दो रूपों प्रकारों फॉर्म्स में उपलब्ध रहता है विटामिन -D (1 )D2 -इसका चिकित्सा जगत में रासायनिक नाम है एरगोकाल्सीफेरोल। पुष्टिकृत खाद्यों...
दो रूपों प्रकारों फॉर्म्स में उपलब्ध रहता है विटामिन -D
(1 )D2 -इसका चिकित्सा जगत में रासायनिक नाम है एरगोकाल्सीफेरोल। पुष्टिकृत खाद्यों (फोर्टीफ़िएड फूड्स )से यह उपलब्ध हो जाता है। पादप उत्पाद और सम्पूरण भी इसकी आपूर्ति करते हैं।
(2)D3 -इसे कहते हैं चोलेकाल्सीफेरोल (Cholecalciferol )पुष्टिकृत खाद्यों एवं वसीय -मच्छी ,फैटी फिश -वसा बहुल मच्छी ,मच्छी का तेल ,कॉड लिवर आयल ,अंडे तथा लिवर(यकृत )आदि इफरात से मुहैया करवा देते हैं।इसकी आपूर्ति सम्पूरण (supplements )भी करते हैं। आपकी चमड़ी पर सौर विकिरण (धूप का पराबैंगनी अंश ) पड़ने पर त्वचा के नीचे भी यह बन सकता है। लेकिन संरचना की दृष्टि से इसके रासायनिक घटक अलग किस्म के होंगे।
क्या है विटामिन -D की कमी के लक्षण ?
(१)अस्थि - पीड़ा बोन पैन ,पेशीय कमज़ोरी मसल वीकनेस
इसकी कमी के ही स्पष्ट प्रभाव हैं सबब हैं। थोड़ी बहुत
कमीबेशी लक्षणों के रूप में प्रकट नहीं भी होती है.
इसकी आवश्यक या वांच्छित डोज़ को लेकर माहिरों की
सिफारिशें उम्र के अनुरूप इस प्रकार हैं :
चिकित्सा संस्थान (Institute of Medicine,IOM )के अनुसार :एक से अठारह बरस उम्र के लिए प्रतिदिन की खुराक में ६०० अंतर्राष्ट्रीय यूनिट (आई यू ),१९ -७० साल के लिए ६०० आई यू ,७१ साला और उससे ऊपर उम्र के लिए ८०० आई यू की सिफारिश करता है।
कमी बेशी से पैदा जोखिम वालों के लिए स्रावी संघ की
सिफारिशें दी जा रही हैं :
कमी -बेशी के जोखिम वालों के लिए स्रावितंत्र संघ (endocrine Society)की सिफारिशें इस प्रकार है :एक से अठारह साला लोगों के लिए प्रतिदिन ६०० -१००० आई यू ,१९ -७० साला के लिए १५०० -२००० आई यू ,सत्तर से ऊपर आयुवर्ग के लिए १५०० -२००० आई यू।
विटामिन -D से जुड़ी है कई मामलों में हमारी सेहत की नव्ज़
जिसकी कमीबेशी अतीत में कई रूपों में दर्ज़ की गई है :
बीसवीं शती के आरम्भ में न्यूयोर्क ,बोस्टन ,नेदरलॅंड्स के लीडेन में कोई ९० फीसद बच्चे सूखा रोग (rickets )से ग्रस्त थे। १८८९ में इससे बचाव के लिए सौर स्नान (सूर्य स्नान ,सन बाथ )लाभदायक समझा गया।
कैल्शियम के साथ इसका मणिकांचन का साथ है :कैल्शियम को विटामिन D के साथ लेने से ही दोनों का पूरा लाभ मिल पाता है। विटामिन D की मौजूदगी में अंतड़ियाँ कैल्शियम जज़्बी बेहतर तरीके से करतीं हैं। खून में कैल्शियम का स्तर समुचित बना रहता है। अस्थियों के खनिजीकरण के लिए यह एक ज़रूरी बात भी रहती है। ऐसे में सहज ही tetany से बचाव हो जाता है खून में कैल्शियम की असाधारण कमी ही इस असुविधाजनक परिस्थिति की वजह बनते देखी गई है।
Tetany is repeated prolonged contraction of muscles ,especially of the face and limbs ,caused by low blood calcium arising from ,e.g .an underactive parathyroid gland or vitamin D deficiency .
दूसरी ओर विटामिन D की कमीबेशी ह्यपरपैराथीरोइडिस्म (पैराथाइरॉइड ग्रंथि की अतिरिक्त सक्रियता ,ओवेरली एक्टिव होना ) की ओर ले जाती है। इस स्थिति में अतिरिक्त क्षय होने लगता है अस्थि द्रव्यराशि का बॉन मॉस का। नतीजा होता है जिन्न का बोतल से बाहर आकर ओस्टेओपेनिअ ,ओस्टोमलाकिआ /ओस्टोमलासा ,ऑस्टियोपोरोसिस रोग की वजह बनना (इस आलेख की पहली क़िस्त में हम इन तीनों के बारे में प्रारम्भिक जानकारी दे चुके हैं ). इसी के साथ अस्थि भंग के खतरे का वजन भी बढ़ जाता है। बात बे बात ,उठते बैठते अस्थि भंग का ख़तरा पैदा हो जाता है।
एक अनुमान के अनुसार हरेक साल ६५ साल और इससे ऊपर की उम्र के प्रत्येक तीन में से एक बुजुर्गभाई /बहन गिरते हैं गिर पड़ते हैं घर बाहर में और इनमें से ५. ६ की अस्थि भंग हो जाती है।विटामिन D इस स्थिति से बचाये रह सकता है इसकी कमी न होने पाए।
मानवीय पेशी में विटामिन D रिसेप्टर्स (अभिग्राही )मौजूद रहते हैं पेशीय ताकत क्षमता पर इनका सीधा प्रभाव पड़ता है।
विटामिन D की गंभीर कमी ,बेहद की कमी मायोपथी (पेशी रोग )-पेशी कमज़ोरी और पेशीय दर्द की वजह बन जाती है।
विटामिन -D आभरण पुन : विटामिन D की ज़रूरी आपूर्ति इस स्थिति को दुरुस्त कर सकती है। ७०० -१००० आई यू D3 के ऐसे में प्रतिदिन सेवन से चलते फिरते उठते हुए में ही -गिरने की दर में १९-२६ फीसद तक कमी लाइ जा सकती है।
कैल्शियम के संग साथ D3 रोज़ाना ८०० आई यू लेते रहने पर इस स्थिति में अस्थि भंग हड्डी टूटने के खतरे का वजन १०-१५ फीसद कम हो जाता है।
इसका एक लाभ और भी मिलता है विटामिन D की कमी न रहने पर घुटने और नितम्ब (हिप पैन )के दर्द में भी थोड़ी राहत मिलती है।
कमी बनी रहने पर यह पीड़ा दो से चार बरसों में ही बद से बदतर हो जाती है बढ़ जाती है ऐसा आज़माइशों से पुष्ट हुआ है जो ५० -८० साला लोगों पर की गईं हैं।
हृदय एवं हृदय तथा रक्तसंचरण संबंधी रोगों में
विटामिन D की कमी उच्चरक्तचाप (hypertension ) ,खून में ज्यादा चर्बी
(hyperlipidemia)
की दर में बढ़ोतरी की वजह बनती है।
अलावा इसके परिहृद्य धमनी रोग (Coronary artery disease ,CAD),दिल के बड़े दौरे (myo-cardial infarction ),हार्ट फेलियर और दिमाग के दौरों (brain attacks )में इज़ाफ़ा हो सकता है पेरीफेरल वैस्कुलर डिजीज में भी बढ़ोतरी हो सकती है विटामिन D की कमी बनी रहने से।
The term peripheral vascular disease is commonly used to refer to peripheral artery disease (PAD ),meaning narrowing or occulusion by atherosclerotic plaques of arteries outside of the heart and brain .
सर्दियों में अधिक श्वसन सम्बन्धी संक्रमणों से घिरे रहना भी विटामिन D की कमी का परिणाम हो सकता है। ऊपरी तथा निचले श्वसन मार्ग के संक्रमणों में बढ़ोतरी के संकेत इस विटामिन की कमी से प्रेक्षण में आते देखे गए हैं। अस्पताल में भर्ती होने के दौरान होने वाला नमूनिया मूत्रमार्ग के संक्रमण ,बक्टेरेमिअस आदि इन्फेक्शन्स भी इसकी कमी से जोड़े गए हैं।
मूल प्रारूप इस आलेख का अंग्रेजी में भी पढ़ सकते हैं आप :
There are two forms of vitamin D, D2 and D3. Vitamin D2, also known as ergocalciferol, comes from fortified foods, plant foods, and supplements. Vitamin D3, also known as cholecalciferol, comes from fortified foods, animal foods (fatty fish, cod liver oil, eggs, and liver), supplements, and can be made internally when your skin is exposed to ultraviolet (UV) radiation from the sun. Structurally, these two are not the same.
(1 )D2 -इसका चिकित्सा जगत में रासायनिक नाम है एरगोकाल्सीफेरोल। पुष्टिकृत खाद्यों (फोर्टीफ़िएड फूड्स )से यह उपलब्ध हो जाता है। पादप उत्पाद और सम्पूरण भी इसकी आपूर्ति करते हैं।
(2)D3 -इसे कहते हैं चोलेकाल्सीफेरोल (Cholecalciferol )पुष्टिकृत खाद्यों एवं वसीय -मच्छी ,फैटी फिश -वसा बहुल मच्छी ,मच्छी का तेल ,कॉड लिवर आयल ,अंडे तथा लिवर(यकृत )आदि इफरात से मुहैया करवा देते हैं।इसकी आपूर्ति सम्पूरण (supplements )भी करते हैं। आपकी चमड़ी पर सौर विकिरण (धूप का पराबैंगनी अंश ) पड़ने पर त्वचा के नीचे भी यह बन सकता है। लेकिन संरचना की दृष्टि से इसके रासायनिक घटक अलग किस्म के होंगे।
क्या है विटामिन -D की कमी के लक्षण ?
(१)अस्थि - पीड़ा बोन पैन ,पेशीय कमज़ोरी मसल वीकनेस
इसकी कमी के ही स्पष्ट प्रभाव हैं सबब हैं। थोड़ी बहुत
कमीबेशी लक्षणों के रूप में प्रकट नहीं भी होती है.
इसकी आवश्यक या वांच्छित डोज़ को लेकर माहिरों की
सिफारिशें उम्र के अनुरूप इस प्रकार हैं :
चिकित्सा संस्थान (Institute of Medicine,IOM )के अनुसार :एक से अठारह बरस उम्र के लिए प्रतिदिन की खुराक में ६०० अंतर्राष्ट्रीय यूनिट (आई यू ),१९ -७० साल के लिए ६०० आई यू ,७१ साला और उससे ऊपर उम्र के लिए ८०० आई यू की सिफारिश करता है।
कमी बेशी से पैदा जोखिम वालों के लिए स्रावी संघ की
सिफारिशें दी जा रही हैं :
कमी -बेशी के जोखिम वालों के लिए स्रावितंत्र संघ (endocrine Society)की सिफारिशें इस प्रकार है :एक से अठारह साला लोगों के लिए प्रतिदिन ६०० -१००० आई यू ,१९ -७० साला के लिए १५०० -२००० आई यू ,सत्तर से ऊपर आयुवर्ग के लिए १५०० -२००० आई यू।
विटामिन -D से जुड़ी है कई मामलों में हमारी सेहत की नव्ज़
जिसकी कमीबेशी अतीत में कई रूपों में दर्ज़ की गई है :
बीसवीं शती के आरम्भ में न्यूयोर्क ,बोस्टन ,नेदरलॅंड्स के लीडेन में कोई ९० फीसद बच्चे सूखा रोग (rickets )से ग्रस्त थे। १८८९ में इससे बचाव के लिए सौर स्नान (सूर्य स्नान ,सन बाथ )लाभदायक समझा गया।
कैल्शियम के साथ इसका मणिकांचन का साथ है :कैल्शियम को विटामिन D के साथ लेने से ही दोनों का पूरा लाभ मिल पाता है। विटामिन D की मौजूदगी में अंतड़ियाँ कैल्शियम जज़्बी बेहतर तरीके से करतीं हैं। खून में कैल्शियम का स्तर समुचित बना रहता है। अस्थियों के खनिजीकरण के लिए यह एक ज़रूरी बात भी रहती है। ऐसे में सहज ही tetany से बचाव हो जाता है खून में कैल्शियम की असाधारण कमी ही इस असुविधाजनक परिस्थिति की वजह बनते देखी गई है।
Tetany is repeated prolonged contraction of muscles ,especially of the face and limbs ,caused by low blood calcium arising from ,e.g .an underactive parathyroid gland or vitamin D deficiency .
दूसरी ओर विटामिन D की कमीबेशी ह्यपरपैराथीरोइडिस्म (पैराथाइरॉइड ग्रंथि की अतिरिक्त सक्रियता ,ओवेरली एक्टिव होना ) की ओर ले जाती है। इस स्थिति में अतिरिक्त क्षय होने लगता है अस्थि द्रव्यराशि का बॉन मॉस का। नतीजा होता है जिन्न का बोतल से बाहर आकर ओस्टेओपेनिअ ,ओस्टोमलाकिआ /ओस्टोमलासा ,ऑस्टियोपोरोसिस रोग की वजह बनना (इस आलेख की पहली क़िस्त में हम इन तीनों के बारे में प्रारम्भिक जानकारी दे चुके हैं ). इसी के साथ अस्थि भंग के खतरे का वजन भी बढ़ जाता है। बात बे बात ,उठते बैठते अस्थि भंग का ख़तरा पैदा हो जाता है।
एक अनुमान के अनुसार हरेक साल ६५ साल और इससे ऊपर की उम्र के प्रत्येक तीन में से एक बुजुर्गभाई /बहन गिरते हैं गिर पड़ते हैं घर बाहर में और इनमें से ५. ६ की अस्थि भंग हो जाती है।विटामिन D इस स्थिति से बचाये रह सकता है इसकी कमी न होने पाए।
मानवीय पेशी में विटामिन D रिसेप्टर्स (अभिग्राही )मौजूद रहते हैं पेशीय ताकत क्षमता पर इनका सीधा प्रभाव पड़ता है।
विटामिन D की गंभीर कमी ,बेहद की कमी मायोपथी (पेशी रोग )-पेशी कमज़ोरी और पेशीय दर्द की वजह बन जाती है।
विटामिन -D आभरण पुन : विटामिन D की ज़रूरी आपूर्ति इस स्थिति को दुरुस्त कर सकती है। ७०० -१००० आई यू D3 के ऐसे में प्रतिदिन सेवन से चलते फिरते उठते हुए में ही -गिरने की दर में १९-२६ फीसद तक कमी लाइ जा सकती है।
कैल्शियम के संग साथ D3 रोज़ाना ८०० आई यू लेते रहने पर इस स्थिति में अस्थि भंग हड्डी टूटने के खतरे का वजन १०-१५ फीसद कम हो जाता है।
इसका एक लाभ और भी मिलता है विटामिन D की कमी न रहने पर घुटने और नितम्ब (हिप पैन )के दर्द में भी थोड़ी राहत मिलती है।
कमी बनी रहने पर यह पीड़ा दो से चार बरसों में ही बद से बदतर हो जाती है बढ़ जाती है ऐसा आज़माइशों से पुष्ट हुआ है जो ५० -८० साला लोगों पर की गईं हैं।
हृदय एवं हृदय तथा रक्तसंचरण संबंधी रोगों में
विटामिन D की कमी उच्चरक्तचाप (hypertension ) ,खून में ज्यादा चर्बी
(hyperlipidemia)
की दर में बढ़ोतरी की वजह बनती है।
अलावा इसके परिहृद्य धमनी रोग (Coronary artery disease ,CAD),दिल के बड़े दौरे (myo-cardial infarction ),हार्ट फेलियर और दिमाग के दौरों (brain attacks )में इज़ाफ़ा हो सकता है पेरीफेरल वैस्कुलर डिजीज में भी बढ़ोतरी हो सकती है विटामिन D की कमी बनी रहने से।
The term peripheral vascular disease is commonly used to refer to peripheral artery disease (PAD ),meaning narrowing or occulusion by atherosclerotic plaques of arteries outside of the heart and brain .
सर्दियों में अधिक श्वसन सम्बन्धी संक्रमणों से घिरे रहना भी विटामिन D की कमी का परिणाम हो सकता है। ऊपरी तथा निचले श्वसन मार्ग के संक्रमणों में बढ़ोतरी के संकेत इस विटामिन की कमी से प्रेक्षण में आते देखे गए हैं। अस्पताल में भर्ती होने के दौरान होने वाला नमूनिया मूत्रमार्ग के संक्रमण ,बक्टेरेमिअस आदि इन्फेक्शन्स भी इसकी कमी से जोड़े गए हैं।
मूल प्रारूप इस आलेख का अंग्रेजी में भी पढ़ सकते हैं आप :
There are two forms of vitamin D, D2 and D3. Vitamin D2, also known as ergocalciferol, comes from fortified foods, plant foods, and supplements. Vitamin D3, also known as cholecalciferol, comes from fortified foods, animal foods (fatty fish, cod liver oil, eggs, and liver), supplements, and can be made internally when your skin is exposed to ultraviolet (UV) radiation from the sun. Structurally, these two are not the same.
Symptoms of Vitamin D Deficiency
Does vitamin D deficiency cause symptoms?
Yes, deficiency of vitamin D can cause bone pain and muscle weakness. However, mild vitamin D deficiency is not necessarily associated with any symptoms. Vitamin D has been referred to as the "sunlight vitamin" because it is made in our skin when we are exposed to sunlight.
What are the vitamin D requirements?
There are currently two sets of guidelines for vitamin D intake. Typically, vitamin guidelines are established by the Institute of Medicine (IOM) in the form of recommended dietary allowances (RDA) or adequate intakes (AI). The RDA is the average daily intake sufficient to meet the nutrient requirements of nearly all (97%-98%) healthy individuals. The Endocrine Society put together a task force to review the research and come up with a set of guidelines for "people who are at risk for deficiency." The two recommendations are as follows:
1 to 18 years old | 19 to 70 years old | 71+ years old | |
---|---|---|---|
IOM | 600 IU/day | 600 IU/day | 800 IU/day |
Endocrine Society | 600-1,000 IU/day | 1,500-2,000 IU/day | 1,500-2,000 IU/day |
What does vitamin D do for your health? What are symptoms and signs of vitamin D deficiency?
By the turn of the 20th century, 90% of the children living in New York, Boston, and Leyden in the Netherlands were afflicted with rickets, a bone-deforming disease. The first observation of this disease was in the mid-1600s by Whistler and Glissen, who reported that children living in industrialized cities in Great Britain had short statureand deformities of the skeleton, especially of the lower legs. It wasn't until 1889 that the discovery that "sunbathing" was important for preventing rickets came about.
Since then, many other health benefits of vitamin D have been discovered. These include the following:
Skeletal disease: Anyone taking calcium knows that you need to take it with vitamin D. It's needed because vitamin D promotes calcium absorption in the gut and maintains blood calcium levels to enable normal mineralization of bone and prevent abnormally low blood calcium levels that can then lead to tetany. Vitamin D insufficiency leads to secondary hyperparathyroidism (overly active parathyroid glands) that causes increased bone loss, osteopenia, osteomalacia, osteoporosis, and increased fracture risk.
Fall prevention is a public-health goal for the elderly. Each year, one in three people 65 years and older experiences at least one fall, with 5.6% resulting in a fracture, and vitamin D can play a role in preventing this. There are vitamin D receptors in human muscle that have a direct effect on muscle strength. A severe vitamin D deficiency can cause myopathy, which can cause muscle weakness and pain. Vitamin D supplementation can reverse this and improve balance. Supplementing 700-1,000 IU/day of vitamin D3 has been shown to possibly reduce falls by 19%-26%. Vitamin D3 at a dosage of greater than 800 IU/day given with calcium has been shown to reduce the risk of fractures by 10%-15%.
Another advantage to correcting a vitamin D deficiency has been seen in decreasing knee and hip pain. A longitudinal population-based cohort study of 769 randomly selected older adults aged 50-80 years found that moderate vitamin D deficiency predicts the incidence or worsening of knee pain over five years and possibly hip pain over 2.4 years.
Cancer: The link between the sun and cancer is typically not seen as a positive one because of the connection with skin cancer. UV-B radiation from the sun is said to be the most important environmental risk factor for nonmelanoma skin cancer. Because the sun is the primary source of vitamin D, researchers are looking to see what role it plays in skin cancer. Some believe that enough sun exposure to keep your vitamin D levels up while protecting your skin from damage is beneficial to skin cancer survival. There has also been research to show the protective effect that vitamin D has with the development of other cancers, including colon, breast, and prostate cancer.
In 1941, U.S. pathologist Frank Apperly published geographic data that demonstrated for the first time an inverse correlation between levels of UV radiation in North America and mortality rates from cancers. This means that more exposure to UV radiation (sun) leads to fewer deaths from cancers. Since this was published, it has been confirmed that there is an association between an increased risk of dying of various internal malignancies (for example, colon, breast, ovarian, melanoma, and prostate cancer) and living far from the equator. More research needs to be done to determine if there is a definite link between supplementing with vitamin D and the prevention of cancer.
What does vitamin D do for your health? What are symptoms and signs of vitamin D deficiency? (Continued)
Cardiovascular disease:
Vitamin D deficiency is associated with an increased prevalence of hypertension, hyperlipidemia, peripheral vascular disease, coronary artery disease, myocardial infarction, heart failure, and stroke. The anti-inflammatory effects of vitamin D may be the reason for this. Research is being done to determine exactly how this works and why.
Infections: Do you tend to get more respiratory infections in the winter? Vitamin D deficiency could be the cause. Observational studies have shown an association between low vitamin D status and an increased risk of both upper and lower respiratory tract infections. The role of vitamin D in reducing the risk of hospital-acquired infections, such as pneumonia, bacteremias, urinary tract infections, and surgical site infections is also being investigated.
Depression: The association between lack of sunlight and depressive disorders was first noted 2,000 years ago. Vitamin D plays a role in regulating adrenaline, noradrenaline, and dopamine production in the brain through vitamin D receptors in the adrenal cortex, as well as protecting against the depletion of serotonin and dopamine. This is the possible link with vitamin D's role in depression. The research is new in this area, and only the associations have been shown so far. Vitamin D deficiency has been associated with an 8%-14% increase in depression. Research is also finding a relationship with low vitamin D levels and increased risk of suicide. In a study done on the Department of Defense Serum Repository personnel, researchers compared the vitamin D levels of 495 verified suicide cases versus 495 controls. They found the lowest 25(OH)D level are associated with an increased risk for suicide. Another study compared vitamin D levels in 59 suicide attempters, 17 nonsuicidal depressed patients, and 14 healthy controls. The suicide attempters had significantly lower vitamin D than depressed nonsuicidal patients and healthy controls. Research is ongoing in this area to determine if you can prevent and treat depression by correcting vitamin D deficiencies.
What does vitamin D do for your health? What are symptoms and signs of vitamin D deficiency? (Continued)
Multiple sclerosis:
Evidence continues to accumulate supporting the role of vitamin D and the prevention and treatment of multiple sclerosis (MS). It begins with the vitamin D levels in pregnant women. Numerous studies have linked the occurrence of MS with birth month. There is a high prevalence of MS in high-latitude areas. The lack of sunlight exposure appears to be a significant predictor, and research is ongoing in this area.
Tuberculosis: Individuals with tuberculosis (TB) have been shown to have lower vitamin D levels than healthy people. Supplementation has shown to improve symptoms in these individuals. Further studies are needed to determine the cause and appropriate intervention.
Reducing the risk of type 2 diabetes: Research has shown that those with blood vitamin D levels over 25 ng/mL had a 43% reduced risk of developing type 2 diabetes compared with those with levels under 14 ng/mL.
Decreasing inflammation: Many of the health benefits associated with vitamin D may come from its role in decreasing inflammation. Research has shown a decrease in levels of C-reactive protein, a marker of inflammation, with increased levels of vitamin D to just below 21 ng/mL.
Reducing risk of allergies in children and adolescents: A nationwide study of over 6,000 individuals showed that allergic sensitization was more common in those with vitamin D levels under 15 ng/mL versus those with levels 30 ng/mL or more.
Sleep apnea: There is some evidence that vitamin D deficiency may increase the risk of obstructive sleep apnea brought on by inflammatory rhinitis and/or tonsillar hypertrophy. More research needs to be done to confirm this.
Decreasing dental cavities: A review of 24 controlled clinical trials encompassing 2,827 children found a 47% reduced risk of cavities with vitamin D supplementation.
Possibly helping with erectile dysfunction (ED): It is not clear if increasing your serum vitamin D levels can help with ED. Many men diagnosed with ED are diagnosed with cardiovascular disease (CVD) within a few years. Vitamin D deficiency is linked with CVD, so if you are deficient in vitamin D, some researchers believe that treating this could reduce your risk of ED.
Reference:
(1)https://www.medicinenet.com/vitamin_d_deficiency/article.htm
cause symptoms?
(3)
Vitamin D: Wonder Pill or Overkill?
Wouldn’t it be great if one vitamin could build stronger bones and protect against diabetes, multiple sclerosis, cancer, heart disease, and depression? Or even help you lose weight? Researchers have high hopes for vitamin D -- which comes from our skin's reaction to sunlight, a few foods, and supplements. Learn the facts in the slides ahead … and see who's at risk for a "D" deficiency.
Vitamin D is critical for strong bones, from infancy into old age. It helps the body absorb calcium from food. In older adults, a daily dose of "D" and calcium helps to prevent fractures and brittle bones. Children need "D” to build strong bones and prevent rickets, a cause of bowed legs, knock knees, and weak bones. Adding the vitamin to milk in the 1930s helped to nearly eliminate rickets.
Multiple sclerosis (MS) is more common far away from the sunny equator. For years, experts suspected a link between sunlight, vitamin D levels, and this autoimmune disorder that damages the nerves. One newer clue comes from a study of a rare gene defect that leads to low levels of vitamin D – and a higher risk of MS. Despite these links, there's not enough evidence to recommend vitamin D for the prevention or treatment of MS.
Some studies have shown a link between a low vitamin D level and type 1 and type 2 diabetes . So, can boosting your vitamin D levels help ward off the disease? There's not enough proof for doctors to recommend taking this supplement to prevent diabetes. Excess body fat may play a role in type 2 diabetes and low levels of vitamin D.
Vitamin D and Weight Loss
Studies have shown that people who are obese often have low blood levels of vitamin D. Body fat traps vitamin D, making it less available to the body. It's not clear whether obesity itself causes a low vitamin D level or if it's the other way around. But one small study of dieters suggests that adding vitamin D to a calorie-restricted diet may help overweight people with low vitamin D levels lose weight more easily.
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