रूस का वह भयावह उल्कापात!

जाने माने विज्ञान संचारक वीरेंद्र कुमार शर्मा जी की सधी लेखनी दे रही है ब्‍यौरा रूस में हुए भयानक उल्कापात का।  वे बता रहे हैं कि कैसे ये...

जाने माने विज्ञान संचारक वीरेंद्र कुमार शर्मा जी की सधी लेखनी दे रही है ब्‍यौरा रूस में हुए भयानक उल्कापात का। वे बता रहे हैं कि कैसे ये उल्काएँ पथभ्रष्ट पुच्छल ताराओं के अवशेष भी हो सकते हैं! 

धूमकेतु (Comet) सूरज के नियतकालिक मेहमान होते हैं जो एक ख़ास अवधि के बाद सुदूर अन्तरिक्ष से (अक्सर मंगल और बृहस्पति के बीच से) मिलने आते हैं. सूरज के साथ हर भेंट में इनका 10% द्रव्यमान उड़ जाता है. बतलादें आपको उल्काएं धूमकेतु के ही टुकड़े होते हैं जो अन्तरिक्ष में तैरते रहते हैं.

जब यह पृथ्वी के वायुमंडल में गुरुत्वबल के दखल से दाखिल होते हैं तब रात्रिकालीन आकाश में प्रकाश की एक चमकीली रेखा बन जाती है. अक्सर ये वायुमंडल के घर्षण बल से पूरी तरह जल जाते हैं. कभी कभार इनके अधजले, बिना जले अंश जब पृथ्वी पर आ धमकते हैं तब ये उल्का पिंड के रूप में पृथ्वी पर पहुँचते हैं. इसे ही कहते हैं उल्कापात. अक्सर इनका वेग पृथ्वी पर गिरते वक्त 30,000 किलोमीटर प्रतिघंटा तक होता है.

केन्द्रिय रूस के ऊपरी आकाश में शुक्रवार 15 फरवरी, 2013 को यही हुआ था. इस उल्कापात में तकरीबन हजार लोग ज़ख़्मी हो गए. प्रत्यक्षदर्शियों को लगा कोई हवाई जहाज आग पकड़ने के बाद तेज़ी से पृथ्वी की ओर गिर रहा है. नि:शब्द लेकिन तभी एक जोरदार धमाके ने सब को दहला दिया.

Chelyabinsk के उराल्स नगर का प्रात: कालीन ट्रेफिक देखते ही देखते रुक गया. माहिरों के अनुसार इस उल्कापात का ऐसटेरोइड (क्षुद्र ग्रह) 2012 DA14 से कोई लेना देना नहीं है जो पृथ्वी की कक्षा से शुक्रवार देर रात गए 27,000 किलोमीटर दूरी से गुजरा है. माहिरों के अनुसार तकरीबन 10 मीट्रिटन तौल वाले ऐसे उल्काओं का पृथ्वी पर गिरना एक आम घटना नहीं है बिरले ही ऐसा होता है.

एक अनुमान के अनुसार उल्कापात की चपेट में आकर 300 इमारतें ध्वस्त हो चुकीं हैं. Chelyabinsk के गवर्नर के सौजन्य से बतलाया गया है, चेब्राकुल नगर की सीमा के बाहर एक झील में यह उल्का पहुंची है. बर्फ से ज़मी इस झील में इससे 6 मीटर दायरे वाला गढ़ढा हो गया है. हर साल छोटे छोटे 5-10 उल्कापात पृथ्वी पर दर्ज़ होते हैं. कल जैसा अपेक्षाकृत बड़ा उल्कापात औसतन पांच सालों में एक ही बार होता है.

आखिरी बार ऐसा ही उल्कापात 2008 में हुआ था. पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल होने के बीस घंटा पूर्व ही इसे प्रेक्षण में ले लिया गया था. अब तक का सबसे बड़ा उल्कापात (उल्का विस्फोट) 1908 में रूस के साइबेरिया (Siberia) क्षेत्र के तुंगुस्का (Tunguska) में दर्ज़ हुआ था. इस विस्फोट में 8 करोड़ वृक्ष जड़ से उखड़ गए थे. पृथ्वी की कोख में एक विशाल गढ़ढा बन गया था जिसका इस्तेमाल अब रेडिओ दूरबीन (Reflecting type radio telescope) के रूप में किया जाता है.

उल्काएं अपने भीतर बेशकीमती धातुएं (शोध पिटारा) छिपाए रहतीं हैं इनकी रासायनिक बुनावट संरचना के अनुरूप इनके प्रत्येक ग्राम द्रव्यमान की कीमत $670 तक आंकी जाती है. माहिर अब ऐसे मौकों को मुल्तवी रखने की ताक में हैं जब कोई विशालकाय उल्का पिंड किसी नगर पर आ गिरे। मिसाइल दाग के इसे पृथ्वी की कक्षा से परे धकेला जा सकेगा समय रहते?
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COMMENTS

BLOGGER: 23
  1. वीरुभाई सल्यूट यू !

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  2. 3 mins Virendra Sharma ‏@Veerubhai1947
    ram ram bhai मुखपृष्ठ रविवार, 17 फरवरी 2013 Meteor sonic -booms Russia http://veerubhai1947.blogspot.in/
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  3. भाई साहब आपका बहुत बहुत शुक्रिया .आपने सुबह को शुभ कर दिया अपनी वाणी और कर्म दोनों से .इस श्रृंखला का दूसरा लेख 'राम राम भाई 'पे मौजूद है .


    6 minsVirendra Sharma ‏@Veerubhai1947
    ram ram bhai मुखपृष्ठ रविवार, 17 फरवरी 2013 Meteor sonic -booms Russia http://veerubhai1947.blogspot.in/
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  4. Asteroid ,meteorites ,bolide


    Small pieces of space debris -usually parts of comets or asteroids -that are on a collision course with the earth are called meteorides.They become meteors when they enter the Earth's atmosphere .Extremely bright meteors -whether they strike the earth's surface (meteorites )or not -that can be seen like a fire ball streaking through the sky are known as bolides .Most meteors burn up in the atmosphere ,but if they survive the frictional heating and strike the surface of the Earth they are called meteorites .

    So the Friday morning (Fe15,2013)event was not an asteroide or a meteorite ,but a meteor or ,to be precise a bolide.

    A large meteor that explodes in the atmosphere is called a bolide.It is a synonym for a fire ball .

    There is no consensus on its definition, but we use it to mean an extraterrestrial body in the 1-10-km size range, which impacts the earth at velocities of literally faster than a speeding bullet (20-70 km/sec = Mach 75), explodes upon impact, and creates a large crater. "Bolide" is a generic term, used to imply that we do not know the precise nature of the impacting body . . . whether it is a rocky or metallic asteroid, or an icy comet, for example.

    What is mach number ?

    This refers to the speed of an aircraft moving equal to or faster than the local speed of sound in air at that temperature .

    Mach number is the ratio of aircraft speed to that of sound there at that temperature .An aircraft moving as fast as mach 1 is moving with the speed of sound .An aircraft moving with mach number greater than 5 is hypersonic.

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  5. बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी दी आपने भाईसाहब | आभार

    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  6. A very precise account of the meteorite fall and the relevant background. I wish the Indian Hindi newspapers pick it up and publish for wider circulation. Dr. Arvind may do something about it.

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  7. अति उत्तम और ज्ञानवर्धक लेख है.......!

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  8. ज्ञानवर्द्धक लेख के लिए आपका बहुत - बहुत धन्यवाद।

    कृपया इस जानकारी को भी पढ़े :- इंटरनेट सर्फ़िंग के कुछ टिप्स।

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  9. वीरेन्‍द्र जी, आपकी सक्रियता काबिले तारीफ है। इस सामयिक लेख के लिए हार्दिक आभार।
    .............
    हिन्‍दी की 50 से अधिक ऑनलाइन पत्रिकाएं

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  10. इस सामयिक लेख के लिए हार्दिक आभार।

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  11. बहुत महत्वपूर्ण जानकारी..आभार!

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  12. you are invited to follow my blog

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  13. "बतलादें आपको उल्काएं धूमकेतु के ही टुकड़े होते हैं जो अन्तरिक्ष में तैरते रहते हैं." ...लेखक का वक्तव्य अधूरा है पूर्णतः सत्य नहीं है .. उल्का की उत्पत्ति के ये मत हैं...


    १.. इन्हें पृथ्वी, चंद्रमा, सूर्य और धूमकेतु आदि का अंश माना गया है।
    २.एक अति मान्य मत के अनुसार इनकी उत्पत्ति एक ऐसे ग्रह से हुई जो अब पूर्णतया विनष्ट हो गया है। इस विचार में यह कल्पना की जाती है कि आदि में प्राय: मंगल के आकार का एक ग्रह रहा होगा जो किसी दूसरे बड़े ग्रह के अत्यंत समीप आ जाने पर, अथवा किसी दूसरे ग्रह से टकराकर, विनष्ट हो गया, जिससे अरबों की संख्या में छोटे बड़े खंड बने जो उल्का रूप में खमंडल में विचर रहे हैं।
    ३.एक अन्य मत में यह प्रस्तावित किया गया है कि उल्कापिंडों की उत्पत्ति ग्रहों के साथ साथ ही हुई, सौरमंडल एवं समस्त खमंडलीय पदार्थो की उत्पत्ति उल्कापिंडों से ही हुई।

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  14. उल्काश्म बीनने के लिए रेल -पेल मची है रूस में

    और ऐसा हो भी क्यों न भारी मांग के बीच हज़ारों डॉलर मिल सकते हैं एक टुकड़े के एवज में .मास्को से कोई १५

    ० ० किलोमीटर पूरब की ओर बसी है उद्योगिक नगरी चेल्याबिन्स्क जहां इन टुकड़ों को चुन लेने की हबड़ दबड़

    मची हुई है .स्नो और आइस का चप्पा चप्पा छान रहे हैं लोगों के समूह .

    एक शौकिया space enthusiast के अनुसार इन टुकड़ों के प्रत्येक ग्राम भार की कीमत $2 2 00 तक हो सकती है

    .यह कीमत स्वर्ण की मौजूदा कीमत से ४ 0 गुना ज्यादा बतलाई जा रही है .

    Urals Federal University के साइंसदानों की माने तो अब तक उन्हें ५ ३ उल्काश्म(उल्का पिंडो के टुकड़े ) हाथ

    लग चुकें हैं .चट्टानी काला रंग लिए हैं ये तमाम टुकड़े .परीक्षणों से इनके स्माल उल्कापिंड होने की पुष्टि कर ली

    गई है .

    गौर तलब है गत शुक्रवार (१ ५ फरवरी ,२ ० १ ३ ,स्थानीय समय ० ९ :२ ० )रूस की उराल्स पर्बत्मालों के ऊपर

    एक उल्का(Bolide ,synonym fire ball ,meteor) वास्तव में सूरज सी दहकती चमकीली फायर बाल लोगों ने देखी

    .गिरते वक्त दहकती चमकीली गेंद ध्वनी के सामान्य

    तापमान पर वेग से ७ ५ गुना वेग लिए थी .इसी से एक ताकतवर शोक वेव जब धरातल पर पहुंची दूर दूर तक

    इमारतों के शीशे दरक गए .इन्हीं उड़ते टुकड़ों से बे -तहाशा लोग जख्मी हुए .एक ताज़ा अनुमान के अनुसार

    तकरीबन 1 २ ० ० लोग जख्मी हो गए तथा $३ ३ मिलियन की संपत्ति नष्ट हो गई .शोक वेव का दवाब एक दम

    से कम होने पर जो भयंकर विस्फोट हुआ ,लोगों ने समझा कोई एटमी बम फटा है और अब दुनिया नष्ट होने को

    है .

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  15. क्या था वह कौतुक और जिज्ञासा का केंद्र -कोई पक्षी ,हवाईजहाज या

    फिर उल्का जो अगले ही पल एक जोरदार

    विस्फोट में तबदील हो गया .रूस के Chelyabinsk में बेशक इससे

    खासा

    नुक्सान हुआ कितने ही लोग दहशत के साए में

    चले गए .और अब लोग उस खजाने को तलाश रहे हैं जिसके एक ग्राम

    का मतलब सैंकड़ों अमरीकी डॉलर भी हो

    सकते हैं .

    विस्फोट भी ऐसा जैसे कोई एटमी बम फटा हो .वाकया 15 फरवरी 2013

    का है स्थान था रूस की Ural (उराल परबत श्रृंखला )Mountains.कितनी

    ही इमारतों के शीशे उड़ गए इनकी किरच से 900से भी ज्यादा लोग

    जख्मी भी हो गए .प्रकृति की इस भय उत्पादक विस्मय कारी लीला ने

    कितनों को ही सदमे में ला दिया .उम्र दराज़ औरतों ने इसे दुनिया का

    अंत ही

    समझा समझाया .

    विस्फोट की वजह बनती है एक सोनिक बूम क्योंकि उल्काएं जिस वेग

    से पृथ्वी की ओर लपकतीं हैं वह ध्वनि के वायु में सामान्य तापमान

    पर वेग का अतिक्रमण करता है .नुक्सान की वजह यही सोनिक बूम

    बनती है .अलबत्ता ऐसी विनाशलीला बिरले ही देखने में आती है जैसी

    रूस के इस क्षेत्र में 15 फरवरी की प्रात :देखने में आई .

    समुद्र तल पर 68 डिग्री फारेन्हाईट पर ध्वनी का वायु में वेग होता है

    मात्र 761 मील प्रति घंटा .जबकि उल्का इस वेग का अतिक्रमण कर रही

    थी ऐसे में तरंगें संपीडित होकर,कम्प्रेस होकर एक एकल शोक में

    तबदील हो जातीं हैं .तेज़ी से द्विगुणित होती हैं .अपनी ताकत बढ़ातीं हैं

    .ताकत में बढ़ोतरी दाब बढ़ने से ही होती है .नतीजा होता है एक

    . शोक वेव जो ध्वनी के वेग से आगे बढती है .

    As the meteor moved ,the rock generated pressure waves in the air ,similar to how a boat creates from its bow and stern as it moves through in water .Eventually the meteor vaporized as it tore through the skies but not before building up a powerful shock wave .When the pressure changed ,kaboom!A sonic boom was heard on the ground ,one that in this case was powerful enough to break the windows.

    Because the meteor is supersonic ,the waves which travel at the speed of sound ,can't get out of the way fast enough .The waves build up ,compress and eventually become a single shock wave moving with the speed of sound .

    Sonic boom is a noise heard as a loud boom at ground level from the shock waves created by an aircraft /falling meteor flying above the speed of sound .

    सोनिक बूम का मतलब है ध्वनिक गर्जन जो शोक वेव के प्रेशर रिलीज़

    होने से पैदा होता है .

    समझा जाता है इस उल्का पिंड का वजन दस मीट्रिटन रहा होगा और वेग किसी हाइपरसोनिक विमान की तरह 54,000 किलोमीटर प्रति घंटा रहा होगा .यह ज़मीन से कोई 30-50 किलोमीटर ऊपर ही एक भयंकर विस्फोट में टुकड़ा टुकड़ा होकर फट बिखर गया .कई किलोटन के समतुल्य ऊर्जा इससे रूस के Chelyabinsk क्षेत्र में निसृत हुई .ऐसा रूसी विज्ञान अकादमी के माहिर कहतें हैं .

    Amateur video broadcast on Russian television showed an object speeding across the sky about 9:20 am. local time ,just after sunrise ,leaving a thick white contrail (vapor trail,contraction of condensation trail)and an intense flash.

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  16. चेल्यबिंस्क मास्को से कोई 1500 किलोमीटर पूरब में एक दस लाख आबादी वाला नगर है .प्रत्यक्ष दर्शियों ने प्रकाश का एक गर्ज़न विस्फोट देखा .कह सकते हो प्रकाश का गर्जन देखा .इस विस्फोट से कोई एक लाख वर्ग मीटर शीशे टूट गए इमारतों के .कांच के नुकीले टुकड़ों से कोई नौ सौ लोग घायल होकर इलाज़ के लिए आगे आये .शहर के एक खेल मैदान में खिलाड़ी भी जख्मी हुए इन टुकड़ों से .

    अभी इस बात की कोई इत्तला नहीं है कि क्या कोई अन्तरिक्ष से बरसने वाले उल्का के टुकड़ों से भी जख्मी हुआ .एक जिंक फेक्ट्री की दीवार गिर गई .शहर की 3000 इमारतों को शोक वेव से नुक्सान पहुंचने की खबर है .

    प्रांत के गवर्नर के कार्यालय के अनुसार चेर्बकुल शहर की सीमा के बाहर भी उल्काओं के कुछ टुकड़े गिरे बतलाये गएँ हैं .

    Fortunately, asteroid 2012 DA14, which is passing by Earth later today, won’t come any closer than about 17,200 miles. If that rock, which is about as wide as the length of an Olympic-sized swimming pool, hit it would have about the force of a similarly sized asteroid that exploded over Siberia in 1908. That blast leveled trees over 830 square miles.

    (ज़ारी )

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  17. सभी सुधीजनों का अपनी और डॉ अरविन्द मिश्र जी ,डॉ जाकिर भाई की और से आभार व्यक्त करता हूँ .महत्वपूर्ण हैं आपकी टिप्पणियाँ साइंस ब्लॉग के लिए .हमारे लेखन की आंच भी बनती है

    अक्सर ऐसी आप की पहल .

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  18. waise bhayawah tha yah ulkapat

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  19. 2 mins Virendra Sharma ‏@Veerubhai1947
    ऐसे होगा आसमानी आफतों से बचाव http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2013/02/blog-post_8203.html …
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    6 mins Virendra Sharma ‏@Veerubhai1947
    ram ram bhai मुखपृष्ठ बुधवार, 20 फरवरी 2013 ऐसे होगा आसमानी आफतों से बचाव http://veerubhai1947.blogspot.in/
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  20. 30 secs Virendra Sharma ‏@Veerubhai1947
    जब किसी को कोई बात ,विषय स्पष्ट न हो http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2013/02/blog-post_4763.html …
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    3 mins Virendra Sharma ‏@Veerubhai1947
    ram ram bhai मुखपृष्ठ बुधवार, 20 फरवरी 2013 चुम्बन मना है फरवरी में http://veerubhai1947.blogspot.in/
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  21. तीस हिरोशिमा बमों की ताकत लिए थी उल्का

    RUSSIAN METEOR STRIKE HAD A FORCE OF A NUCLEAR BOMB

    अमरीकी अन्तरिक्ष संस्था नासा की विज्ञानियों ने रूसी उल्कापात की तुलना हिरोशिमा पे गिराए बम से की है

    .अनुमान के अनुसार इस विस्फोट से ५ ० ० किलोटन विस्फोटक ट्रायोनाइट्रोटॉलवीं में एक साथ लिए गए विस्फोट

    के समतुल्य ऊर्जा निसृत हुई .यह हिरोशिमा पे गिराए गये एटमी बम से तीस गुना ज्यादा है .

    यह उत्तप्त दहकती गेंद हमारे वायुमंडल में ७ ० ,४ ० ० किलोमीटर प्रति घंटा (४ ४ ,० ० ० मील प्रति घंटा )की

    रफ़्तार से दाखिल हुई .

    3 २ .५ सेकिंड बाद ही यह ज़मीन से २ ४ किलोमीटर (१ ५ मील ऊपर )फट के बिखर गई .

    इससे जो शाक वेव पैदा हुई उससे खिडकियों दरवाजों के शीशे टूट के उड़ गए कारों के हार्न चेल्याबिन्स्क शहर में

    ढाई मिनिट तक लगातार बजते रहे .रूस को सदमे में डालने वाली चकित करने वाली यह अब तक सबसे ज्यादा

    विकट आसमानी आफत थी .

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  22. गृह मंत्रीजी कहिन

    भारत के गृहमंत्रालय को आइन्दा सूचनाप्रदाता मंत्रालय कहा जाना चाहिए .सूचना देना एक बड़ी बात होती है .लोगों को आगाह करना -भाइयों खबरदार रहना फलां राज्य में आतंकी विस्फोट कर सकते हैं .कोई मामूली बात नहीं है .गृह युद्ध की आशंका हो तब भी सूचना प्रदाता मंत्रालय यही कहेगा भाइयों सावधान रहना गृह युद्ध छिड़ सकता है .लोग अपनी अपनी हिफाज़त करें .और वह चुप्पा सिंह हमेशा की तरह यही कहते पाकड़े जायेंगे -आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा .

    भाईसाहब हमारा मानना यह है कि वोट के आगे लार टपकाने वाली राजनीति आतंकवाद का मुकाबला कर ही नहीं सकती .बेहतर हो लोग खुद अपनी हिफाज़त करें .

    वोट के आगे लारटप काऊ राजनीति को एक बड़ा लक्ष्य हासिल करना है .बहुसंख्यकों की आबादी को अल्पसंख्यकों के बराबर लाना है .तभी तो भारत के संशाधनों पर मुसलामनों का पहला हक़ होगा .फिलवक्त यह अनुपात लड़का -लड़की अनुपात की तरह विषम बना हुआ है .यह ना -इंसाफी है .भारत की कोई सवा करोड़ आबादी में से कुछेक लाख ठिकाने लगते रहें तब भी इसे हासिल करने में वक्त लग जाएगा .बेहतर हो विस्फोट स्थल पर लोग बड़ी संख्या में पहुंचें ,सामूहिक विवाह की तरह सामूहिक हाराकरी का सुनहरा अवसर मुहैया करवाती है सरकार .भगवान उसका भला करे .इसमें सूचना प्रदाता मंत्रालय का बड़ा योगदान आने वाली नस्लें याद करेंगी .

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  23. गृह मंत्रीजी कहिन

    भारत के गृहमंत्रालय को आइन्दा सूचनाप्रदाता मंत्रालय कहा जाना चाहिए .सूचना देना एक बड़ी बात होती है .लोगों को आगाह करना -भाइयों खबरदार रहना फलां राज्य में आतंकी विस्फोट कर सकते हैं .कोई मामूली बात नहीं है .गृह युद्ध की आशंका हो तब भी सूचना प्रदाता मंत्रालय यही कहेगा भाइयों सावधान रहना गृह युद्ध छिड़ सकता है .लोग अपनी अपनी हिफाज़त करें .और वह चुप्पा सिंह हमेशा की तरह यही कहते पाकड़े जायेंगे -आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा .

    भाईसाहब हमारा मानना यह है कि वोट के आगे लार टपकाने वाली राजनीति आतंकवाद का मुकाबला कर ही नहीं सकती .बेहतर हो लोग खुद अपनी हिफाज़त करें .

    वोट के आगे लारटप काऊ राजनीति को एक बड़ा लक्ष्य हासिल करना है .बहुसंख्यकों की आबादी को अल्पसंख्यकों के बराबर लाना है .तभी तो भारत के संशाधनों पर मुसलामनों का पहला हक़ होगा .फिलवक्त यह अनुपात लड़का -लड़की अनुपात की तरह विषम बना हुआ है .यह ना -इंसाफी है .भारत की कोई सवा करोड़ आबादी में से कुछेक लाख ठिकाने लगते रहें तब भी इसे हासिल करने में वक्त लग जाएगा .बेहतर हो विस्फोट स्थल पर लोग बड़ी संख्या में पहुंचें ,सामूहिक विवाह की तरह सामूहिक हाराकरी का सुनहरा अवसर मुहैया करवाती है सरकार .भगवान उसका भला करे .इसमें सूचना प्रदाता मंत्रालय का बड़ा योगदान आने वाली नस्लें याद करेंगी .

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- दर्शन लाल बावेजा,1,- बी एस पाबला,1,-Dr. Prashant Arya,2,-अंकित,4,-अंकुर गुप्ता,7,-अभिषेक ओझा,2,-अल्पना वर्मा,22,-आशीष श्रीवास्‍तव,2,-इन्द्रनील भट्टाचार्जी,3,-काव्या शुक्ला,2,-जाकिर अली ‘रजनीश’,56,-जी.के. अवधिया,6,-जीशान हैदर जैदी,45,-डा प्रवीण चोपड़ा,4,-डा0 अरविंद मिश्र,26,-डा0 श्‍याम गुप्‍ता,5,-डॉ. गुरू दयाल प्रदीप,8,-डॉ0 दिनेश मिश्र,5,-दर्शन बवेजा,1,-दर्शन लाल बवेजा,7,-दर्शन लाल बावेजा,2,-दिनेशराय द्विवेदी,1,-पवन मिश्रा,1,-पूनम मिश्रा,7,-बालसुब्रमण्यम,2,-योगेन्द्र पाल,6,-रंजना [रंजू भाटिया],22,-रेखा श्रीवास्‍तव,1,-लवली कुमारी,3,-विनय प्रजापति,2,-वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई),81,-शिरीष खरे,2,-शैलेश भारतवासी,1,-संदीप,2,-सलीम ख़ान,13,-हिमांशु पाण्डेय,3,.संस्‍था के उद्देश्‍य,1,।NASA,1,(गंगा दशहरा),1,100 billion planets,1,2011 एम डी,1,22 जुलाई,1,22/7,1,3/14,1,3D FANTASY GAME SPARX,1,3D News Paper,2,5 जून,1,Acid rain,1,Adhik maas,1,Adolescent,1,Aids Bumb,1,aids killing cream,1,Albert von Szent-Györgyi de Nagyrápolt,1,Alfred Nobel,1,aliens,1,All india raduio,1,altruism,1,AM,18,Aml Versha,1,andhvishwas,5,animal behaviour,1,animals,1,Antarctic Bottom Water,1,Antarctica,9,anti aids cream,1,Antibiotic resistance,1,arunachal pradesh,1,astrological challenge,1,astrology,1,Astrology and Blind Faith,1,astrology and science,1,astrology challenge,1,astronomy,4,Aubrey Holes,1,Award,4,AWI,1,Ayush Kumar Mittal,1,bad effects of mobile,1,beat Cancer,1,Beauty in Mathematics,1,Benefit of Mother Milk,1,benifit of yoga,1,Bhaddari,1,Bhoot Pret,3,big bang theory,1,Binge Drinking,1,Bio Cremation,1,bionic eye Veerubhai,1,Blind Faith,4,Blind Faith and Learned person,1,bloggers achievements,1,Blood donation,1,bloom box energy generator,1,Bobs Award,1,Breath of mud,1,briny water,1,Bullock Power,1,Business Continuity,1,C Programming Language,1,calendar,1,Camel reproduction centre,1,Carbon Sink,1,Cause of Acne,1,Change Lifestyle,1,childhood and TV,1,chromosome,1,Cognitive Scinece,1,comets,1,Computer,2,darshan baweja,1,Deep Ocean Currents,1,Depression Treatment,1,desert process,1,Dineshrai Dwivedi,1,DISQUS,1,DNA,3,DNA Fingerprinting,1,Dr Shivedra Shukla,1,Dr. Abdul Kalam,1,Dr. K. 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