मर्दों में बाँझपन ,क्या हैं वजहें ? वैश्विक स्तर पर एक अनुमान के अनुसार छः में से एक दम्पति संतानहीनता के दायरे में हैं।संतान चाहने पर भी...
मर्दों में बाँझपन ,क्या हैं वजहें ?
वैश्विक स्तर पर एक अनुमान के अनुसार छः में से एक दम्पति संतानहीनता के दायरे में हैं।संतान चाहने पर भी एक बरस तक निष्फल रहने पर ऐसे दम्पतियों को रोगनिदान के लिए आगे आने के लिए कहा जाता है।
जांच के बाद ३० फीसद मामलों में मर्दों में बांझपन के लक्षण मिलते हैं।बांझपन के कुल मामलों का पांचवां हिस्सा मर्दों में मौजूद बांझपन से ताल्लुक रखता है।
इसकी मुख्यतया चार वजहें मालूम चली हैं :
(१ )इनमें एक से लेकर दो फीसद मामलों में पुरुषों के दिमाग का वह हिस्सा जो तापमान तथा हारमोन आदिक के स्राव को रेगुलेट करता है स्वयंचालित तरीके से (हाइपोथैलेमस )और पीयूष ग्रंथि (pituitry gland )के विकार से ताल्लुक रखता है।
(२ )३० से ४०%मामले gonad disorder से जुड़े होते हैं।इसके अंतर्गत ही अंडकोष और अंडाशय आते हैं जिनका काम प्रजनन कोशिकाओं को पैदा करना है।
(३ ) १० से २० फीसद मामले शुक्राणु परिवहन सम्बन्धी विकार (sperm transport disorder )के मिलते हैं।
(४ )४० से लेकर ५०फीसद मामलों की वजह पकड़ में ही नहीं आती।इनके कारण अज्ञात बने रहते हैं।
शुक्राणओं का असामान्य होना ,प्रति इजैकुलेट (स्खलन )तादाद में कम होना ,स्खलित होने में ही समस्याओं का पेश आना पुरुष बांझपन के आम कारण माने गए हैं। कुछ शुक्राणु अल्पकालिक जीवनक्षम (अल्प आयु )और कुछ की गति शीलता कमतर रहती है ऐसे में ये स्खलन पर फीमेल एग (डिम्ब या अंडाणु ) से मिलन नहीं मना पाते।इनमें उन तक पहुँचने की ताकत नहीं होती ,दमख़म नहीं होता।
शुक्राणुओं के असामान्य होने ,रह जाने की भी कई वजहें हो सकती हैं :
(१ )अंडकोषों में संक्रमण या सोजिश ,रोग पूर्व की किसी स्थिति का होना
(२ )अंडकोष थैली या फोता (scrotum )की शिराओं का सोजिश से फूल जाना
(३ )अंडकोषों में विकास संबंधी गड़बड़ी या किसी विकार का होना
शुक्राणुओं की प्रति स्खलन संख्या के कम हो जाने की भी कई वजहें हो सकतीं हैं :
(१ )पहले से चला आया मौजूद रहा आया किसी भी प्रकार का आनुवंशिक दोष
(२ )शराब ,तम्बाकू का सेवन अन्य नशा पत्ता (drugs )की लत
(३ )युवावस्था की दहलीज़ के पार एक विषाणु से पैदा होने वाले संक्रमण गलसुआ (mumps )की चपेट में आना
(४ )हरनीओप्लास्टी करवाना (एक शल्य कर्म जिसमें हर्निआ को वापस उसकी थैली में भेज दिया जाता है तथा उदर के उस कमज़ोर स्थान में सूराख को एक जाली से बंद कर दिया जाता है। लौहे की बनी होती है यह जाली टिशू फ्रेंडली।
(५ )हारमोन संबंधी विकार
(६ )विषैले रसायनों से प्रभावन (ऐसी फैक्ट्रियों में काम करने की मजबूरी जहां इन जहरीले टॉक्सिक रसायनों से शरीर अरक्षित बना रहता है।
(७ )विकिरण से असरग्रस्त होना (एक्स -रे ,सीटी स्कैन आदिक से बारह दो चार होना )
(८ )किसी पहले रहे संक्रमण से पैदा हुआ अवरोध (शुक्राणु लाने वाली नालियों में हो सकता है यह अवरोध )
(९ )टाइट अंडरविअर जींस आदिक पहन ने की आदत
(१० )ऊरूमूल (ग्रोइन )में चोट लगना
Infertility affects approximately 1 out of every 6 couples. An infertility diagnosis is given to a couple who are unable to conceive over the course of one year. When the problem lies with the male partner it is referred to as male infertility. Male infertility factors contribute to approximately 30% of all infertility cases, and male infertility alone accounts for approximately one-fifth of all infertility cases.
वैश्विक स्तर पर एक अनुमान के अनुसार छः में से एक दम्पति संतानहीनता के दायरे में हैं।संतान चाहने पर भी एक बरस तक निष्फल रहने पर ऐसे दम्पतियों को रोगनिदान के लिए आगे आने के लिए कहा जाता है।
जांच के बाद ३० फीसद मामलों में मर्दों में बांझपन के लक्षण मिलते हैं।बांझपन के कुल मामलों का पांचवां हिस्सा मर्दों में मौजूद बांझपन से ताल्लुक रखता है।
इसकी मुख्यतया चार वजहें मालूम चली हैं :
(१ )इनमें एक से लेकर दो फीसद मामलों में पुरुषों के दिमाग का वह हिस्सा जो तापमान तथा हारमोन आदिक के स्राव को रेगुलेट करता है स्वयंचालित तरीके से (हाइपोथैलेमस )और पीयूष ग्रंथि (pituitry gland )के विकार से ताल्लुक रखता है।
(२ )३० से ४०%मामले gonad disorder से जुड़े होते हैं।इसके अंतर्गत ही अंडकोष और अंडाशय आते हैं जिनका काम प्रजनन कोशिकाओं को पैदा करना है।
(३ ) १० से २० फीसद मामले शुक्राणु परिवहन सम्बन्धी विकार (sperm transport disorder )के मिलते हैं।
(४ )४० से लेकर ५०फीसद मामलों की वजह पकड़ में ही नहीं आती।इनके कारण अज्ञात बने रहते हैं।
शुक्राणओं का असामान्य होना ,प्रति इजैकुलेट (स्खलन )तादाद में कम होना ,स्खलित होने में ही समस्याओं का पेश आना पुरुष बांझपन के आम कारण माने गए हैं। कुछ शुक्राणु अल्पकालिक जीवनक्षम (अल्प आयु )और कुछ की गति शीलता कमतर रहती है ऐसे में ये स्खलन पर फीमेल एग (डिम्ब या अंडाणु ) से मिलन नहीं मना पाते।इनमें उन तक पहुँचने की ताकत नहीं होती ,दमख़म नहीं होता।
शुक्राणुओं के असामान्य होने ,रह जाने की भी कई वजहें हो सकती हैं :
(१ )अंडकोषों में संक्रमण या सोजिश ,रोग पूर्व की किसी स्थिति का होना
(२ )अंडकोष थैली या फोता (scrotum )की शिराओं का सोजिश से फूल जाना
(३ )अंडकोषों में विकास संबंधी गड़बड़ी या किसी विकार का होना
शुक्राणुओं की प्रति स्खलन संख्या के कम हो जाने की भी कई वजहें हो सकतीं हैं :
(१ )पहले से चला आया मौजूद रहा आया किसी भी प्रकार का आनुवंशिक दोष
(२ )शराब ,तम्बाकू का सेवन अन्य नशा पत्ता (drugs )की लत
(३ )युवावस्था की दहलीज़ के पार एक विषाणु से पैदा होने वाले संक्रमण गलसुआ (mumps )की चपेट में आना
(४ )हरनीओप्लास्टी करवाना (एक शल्य कर्म जिसमें हर्निआ को वापस उसकी थैली में भेज दिया जाता है तथा उदर के उस कमज़ोर स्थान में सूराख को एक जाली से बंद कर दिया जाता है। लौहे की बनी होती है यह जाली टिशू फ्रेंडली।
(५ )हारमोन संबंधी विकार
(६ )विषैले रसायनों से प्रभावन (ऐसी फैक्ट्रियों में काम करने की मजबूरी जहां इन जहरीले टॉक्सिक रसायनों से शरीर अरक्षित बना रहता है।
(७ )विकिरण से असरग्रस्त होना (एक्स -रे ,सीटी स्कैन आदिक से बारह दो चार होना )
(८ )किसी पहले रहे संक्रमण से पैदा हुआ अवरोध (शुक्राणु लाने वाली नालियों में हो सकता है यह अवरोध )
(९ )टाइट अंडरविअर जींस आदिक पहन ने की आदत
(१० )ऊरूमूल (ग्रोइन )में चोट लगना
Infertility affects approximately 1 out of every 6 couples. An infertility diagnosis is given to a couple who are unable to conceive over the course of one year. When the problem lies with the male partner it is referred to as male infertility. Male infertility factors contribute to approximately 30% of all infertility cases, and male infertility alone accounts for approximately one-fifth of all infertility cases.
What causes male infertility?
There are four main causes of infertility in males:
- A hypothalamic or pituitary disorder (1-2%)
- Gonad disorder (30-40%)
- Sperm transport disorder (10-20%)
- Unknown causes (40-50%)
Much research remains to be performed on the topic of male infertility, as many cases still receive an “unknown cause” diagnosis. Male infertility usually occurs because of sperm that are abnormal, because of inadequate numbers of sperm, or problems with ejaculation.
Sperm can be considered abnormal for two possible reasons: unusually short life span of the sperm and/or low mobility.
Sperm abnormalities may be caused by one or more of the following:
- Inflammation of the testicles
- Swollen veins in the scrotum
- Abnormally developed testicles
Reasons for a low sperm count or lack of sperm
- A pre-existing genetic condition
- Use of alcohol, tobacco or other drugs
- Severe mumps infection after puberty
- Hernia repairs
- Hormone disorder
- Exposure to poisonous chemicals
- Exposure to radiation
- A blockage caused by a previous infection
- Wearing restrictive or tight underwear
- Injury to the groin area
Male infertility can also occur when there are problems with ejaculation.
Ejaculation problems may include any of the following:
- Premature ejaculation
- Retrograde ejaculation, which occurs when the semen is forced back into the bladder
- Erection dysfunctions
- Complications from radiation therapy or surgery
Other causes of male infertility can include:
- History of STD’s
- Urinary tract infections
- Use of certain types of medications
How is male infertility diagnosed?
Potential male infertility will be assessed as part of a thorough physical examination. The examination will include a medical history regarding potential contributing factors.
Your healthcare provider may use one or more of the following tests to assess fertility:
- Semen analysis to determine the number and quality of sperm
- Blood test to check for infections or hormone problems. Hormone levels are just as important in male fertility as they are in female fertility
- Making a culture of fluid from the penis to check for infections
- Physical examination of the penis, scrotum, and prostate
Semen analysis is the most important part of male fertility testing. Some men find it more comfortable to do semen analysis testing in the privacy of their own homes. SpermCheck is a corporate sponsor of the American Pregnancy Association offering home semen analysis. You can learn more here.
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