हमारे केंद्रीय स्नायुविक तंत्र (Central Nervous System ) का एक ऐसा रोग है -जिसमें रोगी क्रमशः अपने शरीर पर से नियंत्रण खोता चला जाता है...
हमारे केंद्रीय स्नायुविक तंत्र (Central Nervous System )का एक ऐसा रोग है -जिसमें रोगी क्रमशः अपने शरीर पर से नियंत्रण खोता चला जाता है। इसे मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस कहा जाता है। अक्सर युवा बालिगों को होने वाला यह रोग हमारे रोग -प्रतिरोधी तंत्र के अपना सामान्य कार्य न कर पाने की वजह से या फिर बिलकुल ही नाकारा हो जाने के कारण होता है।
लगातार इस आशय के प्रमाण मिल रहे हैं के विटामिन -D की भी इसके इलाज़ और इससे बचाव में कोई भूमिका बनी हुई है। इसकी शुरुआत महिलाओं के गर्भकाल में विटामिन -D के स्तर से ही होती है। प्रसव गर्भकाल के किस माह में हुआ है इस से इसका ताल्लुक रहा है ऐसा कई अध्ययनों से पुष्ट हुआ है.
उच्च अक्षांश (high latitude )इलाकों में रहने वाले लोगों में इसके होने की दर ज्यादा रही है। सूर्य रश्मियों का न मिल पाना इसकी प्रागुक्ति का आधार रहा हो सकता है। इस की आगे और पड़ताल के बारे में अनुसंधान ज़ारी हैं।
इन्फ्लेम्शन (रोग पूर्व की एक स्थिति Inflammation )को कम करने में विटामिन -D
का रोल उजागर हुआ है। शोध की खड़िकी से यह बात छनकर आई है ,विटामिन -D का खून में स्तर (blood vitamin-D level increses)बढ़ने के साथ एक प्रोटोन C-reactive protein , का स्तर काम होते देखा गया है। यह प्रोटीन इन्फ्लेमेशन की शिनाख्त करती है इन्फ्लेमेशन का एक मार्कर(marker ) है।बस विटामिन -D का स्तर २१ नैनोग्रेम प्रति मिलीलीटर (21ng/mL)हो जाए।इन्फ्लेमेशन काफूर।
ख़तरा एलर्जी का allergic sensitization
उन लोगों में अधिक देखने में आया है जिनमें विटामिन -D का स्तर 15ng/mL से कम रहा है उनकी तुलना में जिनमें इसका स्तर या तो ३० नैनोग्रेम /मिलीलीटर रहा है या इससे भी और ऊपर रहा है। एक राष्ट्र -व्यापी अध्ययन से उक्त तथ्य की पुष्टि हुई है जो हाल ही में ६००० लोगों पर संपन्न हुआ है।
स्लीप एपनिया ( निद्राकाल में श्वास का अल्प काल के लिए खंडित होना ,अस्थाई रूप से बाधित होना ,रुकना )कुछ लोगों में दिखलाई देता है।विटामिन -D की कमी इसके खतरे के वजन को बढ़ा सकती है। नींद के दौरान जोर -जोर से खर्राटे लेने वाले लोगों में यह दिखलाई दे सकता है।कई मर्तबा यह खतरनाक भी सिद्ध होता है। इसे एक गंभीर निद्रा विकार समझा गया है जिसका बाकायदा इलाज़ भी किया जाता है। रात भर नींद लेने के बाद थकान महसूस हो सकती है इस विकार में।
समझा जाता है के इंफ्लेमेटरी रायनाइटिस(inflammatory rhinitis ) और या फिर टोंसिल्लार ह्य्पेर्ट्रोफी (tonsillar hypertrophy )obstuctive sleep apnea को हवा देती है।
Sleep apnea is a potentially serious sleep disorder in which breathing repeatedly stops and starts. You may have sleep apnea if you snore loudly, and you feel tired even after a full night's sleep.
लगातार इस आशय के प्रमाण मिल रहे हैं के विटामिन -D की भी इसके इलाज़ और इससे बचाव में कोई भूमिका बनी हुई है। इसकी शुरुआत महिलाओं के गर्भकाल में विटामिन -D के स्तर से ही होती है। प्रसव गर्भकाल के किस माह में हुआ है इस से इसका ताल्लुक रहा है ऐसा कई अध्ययनों से पुष्ट हुआ है.
उच्च अक्षांश (high latitude )इलाकों में रहने वाले लोगों में इसके होने की दर ज्यादा रही है। सूर्य रश्मियों का न मिल पाना इसकी प्रागुक्ति का आधार रहा हो सकता है। इस की आगे और पड़ताल के बारे में अनुसंधान ज़ारी हैं।
इन्फ्लेम्शन (रोग पूर्व की एक स्थिति Inflammation )को कम करने में विटामिन -D
का रोल उजागर हुआ है। शोध की खड़िकी से यह बात छनकर आई है ,विटामिन -D का खून में स्तर (blood vitamin-D level increses)बढ़ने के साथ एक प्रोटोन C-reactive protein , का स्तर काम होते देखा गया है। यह प्रोटीन इन्फ्लेमेशन की शिनाख्त करती है इन्फ्लेमेशन का एक मार्कर(marker ) है।बस विटामिन -D का स्तर २१ नैनोग्रेम प्रति मिलीलीटर (21ng/mL)हो जाए।इन्फ्लेमेशन काफूर।
ख़तरा एलर्जी का allergic sensitization
उन लोगों में अधिक देखने में आया है जिनमें विटामिन -D का स्तर 15ng/mL से कम रहा है उनकी तुलना में जिनमें इसका स्तर या तो ३० नैनोग्रेम /मिलीलीटर रहा है या इससे भी और ऊपर रहा है। एक राष्ट्र -व्यापी अध्ययन से उक्त तथ्य की पुष्टि हुई है जो हाल ही में ६००० लोगों पर संपन्न हुआ है।
स्लीप एपनिया ( निद्राकाल में श्वास का अल्प काल के लिए खंडित होना ,अस्थाई रूप से बाधित होना ,रुकना )कुछ लोगों में दिखलाई देता है।विटामिन -D की कमी इसके खतरे के वजन को बढ़ा सकती है। नींद के दौरान जोर -जोर से खर्राटे लेने वाले लोगों में यह दिखलाई दे सकता है।कई मर्तबा यह खतरनाक भी सिद्ध होता है। इसे एक गंभीर निद्रा विकार समझा गया है जिसका बाकायदा इलाज़ भी किया जाता है। रात भर नींद लेने के बाद थकान महसूस हो सकती है इस विकार में।
समझा जाता है के इंफ्लेमेटरी रायनाइटिस(inflammatory rhinitis ) और या फिर टोंसिल्लार ह्य्पेर्ट्रोफी (tonsillar hypertrophy )obstuctive sleep apnea को हवा देती है।
Sleep apnea is a potentially serious sleep disorder in which breathing repeatedly stops and starts. You may have sleep apnea if you snore loudly, and you feel tired even after a full night's sleep.
The main types of sleep apnea are:
- Obstructive sleep apnea,
- the more common form that occurs when throat muscles relax.
- Central sleep apnea,
- which occurs when your brain doesn't send proper signals to the muscles that control breathing.
- Complex sleep apnea syndrome,
- also known as treatment-emergent central sleep apnea, occurs when someone has both obstructive sleep apnea and central sleep apnea.
If you think you might have any form of sleep apnea, see your doctor. Treatment can ease your symptoms and may help prevent heart problems and other complications.
दन्त्य सूराख दांतों के बीच में खोखलापन आना डेंटल
कैविटीज़
२४ नियंत्रित नैदानिक उपचारात्मक परीक्षणों के पुनरावलोकन से यह सम्पुष्ट हुआ है के विटामिन -D सम्पूरण दांतों को खोखला होने के खतरे के वजन को ४७ फीसद कम कर देता है। ऐसे कंट्रोल्ड क्लीनिकल ट्रायल में कुलमिलाकर २८२७ बच्चे शरीक रहे हैं।
लिङ्गोथान अभाव इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (erectile
disfunction )
में भी सीरम विटामिन -D का स्तर लाभदायक सिद्ध हो सकता है। लिङ्गोथान शिकायत से ग्रस्त कितने ही लोग कालांतर में हृदय एवं रक्तसंचरण रोग कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की चपेट में आते देखे गए हैं। इसका समाधान होने पर लिङ्गोथान अभाव से भी बाहर आते कई लोगों को देखा गया है।
आखिर लिङ्गोथान पेनाइल आर्टरी तक वांछित रक्त आपूर्ति न हो पाना ही तो है। शिश्न को रक्त ले जाने वाली रक्त वाहिनियां जब पूरा रक्त उठाने लगतीं हैं लिङ्गोथान फिर से होने लगता है।
Reference:
(1)https://www.medicinenet.com/vitamin_d_deficiency/article.htm
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