पिछली पोस्ट में आपने जाना रवि रतलामी जी के प्रस्तुतिकरण के बारे में। उसके बाद शैलेश जी ने अपना प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। पोस्ट ल...
पिछली पोस्ट में आपने जाना रवि रतलामी जी के प्रस्तुतिकरण के बारे में। उसके बाद शैलेश जी ने अपना प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। पोस्ट लम्बी हो रही थी इसलिए दूसरा भाग शुरू करना पड़ा। अब आगे…
तल्लीन प्रतिभागी
अब जानिए क्या है फोनेटिक टाइपिंग टूल
यह टूल उन प्रशिक्षुओं के लिए बहुत उपयोगी है, जो पहली बार हिन्दी टाइपिंग करने का प्रयास कर रहे हैं। यह टूल उन प्रशिक्षुओं के लिए भी उपुयुक्त है, जिनकी उँगलिया अंग्रेजी टाइपिंग के लिए अभ्यस्त हैं। इस तरह के टूलों को लिप्यंतरण टूल या ट्रांसलिटरेशन टूल भी कहते हैं। जैसाकि नाम से ही स्पष्ट है कि हम इस टूल के माध्यम से लिपि में बदलाव करते हैं। कहने का मतलब यह है कि हमें रोमन (अंग्रेजी भाषा की लिपि) में हिन्दी शब्द/वाक्य/वाक्यांश लिखने हैं, यह टूल स्वतः ही उन्हें देवनागरी-हिन्दी में बदल देगा। मान लीजिए कि आपको एक वाक्य टाइप करना है- मुझे हिन्दी में टंकण करना है। इसके लिए आपको अपने स्टैंडर्ड कीबोर्ड (जिसे QWERT कीबोर्ड भी कहते हैं) से बस यह टाइप करना है-
Mujhe hindi mein tankan karana hai.
आप देखेंगे कि आपके स्क्रीन पर देवनागरी में उपर्युक्त वाक्य बदलता जा रहा है। है ना यह बहुत ही आसान!
हिन्दी भाषा एक ध्वनात्मक भाषा है और हिन्दी की लिपि देवनागरी लिपि एक वैज्ञानिक लिपि। हम जिस क्रम में ध्वनियों का उच्चारण करते हैं, लगभग उसी क्रम में हम उन्हें लिखते हैं। उदाहरण के लिए यदि हमें ‘लखनऊ’ बोलना है तो पहले ‘ल’, फिर ‘ख’, फिर ‘न’ और अंत में ‘ऊ’ का उच्चारण करना होता हैं और इसी क्रम में हम इन्हें लिखते हैं। जब हम लिप्यंतरण टूल से हिन्दी में टाइप करना चाहते हैं तो रोमन में हिन्दी शब्दाक्षरों को उसी क्रम में टाइप में करते हैं, जिस क्रम में वे बोले गये हैं।
नीचे की स्क्रीन पर जो दिख रहा है उसे प्रतिभागी ने अभी-अभी यूनीकोड मे टंकण किया।
एक प्रतिभागी ने डायस पर आकर अपनी समस्या सुलझायी।
3 सबसे महत्वपूर्ण टूलों की चर्चा
1) गूगल आईएमई (Google IME)- यह हिन्दी में टाइप करने का सरतलम साधन हैं। यह ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। मतलब एक बार सिस्टम में इसे संस्थापित (इंस्टॉल) कर लेने के बाद, हिन्दी में लिखने के लिए इंटरनेट कनैक्शन की बाध्यता समाप्त हो जाती है। इस टूल की बहुत-सी खासियतें ऐसी हैं, जो किसी अन्य टूल में उपलब्ध नहीं है-
आसान कीबोर्ड-
शब्दों की पूर्ति-
खोज का विकल्प
वैयक्तिक चयन-
सुखद अनुकूलन-
2) हिन्दी टूल किट या बरह आईएमई (BARAHA IME)- यह हिन्दी का सबसे अधिक चर्चित टूल है।
3) इंडिक आईएमई (Indic IME)- यह माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी के ‘भाषा इंडिया’ नामक उपक्रम द्वारा विकसित टूल है। इसमें टाइप करने के ढेरों तरीके उपलब्ध हैं, जिनमें से एक लिप्यंतरण विधि से टाइप करने का भी विकल्प है।
रोमन से देवनागरी में एकमुश्त लिप्यंतरण- “ये लखनऊ की सरजमीं…. (quilpad.in से ऑनलाइन सुविधा)
सर बहुत भूख लगी है…:)
अब सभी लंच ब्रेक की घोषणा चाह रहे हैं
पहली बार ऑफ लाइन हिंदी टाइप करके खुश हो लिया जी… अब तो लंच…
गुरू जी अभी संस्कृत का श्लोक टाइप करना सिखा रहे हैं :(
त्वमेव माता च पिता त्वमेव…
who/what? ……food?
इनस्क्रिप्ट टाइपिंग टूल
(टच स्क्रीन प्रणाली)
यह भारत सरकार द्वारा मानकीकृत टाइपिंग प्रणाली है। तमाम बड़े मीडिया हाउसेस में इसी कीबोर्ड से हिन्दी में टाइपिंग की जाती रही है। बहुत से मीडियाकर्मी इसी कीबोर्ड लेआउट को जानकारी के अभाव में फोनेटिक लेआउट भी कहते हैं।
इस कीबोर्ड में अत्यधिक भारतीय भाषाओं (जिनका उद्गम किसी-न-किसी तरह से संस्कृत-भाषा से सम्बंधित है) के स्वरों और व्यंजनों को QWERT कीबोर्ड पर एक क्रम से व्यवस्थित किया गया है, जिसका अभ्यास होने के बाद कोई भी प्रयोक्ता सभी भारतीय भाषाओं में आसानी से टाइप कर सकता है। इस विधि से टाइप करने के इच्छुक प्रयोक्ता निम्नलिखित दो टूलों में से किसी एक का इस्तेमाल कर सकते हैं-
1) इंडिक आईएमई- जैसाकि हमने ऊपर ही बताया कि भाषा-इंडिया द्वारा विकसित इस टूल में टाइप करने के ढेर सारे विकल्प उपलब्ध हैं। इस टाइपिंग टूल में इनस्क्रिप्ट विधि से भी टाइप करने की सुविधा है। इस सॉफ्टवेयर को अपने सिस्टम में संस्थापित करने के बाद कीबोर्ड विकल्प में से इनस्क्रिप्ट का विकल्प चुनकर आप आसानी से इंस्क्रिप्ट विधि से टाइप कर सकते हैं।
2) कैफे हिन्दी- यह टूल मैथिली शरण गुप्त की कम्पनी द्वारा विकसित किया गया है। इस टूल में भी बहुत से टाइपिंग विकल्प मौज़ूद हैं। कुछ प्रयोक्ता इनस्क्रिप्ट हिन्दी टाइपिंग के लिए इस टूल का भी इस्तेमाल करते हैं।
केवल ऑनलाइन टूल
हिन्दी में टाइप करने के कुछ औज़ार ऐसे भी हैं जो केवल ऑनलाइन उपलब्ध हैं। लेकिन ये इतने उपयोगी हैं कि इनकी चर्चा किये बिना हिन्दी टाइपिंग सॉफ्टवेयरों की चर्चा पूरी नहीं होती। क्वैलपैड (http://quillpad.in) नाम का एक उपकरण इतना उपयोगी है कि इसमें रोमन में पहले से टंकित बहुत बड़ी सामग्री को क्षण भर में भी देवनागरी में बदला जा सकता है।
अपना मनचाहा कीबोर्ड लेआउट बनायें
अगर आप उपर्युक्त टाइपिंग प्रणालियों में से किसी से भी संतुष्ट नहीं है। आपको लगता है कि आपके पास इस QWERT कीबोर्ड को एक ऐसे सरलतम कीबोर्ड लेआउट में बदलने का विकल्प है जिससे हिन्दी में टाइपिंग सरल से सरलतम बन पड़ेगी। या आपको लगता है कि आप अपने लिए बिलकुल अलग तरह का कीबोर्ड लेआउट इस्तेमाल करना चाहते हैं। तो भी आपके लिए विकल्प मौज़ूद हैं। नीचे वर्णित दो यूटिलिटियाँ आपको अपने मनमाफिक कीबोर्ड लेआउट बनाने की सुविधा देती हैं-
1) MSKLC (माइक्रोसॉफ्ट कीबोर्ड लेआउट क्रीएटर)- जैसाकि नाम से ही स्पष्ट है, यह भाषा इंडिया द्वारा विकसित यूटिलिटी है। इसके माध्यम से बिलकुल नये तरह का कीबोर्ड लेआउट बनाया जा सकता है। ऊपर के कीबोर्ड लेआउटों में बदलाव भी किये जा सकते हैं। लेआउट बनाने के बाद आप उस कीबोर्ड लेआउट की exe फाइल बनाकर सुरक्षित कर सकते हैं, जिसे किसी भी Windows 2000; Windows 2000 Service Pack 2; Windows 2000 Service Pack 3; Windows Server 2003; Windows XP आधारित सिस्टम में संस्थापित किया जा सकता है।
2) कैफे हिन्दी- कैफे हिन्दी टाइपिंग टूल के साथ भी एक ऐसी यूटिलिटी उपलब्ध है, जिसकी मदद से आप मनचाहा कीबोर्ड लेआउट बना सकते हैं।
कहने का आशय बस इतना है कि अब कम्प्यूटर पर हिन्दी में काम करना पानी पीने जितना ही सरल है। ज़रूरत है बस शुरूआत करने की। अपने मन का डर निकालकर, किसी एक टूल को चुनकर बस हिन्दी में टाइप करना शुरू करें, कौन सा टूल आपके लिए सर्वोत्तम है, आप खुद-ब-खुद जान जायेंगे।
शुभकामनाओं सहित-
शैलेश भारतवासी
जनता की बेहद मांग पर अब यह कक्षा यहीं विराम लेगी। अगला सत्र भोजनावकाश के बाद होगा। अगले सत्र में सभी प्रतिभागी अपना ब्लॉग बनाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
ज़ाकिर अली सबको धन्यवाद दे रहे हैं। हम अब अपना कुंजीपटल समेट रहे हैं।
धन्यवाद।
(सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी)
aabhar.
ReplyDeleteaapki tatkarta ko bhi naman..
ReplyDeleteजानकारी देने का शु्क्रिया !!
ReplyDeleteहैरान हूँ कि लखनऊ का महान ब्लोगर तीक्ष्ण बुद्धिवाला , कई पुरस्कारों का विजेता, बहुतों का सईयां तो कई का भईया जिसकी कई किताबें भी प्रकाशित हो चुकी हैं, हिन्दी ब्लोग जगत का बहुत बड़ा ब्लोगर लखनऊ का होने के बावजूद वहां नहीं दिखा, अरे डर रहा होगा कि कहीं सच्चाई सामने ना आ जाये , अरे नहीं याद आया कि उसे बुलाया भी नहीं गया था । खैर बढ़िया लगा विवरण पढकर ।
ReplyDeleteमुझे केवल प्रतिभागियों के रौशन चेहरे देखना हैं !
ReplyDeleteसफलता पर इतराते हुए !
बढ़िया लगा विवरण पढकर ।
ReplyDeleteजानकारी देने का शु्क्रिया !!
This comment has been removed by the author.
ReplyDeletejankari dene ke liye dhanyavad
ReplyDeleteAchchhee jankari hai. kya baat hai Tripathiji, bahut dinon se blog par nahin aarahe hain?
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