्थित नाभिकीय उर्जा संयंत्र में भूकंप और सुनामी की वजह से नुकसान हुआ है। उस संयंत्र के 20 किमी दायरे में रह रहे लगभग 200000 लोगों को दूसरी जगह ले जाया गया है तथा 30 किमी दायरे में सभी लोगों को घर के अंदर रहने की हिदायत दी गई है ताकि वो परमाणु विकिरण से बचे रहे।
दरअसल जापान ऐसी जगह स्थित है जहाँ तीन प्लेट मिलकर एक अभिकेंद्रित सीमा बना रहे हैं। यहाँ पसिफिक प्लेट, फिलीपिंस प्लेट और उत्तर अमरीकी प्लेट के नीचे जा रहा है। प्लेट सीमाओं के बारे में जानने के लिए आप पिछली पोस्ट में देख सकते हैं।
अगले भाग में पढि़ए भूकंप के समय बरतने वाली सावधानियों के बारे में कि किस तरह भूकंप के समय अपनी जान बचानी है। साथ ही जानेंगे भूकंपरोधी मकान बनाने की तकनीक के बारे में।
बहुत विस्तार से जानकारी दी आपने, उसके लिए धन्यवाद
Delete2004 की सूनामी तो हमारी यादों में है .बाकी के बारे में जान कर प्रकृति के बल की एक झलक मिली धन्यवाद .
DeleteVigat mein aaye bhukampon ke bare mein mahatvapurn jaankari di hai aapne.
DeleteSail ji, aapne bahut shram se ye jaankari jutayi hai. Aapki mehnat ko salam karta hoon.
Deletenature never discriminate
Deletetrue100%
बहुत -जापान के भूकंप ने इसे और प्रासंगिक बना दिया !
Deleteजानकारीपूर्ण
उपयोगी व जानकारी पूर्ण लेख के लिये आभार!
Deleteबहुत अच्छी और सरल शब्दों में रोचक जानकारी प्रस्तुत की गई है....
Deleteबहुत अच्छी और सरल शब्दों में रोचक जानकारी प्रस्तुत की गई है...
Deleteबहुत अच्छी और सरल शब्दों में रोचक जानकारी प्रस्तुत की गई है...
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