समाचार एजेंसी सीएनएन में प्रकाशित एक रपट के मुताबिक़ एक ब्रितानी सलाहकार संगठन ने भेड़ों और मवेशियों की तादाद २० -५० फीसद कम करने की ज़ोरदार...
समाचार एजेंसी सीएनएन में प्रकाशित एक रपट के मुताबिक़ एक ब्रितानी सलाहकार संगठन ने भेड़ों और मवेशियों की तादाद २० -५० फीसद कम करने की ज़ोरदार सिफारिश की है। समझा जाता है ऐसा करने से जलवायु के चरमराते ढाँचे को होने वाली नुकसानी को थोड़ा कम किया जा सकेगा अलावा इसके लोगों की सेहत के लिए रेड मीट से पैदा खतरों के वजन को भी साथ साथ कम किया जा सकेगा। आखिर हमारे पर्यावरण पारिस्थितिकी तंत्रों से ही तो जुडी है हमारी सेहत की नव्ज़।
समझा जाता है कि लैम (मैमने के गोश्त )और गौ मांस से गहरे जुडी है हमारी हवा की सेहत।ग्रीन हाउस गैसों के कुल कृषि उत्सर्जन में लैम और बीफ के अलावा भेड़ एवं अन्य मवेशी (दुग्ध मुहैया करवाने वाले अन्य पशुओं )की हिस्सेदार लगभग ५८ फीसद आंकी गई है। (२०१६ के ब्रितानी आंकड़े ).
जलवायु परिवर्तन से जुडी सरकारी समिति Committee on Climate Change (CCC )इन आंकड़ों की सम्पुष्टि करती है।
केवल गौ मांस और भेड़ (शीप )आदिक के गोश्त की खपत को कम करने से लगभग सत्तर लाख घास के मैदान नए जंगलात खड़े करने के काम में आ सकते हैं। यदि ऐसा हो जाए तो ये कार्बन को सोखने वाले वानस्पतिक स्रोत जलवायु के ढाँचे को कुछ न कुछ टूटने से ज़रूर बचा सकेंगे।
युनाइटिड किंडम के फिलाल कुल १४ फीसद भू -भाग पर जंगलात हैं इन्हें कमसे काम १९ फीसद तो होना ही चाहिए ऐसा माहिरों का मानना है।
गौ मांस और मैमने के गोश्त का चलन यदि कम हो जाए तो शाक भाजियों को बढ़ावा मिले सामिष भोजियों की पर्याप्त खाद्य आपूर्ति के लिए चिकन और शूकर को बढ़ावा मिले।
यहां अमरीका में २३ नवंबर थेंक्स गिविंग वीक का पहला दिन होगा। आपको जगह जगह लिखा मिल जाएगा एक turky की पुकार -ईट बीफ गिव थेंक्स। "भैया मेरी जान बख्शो गौ मांस खाओ आज के दिन। "बदलनी चाहिए ये सूरत ,लोग शाकाहार की तरफ आएं ,खुद को बचाएं।
यकीन मानिये यदि लोग संतुलित आहार और अपनी सेहत की हिफाज़त के लिए अपने आहार का नियमन प्रस्तावित "eat well guide " के अनुसार करें तब रेड मीट की खपत में जो कमी आएगी उसमें ८९ % हिस्सेदारी गौ मांस की होगी ,६३ फ़ीसद लैम की तथा डैरी उत्पादों की खपत भी २० फ़ीसद कम हो जाएगी।
ये तमाम ऐसे कदम हैं जिनका अनुपालन मुश्किल नहीं होना चाहिए। आखिर किसी और की नहीं यहां जनस्वास्थ्य की ही बात की जा रही है।
ज़ाहिर है भू -भाग के इस्तेमाल की प्राथमिकताओं में एक बड़े बदलाव की जरूरत हैं ब्रितानी जंगलात के क्षेत्र को बढ़ाने के साथ -साथ धरती की सतह के अंदर ठंडे एवं गीले स्थानों में सड़ी - गली घास पात से बना काला या भूरा रंग का वह प्राकृतिक पदार्थ जो खाद के काम आता था और पीट लैंड कहलाता था ,उसे भी पुनर्जीवित करने की जरूरत है।
इन सहज अनुकरणीय क़दमों से बाढ़ का ख़तरा भी कम होगा।
भारत के हरियाणा ,पंजाब में गेहूं की नै फसल लेने से पहले चावल की भूसी को बड़े पैमाने पर जलाया जाता है तो ब्रिटैन में पीटबोग्स को (भाई साहब ब्रितानी उपला कंडा ही समझना इसे ). दोनों चलन हमारी हवा पे भारी पड़ते हैं।
पर्यावरण है तो हम हैं। जल-वायु का ढांचा टूटा तो हम भी गए समझो।
वेक -अप काल है ये सिफारिशें ,अब और अभी नहीं तो कभी नहीं।
फिर दोहरा दें कुल ग्रीन हाउस गैस एमिशन में आज १४ फ़ीसद हिस्सेदारी एनिमल फार्मिग की बनी हुई है।इसका ६५ फ़ीसद बीफ और दूध मुहैया करवाने वाले अन्य मवेशियों की वजह से है।
(CNN)A new report a British advisory body has called for a 20%-50% cut in the number of sheep and cattle to help combat climate change -- adding to the growing international consensus that eating red meat is not only bad for your health, it is also bad for the environment.
समझा जाता है कि लैम (मैमने के गोश्त )और गौ मांस से गहरे जुडी है हमारी हवा की सेहत।ग्रीन हाउस गैसों के कुल कृषि उत्सर्जन में लैम और बीफ के अलावा भेड़ एवं अन्य मवेशी (दुग्ध मुहैया करवाने वाले अन्य पशुओं )की हिस्सेदार लगभग ५८ फीसद आंकी गई है। (२०१६ के ब्रितानी आंकड़े ).
जलवायु परिवर्तन से जुडी सरकारी समिति Committee on Climate Change (CCC )इन आंकड़ों की सम्पुष्टि करती है।
केवल गौ मांस और भेड़ (शीप )आदिक के गोश्त की खपत को कम करने से लगभग सत्तर लाख घास के मैदान नए जंगलात खड़े करने के काम में आ सकते हैं। यदि ऐसा हो जाए तो ये कार्बन को सोखने वाले वानस्पतिक स्रोत जलवायु के ढाँचे को कुछ न कुछ टूटने से ज़रूर बचा सकेंगे।
युनाइटिड किंडम के फिलाल कुल १४ फीसद भू -भाग पर जंगलात हैं इन्हें कमसे काम १९ फीसद तो होना ही चाहिए ऐसा माहिरों का मानना है।
गौ मांस और मैमने के गोश्त का चलन यदि कम हो जाए तो शाक भाजियों को बढ़ावा मिले सामिष भोजियों की पर्याप्त खाद्य आपूर्ति के लिए चिकन और शूकर को बढ़ावा मिले।
यहां अमरीका में २३ नवंबर थेंक्स गिविंग वीक का पहला दिन होगा। आपको जगह जगह लिखा मिल जाएगा एक turky की पुकार -ईट बीफ गिव थेंक्स। "भैया मेरी जान बख्शो गौ मांस खाओ आज के दिन। "बदलनी चाहिए ये सूरत ,लोग शाकाहार की तरफ आएं ,खुद को बचाएं।
यकीन मानिये यदि लोग संतुलित आहार और अपनी सेहत की हिफाज़त के लिए अपने आहार का नियमन प्रस्तावित "eat well guide " के अनुसार करें तब रेड मीट की खपत में जो कमी आएगी उसमें ८९ % हिस्सेदारी गौ मांस की होगी ,६३ फ़ीसद लैम की तथा डैरी उत्पादों की खपत भी २० फ़ीसद कम हो जाएगी।
ये तमाम ऐसे कदम हैं जिनका अनुपालन मुश्किल नहीं होना चाहिए। आखिर किसी और की नहीं यहां जनस्वास्थ्य की ही बात की जा रही है।
ज़ाहिर है भू -भाग के इस्तेमाल की प्राथमिकताओं में एक बड़े बदलाव की जरूरत हैं ब्रितानी जंगलात के क्षेत्र को बढ़ाने के साथ -साथ धरती की सतह के अंदर ठंडे एवं गीले स्थानों में सड़ी - गली घास पात से बना काला या भूरा रंग का वह प्राकृतिक पदार्थ जो खाद के काम आता था और पीट लैंड कहलाता था ,उसे भी पुनर्जीवित करने की जरूरत है।
इन सहज अनुकरणीय क़दमों से बाढ़ का ख़तरा भी कम होगा।
भारत के हरियाणा ,पंजाब में गेहूं की नै फसल लेने से पहले चावल की भूसी को बड़े पैमाने पर जलाया जाता है तो ब्रिटैन में पीटबोग्स को (भाई साहब ब्रितानी उपला कंडा ही समझना इसे ). दोनों चलन हमारी हवा पे भारी पड़ते हैं।
पर्यावरण है तो हम हैं। जल-वायु का ढांचा टूटा तो हम भी गए समझो।
वेक -अप काल है ये सिफारिशें ,अब और अभी नहीं तो कभी नहीं।
फिर दोहरा दें कुल ग्रीन हाउस गैस एमिशन में आज १४ फ़ीसद हिस्सेदारी एनिमल फार्मिग की बनी हुई है।इसका ६५ फ़ीसद बीफ और दूध मुहैया करवाने वाले अन्य मवेशियों की वजह से है।
(CNN)A new report a British advisory body has called for a 20%-50% cut in the number of sheep and cattle to help combat climate change -- adding to the growing international consensus that eating red meat is not only bad for your health, it is also bad for the environment.
Lamb, beef and dairy production accounts for the majority of greenhouse gases emitted by farms in Britain, with sheep and cattle directly responsible for around 58% of agricultural emissions in the UK in 2016, says the report by the government's Committee on Climate Change (CCC).
The advisory body suggests that a dramatic reduction in the consumption of cow and sheep products could release up to 7 million hectares of grassland, which could instead be planted to create forests and help store carbon.
It recommends that the UK's land under forestry should increase to 19% from 14%.
The committee also said a reduction in beef and lamb consumption would lead to a rise in the consumption of plant-based food, as well as chicken and pork.
The government's "Eatwell Guide" for a healthy and balanced diet outlines the proportion of a person's diet that each food group should provide. The report says that following these guidelines would lead to a dramatic reduction in the amount of red meat eaten by the population, with an 89% reduction for beef and a 63% reduction for lamb. This would also see a 20% decline in dairy products.
The target of reducing sheep and cattle numbers by 20%-50% also relies on people following the recommended diet, with the 20% goal achievable if people replace red meat with chicken and pork. The higher 50% goal would involve people switching to meat alternatives or substitutes.
The report, which has an overarching goal to create a "a new land use policy" that will help mitigate climate change, also includes recommendations to increase Britain's forested area as well as the restoration of the country's peatlands and the reduction of flood risks.
"This is a wake-up call for a complacent government that we must completely transform the way we use land, to avoid climate breakdown and make space for nature," Friends of the Earth campaigner Guy Shrubsole said in a statement.
"As the Committee on Climate Change says, we need to free up land from agriculture by eating much less meat and dairy, and stop landowners burning and degrading peat bogs -- our single biggest carbon store."
Animal farming is responsible for 14.5% of the world's greenhouse emissions, according to the UN's Food and Agriculture Organization, making it a significant contributor to climate change. Of those emissions, 65% comes from beef and dairy cattle.
A recent report by the UN's Intergovernmental Panel on Climate Change emphasized the need for people to consume about 30% less animal products. Eating less meat is one of a number of mitigation strategies suggested by the IPCC to overhaul agricultural and land-use practices, including the protection of forests.
A study last month predicted that as a result of population growth and the continued consumption of large amounts of red meat and processed food in the West, the environmental pressures from the food system could increase by up to 90% by 2050.
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