ज्योतिषियों के लिए 10,000.00 आस्ट्रेलियन डालर की एक और चुनौती

मैं आस्ट्रेलिया के शहर लिजमोर निवासी मनजीत सिंह बोपाराय यह घोषणा करता हूँ कि मैं 10,000.00 आस्ट्रेलियन डालर धरती के किसी भी पुरूष या औरत...



मैं आस्ट्रेलिया के शहर लिजमोर निवासी मनजीत सिंह बोपाराय यह घोषणा करता हूँ कि मैं 10,000.00 आस्ट्रेलियन डालर धरती के किसी भी पुरूष या औरत को देने के लिए तैयार हूँ, जो अपने किसी ग्राहक द्वारा किस्मत बताने वाली योग्यताओं या चमत्कारी शक्तियों का धोखा रहित परिस्थितियों में प्रदर्शन कर सकता हो। यह प्रस्ताव मेरी मृत्यु तक अथवा पहला विजयी मिलने तक जारी रहेगी।

ज्योतिषी, हस्त रेखा विशेषज्ञ, अगम-निगम का ज्ञान रखने वाले, कार्ड का नम्बर पढने वाले, सिद्ध तथा अन्य, जो अपने क्षेत्रों में चमत्कारी शक्तियाँ रखने का दावा करते हों, कि उनकी अपने क्षेत्र में चमत्कारी शक्ति या बुद्धि है, निम्न दर्ज किया हुआ कोई भी चमत्कार करके इस इनाम को जीत सकते हैं-

1- अपने अगम-निगम का ज्ञान प्रयोग करके कोई गुम हुई या छुपाई हुई वस्तु ढूंढ सके।
2- अपनी चमत्कारी शक्तियों से किसी ठोस वस्तु को हिलाना या मोडना।
3- सीलबंद नोट की क्रम संख्या पढना या टेलीपैथी की शक्ति से किसी अन्य व्यक्ति के मन के विचार बताने।
4- 10 स्त्रियों के हस्त चित्रों या टेवों को पढकर उनके जीवित और मरे हुए बच्चों की गिनती बता कर उनके लिंग बताएं, साथ ही किस्मत भी बताने वाले मेरा इनाम जीत सकते हैं। 20 प्रतिशत गल्तियाँ माफ की जाएंगी।
5- 10 पुरूषों के हस्तचित्रों को या टेवें देख कर उनके विवाहों की संख्या बताकर मेरे इनाम सीत सकते हैं। 20 प्रतिशत गल्तियां माफ होंगी।
चुनौती की निम्न शर्तें होंगी-
1- वह आदमी जो चुनौती स्वीकार करता है, इनाम जीतना चाहता है या नहीं, को 100 डालर प्रवेश शुल्क के तौर पर जमा करवाने होंगे। मैं यह फीस सस्ती लोकप्रियता चाहने वाले, जो मेरे रूपये तथा समय और शक्ति को नष्ट कर रहे होंगे, को दूर रखने के लिए की है। जीतने वाले को जमानत राशि वापस कर दी जाएगी।
2- जमानत की राशि जमा करवा देने के बाद ही किसी किस्मत बताने वाले को चुनौती स्वीकार करने वाला समझा जाएगा। जमानत की राशि न जमा करने वाले व्यक्ति के साथ किसी प्रकार का कोई पत्र व्यवहार नहीं किया जाएगा।
3- जमानत की राशि जमा करवाने के बाद किस्मत बताने वाले की परख मेरे द्वारा लोगों के सामने निश्चित दिन पर मेरे अपने शहर में की जाएगी।
4- यदि किस्मत बताने वाला असफल हो जाता है या परख का सामना करने से इनकार करता है, तो उसकी जमानत की राशि जब्त कर ली जाएगी। यदि वह मेरी परख में जीत जाता है, तो उसे वह रकम तो वापस की ही जाएगी, साथ में 10,000.00 आस्ट्रेलियन डालर पुरस्कार स्वरूप भी दिये जाएंगे।
5- सारी परखें धोखे से रहित परिस्थि‍तियों में मेरी पूरी तसल्ली तक की जाएंगी।
6- यदि कोई पत्र व्यवहार करना चाहता है, तो उसे डाक टिकटों वाला लिफाफा या डाक खर्च के बराबर का मूल्य मनीआर्डर से भेजना होगा।
-मनजीत सिंह बोपाराय
द्वारा तर्कभारती प्रकाशन
तर्कशील निवास, के0सी0 रोड,
बरनाला-148101 पंजाब
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COMMENTS

BLOGGER: 49
  1. दस हजार ऑस्‍ट्रेलियन डॉलर वाह।

    क्‍या पैंतीस और पैंतीस सत्‍तर होते हैं। मैं नहीं मानता। अब...

    मैं खुद को ही पूरी तसल्‍ली नहीं दे पाता।

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  2. इसके पूर्व भी स्वर्गीय अब्राहम साहब ने .चुनौती दी थी. कोई सामने नहीं आया

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  3. हां, भाई महान ज्योतिषियों अब इन महोदय को उत्तर दो और अपने तथाकथित ज्ञान-चमत्कार को सामने लाओ।

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  4. This comment has been removed by the author.

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  5. mujhe nahi lagta itne kam amount ke liye (approx. 3.5 - 4 lakh rupees) koi aacha jyotish itni mehnat karega .......
    isase jyoda to kisi minister ya film-star se mahine mien aise hi pa jata hoga. Phir ismein kisi international reputed society se koi recognition/ award bhi nahi included hai ......

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  6. यह चुनौती ज्‍योतिषियों के किसी काम की नहीं .. ज्‍योतिष ग्रहों की स्थिति का आम जीवन पर पडनेवाले प्रभाव का संकेत मात्र देता है .. जिन्‍हें ज्‍योतिष का अर्थ तक पता नहीं .. वे उन्‍हें चुनौती क्‍या दे सकते हैं .. तंत्र मंत्र या किसी प्रकार की सिद्धि रखनेवाले योगी को वहां अवश्‍य संपर्क करना चाहिए .. वे जीत सकते हैं।

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  7. संगीता जी, पिछले पचास सालों से ये चुनौतियां लगातार धरती का चक्‍कर लगा रही है, पर आज तक तो कोई सामने आने की हिम्‍मत नहीं जुटा सका।

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  8. इस चुनौतियों का और अधिक प्रचार होगा तभी शायद चुनौती लेने वाले लोग सामने आयेंगे.
    -अपनी चमत्कारी शक्तियों से किसी ठोस वस्तु को हिलाना या मोडना'
    यह कारनामा तो पश्चिम में भी कई लोग स्टेज पर कर चुके हैं.[सुना है]इस पर कई साईट भी हैं..अब कितना सच है यह तो मालूम नहीं..

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  9. दरअसल यह चुनौती उन तक पहुंचे कैसे !! क्योंकि वो न तो ब्लॉग देखने आते है, और ना ही आप फ़ोन करके उन्हें बताने वाले हैं | मेरे एक दो जान पहचान के हैं उन्हें खबर दूंगा अपना कमीशन बता कर !! हा ..हा....हा.. चुनौती अच्छी है!!!

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  10. जाकिर जी ,
    जहां तक मेरा अनुभव कहता है .. तांत्रिक इस चुनौती पर खरे उतर सकते हैं .. या तो उन्‍हें इस प्रकार की प्रतियोगिता की जानकारी नहीं रहती हो .. या फिर इस प्रकार के प्रदर्शन न करने की कोई बाध्‍यता रहती हो ।

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  11. जमानत राशी मत रखो. क्योंकि कोई नहीं आने वाला. फिर भी ज्योतिष को विज्ञान कहना जारी रखेंगे :)

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  12. यहाँ तो वैसे ही धमाल मचा हुआ है मेरी टिप्पणी की जरूरत ही नहीं !

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  13. apne inaam dus hazaar main mere bhi 100 indian rupees jod leven...

    aur wo bhi bina infliation rate ke.

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  14. यह सुनहरा मौका भविष्यवक्ताओं को नहीं चूकना चाहिए.

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  15. देखते हैं क्या परिणाम सामने आता है.

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  16. ज़ाकिर साहब और पचास साल बीतने के बाद भी कोई इन चुनौतियों को स्‍वीकार नहीं कर सकेगा।

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  17. मुझे ऐसा कोई एक भी कारण नज़र नहीं आता की कोई'' सक्षम एवं विषय की वास्तविक जानकारी रखने वाला " इसमें भाग ले |
    परीक्षा वह दी जाती है जिसमें परीक्षक को विषय - वस्तु की गहन एवं व्यवहारिक जानकारी होती है |
    और इस प्रकार के विषयों के निषेधों का उल्लघन कर कोई नहीं आयेगा |

    अब आप पूछेंगे ये निषेधों की क्या बात है , अतः आप इनका उत्तर देने के लिए इनके खंडन- मंडन के लिए स्वयं क्यों नहीं आगे बढ़ कर इस विषय वस्तु का अध्ययन करते ?
    परन्तु किसी प्रतिबद्धता के साथ न आवें,पूर्वाग्रह के साथ न आवें |
    अतः अपनी स्लेट पर लिखा पूर्वाग्रह - कोई भी प्रतिबद्धता मिटा कर आवें , क्यों की लिखे पर लिखा नहीं जा सकता |
    लगभग २० वर्षों ,जातकी ज्योतिष्य में काफी कुछ सीख जायेंगे |

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  18. मुझे तो थोडा विश्वास है ज्योतिष पर लेकिन यह चुनौती तो तंत्र-मन्त्र जानने वालों के लिए है पर यह बात उन तक पहुंचाई तो जाए

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  19. Keval vijeta ko 100 dollar lautaaye jaane vali shart jami nahin. 20% ki galati ki chhot denaa to vyavaharik tatha fair hai par 'tasalli tak' vali shart bahut spasht nahin hai. kafi log to anant kaal tak 100 dollar phasane se bhi ghabaraenge. Maan liya gaya lagata hai ki achchhe jyotishi/ hastarekha vidvan dhani honge. Mujhe sandeh hai. Par aisa koi vyavasthit prayog kiya jana aavashyak hai.
    Chandra Mohan

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  20. प्रथम तीन चुनौतियाँ तो तांत्रिकों के लिये हैं, लेकिन 4 व 5 को स्वीकार करने के बारे में ज्योतिषी बन्धुओं को आगे आना चाहिये (यदि वाकई कुंडली पढ़कर भविष्य जाना जा सकता है तो…) साथ ही मनजीत सिंह जी को दस कुंडलियों में से कम से कम एक कुंडली मृत व्यक्ति की रखना चाहिये, और दसों कुंडलियों को देखकर जो ज्योतिषी यह बता दे कि फ़लाँ कुंडली वाला व्यक्ति तो मर चुका है, उसे अतिरिक्त बोनस राशि देना चाहिये, यदि सम्भव हो किसी दुर्घटना में मृत व्यक्ति की कुंडली हो ताकि ज्योतिष महोदय को भी आसानी हो। :)

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  21. 3- जमानत की राशि जमा करवाने के बाद किस्मत बताने वाले की परख मेरे द्वारा लोगों के सामने निश्चित दिन परमेरे अपने शहर में की जाएगी।

    लो कर लो बात्! ये महाशय कह रहे हैं कि चुनौती का सामना मेरे अपने शहर लिजमोर (आस्ट्रेलिया)में करना होगा और उसके लिए यात्रा इत्यादि का सारा खर्चा आपको स्वयं वहन करना होगा तो बताईये ऎसा कौन सा मूर्ख व्यक्ति होगा जो कि लाखों रूपये जेब से खर्च करके सिर्फ 10000 डालर जीतने के लिए आस्ट्रेलिया जाकर इन्हे संतुष्ट करेगा।

    5-सारी परखें धोखे से रहित परिस्थि‍तियों मेंमेरी पूरी तसल्ली तक की जाएंगी।
    इनकी तसल्ली तो सात जन्म भी होनी मुश्किल है। जब पैसा हाथ से जाने का भय हो तो फिर तसल्ली कैसे होगी!बिल्कुल भी नहीं हो सकती.....

    6- यदि कोई पत्र व्यवहार करना चाहता है, तो उसे डाक टिकटों वाला लिफाफा या डाक खर्च के बराबर का मूल्य मनीआर्डर से भेजना होगा।

    लो जी, जिस व्यक्ति के डाक खर्च में बीस-पचास रूपये खर्चा करने में जान निकल रही है. आप लोग उससे ये उम्मीद करते हैं कि वो हारने पर 10000 डालर दे देगा!!!....ये मानना तो शायद एक तरह से बेवकूफी ही कही जाएगी।

    धन्य है मनजीत सिँह और इनकी ये तर्कशील सोसायटी!!!!!!!

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  22. बडी मूर्खता पूर्ण चुनौती है,कौन बेवकूफ़ आस्त्रेलिया जायेगा इस व्यर्थ के काम के लिये। हां,लेखक को जमानत राशि के धन्धे के लिये अवश्य बधाई देनी चाहिये, क्या आइडिया है?
    मुरारी जी, सह्गीता पुरी व अन्योनास्ति ने बहुत सतीक जबाव दिया है ,ऐसे तमाशेबाज़ों के लिये; जो उन तमाशेबाज नकली,गली-गली घूमते ज्योतिषियों की ही भांति हैं।

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  23. शर्माजी बिल्‍कुल सही कह रहे हैं .. इस तरह की जितनी भी चुनौतियां रखी जाती हैं .. वो बस अपनी संस्‍था के प्रचार प्रसार के लिए .. और कोई बात ही नहीं हैं .. और वैज्ञानिक इन्‍हें सच समझने लगते हैं।

    चिपलूनकर जी , आप कैसे समझते हें कि चुनौती 4 और 5 हम ज्‍योतिषियों के लिए हैं .. क्‍या कभी किसी ज्‍योतिषी ने किसी कुंडली को देखकर उसकी मृत्‍यु की पक्‍की भविष्‍यवाणी का दावा किया है .. जब इस बात का हम कभी दावा नहीं करते .. तो हर चुनौती में जीवित और मृत की कुंडली अलग अलग करने की बात कैसे आ जाती है .. किसी भी कुंडली में मारक योग आने पर व्‍यक्ति मर नहीं जाता .. मृत्‍युतुल्‍य कष्‍ट भी झेल सकता है .. किसी व्‍यक्ति की मृत्‍यु के लिए उसकी अपनी कुंडली ही नहीं .. माता , पिता , पत्‍नी और बच्‍चों की कुंडली में भी वैसी हानि का योग होना चाहिए .. परिवार के किसी भी व्‍यक्ति का भाग्‍य दूसरों को बचने में सहायक हो जाता है .. वास्‍तव में, वैज्ञानिकों को यदि ज्‍योतिष की सच्‍ची परख करनी है .. तो जन्‍मतिथि , जन्‍मसमय और जन्‍मस्‍थान देकर एक ज्‍योतिष जानेवालों को और ज्‍योतिष नहीं जाननेवालों को उक्‍त तिथि के बारे में स्‍वतंत्र रूप से भविष्‍यवाणी करने दिया जाए .. फिर देखा जाए कि किसकी बातें सही होती हैं .. और ये नहीं करना तो एक ज्‍योति‍षी का मजाक उडाते रहें .. आपलोगों को भला कौन रोक सकता है ?

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  24. परस्पर दावों-प्रतिदावों के बीच कुछ कह नहीं सकता.

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  25. अम्रत गागर ढकी असत पट
    मन काहे घबराया,
    सत से खोल असत पट घूंघट,
    पिया मिलन जो भाया।

    ---विग्यान स्वयम आज तक कोई भविष्य वाणी सटीक ढंग से नहीं करपाया, ज्योतिष भी स्पेक्युलटिव
    आर्ट व विग्यान है।
    वैसे कोई भविष्य जानकर करभी क्या लेगा, लिखा हुआ बदला नहीं जा सकता!----
    Trust no future,however be pleasent,
    let the past buried it dead,
    act act on living prasent,
    Heart within & God overhead.

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  26. आदरणीय संगीता जी, इसी प्रकार की, बल्कि इस प्रकार की शर्तों से भी अधिक व्यापक, अधिक खुली, चुनौती कुछ दिन पूर्व ही पुणे की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सहयोग से प्रसिद्ध वैज्ञानिक जयन्त नारलीकर और अन्य सहयोगियों द्वारा आयोजित की गई थी, जिसके अन्य पहलुओं और "रिजल्ट" के बारे में अब एक पोस्ट लिखना ही पड़ेगा… विस्तार से आपको मेल भेजकर बताता हूँ… ज्योतिष "विज्ञान" है या नहीं इस पर अन्तहीन बहस हो सकती है, जिसे विश्वास है वह इसे मानता ही रहेगा लेकिन जिसके अनुभव (कई प्रसिद्ध ज्योतिषियों को कुंडली दिखाने के बावजूद) खराब रहे हों, वह इसे कम से कम "विज्ञान" तो नहीं मानेगा।

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  27. चिपलूनकर जी ,

    प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो नार्लीकर जी के बारे में मुझे पूरी जानकारी है .. ज्‍योतिष के मामले में वे पूर्वाग्रह रहित हैं .. और इसमें वैज्ञानिक पहलू की उनको तलाश है .. पिछले दिनों पुणे की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सहयोग से उनके और अन्य सहयोगियों के द्वारा जो कार्यक्रम आयोजित किया गया था .. उसके बारे में पूरी जानकारी मुझे बाद में मिली .. उस कार्यक्रम के लिए ज्‍योतिषियों का चुनाव किस आधार पर किया गया था .. यानि कार्यक्रम के लिए ज्‍योतिषी किस माध्‍यम से आए थे .. पत्र पत्रिकाओं , समाचार या आपके ब्‍लाग में इस बात की चर्चा क्‍यूं नहीं हुई थी ?

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  28. ज्योतिश संभावनाओं का शास्त्र है.. संभावनाऐं कितनी सही होती है इसकी गणना विज्ञान से कि जा सकती है.. जैसे १० मेंसे २ सही, १०० में से २ सही.. आदि... निकालना ये चाहिये कि किसी भविष्य वाणी के सही होने कि प्रायिकता क्या है.. और उसके बाद उस हिसाब से उस पर विश्वास या अविश्वास किया जाना चाहिये.. मैं न तो उसके पक्ष में हूँ न विपक्ष में.. पर चाहता हूँ एसा अध्ययन हो ताकि संभावनाओं का पता लगाया जा सके..

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  29. तटस्थ ही रहूँगा । काफी बातें हो चुकी हैं । धन्यवाद ।

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  30. ओह ! यहाँ तो काफी कुछ हो चुका है । फिर भी शुरु करता हूँ अपनी रामकहानी---

    1. मनजीत सिंह बोपाराय जी कि मंशा चुनौती के माध्यम से उस समुदाय को आइना दिखाने की प्रतीत होती है जो चमत्कारी शक्तियों या इससे जुडी अन्य प्रकार की शक्तियों के आड मे समाज मे अन्धकार फैला रहे है और जनता को बेवकूफ बना रहे है जिसमे ढोंगी लोग ही मुख्य रुप से है। और अगर कोइ चमत्कारी शक्तियों से सम्पन्न व्यक्ति ऎसा करता है तो उसके खिलाफ सामाजिक लडाइ नही बल्कि उसी की भाषा मे लडाइ लडी जानी होगी ।

    2.अगर यह चुनौती किसी डाक्टर, इंजी0, वैज्ञानिक, को देंगे तो वह कहेगा - " भइ मेरा इस चमत्कार - वमत्कार से क्या लेना देना है , जो विद्या मैने सीखी है उसी से मै इलाज करता हू, हाँ कभी कभी इस इलाज मे चमत्कार हो जाते है मरता हुआ बच जाता है बचता हुआ निपट जाता है पर इसमे मेरा कोइ चमत्कार नही है मै किसी का इलाज चुनौती देकर नही करता हू इसी प्रकार ज्योतिषी भी कह सकता है कि मैने तो कभी चमत्कार की बात ही नही की जो मैने कहा तुम्हे चमत्कार लगा तो तुम्हारी भूल है तुम्हारी अज्ञानता है । कहने को और भी बहुत कुछ है लेकिन उससे कुछ लाभ नही बेहतर होगा कि कोइ ज्योतिष जानने वाला विधा के बारे मे पोस्ट लिखे ...............
    कुलमिलाकर ये पोस्ट गलत दिशा मे मोड दी गयी ज्योतिषियों को टारगेट करना इस चुनौती का उद्देश्य नही होना चाहिये

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  31. भई अंतिम बयान Science Bloggers Association of India की ओर से आजाये तो इस चर्चा को समाप्त करें .यह् पिछले 50-60 वर्षों से चल रहा है आज तक कोई चुनौती स्वीकार कर जीत ही नहीं सका है क्योंकि अपनी पोल सब पाखंडी जानते हैं

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  34. शरद कोकास जी,साइन्स ब्लोगर्स अस्सोसिअसन का बयान अन्तिम नहीं हो सकता, क्योंकि वे न तो प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य हैं,न वैग्यानिक ,न दार्शनिक, न ग्यानी.

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  35. इतनी बडी चुनोती?????सभी को पढ़ लिया......क्या कहा जाये अब???

    regards

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  36. विज्ञान की अपनी उपयोगिता है ज्‍योतिष्‍य और अध्‍यात्‍म की अपनी।

    विज्ञान भी अपने आप में बहुत मायनो में शिद्ध नही कर सका है। विज्ञान का अपनी तरूणाई में इठलाना स्‍वाभाविक है, विज्ञान इठला सकता है, जैसे आज हम अपनी तरूणाई में अध्‍पके ज्ञान में इठला लेते है किन्‍तु बड़े बुर्जुग की बातें कभी न कभी समझ आ ही जाती है।

    ज्‍योतिष्‍य का अपना स्‍थान है और ज्‍योतिष्‍य में पाखंड का कोई स्‍थान नही है।

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  37. हां, आप नहीं समझ पारहे हैं, हमने विग्यान, चिकित्सा,व ग्यान , के अन्दर घुस कर देखा है, किस तरह चिकित्सक, वैग्यानिक, व ग्यानी भी अपना अपना धन्धा चलाने के लिये पाखन्ड फ़ैलाते हैं,भ्रम जाल व एडवर्टिस्मेन्ट का सहारा लेते हैं। कैसे आज एक वैग्जायानिक जान् कारी , १० वर्ष बाद उलट जाती है।
    विग्यान भी सम्पूर्ण व अन्तिम ग्यान नहीं है
    जैसा वेदों में पहले ही स्वयं के लिये लिखा है---नेति-नेति, अर्थात ईश्वर के बारे में यही अन्तिम ग्यान नहीं है।

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  38. वाह बहुत बढ़िया! सभी ने इतना कुछ कह दिया की अब मैं क्या कहूँ? पर ये कहूँगी कि ज्योतिष पर मैं ज़्यादा यकीन नहीं करती! मेरा तो ये मानना है कि अपना काम मेहनत से करो तो कामयाबी ज़रूर मिलेगी!

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  39. योगेश जी के दिए गए नम्बरों पर फ़ोन करें और अगर गलत होता है, तो कम से कम वहाँ की जनता को अन्ध्विस्वास से आगाह करें !यहाँ सब अपनी अपनी बात कह रहें हैं! लेकिन यहाँ ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो चमत्कार मैं विस्वास रखते हैं | बाबो में आस्था रखते हैं | और वो बाबा जो घोर अपराधी होते हैं, उनके पीछे भी तो पब्लिक की लम्बी लाइन होती है | जहां भीड़ होती है जरुरी नहीं की सत्यता हो कहते हैं पांडव पांच थे और कौरव १०० पर सच्चाई पांच में थी | अभी न तो निष्कर्स ये निकला की चमत्कार नहीं है | और न ही ये की चमत्कारी शक्तियां होती हैं!! पर कुछ घटना ऐसी हो जाती है जो सोचने पर मजबूर करती हैं | हमारे गाँव में एक ऐसी घटना जिसके गवाह बहुत सरे मिल जायेंगे | एक १८-१९ साल की लड़की जो स्वभाव से बिलकुल सीधी जिसके अन्दर कहते हैं प्रेत घुसा | वो बाकायदा बता रही थी की वो कैसे मरी | उस लड़की के मुह से बोलती उस प्रेतात्मा ने बताया वो एक वृद्ध महिला है ( जो अनपढ़ थी) जिसे उसके पति ने जलाकर मार डाला था | तो वहाँ भी हमारे जैसे लोग थे जो भुत प्रेत को नहीं मानते थे | एक लड़का दूर से मुह पे कम्बल डाल के आया और बोला अगर तू इतना बड़ा भुत है तो बता मैं कौन हूँ ? लड़की का जवाब बिलकुल सटीक था | अब ये कह सकते हैं की आवाज से identifie कर लिया | लेकिन वो भी कहाँ मानाने वाले थे अपने जेब में रखे नोट के बारे में पूछा ! लड़की ने बताया एक पचास का दो दस दस के और कुछ नोट हैं इतनी मैं क्या पढ़ी लिखी हूँ?? दरअसल वो बुढिया जो मरी थी वो बिलकुल अनपढ़ थी | खैर ऐसी और भी कई घटनाएं जो आये दिन हमारे आस पास घटती हैं ! सोचने पर मजबूर करती है की चमत्कार है या संजोग??

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  40. यदि कोइ कमेंट Science Bloggers Association की तरफ से आता है तो उसमे कम से कम अध्‍यक्ष , उपाध्‍यक्ष , सचिव और आधे से अधिक सदस्‍यो की सहमति होनी चाहिये । क्या इसको ध्यान मे रखा गया है या एक सदस्य की टिप्पणी ही Science Bloggers Association की टिप्पणी है ?

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  41. ज्योतिषशास्त्र की प्रक्रिया में और विज्ञान की प्रक्रिया में बहुत समानता है। दोनों प्रेक्षण पर आधारित हैं। एक दूसरी समानता यह है कि दोनों एक ही प्रकार के प्रश्नों का उत्तर खोज रहे होते हैं। हां, उत्तर खोजने की उनकी प्रक्रिया में और जिस नतीजे पर वे पहुंचते हैं, उनमें फर्क है।

    चंद्र, सूर्य, नक्षत्र आदि का निरीक्षण करके उनके गमन से संबंधित नियम बनाने और उनके आधार पर ग्रहण, सूर्योदय, समय आदि का पूर्वानुमान करना ज्योतिष का भी काम है और विज्ञान का भी। आजकल अंतरिक्ष में ही स्थापित हबल जैसे बड़े-बड़े दूरबीन वैज्ञानिकों को उपलब्ध हैं, पर हजारों वर्ष पहले आर्यभट्ट, वराहमिहर आदि कोरी आंखों से निरीक्षण करके ही यह काम किया करते थे। उन दिनों जिस चीज को हम विज्ञान कहते हैं, उसके लिए ज्योतिषशास्त्र नाम ही चलता था।

    हमारे देश में पहले ज्योतिषशास्त्र का वही अर्थ नहीं लिया जाता था, जो आजकल लिया जाता है, यानी पाखंड। उसके साथ अनेक अन्य उपयोगी शास्त्र भी जुड़े हुए थे, जैसे गणित, पदार्थशास्त्र, आयुर्वेद, मनोविज्ञान, जीवविज्ञान आदि। ज्योतिषशास्त्र की व्युत्पत्ति ही इस तरह से की गई ज्योति + शास्त्र, यानी प्रकाश का शास्त्र या वह शास्त्र जो प्रकाश डाले। पहला अर्थ लें तो वह खगोलविद्या के समकक्ष बनता है, और दूसरा अर्थ लें तो समस्त विज्ञान का।

    आजकल ज्योतिषशास्त्र से यही समझ लिया जाता है कि वह भविष्य बतानेवाला शास्त्र है, पर असल में ज्योतिषशास्त्र के पांच-छह विभाग हैं, जिनमें से केवल एक या दो का ही भविष्य बताने से संबंध है। ज्योतिषशास्त्र के प्रमुख विभाग ये हैं होरा, सिद्धांत, संहिता, प्रश्न और शकुन।

    नेमिचंद्र शास्त्रि ने भारतीय ज्योतिष नामक एक बहुत अच्छी किताब लिखी है, जो भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित हुई है। इसमें भारतीय ज्योतिष के बारे में और उसके इतिहास, परंपरा और उपलब्धियों के बारे में अच्छा परिचय दिया गया है।

    इसलिए इस तरह के प्रयासों में शब्दावली की ओर बहुत अधिक ध्यान देने की जरूरत है। अन्यथा अंधविश्वासों को दूर करने के चक्कर में उपयोगी चीजों को भी हम खो बैठेंगे और लोगों में अपने देश की प्राचीन उपलब्धियों के संबंध में गलत धारणाएं भी बन जाएंगी।

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  42. जो भी है रोचक है अति रोचक .

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  43. जाकिर जी ,

    ज्‍योतिष के द्वारा किसी के जीवन के हर संदर्भों के बारे में सांकेतिक रूप से बात की जा सकती है , पर उनका सिर्फ गुणात्‍मक पहलू ही बताया जा सकता है , परिमाणात्‍मक पहलू बताना संभव नहीं । जातक के चारित्रिक विशेषताओं के साथ ही साथ उसके हर पक्ष के सुख , दुख , महत्‍वाकांक्षा , कार्यक्षमता , आई क्‍यू के बारे मे साल , महीने और दिन तक की चर्चा करते हुए जातक की आगे बढती जीवनयात्रा को बताया जा सकता है।

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  44. Sangeeta ji, aap ki bbaten to jalebi jaisi hain, jinhe sirf aap samajh sakti hai.
    Kripya saf saf aur is dhang se batayen ki ek jaahil bhi samajh le. Udahran sahit batayen to aur bhi achha ho.

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  45. जिसे जाहिल भी समझ ले ऐसी क्‍या एस्‍ट्रोलॉजी। :)

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  46. वाह सिद्धार्थ! क्या जोश की बात कही है।

    ए बिलिअन डालर कमेन्ट।

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  47. दोस्त अच्छा लिखते हो।

    बिना वाद-विवाद में पडे इतना कह सकता हूँ कि आपकी पहली (खोई वस्तु ढूँढना) और चौथी (किसी स्त्री के कुल जीवित/मृत बच्चे लिंग के साथ बताना) शर्त को कोई ज्योतिषी आराम से हल कर देगा।

    बताया यह भी जा सकता है कि किसी व्यक्ति के विवाह/संबंध एक से अधिक होंगे या नहीं, पर आपकी शर्त गणना की है।

    अन्य दो (नोट का न6बर और मोडना इत्यादि) ज्योतिष का भाग नहीं। अन्य विद्याओं से संभव है, पर मेरी जानकारी से परे।

    वाद विवाद में फिर कह रहा हूँ दोस्त पडता नहीं, चुनौतियाँ लेने का शौक नहीं, और शर्त का जीता पैसा बिल्कुल नहीं चाहिए।

    तो मैंने उत्तर क्यों दिया आपकी पोस्ट का?

    सिर्फ यह बताने के लिए दोस्त कि किसी अच्छे ज्योतिषी के पास विश्वास के साथ जाओ (उसे आजमाने नहीं) तो इन दो प्रश्नों का उत्तर बहुत सहज है।

    दोस्त ज्योतिष तर्क, वाद-विवाद, प्रतियोगिता-प्रतिस्पर्धा से बहुत ऊपर है।

    सप्रेम, सविनय
    संजय गुलाटी मुसाफिर

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  48. यह चुनौती मेरी दृष्टि से स्वीकार ही ली जावे
    सब साफ़ हो जाएगा जो ज़रूरी है

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- दर्शन लाल बावेजा,1,- बी एस पाबला,1,-Dr. Prashant Arya,2,-अंकित,4,-अंकुर गुप्ता,7,-अभिषेक ओझा,2,-अल्पना वर्मा,22,-आशीष श्रीवास्‍तव,2,-इन्द्रनील भट्टाचार्जी,3,-काव्या शुक्ला,2,-जाकिर अली ‘रजनीश’,56,-जी.के. अवधिया,6,-जीशान हैदर जैदी,45,-डा प्रवीण चोपड़ा,4,-डा0 अरविंद मिश्र,26,-डा0 श्‍याम गुप्‍ता,5,-डॉ. गुरू दयाल प्रदीप,8,-डॉ0 दिनेश मिश्र,5,-दर्शन बवेजा,1,-दर्शन लाल बवेजा,7,-दर्शन लाल बावेजा,2,-दिनेशराय द्विवेदी,1,-पवन मिश्रा,1,-पूनम मिश्रा,7,-बालसुब्रमण्यम,2,-योगेन्द्र पाल,6,-रंजना [रंजू भाटिया],22,-रेखा श्रीवास्‍तव,1,-लवली कुमारी,3,-विनय प्रजापति,2,-वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई),81,-शिरीष खरे,2,-शैलेश भारतवासी,1,-संदीप,2,-सलीम ख़ान,13,-हिमांशु पाण्डेय,3,.संस्‍था के उद्देश्‍य,1,।NASA,1,(गंगा दशहरा),1,100 billion planets,1,2011 एम डी,1,22 जुलाई,1,22/7,1,3/14,1,3D FANTASY GAME SPARX,1,3D News Paper,2,5 जून,1,Acid rain,1,Adhik maas,1,Adolescent,1,Aids Bumb,1,aids killing cream,1,Albert von Szent-Györgyi de Nagyrápolt,1,Alfred Nobel,1,aliens,1,All india raduio,1,altruism,1,AM,18,Aml Versha,1,andhvishwas,5,animal behaviour,1,animals,1,Antarctic Bottom Water,1,Antarctica,9,anti aids cream,1,Antibiotic resistance,1,arunachal pradesh,1,astrological challenge,1,astrology,1,Astrology and Blind Faith,1,astrology and science,1,astrology challenge,1,astronomy,4,Aubrey Holes,1,Award,4,AWI,1,Ayush Kumar Mittal,1,bad effects of mobile,1,beat Cancer,1,Beauty in Mathematics,1,Benefit of Mother Milk,1,benifit of yoga,1,Bhaddari,1,Bhoot Pret,3,big bang theory,1,Binge Drinking,1,Bio Cremation,1,bionic eye Veerubhai,1,Blind Faith,4,Blind Faith and Learned person,1,bloggers achievements,1,Blood donation,1,bloom box energy generator,1,Bobs Award,1,Breath of mud,1,briny water,1,Bullock Power,1,Business Continuity,1,C Programming Language,1,calendar,1,Camel reproduction centre,1,Carbon Sink,1,Cause of Acne,1,Change Lifestyle,1,childhood and TV,1,chromosome,1,Cognitive Scinece,1,comets,1,Computer,2,darshan baweja,1,Deep Ocean Currents,1,Depression Treatment,1,desert process,1,Dineshrai Dwivedi,1,DISQUS,1,DNA,3,DNA Fingerprinting,1,Dr Shivedra Shukla,1,Dr. Abdul Kalam,1,Dr. K. N. 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