कोई नवविवाहित जोड़ा अगर बर्फीले ध्रुव पर सैर को निकले, तो उनकी यात्रा कैसी होगी। ठीक वैसी ही थी क्रिस्टीन जांसटन और उसके पति एलन जांसटन की व...
कोई नवविवाहित जोड़ा अगर बर्फीले ध्रुव पर सैर को निकले, तो उनकी यात्रा कैसी होगी। ठीक वैसी ही थी क्रिस्टीन जांसटन और उसके पति एलन जांसटन की वह उत्तरी ध्रुव की मोहक यात्रा। वे 1975 की गर्मियों के दिन थे। उन रूमानी पलों को यादगार बनाने के लिए उस जोड़े ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उन्होंने अपने साथ एक शानदार कैमरा लिया हुआ था और वे अपने हर पल, हर अदा को कैमरे में कैद कर रहे थे। छेड़-छाड़ करते हुए वह जोड़ा रूसी सीमा के निकट एक निर्जन पगडंडी पर जा पहुंचे। वहॉं पर आदमकद झाडि़यां थीं। चुलबुल क्रिस्टी़न किसी बात पर खिलखिला कर जोर से हंसी और पगडंडी पर तेजी से भागी।
अपनी पत्नी के इस मोहक अंदाज को कैमरे में कैद करने के लिए एलन कैमरे में व्यस्त हो गया। क्रिस्टीन दस-बारह कदम जाने के बाद सहसा रूकी और उसने मुस्कराते हुए अपने पति की ओर देखा। पर आश्चर्य एलन वहां नहीं था। यह देखकर क्रिस्टीन स्तब्ध रह गयी। उसने अपने पति को आवाज लगाई, इधर-उधर खोजा, पर उसके बाद वह कभी नहीं आया। एलन जांसटन अपनी जगह पर खड़े-खड़े गायब हो गया था। रोती-कलपती क्रिस्टीन पुलिस के पास पहुंची। उसने अपने पति के खोने की रिपोर्ट लिखवायी। पुलिस के अधिकारी अपने खोजी कुत्तों को लेकर उस जगह पर पहुंचे, पर वे कुत्ते उस जगह से आगे नहीं बढ़ पाए, जहां पर क्रिस्टीन ने आखिरी बार अपने पति को देखा था।
क्रिस्टीन को लगा कि कहीं रूसी अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया हो। पर जब रूसी अधिकारियों ने भी उसे सूचित किया कि उनके पास उसके गुमशुदा पति के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तो क्रिस्टीन का दिल बुरी तरह से टूट गया। क्रिस्टीन ने चार सालों तक अपने पति का इंतजार किया और जब वह न लौटा, तो उसने अदालत में तलाक की अर्जी दाखिल कर दी। अदालत ने इस मामले को गम्भीरता से सुना, सम्बंधित सबूतों का अवलोकन किया और एलन जांसटन को मृत मानते हुए तलाक दे दिया। पर एलन जांसटन कहां गायब हुआ, यह रहस्य आज भी ज्यों का त्यों बना हुआ है।
धरती से मनुष्यों के गायब होने के मामले अक्सर सुनने को मिलते रहे हैं। ऐसा ही मामला अमेरिका के टेनेसी स्थित गैलेटिन के निवासी डेविड लांग से सम्बंधित है। वे 23 सितम्ब र 1808 को दोपहर में किसी काम से घर से बाहर निकले। उस समय उनका 8 वर्षीय बेटा डेविड लांग और 11 वर्षीया लड़की सारा घर के बाहर खेल रहे थे। घर के बाहर ही डेविड की मुलाकात उनके न्यायाधीश मित्र आगस्टस पीक से हो गयी। वे अपने एक दोस्त के साथ घुड़सवारी के लिए निकले थे। आगस्टस पीक से ‘हाय-हैलो’ करने के बाद जैसे ही डेविड लांग आगे बढ़ा कि अचानक वह गायब हो गया। यह देखकर आगस्टस उनका साथी तथा डेविड के बच्चे आश्चर्यचकित रह गये।
डेविड के एकदम गायब होने से चारों लोग अचम्भित रहे गये। वे भागकर उस जगह पर गये, जहां से डेविड गायब हुआ था। आश्च र्य का विषय था कि न तो वहां पर जमीन में कोई दरार थी और न ही कोई छिपने का कोई स्थान था। देखते ही देखते सारे नगर में डेविड की गुमशुदगी की खबर फैल गयी। सभी लोगों ने इधर-उधर खोजा, पर डेविड का उस दिन के बाद कोई पता-निशां नहीं चला।
ऐसा नहीं है कि धरती से सिर्फ एक आध लोग ही गायब होने के समाचार मिलते रहे हैं। संसार में ऐसी घटनाएं भरी पड़ी हैं। जे0एच0 ब्रेनन ने अपनी पुस्तक ‘द अल्टीमेट एल्सव्हेयर’ में ऐसी अनेक घटनाओं का सविस्तार वर्णन किया है। ऐसी ही एक रोचक घटना 1930 में कनाडा के चर्चिल थाने के पास घटी। वह अगस्ती-सितम्बर का महीना था। थाने से कुछ दूरी पर अंजिकुनी नामक एस्किमो की बस्ती थी। एक दिन अचानक पूरी बस्ती के लोग न जाने कहां गायब हो गये। आश्चर्य का विषय यह था कि उनके घरों के सारे सामान मौजूद थे।
यह घटना जब स्था्नीय प्रशासन को मिली, तो वहां पर हड़कम्प मच गया। उसने उच्चक स्तरीय जांच कराने का फैसला किया। खोजबीन के क्रम में जब बस्ती के पास स्थित कब्रिस्ता़न की खोज-खबर ली गयी, तो एक और रोचक तथ्य सामने आया। कब्रिस्तान में दफन की गयी लाशों का कहीं अता-पता नहीं था। सारी की सारी लाशें आश्चर्यजनक ढ़ंग से गायब हो गयी थीं। उस बस्ती के आदमी और लाशें कहां गायब हुईं, यह सवाल आज भी अपना उत्तर खोज रहा है।
सन 1885 में ऐसी ही एक घटना तत्कालीन फ्रेंच इंडोचीन (वर्तमान वियतनाम) में घटी थी। उस समय वियतनाम में फ्रांसीसियों का राज था। एक दिन अपनी दैनिक गतिविधि के लिए सैनिकों की एक टुकड़ी ने सेगॉन शहर की ओर कूच किया। जैसे ही वह टुकड़ी सैनिक छावनी से एक मील गयी, अचानक पूरी की पूरी टुकड़ी हवा में गायब हो गयी। फ्रांसीसी सेना ने इस सम्बंध में काफी पड़ताल की, पर उसका नतीजा सिफर ही रहा। उस सैनिक टुकड़ी में कुल 600 सैनिक थे। उन सैनिकों को आसमान खा गयी, या जमीन निगल गयी, इस बारे में कुछ भी पता नहीं चला।
ऐसी ही एक घटना 1939 के दिसम्बर माह में चीन के दक्षिण में स्थित नानकिंग घाटी में भी घटी थी। कहा जाता है कि उस दिन 3000 सैनिक अचानक गायब हो गये थे। आश्चर्य का विषय यह था कि उनके हथियार उसी जगह पर पड़े मिले, जहां पर सैनिकों को अन्तिम बार देखा गया था।
उन दिनों नानकिंग पर जापानियों ने भीषण हमला किया था, इसलिए चीनी सैन्य अधिकारियों को लगा कि अवश्य ही उन सैनिकों को जापानियों ने बन्दी बना लिया होगा। परंतु युद्ध समाप्ति के बाद जब उसकी पड़ताल की गयी, तो पता चला कि जापानियों ने इतनी बड़ी संख्याण में कभी भी चीनियों को बंदी नहीं बनाया था।
जे0एच0 ब्रेनन की पुस्तक ‘द अल्टीदमेट एल्साव्हेपयर’ ऐसी तमाम घटनाओं से भरी पड़ी है। ब्रेनन का दावा है कि उन्होंने ये घटनाएं तमाम देशों की पुलिस फाइलों का अध्यययन करके पता की हैं। वे कहते हैं कि अवश्य ही धरती के बाहर कोई अदृश्य लोक है, जहां के प्राणी धरती के लोगों को पकड़ कर ले जाते हैं। साथ ही ब्रेनन का यह भी विचार है कि इस तरह की घटनाएं सम्पूयर्ण विश्व में होती रहती हैं, पर वहां की सरकारें उनपर पर्दा डाल देती हैं।
वैज्ञानिक ब्रेनन के इस मत से कदापि सहमत नहीं हैं कि धरती के बाहर कोई अदृश्य लोक जैसा हो सकता है। लेकिन ब्रेनन द्वारा उपलब्ध कराए गये आंकड़ों को लेकर वे भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। ज्यादातर वैज्ञानिकों का इस सम्बंन में यही मत है कि ये आंकड़े इतने प्राचीन हैं कि इनके बारे में कुछ भी कहना सम्भव नहीं।
ऐसे में दो सवाल हमारे जेहन में उठते हैं। पहला यह कि क्या ब्रेनन द्वारा उपलब्ध् कराए गये आंकड़े पूरी तरह से फर्जी हैं? यदि ऐसा नहीं है तो फिर धरती से इंसान क्यों गायब हुए? विज्ञान इस विषय में पूरी तरह से मौन है।
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J. H. "Herbie" Brennan (born Ireland, July 5, 1940) is a lecturer and the author of over one hundred fiction and non-fiction books for adults, teens, and children. His works have been translated into approximately fifty languages, and he is highly influential within the Occult and New Age communities
ReplyDeleteजे एच ब्रेनन का परिचय मैंने इसलिए दिया है कि पाठक लेखक के बारे में जान सके और स्वयं निर्णय ले.
ReplyDeleteलोगो के गायब होने की अधिकतर घटनाये १९५० से पहले की हैं.
ये घटनाये रूस, चीन और वियतनाम जैसी जगहों की ज्यादा है.
इसी तरह का रहस्य बरमुडा त्रिभुज के बारे में बनाया जाता है लेकिन यदि आंकड़ो को देखा जाए तो बरमूडा त्रिभुज में होनेवाली दुर्घटनाओ का औसत बाकी जगहों के औसत से ज्यादा नहीं है. किताबे बेचने के लिए रहस्य बनाना जरूरी होता है जिससे वे बीक सके.
परग्रही प्राणी और उड़न तश्तरीयो पर विज्ञान विश्व पर मेरा लेख श्रंखला चल ही रही है. उसमे उड़न तश्तरीयो पर लेख जल्दी आयेगा.
यह विज्ञान आधारित चिठ्ठा है, कृपया इसे गोस्सिप चिठ्ठा मत बनाइये.
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आपका
आशीष
अद्भुत जानकारी दी आपने, कुछ पैराग्राफ दुबारा लिख गए हैं उनको ठीक कर लें
ReplyDeleteआशीष जी, इस श्रृंखला के माध्यम से उन विषयों पर लिखने का प्रयास किया जा रहा है, जिनके बारे में वैज्ञानिक कुछ भी पता नहीं लगा पाए हैं!
ReplyDeleteबहुत पहले एक कहानी पढी थी, जिसमें समय के चौथे आयाम का जिक्र किया गया था। यानी भूत, भविष्य और वर्तमान से अलग चौथा आयाम जिसमें नायक जानबूझ कर जाता है। बेहद खुले समतल मैदान पर रेडियो आदि लेकर और रस्सी से बंधकर। लेकिन रस्सी कट जाती है और रेडियो बन्द हो जाता है।
ReplyDeleteप्रणाम
जानकारियों से परिपूर्ण बहुत सुन्दर आलेख!
ReplyDeleteअच्छी रहस्यमय जानकारी
ReplyDeleteअच्छी कमेंट
बहुत सुन्दर ज्ञान वर्धक आलेख
ReplyDeleteरहस्यमयी ,रोचक जानकारी। अभी बहुत कुछ ऐसा है प्रकृ्ति के गर्भ मे जिसे विग्यान नही जान पाया। धन्यवाद।
ReplyDeleteभले ही अभी इन घटनाओं का कारण विज्ञान नहीं जान पाया है लेकिन भविष्य में विज्ञान इन तथाकथित रहस्यों से पर्दा अवश्य उठा देगा।
ReplyDeleteइतनी अच्छी और रोचक जानकारी देने के लिए धन्यवाद परन्तु एक प्रश्न है ..........इसको भगवान् के अस्तित्व का प्रमाण क्यूँ नहीं नमान सकते हैं ??
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