सन्दर्भ -सामिग्री : https://www.cs.ubc.ca/~goyal/age_of_universe.php शुद्धतम वैज्ञानिक कार्यों के लिए समय अंतराल यानी काल गणना का शुद्धत...
सन्दर्भ -सामिग्री :https://www.cs.ubc.ca/~goyal/age_of_universe.php
शुद्धतम वैज्ञानिक कार्यों के लिए समय अंतराल यानी काल गणना का शुद्धतम मान एवं सन्दर्भ दोनों ज़रूरी रहता है इसीलिए पृथ्वी को एक अच्छी क्लॉक नहीं ही कहा जाएगा। पृथ्वी का नर्तन और परिभ्रमण 24x7 x365 यकसां नहीं रहता है कभी सबसे बड़ा और कभी सबसे छोटा दिन कभी दिन और रात की अवधि बराबर इसीलिए विज्ञानियों के बीच एक आलमी सहमति के तौर पर सीज़ियम क्रिस्टल (Ce 133 )के निर्धारित कम्पनों(९१ ९२ ६३ १७७० )की कालावधि को एक सेकिंड कहा गया है। इस परमाणु का दिल साल भर हर घड़ी पल छिन यकसां धड़कता है।
स्वयं हमारी सृष्टि के जन्म (ब्रह्माण्ड के उदभव एवं विकास )को लेकर तीन मान्य सिद्धांत प्रचलित रहे आये हैं :
(१) पल्सेटिंग यूनिवर्स सिद्धांत
(२ )स्टडी स्टेट थ्योरी
(३ )बिग बेन्ग
किस्सा मुख़्तसर यूं है पहला सिद्धांत साफ़ लफ़्ज़ों में बयाँ करता है :सृष्टियाँ एक क्रम से बनती बिगड़ती रहीं हैं। आइंदा भी ऐसा ही होता रहेगा।एक कालान्तर इनके बीच बना रहता है।
दूसरा सृष्टि सदैव ही एक साम्यवास्था में बनी रहती है बनी रही है बनी रहेगी।अलबत्ता सितारे स्थानीय तौर पर पैदा होते निहारिकाएं बनती बिगड़ती रहतीं हैं। लेकिन सृष्टि का औसत घनत्व एक जैसा बना रहता है।
तीसरा सर्वाधिक मान्य सिद्धांत बहुश्रुत रहा आया है जिसके अनुसार एक आदमी अणु था जो एक साथ सब जगह मौजूद था। तब न काल था न अंतरिक्ष का ही अस्तित्व था। सारा दृश्य (गोचर )अगोचर (अदृश्य )पदार्थ और ऊर्जा डार्क एनर्जी डार्क मेटर गॉड पार्टिकिल इसी में समाहित थी। इस प्राइमीटिव एटम का घनत्व एवं तामपान अनंत था। जबकि ये कोई जगह नहीं घेरता था। यानी शून्य आयतन लिए था। इस पर भौतिकी का कोई नियम लागू नहीं होता था सब कुछ एक रेडिएशन के हॉट सूप जैसा था।
एक महा -विस्फोट (Big Bang ) के साथ यह फट गया। आतिशबाज़ी के गोलों से इसके टुकड़े न सिर्फ बिखरे परस्पर छिटकते गए दूर से सुदूर तेज़ से तेजदार होते गए उस रेफरेंस पोस्ट के बरक्स जिसे हम सेंटर आफ एक्स्प्लोज़न कह सकते हैं। इस सिद्धांत के अनुसार ब्रह्माण्ड विस्तारशील रहा आया है लगातार फ़ैल रहा है रिफ्रेंस पोस्ट के बरक्स। फिलवक्त भी यह २. ७ २ ५ केल्विन की ठंडी रोशनियों में नहाया हुआ है जो अवशेष है उसी महा -विस्फोट का।हम सब इसी कॉस्मिक बैकग्राउंड रेडिएशन में डूबे नहाये हुए हैं हमारी सृष्टि भी जिसके हम अवयव हैं।
अनुमान है ऐसा विस्फोट ११ -२० अरब वर्ष पूर्व हुआ होगा। यह विस्तार रुकेगा या नहीं यह इस बात से तय होगा ,सृष्टि का कुल-घनत्व एक क्रांतिक मान से नीचे गिरता है या नहीं। यदि क्रिटिकल डेंसिटी यूनिवर्स की इस क्रांतिक मान से कमतर रही तब निहारिकाएं उनके समूह मौजूद अवयव निकट से निकटतर होते एक बार फिर उसी आदिम अणु में तिरोहित हो जाएंगे। ज़ज़्ब हो जाएंगे।
काल की अवधारणा मिथकीय झरोखे से :
इस अवधारणा के अनुरूप अनुसार फिलवक्त सृष्टि की कुल आयु (लांजेविटी ) =३११.०४ ट्रिलियन ईयर्स है। (वन ट्रिलियन मीन्स टेन टू पावर १२ ).
यहां साल का अर्थ है मानवीय वर्ष ह्यूमन ईयर।
सृष्टि की वर्तमान आयु =१५५.५२ १९ ७२ ९४४ ट्रिलियन ईअर्स
वेदों के अनुसार चार युगों का ज़िक्र किया जाता रहा है इनमें से कलियुग (वर्तमान कलपुर्ज़ों मशीनों का युग )से दोगुना अवधि द्वापर की तथा तीन गुणा त्रेता तथा चार गुणा सतयुग की बतलाई गई है। तदनुसार :
कलियुग =०. ४ ३ २ मिलियन ईयर्स
द्वापरयुग =०.८ ६ ४ मिलियन ईयर्स
त्रेता युग =१.२ ९ ६ मिलियन ईयर्स
सतयुग =१.७२८ मिलियन ईयर्स
इन चारों युगों का कुल जमा जोड़ =४. ३२ मिलियन ईयर्स ,
इसे एक चक्र कहा जाता है यही सुपर- ईआन या महायुग कहलाता है।दिव्य वर्ष भी इसे ही कहा गया है।
ऐसे चारों युगों के चक्र का एक हज़ार बार पुनरावर्तन यानी =१००० x४.३२ मिलियन ईयर्स =४. ३२ बिलियन ईयर्स =4.३२ अरब वर्ष आ जायेगा।
इसी काल -अवधि को ब्रह्मा जी का एक दिन या एक कल्प कहा जाता है ब्रह्माजी के रात और एक दिन की अवधि एक बराबर होती है। इसलिए एक दिन और एक रात ब्रह्माजी की हो गई =८. ६४ अरब वर्ष।
मान्यता है जब ब्रह्माजी का दिन होता है तब सृष्टि का प्राकट्य तथा रात होने पर अप्राकट्य होता है। यानी दिन में मैनिफेस्ट रात को सृष्टि अन -मैनिफेस्ट हो जाती है।
वेद पुराणों आगम निगमों में ब्रह्मा जी की आयु अवधि १०० बरस (ब्रह्मा जी के दिन और रात के सौ वर्ष मनुष्यों की दिन और रात के सौ वर्ष नहीं हैं यहां ) बतलाई गई है। ब्रह्माजी का एक वर्ष ३६० दिन तथा इतनी ही रातों का योग होता है। इस प्रकार
ब्रह्माजी की आयु अवधि =३६० x१०० x8.64 =३११०४० अरब वर्ष =३११. ०४ ट्रिलियन ईयर्स। (१ ट्रिलियन =दस ख़राब =दस की घात बारह )
यही सृष्टि की मिथकीय आयु बतलाई गई है।
यही कालावधि विष्णु का श्वाश -प्रश्वास ,एक ब्रेथ है
मान्यता है जब विष्णु एक सांस छोड़ते हैं बाहर निकालते हैंनासिकाओं से, हज़ारों हज़ार सृष्टि (असंख्य )पैदा हो जाती है। इनमें से हरेक के एक ब्रह्माजी भी होते हैं। अनंत सृष्टियाँ अनंत ब्रह्मा जी।
हरी अनंत हरी कथा अनंता ,
कहहिं सुनहिं बाहुबिधि सब संता।
महाविष्णु जब सांस अंदर लेते हैं तमाम सृष्टियाँ ब्रहमाजी के संग साथ तिरोहित भी हो जाती है।
ज्यों की त्यों धर दीन्हीं चदरिया
विशेष :रेडिमीट्रिक डेटिंग यानी रेडिओधर्मिता द्वारा काल निर्धारण विधी पृथ्वी की आयु ४. ५ अरब वर्ष बतलाती है। यह महज़ इत्तेफाक है उल्लेखित चारयुगों की कुल अवधि भी तकरीबन तकरीबन यही है ( ४. ३२ अरब वर्ष
I wrote this article long back so putting it here without much modifications. It talks about the current age (and total age) of universe as described by Vedas (sacred books of Hinduism). According to modern science, there are two theories:
a. The Steady State theory, which says the universe is never born, never dies, and is always like what it is.
b. The Big bang theory, which says the unive३२ rse began with a point of energy exploding in a "big-bang".
Since the universe is expanding and evolving, 1st theory is not 100% correct automatically. Big Bang theory says that the current age of universe is 11-20 billion years. But according to new observations, i.e. clusters of galaxies, super-clusters, Great Wall (Tully's complexes), it is quite evident that our universe is much much older than that. Lots of cosmologist believe that big-bang theory is not correct although it is most widely accepted. In short, modern man is not aware of forces and science which are needed to expain the creation of universe.
Lets look at vedic science and what it says. Right now I am quoting only what it says:
a. Total age of universe is 311.04 trillion years (human years).
b. Current age is around 155.521972944 trillion years.
How it is calculated:
-> There are 4 ages on earth which keeps circulating:
Satya Yuga - 1.728 million years
Treta Yuga - 1.296 million years
Dwapara Yuga - 0.864 million years
Kali Yuga - 0.432 million years
Total: 4.32 million human years.
-> This yuga cycle is called maha (in english, it means great/big) or divya (divine) yuga. One thousand such cycles forms one day of Brahma (a demigod in hindu religion which governs the universe). So one day of Brahma is 4.32 million * 1000 = 4.32 billion human years. Each such day of Brahma is called a "kalpa". His night also constitutes 4.32 billion human years. During his day, life exists in universe. In nighttime, no form of life exists. So one complete day and night has 8.64 billion human years.
-> Age of Brahma is 100 years. Each year of Brahma has 360 days and same number of nights. Thus, total age of Brahma is 360 * 100 * 8.64 billion = 311,040 billion human years. i.e. 311.04 trillion years. This period is called "maha kalpa".
-> The life span of the universe is one "maha kalpa". i.e. 311.04 trillion human years. This time span is also the duration of one breath of "Vishnu" (the ultimate god in hindu religion). When he exhales, thousands of universes emerges and one "Brahma" is born in each universe. When "Vishnu" inhales, all universes get sucked and Brahma dies.
-> This cycle is non-ending and eternal. Thats why "Vishnu" is considered eternal in Vedic Science (or religion).
How much old is our universe:
-> Note that the period of Satya Yuga is 0.4x, Treta Yuga is 0.3x, Dwapara Yuga is 0.2x and Kali Yuga is 0.1x where x is the time-span of one maha-yuga cycle. I will use 'x' as 1 maha-yuga cycle subsequently.
-> In 1 day of Brahma, there are 14 "manvantara". Each "manvantara" is divided into 71 "maha-yuga" cycles. So total make 14*71 = 994x (mahayuga cycles).
-> Remaining cycles (1 day of Brahma contains 1000 maha-yuga cycles) are used to fill gaps between manvantara. Before and after each manvantara (called as "sandhya" and "sandhyamsa" respectively), there is a junction of 1.728 million (age of Satya Yuga, or 0.4x) human years. Total number of junctions are 15 (since there are 14 manvantaras). So total gap period is = 0.4 * 15 = 6x. Hence total makes 1000 maha-yuga cycles or 1 brahma day.
-> According to the Vedic texts, current age of Brahma is 50 Brahma years and 1 brahma day (we are in the 1st day of 2nd half of brahma)and we are in the seventh "manvantara", in the 28th turnover of its 71 yuga cycles. In this cycle, we are in the start Kali Yuga. Age of kali yuga is not known perfectly but it is around 5000-10000 years. For calculation, lets assume 8000 human years.
-> So current age of our universe (in terms of maha-yuga cycles) =
(50 * 720 * 1000) -- 50 years * (360 days + 360 nights) * total no. of cycles in one day/night
+ (6 * 71) -- 6 manvantara each of 71 maha-yuga cycle
+ (7 * 0.4) -- 7 junctions or gaps for 6 manvantara
+ (27 * 1) -- we are in 28th cycle of 71
+ (0.4+0.3+0.2) -- In this cycle, we are in Kali Yuga. Satya Yuga, Treat Yuga and Dwapara yuga are 0.4x, 0.3x and 0.2x respectively.
+ around 8000 human years -- very small, so ignoring it.
Thus total age = (36,000,000 + 456.7)x = 36,000,456.7 * 4.32 million = 155,521,972.944 million years = 155.521972944 trillion human years. Now add the age of kaliyuga. i.e. around 8000 human years. One we calculate the exact age of kaliyuga, we can know the exact age of universe.
How ancient Indians (or Vedic people, more precisely) come up with these numbers, I dont have a clue.
शुद्धतम वैज्ञानिक कार्यों के लिए समय अंतराल यानी काल गणना का शुद्धतम मान एवं सन्दर्भ दोनों ज़रूरी रहता है इसीलिए पृथ्वी को एक अच्छी क्लॉक नहीं ही कहा जाएगा। पृथ्वी का नर्तन और परिभ्रमण 24x7 x365 यकसां नहीं रहता है कभी सबसे बड़ा और कभी सबसे छोटा दिन कभी दिन और रात की अवधि बराबर इसीलिए विज्ञानियों के बीच एक आलमी सहमति के तौर पर सीज़ियम क्रिस्टल (Ce 133 )के निर्धारित कम्पनों(९१ ९२ ६३ १७७० )की कालावधि को एक सेकिंड कहा गया है। इस परमाणु का दिल साल भर हर घड़ी पल छिन यकसां धड़कता है।
स्वयं हमारी सृष्टि के जन्म (ब्रह्माण्ड के उदभव एवं विकास )को लेकर तीन मान्य सिद्धांत प्रचलित रहे आये हैं :
(१) पल्सेटिंग यूनिवर्स सिद्धांत
(२ )स्टडी स्टेट थ्योरी
(३ )बिग बेन्ग
किस्सा मुख़्तसर यूं है पहला सिद्धांत साफ़ लफ़्ज़ों में बयाँ करता है :सृष्टियाँ एक क्रम से बनती बिगड़ती रहीं हैं। आइंदा भी ऐसा ही होता रहेगा।एक कालान्तर इनके बीच बना रहता है।
दूसरा सृष्टि सदैव ही एक साम्यवास्था में बनी रहती है बनी रही है बनी रहेगी।अलबत्ता सितारे स्थानीय तौर पर पैदा होते निहारिकाएं बनती बिगड़ती रहतीं हैं। लेकिन सृष्टि का औसत घनत्व एक जैसा बना रहता है।
तीसरा सर्वाधिक मान्य सिद्धांत बहुश्रुत रहा आया है जिसके अनुसार एक आदमी अणु था जो एक साथ सब जगह मौजूद था। तब न काल था न अंतरिक्ष का ही अस्तित्व था। सारा दृश्य (गोचर )अगोचर (अदृश्य )पदार्थ और ऊर्जा डार्क एनर्जी डार्क मेटर गॉड पार्टिकिल इसी में समाहित थी। इस प्राइमीटिव एटम का घनत्व एवं तामपान अनंत था। जबकि ये कोई जगह नहीं घेरता था। यानी शून्य आयतन लिए था। इस पर भौतिकी का कोई नियम लागू नहीं होता था सब कुछ एक रेडिएशन के हॉट सूप जैसा था।
एक महा -विस्फोट (Big Bang ) के साथ यह फट गया। आतिशबाज़ी के गोलों से इसके टुकड़े न सिर्फ बिखरे परस्पर छिटकते गए दूर से सुदूर तेज़ से तेजदार होते गए उस रेफरेंस पोस्ट के बरक्स जिसे हम सेंटर आफ एक्स्प्लोज़न कह सकते हैं। इस सिद्धांत के अनुसार ब्रह्माण्ड विस्तारशील रहा आया है लगातार फ़ैल रहा है रिफ्रेंस पोस्ट के बरक्स। फिलवक्त भी यह २. ७ २ ५ केल्विन की ठंडी रोशनियों में नहाया हुआ है जो अवशेष है उसी महा -विस्फोट का।हम सब इसी कॉस्मिक बैकग्राउंड रेडिएशन में डूबे नहाये हुए हैं हमारी सृष्टि भी जिसके हम अवयव हैं।
अनुमान है ऐसा विस्फोट ११ -२० अरब वर्ष पूर्व हुआ होगा। यह विस्तार रुकेगा या नहीं यह इस बात से तय होगा ,सृष्टि का कुल-घनत्व एक क्रांतिक मान से नीचे गिरता है या नहीं। यदि क्रिटिकल डेंसिटी यूनिवर्स की इस क्रांतिक मान से कमतर रही तब निहारिकाएं उनके समूह मौजूद अवयव निकट से निकटतर होते एक बार फिर उसी आदिम अणु में तिरोहित हो जाएंगे। ज़ज़्ब हो जाएंगे।
काल की अवधारणा मिथकीय झरोखे से :
इस अवधारणा के अनुरूप अनुसार फिलवक्त सृष्टि की कुल आयु (लांजेविटी ) =३११.०४ ट्रिलियन ईयर्स है। (वन ट्रिलियन मीन्स टेन टू पावर १२ ).
यहां साल का अर्थ है मानवीय वर्ष ह्यूमन ईयर।
सृष्टि की वर्तमान आयु =१५५.५२ १९ ७२ ९४४ ट्रिलियन ईअर्स
वेदों के अनुसार चार युगों का ज़िक्र किया जाता रहा है इनमें से कलियुग (वर्तमान कलपुर्ज़ों मशीनों का युग )से दोगुना अवधि द्वापर की तथा तीन गुणा त्रेता तथा चार गुणा सतयुग की बतलाई गई है। तदनुसार :
कलियुग =०. ४ ३ २ मिलियन ईयर्स
द्वापरयुग =०.८ ६ ४ मिलियन ईयर्स
त्रेता युग =१.२ ९ ६ मिलियन ईयर्स
सतयुग =१.७२८ मिलियन ईयर्स
इन चारों युगों का कुल जमा जोड़ =४. ३२ मिलियन ईयर्स ,
इसे एक चक्र कहा जाता है यही सुपर- ईआन या महायुग कहलाता है।दिव्य वर्ष भी इसे ही कहा गया है।
ऐसे चारों युगों के चक्र का एक हज़ार बार पुनरावर्तन यानी =१००० x४.३२ मिलियन ईयर्स =४. ३२ बिलियन ईयर्स =4.३२ अरब वर्ष आ जायेगा।
इसी काल -अवधि को ब्रह्मा जी का एक दिन या एक कल्प कहा जाता है ब्रह्माजी के रात और एक दिन की अवधि एक बराबर होती है। इसलिए एक दिन और एक रात ब्रह्माजी की हो गई =८. ६४ अरब वर्ष।
मान्यता है जब ब्रह्माजी का दिन होता है तब सृष्टि का प्राकट्य तथा रात होने पर अप्राकट्य होता है। यानी दिन में मैनिफेस्ट रात को सृष्टि अन -मैनिफेस्ट हो जाती है।
वेद पुराणों आगम निगमों में ब्रह्मा जी की आयु अवधि १०० बरस (ब्रह्मा जी के दिन और रात के सौ वर्ष मनुष्यों की दिन और रात के सौ वर्ष नहीं हैं यहां ) बतलाई गई है। ब्रह्माजी का एक वर्ष ३६० दिन तथा इतनी ही रातों का योग होता है। इस प्रकार
ब्रह्माजी की आयु अवधि =३६० x१०० x8.64 =३११०४० अरब वर्ष =३११. ०४ ट्रिलियन ईयर्स। (१ ट्रिलियन =दस ख़राब =दस की घात बारह )
यही सृष्टि की मिथकीय आयु बतलाई गई है।
यही कालावधि विष्णु का श्वाश -प्रश्वास ,एक ब्रेथ है
मान्यता है जब विष्णु एक सांस छोड़ते हैं बाहर निकालते हैंनासिकाओं से, हज़ारों हज़ार सृष्टि (असंख्य )पैदा हो जाती है। इनमें से हरेक के एक ब्रह्माजी भी होते हैं। अनंत सृष्टियाँ अनंत ब्रह्मा जी।
हरी अनंत हरी कथा अनंता ,
कहहिं सुनहिं बाहुबिधि सब संता।
महाविष्णु जब सांस अंदर लेते हैं तमाम सृष्टियाँ ब्रहमाजी के संग साथ तिरोहित भी हो जाती है।
ज्यों की त्यों धर दीन्हीं चदरिया
विशेष :रेडिमीट्रिक डेटिंग यानी रेडिओधर्मिता द्वारा काल निर्धारण विधी पृथ्वी की आयु ४. ५ अरब वर्ष बतलाती है। यह महज़ इत्तेफाक है उल्लेखित चारयुगों की कुल अवधि भी तकरीबन तकरीबन यही है ( ४. ३२ अरब वर्ष
I wrote this article long back so putting it here without much modifications. It talks about the current age (and total age) of universe as described by Vedas (sacred books of Hinduism). According to modern science, there are two theories:
a. The Steady State theory, which says the universe is never born, never dies, and is always like what it is.
b. The Big bang theory, which says the unive३२ rse began with a point of energy exploding in a "big-bang".
Since the universe is expanding and evolving, 1st theory is not 100% correct automatically. Big Bang theory says that the current age of universe is 11-20 billion years. But according to new observations, i.e. clusters of galaxies, super-clusters, Great Wall (Tully's complexes), it is quite evident that our universe is much much older than that. Lots of cosmologist believe that big-bang theory is not correct although it is most widely accepted. In short, modern man is not aware of forces and science which are needed to expain the creation of universe.
Lets look at vedic science and what it says. Right now I am quoting only what it says:
a. Total age of universe is 311.04 trillion years (human years).
b. Current age is around 155.521972944 trillion years.
How it is calculated:
-> There are 4 ages on earth which keeps circulating:
Satya Yuga - 1.728 million years
Treta Yuga - 1.296 million years
Dwapara Yuga - 0.864 million years
Kali Yuga - 0.432 million years
Total: 4.32 million human years.
-> This yuga cycle is called maha (in english, it means great/big) or divya (divine) yuga. One thousand such cycles forms one day of Brahma (a demigod in hindu religion which governs the universe). So one day of Brahma is 4.32 million * 1000 = 4.32 billion human years. Each such day of Brahma is called a "kalpa". His night also constitutes 4.32 billion human years. During his day, life exists in universe. In nighttime, no form of life exists. So one complete day and night has 8.64 billion human years.
-> Age of Brahma is 100 years. Each year of Brahma has 360 days and same number of nights. Thus, total age of Brahma is 360 * 100 * 8.64 billion = 311,040 billion human years. i.e. 311.04 trillion years. This period is called "maha kalpa".
-> The life span of the universe is one "maha kalpa". i.e. 311.04 trillion human years. This time span is also the duration of one breath of "Vishnu" (the ultimate god in hindu religion). When he exhales, thousands of universes emerges and one "Brahma" is born in each universe. When "Vishnu" inhales, all universes get sucked and Brahma dies.
-> This cycle is non-ending and eternal. Thats why "Vishnu" is considered eternal in Vedic Science (or religion).
How much old is our universe:
-> Note that the period of Satya Yuga is 0.4x, Treta Yuga is 0.3x, Dwapara Yuga is 0.2x and Kali Yuga is 0.1x where x is the time-span of one maha-yuga cycle. I will use 'x' as 1 maha-yuga cycle subsequently.
-> In 1 day of Brahma, there are 14 "manvantara". Each "manvantara" is divided into 71 "maha-yuga" cycles. So total make 14*71 = 994x (mahayuga cycles).
-> Remaining cycles (1 day of Brahma contains 1000 maha-yuga cycles) are used to fill gaps between manvantara. Before and after each manvantara (called as "sandhya" and "sandhyamsa" respectively), there is a junction of 1.728 million (age of Satya Yuga, or 0.4x) human years. Total number of junctions are 15 (since there are 14 manvantaras). So total gap period is = 0.4 * 15 = 6x. Hence total makes 1000 maha-yuga cycles or 1 brahma day.
-> According to the Vedic texts, current age of Brahma is 50 Brahma years and 1 brahma day (we are in the 1st day of 2nd half of brahma)and we are in the seventh "manvantara", in the 28th turnover of its 71 yuga cycles. In this cycle, we are in the start Kali Yuga. Age of kali yuga is not known perfectly but it is around 5000-10000 years. For calculation, lets assume 8000 human years.
-> So current age of our universe (in terms of maha-yuga cycles) =
(50 * 720 * 1000) -- 50 years * (360 days + 360 nights) * total no. of cycles in one day/night
+ (6 * 71) -- 6 manvantara each of 71 maha-yuga cycle
+ (7 * 0.4) -- 7 junctions or gaps for 6 manvantara
+ (27 * 1) -- we are in 28th cycle of 71
+ (0.4+0.3+0.2) -- In this cycle, we are in Kali Yuga. Satya Yuga, Treat Yuga and Dwapara yuga are 0.4x, 0.3x and 0.2x respectively.
+ around 8000 human years -- very small, so ignoring it.
Thus total age = (36,000,000 + 456.7)x = 36,000,456.7 * 4.32 million = 155,521,972.944 million years = 155.521972944 trillion human years. Now add the age of kaliyuga. i.e. around 8000 human years. One we calculate the exact age of kaliyuga, we can know the exact age of universe.
How ancient Indians (or Vedic people, more precisely) come up with these numbers, I dont have a clue.
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