इंटरव्यू ऑफ़ दी मंथ :डॉ. शरद गोयल जी (फिजियोथेरपिस्ट )से एक अन -औपचारिक बातचीत बतलाते चलें आपको शरद जी "थ्री -इन -वन" थेरेपी के...
इंटरव्यू ऑफ़ दी मंथ :डॉ. शरद गोयल जी (फिजियोथेरपिस्ट )से एक अन -औपचारिक बातचीत
बतलाते चलें आपको शरद जी "थ्री -इन -वन" थेरेपी के माहिर हैं। आप कायरो --प्रेकटर भी हैं यानी काय -रो -प्रेक्टिक के भी ज्ञाता है ,ओस्टेओपैथ भी और फिजियोथेरपिस्ट भी हैं इन दिनों मैं आपकी उंगलियों का जादू अपने दुखते अंग -टॉर्न शोल्डर मसल पे देख रहा हूँ। सिर्फ आस्था नहीं अनुभव है मेरा शरद जी के साथ जिसने मुझे प्रेरित किया मैं इनसे अनऔपचारिक बात करूँ चिकित्सा तिकड़ी -कायरो -प्रेक्टिक थेरपी (कायरो -प्रेक्टिस ),ऑस्टेओपेथी और फिजियोथेरेपी पर।
मैं ने ज़नाब शरद से पूछा डॉ. साहब हिन्दुस्तान के आम आदमी को सीधी सरल जुबां में आप क्या बताना चाहेंगे हमारा सवाल आपसे ये है इन तीनों दवा -विहीन चिकित्सा प्रणालियों दवा -विहीन चिकित्सा पद्धतियों में क्या अंतर है और कैसे फर्क है ?आपने जो कहा वह इस प्रकार है :
"ओस्टेओपैथी का फॉकस सॉफ्ट टि-शूज़ रहते हैं बे -शक यह चिकित्सा पद्धति सभी अंगों की संभाल करती है ,पता लगाती है असल कारक का ,कॉज़ेटिव एजेंट का ,होलिस्टिक सिस्टम है यह पूरी काया की खबर लेता है खबर देता भी है "
यहां एक टेक्निकल पारिभाषिक चिकित्सा शब्द Palpation का ज़िक्र करना लाज़िमी भी होगा प्रासंगिक भी। यहां चिकित्सक मृदु -ऊतक (soft tissue )का आंतर स्पंदन संवेदन फड़कन दुखन का ज़ायज़ा अनुमान या कयास लगाता है उंगलियों हथेली के स्पर्श से उस अंग को छूकर टेका लगाकर सहारा देकर।
किस बात का पता लगाया जाता है अन्वेषण करता है osteopath (Doctor of Osteopathy ,मृदूऊतक अन्वेषक चिकित्सक )?
यहां एक शब्दावली चिकित्सा चलन में है -
Tissue Texture Change Asymmetry
आपकी कपालीय लय (Cranial Rhythm )सामान्य है इसके लिए ज़रूरी है लय १० -१२ धड़कन (Beat Per Minute ) हो तथा आपके सभी प्रमुख आन्तरांगों (Visceral Organs)की लय (६ -८ )बीट या फड़कन प्रति मिनिट बनी रहे।
डॉक्टर ऑफ़ कायरो -प्रेक्टिक -स्पाइन की संभाल करते हैं इनका मानना रहता है ,नसों नाड़ियों का एक पूरा जाल ,नेटवर्क यहीं रीढ़ से निकलके सभी प्रधान अंगों तक जाता है।जिस अंग को जाने वाली नस या नाड़ियाँ दबी ,संरेखड़ स्पाइन का गड़बड़ाया जिसे मिस -अलाइनमेंट या सब -लक्सेशन कह दिया जाता है,वही अंग बीमार ,कार्यप्रणाली उसकी गैर -सक्षम होने लगती है।
बस पुनर -सररेखड़ प्राप्त करना होता है विरेखड़ हटाकर जहां -"Fascia" (अंगों को झटककर उनका तारतम्य हड्डियों की बिगड़ी हुई मेट्रिक्स सेटिंग दुरुस्त करने की कोशिश रहती है ,अखाड़े के पुराने पहलवान अबसे कोई डेढ़ सौ पौने दो सौ बरस पहले इस विद्या में माहिर थे ,हड्डी के अपनी जगह से हट जाने को दुरुस्त करवाने लोग उनके पास पहुँचते थे.
ये देसी लोक -चिकित्सा पहलवान देश विदेश दोनों जगह थे। इसी का विकसित परिमार्जित रूप है काय -रो -प्रेक्टिक मेडिसिन।
इस लय के बिगड़ने का मतलब रुग्ड़ता Disharmony
फिज़िकल थेरपी या फिजियोथेरपी हमारी तमाम पेशियों और जोड़ों की पड़ताल करती है। अलग -अलग,जुदा जोड़ों का गतिज व्यवहार movement pattern यहां आपके फिज़िओ की उंगलियों हथेलियों ,और उसकी नज़र से बच नहीं पाता है।वह आपसे छोटे छोटे काम करवा के देखता है मसलन एक कप दाएं से उठाकर बाई और या किसी वक्र मार्ग पे लेजा के दिखाना प्रभावित अंग वाले हाथ से ही उठवाया जाएगा कप अगर आप शोल्डर मसल टॉर्न कर बैठे हैं।
कुलमिलाकर ये तीनों मिली जुली विद्याएं हैं चिकित्सा सहेलियां हैं। परस्पर सम्बद्ध ,सुविधा और विशेषज्ञता की दृष्टि से इनका विभाजन करना आज के स्पेशलटी हॉस्पिटल दौर में करना लाज़िमी हो गया है।
विशेष :Doctor Of Chiropractic (D.O)believes that all body ailments are the results of a mis alignments of the spine .The misalignments known as Subluxations are done away ,the spine is re -aligned by a Chiropractor using Chiro -practic techniques ,some specially built beds medically equipped beds and all that paraphernalia and his fingers and expertise ,jerks given by him /her with right force and directions to the patients.
Osteopath deals with soft -tissues as well probes the whole body organs , a sort of a holistic approach .
Physiotherapist observes patterns of movements of various joints and sensations of muscles .
संक्षिप्त -परिचय :डॉ. शरद गोयल जी
बतलाते चलें आपको शरद जी "थ्री -इन -वन" थेरेपी के माहिर हैं। आप कायरो --प्रेकटर भी हैं यानी काय -रो -प्रेक्टिक के भी ज्ञाता है ,ओस्टेओपैथ भी और फिजियोथेरपिस्ट भी हैं इन दिनों मैं आपकी उंगलियों का जादू अपने दुखते अंग -टॉर्न शोल्डर मसल पे देख रहा हूँ। सिर्फ आस्था नहीं अनुभव है मेरा शरद जी के साथ जिसने मुझे प्रेरित किया मैं इनसे अनऔपचारिक बात करूँ चिकित्सा तिकड़ी -कायरो -प्रेक्टिक थेरपी (कायरो -प्रेक्टिस ),ऑस्टेओपेथी और फिजियोथेरेपी पर।
मैं ने ज़नाब शरद से पूछा डॉ. साहब हिन्दुस्तान के आम आदमी को सीधी सरल जुबां में आप क्या बताना चाहेंगे हमारा सवाल आपसे ये है इन तीनों दवा -विहीन चिकित्सा प्रणालियों दवा -विहीन चिकित्सा पद्धतियों में क्या अंतर है और कैसे फर्क है ?आपने जो कहा वह इस प्रकार है :
"ओस्टेओपैथी का फॉकस सॉफ्ट टि-शूज़ रहते हैं बे -शक यह चिकित्सा पद्धति सभी अंगों की संभाल करती है ,पता लगाती है असल कारक का ,कॉज़ेटिव एजेंट का ,होलिस्टिक सिस्टम है यह पूरी काया की खबर लेता है खबर देता भी है "
यहां एक टेक्निकल पारिभाषिक चिकित्सा शब्द Palpation का ज़िक्र करना लाज़िमी भी होगा प्रासंगिक भी। यहां चिकित्सक मृदु -ऊतक (soft tissue )का आंतर स्पंदन संवेदन फड़कन दुखन का ज़ायज़ा अनुमान या कयास लगाता है उंगलियों हथेली के स्पर्श से उस अंग को छूकर टेका लगाकर सहारा देकर।
किस बात का पता लगाया जाता है अन्वेषण करता है osteopath (Doctor of Osteopathy ,मृदूऊतक अन्वेषक चिकित्सक )?
यहां एक शब्दावली चिकित्सा चलन में है -
Tissue Texture Change Asymmetry
आपकी कपालीय लय (Cranial Rhythm )सामान्य है इसके लिए ज़रूरी है लय १० -१२ धड़कन (Beat Per Minute ) हो तथा आपके सभी प्रमुख आन्तरांगों (Visceral Organs)की लय (६ -८ )बीट या फड़कन प्रति मिनिट बनी रहे।
डॉक्टर ऑफ़ कायरो -प्रेक्टिक -स्पाइन की संभाल करते हैं इनका मानना रहता है ,नसों नाड़ियों का एक पूरा जाल ,नेटवर्क यहीं रीढ़ से निकलके सभी प्रधान अंगों तक जाता है।जिस अंग को जाने वाली नस या नाड़ियाँ दबी ,संरेखड़ स्पाइन का गड़बड़ाया जिसे मिस -अलाइनमेंट या सब -लक्सेशन कह दिया जाता है,वही अंग बीमार ,कार्यप्रणाली उसकी गैर -सक्षम होने लगती है।
बस पुनर -सररेखड़ प्राप्त करना होता है विरेखड़ हटाकर जहां -"Fascia" (अंगों को झटककर उनका तारतम्य हड्डियों की बिगड़ी हुई मेट्रिक्स सेटिंग दुरुस्त करने की कोशिश रहती है ,अखाड़े के पुराने पहलवान अबसे कोई डेढ़ सौ पौने दो सौ बरस पहले इस विद्या में माहिर थे ,हड्डी के अपनी जगह से हट जाने को दुरुस्त करवाने लोग उनके पास पहुँचते थे.
ये देसी लोक -चिकित्सा पहलवान देश विदेश दोनों जगह थे। इसी का विकसित परिमार्जित रूप है काय -रो -प्रेक्टिक मेडिसिन।
इस लय के बिगड़ने का मतलब रुग्ड़ता Disharmony
फिज़िकल थेरपी या फिजियोथेरपी हमारी तमाम पेशियों और जोड़ों की पड़ताल करती है। अलग -अलग,जुदा जोड़ों का गतिज व्यवहार movement pattern यहां आपके फिज़िओ की उंगलियों हथेलियों ,और उसकी नज़र से बच नहीं पाता है।वह आपसे छोटे छोटे काम करवा के देखता है मसलन एक कप दाएं से उठाकर बाई और या किसी वक्र मार्ग पे लेजा के दिखाना प्रभावित अंग वाले हाथ से ही उठवाया जाएगा कप अगर आप शोल्डर मसल टॉर्न कर बैठे हैं।
कुलमिलाकर ये तीनों मिली जुली विद्याएं हैं चिकित्सा सहेलियां हैं। परस्पर सम्बद्ध ,सुविधा और विशेषज्ञता की दृष्टि से इनका विभाजन करना आज के स्पेशलटी हॉस्पिटल दौर में करना लाज़िमी हो गया है।
विशेष :Doctor Of Chiropractic (D.O)believes that all body ailments are the results of a mis alignments of the spine .The misalignments known as Subluxations are done away ,the spine is re -aligned by a Chiropractor using Chiro -practic techniques ,some specially built beds medically equipped beds and all that paraphernalia and his fingers and expertise ,jerks given by him /her with right force and directions to the patients.
Osteopath deals with soft -tissues as well probes the whole body organs , a sort of a holistic approach .
Physiotherapist observes patterns of movements of various joints and sensations of muscles .
संक्षिप्त -परिचय :डॉ. शरद गोयल जी
बहुत सुन्दर।
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