अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नै दिल्ली के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया साहब ने देश में दर्ज़ होते मायो म्यूकोर मायो कोसिस (ब्लेक फंगस ,काल...
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नै दिल्ली के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया साहब ने देश में दर्ज़ होते मायो म्यूकोरमायोकोसिस (ब्लेक फंगस ,काला फफूँद ) मामलों के आलोक में यह आशंका व्यक्त की है कि इस अतिविरल लेकिन घातक रोग की चपेट में उन लोगों के आने की संभावना ज्यादा रहती है जिन्हें कोविड इलाज़ के दरमियान स्टेरॉयड दवाएं दी गईं हैं। पूर्व में आपने यह भी बतलाया था की उल्लेखित दवाओं का इस्तेमाल हलके और मंझोले लक्षणों वाले कोविड मरीज़ों पर किसी भी सूरत में न किया जाए।
इस फफूंद के बीजाणु मिट्टी (मृदा ) जल ,हवा यहां तक के खाद्य पदार्थों में भी मिले हैं भले ये उतने विरलुएंट उतने विषैले न हों।संक्रमण फैलाने में उतने सक्षम भी न हों। मुर्दों को इन दिनों गंगा में प्रवाहित किया गया है पता चला है कोविड विषाणु यहां भी तीन घंटा बना रह सकता है जल तो बेतरह संदूषित हो ही रहा है। स्वयं -संशोधन की कूवत अब गंगा जल में भी कहाँ रह गई है। वह भी उद्गम स्थल गंगोत्री से सैंकड़ों मील दूर प्रवाहित जल में वहां तो फैक्ट्रियों को विषैला अपशिष्ट ही पिंड नहीं छोड़ रहा है।
म्यूकोरमायोकोसिस के चंद मामले कोविड के फैलाव से पहले भी दर्ज़ हुए थे अब इन मामलों की संख्या बढ़ी है बढ़ रही हैं। डॉ गुलेरिया ने अस्पतालों को साफ़ तौर पर चेताया है वह इलाज़ में पूर्ण तरीके से कोरोना ट्रीटमेंट स्टेंडर्ड प्रोटोकॉल को अपनाएं ,स्टेरॉइड्स के अविवेकपूर्ण इस्तेमाल से आइंदा जहां तक सम्भव हो बचे वरना ऐसे मामले और भी बढ़ेंगे।
ब्लेक फंगस और अन्य सेकेंडरी इन्फेक्शस से बचा जा सकता है सावधानी बरतें।
क्योंकि ऐसे सेकेंडरी इंफेक्शन से अब ज्यादा लोग मर रहे हैं। लक्षण देखे जाने पर फ़ौरन तवज़्ज़ो मिलने पर इससे साफ़ बचा जा सकता है बस लक्षणों की अनदेखी न करें। फ़ौरन फिज़िशियन से संपर्क करें।बक़ौल डॉ गुलेरिया अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में म्यूकोरमायोकोसिस के २३ मरीज़ है इनमें बीस का अभी भी कोविड इलाज़ चल रहा है वे अभी भी कोविड पॉज़िटिव हैं बाकी तीन निगेटिव हैं। दीगर राज्यों से कइयों ने ५०० से भी ज्यादा मामले अपने यहां होने की पुष्टि की है।
म्यूकोरमायोकोसिस चहेरे के अलावा नाक आँख की ऑर्बिट ( या दिमाग )को भी सक्रमित कर सकता है जिससे आँखों की रौशनी जा सकती है फेफड़ों को भी संक्रमित कर सकता है यह संक्रमण।
साइनस पेन ,नेज़ल ब्लॉकेड चेहरे के एक तरफ शोजिस ,सुन्नी ,दन्त शूल ,जबड़ों का ढीला पड़ना ,मीग्रैन की तरह आधे माथे का दर्द इसके आम लक्षण हैं।
क्रोनिक डायबिटीज के रोगी वे तमाम लोग जिनका इम्युनसिस्टम पहले ही कमज़ोर है कई कण्डीशंस के चलते कोविड होने पर उनके लिए ब्लेक फंगस का खतरा अन्यों से ज्यादा है। बहरसूरत सावधानी सभी के लिए बचाव का कारगर उपाय साबित होता है।
नाक का काला पड़ना ,बीनाई का धुँधलाना एक वस्तु के स्थान पर दो दिखलाई देना ,सीने दर्द सांस लेने में तकलीफ का होना कफ के साथ खून आना मधुमेह से जुड़े होते हैं और मधुमेह के कोविड मामलों में डॉक्सी-मीथासोन जैसे स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जाना डायबिटीज को और भी उग्र बना सकता है।
बेशक म्यूकोरमीकोसिस के आंकड़े अभी राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध नहीं हैं लेकिन महाराष्ट्र और गुजरात उस भारत में अकेले नहीं हैं जहां डायबिटीज का हब है ,ड्रग रेज़ीस्तेंट डायबिटीज के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से पूर्व में दर्ज़ हो चुके हैं।हरियाणा से लेकर दीगर राज्यों तक मामले दर्ज़ हुए हैं।
सावधानी से आरम्भिक चरण में इलाज़ मिलने पर पूर्ण बचाव संभव है धैर्य खोने की कोई वजह नहीं हैं। केवल लापरवाही जानलेवा हो सकती है रोग नहीं।
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा ,# ८७० /३१ ,भूतल ,निकट फरीदाबाद मॉडल स्कूल ,सेक्टर -३१ फरीदाबाद १२१ ००३
दूरध्वनी :८५ ८८ ९८ ७१ ५०
सन्दर्भ -सामिग्री :
New Delhi:
Diabetics suffering from COVID-19 who are being given steroids have a high chance of being affected by mucormycosis or "black fungus", All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) Director Randeep Guleria said on Saturday, as hospitals report a rise in the rare but potentially fatal infection.
"Mucormycosis spores are found in soil, air and even in food. But they are of low virulence and usually do not causes infection. There were very few cases of this infection before Covid. Now a large number of cases are being reported due to Covid," he said at a news briefing.
Flagging "a misuse of steroids" as a major cause behind the cases, Dr Guleria urged hospitals to follow protocols of infection control practices since secondary infections - fungal and bacterial - can be increasingly seen in COVID-19 cases, causing more deaths.
"Misuse of steroids is a major cause behind this infection. Chances of fungal infection increase in the patients who are diabetic, Covid positive and those who are taking steroids. To prevent it, we should stop the misuse of steroids," Dr Guleria said.
"As COVID-19 cases are increasing, it's of paramount importance that we follow protocols of infection control practices at hospitals. It is been seen that secondary infections - fungal and bacterial - are causing more mortality," the AIIMS director said.
At AIIMS, 23 patients are being treated for this fungal infection. Out of them, 20 are still COVID-19 positive and the rest are negative. Many states have reported more than 500 cases of mucormycosis, said Dr Guleria.
"Mucormycosis can affect the face, infecting nose, the orbit of the eye, or brain, which can cause even vision loss. It can also spread to the lungs," he said.
The state-run Indian Council of Medical Research (ICMR) has said that doctors treating COVID-19 patients, diabetics and those with compromised immune systems should watch for early symptoms including sinus pain or nasal blockage on one side of the face, one-sided headache, swelling or numbness, toothache and loosening of teeth to guard against black fungus infections.
The disease, which can lead to blackening or discolouration over the nose, blurred or double vision, chest pain, breathing difficulties and coughing blood, is strongly linked to diabetes. And diabetes can in turn be exacerbated by steroids such as dexamethasone, used to treat severe COVID-19.
The government has not published national data on mucormycosis but has said there is no major outbreak. Media reports have pointed to cases in Maharashtra and Gujarat. Experts believe the high concentration of diabetics in India can be one of the causes for the large number of cases.
https://www.ndtv.com/india-news/black-fungus-what-causes-it-how-to-prevent-it-aiims-chief-explains-2442414
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