दोस्तों आज इंटरनेट के युग में ईमेल एड्रेस इंटरनेट उपभोगता की एक मूल पहचान बन गया है जिसका उपयोग हम न केवल सन्देश भेजने बल्कि नेट बैंकि...
दोस्तों आज इंटरनेट के युग में ईमेल एड्रेस इंटरनेट उपभोगता की एक मूल पहचान बन गया है जिसका उपयोग हम न केवल सन्देश भेजने बल्कि नेट बैंकिंग, जॉब सर्चिंग, ऑनलाइन आवेदन से लेकर और भी अन्य कार्यों में करते हैं। 30 अगस्त 2014 को ईमेल ने अपने 32 वर्ष पूरे कर लिए हैं !
जो ईमेल एड्रेस आज हमारे लिए इतना उपयोगी है तो थोड़ा बहुत तो उसके इतिहास के बारे में भी जानना बनता ही है बॉस, ईमेल एड्रेस के अविष्कार का श्रेय शिवा अय्यादुरई को जाता है जोकि अमेरका में रहते हैं पर मूल रूप से भारतीय ही हैं। इनकी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग बहुत अच्छी थी उस समय पर फोरट्रान प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग होता था। इनकी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के वजह से इनको "University of Medicine and Dentistry of New Jersey" में प्रोग्रामर के रूप में कार्य करने का अवसर मिला जहाँ इनके मार्गदर्शक Dr. Leslie P. Michelson ने इनकी प्रोग्रामिंग कुशलता को पहचानते हुए इन्हे चैलेंज के तौर पर एक प्रोग्रामिंग असाइनमेंट दिया।
इस असाइनमेंट में इनका काम किसी भी संस्था में किसी भी जानकारी को साझा करने के लिए उपयोग होने वाले पेपर संचार प्रणाली को इलेक्ट्रॉनिक संचार प्रणाली में बदलना था. यहाँ हम आपको एक बात बता दें कि उस समय पर कंप्यूटर नेटवर्क जैसे लोकल एरिया नेटवर्क, इंट्रानेटवर्क का कांसेप्ट अपने अस्त्तिव था जिसका उपयोग किस भी संस्था में दो या अधिक कम्प्यूटर्स के बीच डेटा फाइल को साझा करने के लिए होता था. इन्होंने अपने इस असाइनमेंट को 14 वर्ष की आयु में ही इतनी कुशलतापूर्वक किया की आज हम सब इसका उपयोग करते हैं. आज हम इलेक्ट्रॉनिक सन्देश भेजने के लिए जिन प्रमुख फंक्शन जैसे -
( Sir VA Shiva Ayyadurai , Inventor of Email ) |
जो ईमेल एड्रेस आज हमारे लिए इतना उपयोगी है तो थोड़ा बहुत तो उसके इतिहास के बारे में भी जानना बनता ही है बॉस, ईमेल एड्रेस के अविष्कार का श्रेय शिवा अय्यादुरई को जाता है जोकि अमेरका में रहते हैं पर मूल रूप से भारतीय ही हैं। इनकी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग बहुत अच्छी थी उस समय पर फोरट्रान प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग होता था। इनकी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के वजह से इनको "University of Medicine and Dentistry of New Jersey" में प्रोग्रामर के रूप में कार्य करने का अवसर मिला जहाँ इनके मार्गदर्शक Dr. Leslie P. Michelson ने इनकी प्रोग्रामिंग कुशलता को पहचानते हुए इन्हे चैलेंज के तौर पर एक प्रोग्रामिंग असाइनमेंट दिया।
इस असाइनमेंट में इनका काम किसी भी संस्था में किसी भी जानकारी को साझा करने के लिए उपयोग होने वाले पेपर संचार प्रणाली को इलेक्ट्रॉनिक संचार प्रणाली में बदलना था. यहाँ हम आपको एक बात बता दें कि उस समय पर कंप्यूटर नेटवर्क जैसे लोकल एरिया नेटवर्क, इंट्रानेटवर्क का कांसेप्ट अपने अस्त्तिव था जिसका उपयोग किस भी संस्था में दो या अधिक कम्प्यूटर्स के बीच डेटा फाइल को साझा करने के लिए होता था. इन्होंने अपने इस असाइनमेंट को 14 वर्ष की आयु में ही इतनी कुशलतापूर्वक किया की आज हम सब इसका उपयोग करते हैं. आज हम इलेक्ट्रॉनिक सन्देश भेजने के लिए जिन प्रमुख फंक्शन जैसे -
"Inbox, Outbox, Compose (To, From, Date, Subject, Body, CC: ,BCC:) Send, Reply, Attachment, Folder, Draft, Forward, Addressbook , Group etc." का उपयोग करते हैं इन सभी की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में इन्होने कोडिंग की और सबको मिलाकर एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम बनाया जिसका नाम "email" दिया गया. इनके इस कार्य को विशेष पहचान जब मिली जब इनके इस प्रोग्राम को Westinghouse Science Talent Search Honors Group द्वारा चयनित किया गया। अमेरिका की सरकार ने 30 अगस्त, 1982 को उनकी इस उपलब्धि को मान्यता दी और 1982 में ही इनको इनके इस काम के लिए कॉपीराइट मिला जो उस समय में आज के समय में रेसेर्च वर्क के प्राप्त किये गए पेटेंट के बराबर माना जाता था.
अब थोड़ा बात कर लेते हैं, खत के बारे में जिसके महत्व को हम भूल गए हैं, भले ही हम कितने आधुनिक युग में क्यों न जी लें पर हमको पुरानी चीज़ो के महत्व को नहीं भूलना चाहिए। पहले जब डाकिया बाबू हमारे घर पर खत लेकर आता था तो कभी कभी तो हम उस लिफ़ाफ़े की खुशबु को सूंघते थे तो कभी उसको अपने होठों से लगा लेते थे। उस लिफ़ाफ़े में केवल सन्देश ही नही बल्कि वो भावनाएं, वो अपनापन होता था जिनकी कमी मुझको आजकल के मोबाइल एस एम एस और इस ईमेल सन्देश में अक्सर महसूस होती है
वो भी क्या दिन थे जब लोग "खत में रख देते थे अक्सर, कलेजा निकालकर" !
लेकिन हमको समय के साथ कदम मिलाकर चलना चाहिए पुरानी चीज़ो के महत्व को समझते हुए नयी चीज़ो को भी अपना लेना चाहिए खासकर ईमेल को। ईमेल के इतिहास बारे में अधिक जानकारी के लिए आप रिफरेन्स में दी गयी वेब साइट पर भी जा सकते हैं.
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अय्यादुरई के दावे पर विवाद:
यहां पर हम आपको बताते चलें कि ईमेल इन्वेंशन एक विवादस्पद विषय भी रहा है, हॉटमेल के को-फाउंडर सबीर भाटिया सहित कुछ एक्सपर्ट्स अय्यादुरई के दावे को खारिज करते रहे हैं. उनका कहना है कि ई-मेल को डिफेंस अडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (Defence Advanced Research Projects Agency) ने 60 के दशक में डिवेलप किया था। (इस अमेरिकी संगठन ने इंटरनेट की शुरुआत में अहम रोल अदा किया है.) हालांकि, अय्यादुरई कहते हैं कि ई-मेल का जन्म न्यू जर्सी में हुआ था, जो टेक्नॉलजिकल क्रांति के लिए नहीं जाना जाता है.
अय्यादुरई बचपन को याद करते हुए कहते हैं, '1978 में 14 साल का एक बच्चा काम कर रहा था। उसने असल में एक इंटर ऑफिस मेल सिस्टम क्रिएट किया था और उसको उसने ई-मेल का नाम दिया था. 1978 पहले जो कुछ हुआ था, वह टेक्स्ट मेसेजिंग थी। ये फैक्ट्स अब 2014 में सामने आ रहे हैं.' अय्यादुरई कहते हैं कि ई-मेल के इनवेंशन का क्रेडिट डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर रेथियॉन ने हथिया लिया है, जिसने उस दावे के आधार पर अपने लिए एक ब्रैंड खड़ा कर लिया। इस बारे में कंपनी ने कॉमेंट करने से मना कर दिया.
विवाद 2012 में पब्लिक के बीच तब जोर पकड़ने लगा, जब स्मिथसोनियन म्यूजियम ने अय्यादुरई से कुछ डॉक्युमेंट्स हासिल किए और उसके कुछ समय बाद अय्यादुरई के ई-मेल का जनक होने का दावा करने वाले कई आर्टिकल आए. हालांकि उनके दावों को आलोचकों ने तुरंत खारिज कर दिया.
परंतु अमेरिकी सरकार और मिट इंस्टिट्यूट को शिवा जी द्वारा उपलब्ध कराये गए डॉक्यूमेंट और प्रमाण के आधार पर आधुनिक ईमेल सिस्टम के इन्वेंशन का श्रेय शिवा जी को ही जाता है ये कोई अफवाह नहीं बल्कि अमेरिकी सरकार और MIT दवरा मान्य एक तथ्य है.
वो भी क्या दिन थे जब लोग "खत में रख देते थे अक्सर, कलेजा निकालकर" !
लेकिन हमको समय के साथ कदम मिलाकर चलना चाहिए पुरानी चीज़ो के महत्व को समझते हुए नयी चीज़ो को भी अपना लेना चाहिए खासकर ईमेल को। ईमेल के इतिहास बारे में अधिक जानकारी के लिए आप रिफरेन्स में दी गयी वेब साइट पर भी जा सकते हैं.
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अय्यादुरई के दावे पर विवाद:
यहां पर हम आपको बताते चलें कि ईमेल इन्वेंशन एक विवादस्पद विषय भी रहा है, हॉटमेल के को-फाउंडर सबीर भाटिया सहित कुछ एक्सपर्ट्स अय्यादुरई के दावे को खारिज करते रहे हैं. उनका कहना है कि ई-मेल को डिफेंस अडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (Defence Advanced Research Projects Agency) ने 60 के दशक में डिवेलप किया था। (इस अमेरिकी संगठन ने इंटरनेट की शुरुआत में अहम रोल अदा किया है.) हालांकि, अय्यादुरई कहते हैं कि ई-मेल का जन्म न्यू जर्सी में हुआ था, जो टेक्नॉलजिकल क्रांति के लिए नहीं जाना जाता है.
अय्यादुरई बचपन को याद करते हुए कहते हैं, '1978 में 14 साल का एक बच्चा काम कर रहा था। उसने असल में एक इंटर ऑफिस मेल सिस्टम क्रिएट किया था और उसको उसने ई-मेल का नाम दिया था. 1978 पहले जो कुछ हुआ था, वह टेक्स्ट मेसेजिंग थी। ये फैक्ट्स अब 2014 में सामने आ रहे हैं.' अय्यादुरई कहते हैं कि ई-मेल के इनवेंशन का क्रेडिट डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर रेथियॉन ने हथिया लिया है, जिसने उस दावे के आधार पर अपने लिए एक ब्रैंड खड़ा कर लिया। इस बारे में कंपनी ने कॉमेंट करने से मना कर दिया.
विवाद 2012 में पब्लिक के बीच तब जोर पकड़ने लगा, जब स्मिथसोनियन म्यूजियम ने अय्यादुरई से कुछ डॉक्युमेंट्स हासिल किए और उसके कुछ समय बाद अय्यादुरई के ई-मेल का जनक होने का दावा करने वाले कई आर्टिकल आए. हालांकि उनके दावों को आलोचकों ने तुरंत खारिज कर दिया.
परंतु अमेरिकी सरकार और मिट इंस्टिट्यूट को शिवा जी द्वारा उपलब्ध कराये गए डॉक्यूमेंट और प्रमाण के आधार पर आधुनिक ईमेल सिस्टम के इन्वेंशन का श्रेय शिवा जी को ही जाता है ये कोई अफवाह नहीं बल्कि अमेरिकी सरकार और MIT दवरा मान्य एक तथ्य है.
Reference : - PayPal Payment Gateway Integration
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लेखक परिचय:
मनोज कुमार युवा एवं उत्साही लेखक हैं तथा 'साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन' के सक्रिय सदस्य के रूप में जाने जाते हैं।
आप जून 2009 से ब्लॉग जगत में सक्रिय हैं और नियमित रूप से अपने ब्लॉग 'डायनमिक' के द्वारा विज्ञान संचार को मुखर बना रहे हैं।
इसके अलावा आपके लेख हिन्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका 'साइंटिफिक वर्ल्ड' में भी पढ़े जा सकते हैं।
आप जून 2009 से ब्लॉग जगत में सक्रिय हैं और नियमित रूप से अपने ब्लॉग 'डायनमिक' के द्वारा विज्ञान संचार को मुखर बना रहे हैं।
इसके अलावा आपके लेख हिन्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका 'साइंटिफिक वर्ल्ड' में भी पढ़े जा सकते हैं।
ईमेल के आविष्कार ने सचमुच संचार की दुनिया ही बदल दी। खतों का आदान प्रदान अब तो धीरे-धीरे बंद ही होता जा रहा है।
ReplyDelete:D :D Please read about ARPANET, Ray Tomlinson. History of computer messaging. What was age of Shiva when First message was sent between two computers in 1972 ?
ReplyDeleteआशीष श्रीवास्तव जी आपने पोस्ट की जानकारी को गलत ढंग से समझ लिया है आपने जो कहा वो सही कहा है मगर दो या दो से अधिक कंप्यूटर को आपस में कनेक्ट करके उनके बीच डेटा शेयर करना और एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर पर डेटा सेंड करना एक अलग प्रकिर्या है जिसमे उस कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े हर कंप्यूटर का एक यूनिक फिजिकल एड्रेस होता है और उस नेटवर्क को इंटरनेट से जोड़ा जाता है तो उस नेटवर्क के सभी कम्प्यूटर्स को एक यूनिक आई.पी. एड्रेस भी दिया जाता है. लेकिन इस पोस्ट में एक ही नेटवर्क के दो या अधिक कंप्यूटर के बीच डेटा शेयरिंग या मैसेज भेजने की बात नही कर रहे हैं . ईमेल सॉफ्टवेयर द्वारा मैसेज भेजना एक अलग प्रिक्रया है जिसको की आज कल सभी प्रयोग करते हैं यहाँ पर हमने उस ही "ईमेल सॉफ्टवेयर के डेवलपमेंट" के इतिहास के बारे में जानकारी दी है जिसको 1978 में शिवा जी ने बनाया था तब वो 14वर्ष के थे और 30 अगस्त 1982को अमेरिका सरकार ने मान्यता दे दी थी .
ReplyDeleteधन्यवाद !!
The controversy is one of those stories on the Internet that refuse to die, in spite of having been written about and argued over many times. Some experts including Sabeer Bhatia, co-founder of Hotmail, dismiss Ayyadurai's claims and say that email was developed by the Defence Advanced Research Projects Agency (Darpa) in the 1960s.
ReplyDelete(That US organization played a critical role in the birth of the Internet.) Ayyadurai says email was born in a city in New Jersey not exactly known for technological breakthroughs. "In 1978, there was a 14-year-old boy working in Newark. He did in fact create the inter-office mail system and called it email. What they did before 1978 was text messaging. The facts are coming out now in 2014," said Ayyadurai, referring to his younger self.
Credit for the invention has been appropriated by defence contractor Raytheon, which built a brand for itself based on the claim, he said. Raytheon declined to comment. The controversy captured the public imagination first in 2012, when the Smithsonian Museum acquired some documents from Ayyadurai, following which articles calling him the inventor of email surfaced. His claims were promptly refuted by critics.
Computer historian Thomas Haigh was quick to point out in 2012: "Electronic mail, or email, was introduced at MIT (Massachusetts Institute of Technology) in 1965 and was widely discussed in the press during the 1970s. Tens of thousands of users were swapping messages daily by 1980."
His critics have said that in 1982, Ayyadurai merely copyrighted the term 'email' and the code he wrote and that such messaging existed long before 1978. However, he says that it was the only way to protect software as patents didn't cover software in those days. According to him, critics find it hard to believe that a 14-year-old Indian in a backwater like Newark could invent something as massive and socially significant as email.
"Fundamentally there is a narrative around where innovation can come out from... the innovators' spirit of America still exists. However, there is a narrative in America which goes like--you must go to MIT to get your calling card. Or you go to Harvard and then you drop out and then you've made it," he said. Entrepreneur-turned-academic Vivek Wadhwa said there was no basis for such an argument.
Just to add I am computer science and engineering graduate and I have studied Computer Network, and history of networking including TCP/IP, ARPANET,DARPANET, messaging :D
ReplyDeletehttp://openmap.bbn.com/~tomlinso/ray/firstemailframe.html
ReplyDeleteComputer engineer, Ray Tomlinson invented internet based email in late 1971. Under ARPAnet several major innovations occurred: email (or electronic mail), the ability to send simple messages to another person across the network (1971). Ray Tomlinson worked as a computer engineer for Bolt Beranek and Newman (BBN), the company hired by the United States Defense Department to build the first Internet in 1968.
ReplyDeleteRay Tomlinson was experimenting with a popular program he wrote called SNDMSG that the ARPANET programmers and researchers were using on the network computers (Digital PDP-10s) to leave messages for each other. SNDMSG was a "local" electronic message program. You could only leave messages on the computer that you were using for other persons using that computer to read. Tomlinson used a file transfer protocol that he was working on called CYPNET to adapt the SNDMSG program so it could send electronic messages to any computer on the ARPANET network.
More here
http://inventors.about.com/od/estartinventions/a/email.htm
Few more
ReplyDeletehttp://www.cs.umd.edu/class/spring2002/cmsc434-0101/MUIseum/applications/firstemail.html
http://www.wired.com/2012/07/ray-tomlinson-email/
http://history-computer.com/Internet/Maturing/Tomlinson.html
http://www.let.leidenuniv.nl/history/ivh/chap3.htm
http://en.wikipedia.org/wiki/ARPANET
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ReplyDeleteश्रीवास्तव जी अच्छा लगा आपके कमेंट पढ़कर आपने APRANET प्रोजेक्ट बारे में अधिक जानकारी दे दी . सर जी 1978 से पहले जो कुछ था वो केवल एक टेक्स्ट मेसेजिंग थी ईमेल नही !
लीजिये आपकी संतुष्टि के लिए कुछ लेटेस्ट प्रमाण भेज रहा हूँ हांलकि कुछ लोग अभी भी इसे एक विवाद का विषय मानते है कि ईमेल किसने इंवेंट किया !
प्रमाण -1 अभी हाल ही में 5 सितम्बर 2014 को एक इंटरव्यू में Email इन्वेंटर शिवा साहब ने जो कुछ कहा वो सब इस प्रकार है
ई-मेल के क्रेडिट के लिए कोर्ट नहीं, जनता के बीच जाऊंगा: शिवा अय्यादुरई
Shiva-Ayyadurai
शिवा अय्यादुरई
ईटी | Sep 5, 2014, 02.29PM IST
जयदेवन पी. के./ वरुण सूद,
बेंगलुरु शिवा अय्यादुरई ने ई-मेल के इनवेंटर होने का दावा करके एक विवाद खड़ा तो कर दिया लेकिन वह इसको लेकर कोई कानूनी लड़ाई लड़ने के मूड में नहीं हैं और पब्लिक का सपोर्ट चाहते हैं। अय्यादुरई ने इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मुकदमेबाजी में बहुत वक्त लगता है, लेकिन अगर मुझे ऐसा करना पड़ा तो जरूर करूंगा। मैंने सीधे जनता के पास जाने का फैसला किया है। जब दीपक चोपड़ा ने अमेरिका में आयुर्वेद पर चर्चा शुरू की, तब उन पर हमले हुए। तब उन्होंने कहा था कि ऐसे में सीधे जनता के पास जाना चाहिए।'
अय्यादुरई भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं। उनका दावा है कि ई-मेल के असल इनवेंटर वही हैं। इससे वह एक बार फिर एक ग्लोबल विवाद के घेरे में आ गए हैं। तो क्या उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मेल का आविष्कार किया था या नहीं? इस पर 50 साल के अय्यादुरई ने कहा कि दीपक चोपड़ा के आयोजित कार्यक्रम में उनकी बात सुनकर हफिंगटन पोस्ट की फाउंडर एरियाना हफिंगटन ने ई-मेल के इतिहास पर लेखों की एक सीरीज शुरू करने का फैसला किया। यह विवाद इंटरनेट से जुड़ी ऐसी कहानी है, जो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। इस पर बहुत बार बहुत कुछ लिखा जा चुका है और इस पर वाद विवाद भी हुए हैं।
हॉटमेल के को-फाउंडर सबीर भाटिया सहित कुछ एक्सपर्ट्स अय्यादुरई के दावे को खारिज कर रहे हैं। उनका कहना है कि ई-मेल को डिफेंस अडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी ने 60 के दशक में डिवेलप किया था। (इस अमेरिकी संगठन ने इंटरनेट की शुरुआत में अहम रोल अदा किया है।) हालांकि, अय्यादुरई कहते हैं कि ई-मेल का जन्म न्यू जर्सी में हुआ था, जो टेक्नॉलजिकल क्रांति के लिए नहीं जाना जाता है।अय्यादुरई बचपन को याद करते हुए कहते हैं, '1978 में 14 साल का एक बच्चा काम कर रहा था। उसने असल में एक इंटर ऑफिस मेल सिस्टम क्रिएट किया था और उसको उसने ई-मेल का नाम दिया था। 1978 पहले जो कुछ हुआ था, वह टेक्स्ट मेसेजिंग थी। ये फैक्ट्स अब 2014 में सामने आ रहे हैं।' अय्यादुरई कहते हैं कि ई-मेल के इनवेंशन का क्रेडिट डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर रेथियॉन ने हथिया लिया है, जिसने उस दावे के आधार पर अपने लिए एक ब्रैंड खड़ा कर लिया। इस बारे में कंपनी ने कॉमेंट करने से मना कर दिया।
विवाद 2012 में पब्लिक के बीच तब जोर पकड़ने लगा, जब स्मिथसोनियन म्यूजियम ने अय्यादुरई से कुछ डॉक्युमेंट्स हासिल किए और उसके कुछ समय बाद अय्यादुरई के ई-मेल का जनक होने का दावा करने वाले कई आर्टिकल आए। हालांकि, उनके दावों को आलोचकों ने तुरंत खारिज कर दिया।
Reference - http://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-news/email-inventor-shiva-ayyadurai-seeks-public-support-against-his-detractors-avoids-legal-action-for-now/businessarticleshow/41783472.cms
श्रीवास्तव जी ईमेल इन्वेंशन से जुडी कुछ ताज़ा खबरों के लिए के लिए आप इन लिंक पर क्लिक करके पढ सकते हैं -
ReplyDelete1) Published on 5 september 2014
http://articles.economictimes.indiatimes.com/2014-09-05/news/53602124_1_shiva-ayyadurai-inventor-inter-office-mail-system.
२ ) Published on 29 august 2014
http://ibnlive.in.com/news/indian-american-scientist-va-shiva-ayyadurai-invented-email-when-he-was-only-14/495222-11.html
4) Published on 08 september 2014
http://www.vancouverdesi.com/news/u-s-based-scientist-claims-he-invented-email-at-just-14-years-old/789013/
5) Published on 01 september 2014
http://www.siliconindia.com/news/usindians/Meet-IndianAmerican-Inventor-of-Email-nid-171910-cid-49.html
6) Published on 01 septembet 2014
http://timesofindia.indiatimes.com/tech/tech-news/Weekly-digest-Best-of-TOI-Tech/articleshow/41375334.cms
खैर मेरा उदेश्य यहाँ कोई विवाद या बहस करना या उसे आगे बढ़ाना नहीं है , मुझे जो अपनी पोस्ट के लिए जो प्रमाण देने थे मैं दे चूका हूँ . हाँ ये बात जरूर है "ईमेल इन्वेंशन किसने किया ? " को अभी भी एक विवादस्पद नजरिये से देखा जाता है .
ReplyDeleteधन्यवाद !
मनोज भाई, 1.आपने जो भी लिंक दिये है उसमे शिवा के अतिरिक्त कोई किसी और विशेषज्ञ का नजरीया नही है।
ReplyDelete2. शिवा जिस इमेल की बात कर रहे है वह भी टेक्स्ट मेसेजींग ही है, क्योंकि HTML तथा अन्य फार्मेट तो 1990 के पश्चात आये।
3. इमेल के लिये मैसेज, मैसेज प्रेषक, आपरेटींग सीस्टम, नेटवर्क प्रोटोकाल, नेटवर्क सब चाहिये होता है, क्या इसका आविष्कार कोई अकेला व्यक्ति कर सकता है?
4.मान लिजिये मै एक ब्राउजर बना लेता हुं और उसका नाम "इंटरनेट" रख देता हुं तो क्या मै इंटरनेट का आविष्कारक कहलाउंगा ?
5.शिवा के पास "EMAIL" शब्द का कापीराईट है, ध्यान दे कैपीटल मे, कोई पेटेंट नही है। अमरीकी सरकार किसी भी तरह की मान्यता नही देती है, आप कापीराईट या पेटेंट करा सकते है।
मेरा आपसे कोई विरोध नही है, बस एक अफवाह का खंडन कर रहा हूं। वैसे आपसे अनुरोध है कि आप मेरे द्वारा दिये गये लिंको को एक बार अवश्य पढ़े।
1) श्रीवास्तव जी आपके पॉइंट 2 के बारे में मैं कहना चाहुगा कि आपने मेरे कमेंट को सही से नही पढ़ा है मेरे कमेंट जो कि शिवा जी के इंटरव्यू से लिए गया है उसमे उह्नोने कहा कि अय्यादुरई बचपन को याद करते हुए कहते हैं, '1978 में 14 साल का एक बच्चा काम कर रहा था। उसने असल में एक इंटर ऑफिस मेल सिस्टम क्रिएट किया था और उसको उसने ई-मेल का नाम दिया था। 1978 पहले जो कुछ हुआ था, वह टेक्स्ट मेसेजिंग थी। "
ReplyDeleteईमेल सिस्टम में जो फंक्शन प्रयोग होते हैं जैसे कि
“Inbox”, “Outbox”, “Drafts”, “Memo” (“To:”, “From:”, “Date:”, “Subject:”, “Body:”, “Cc:”, “Bcc:”), “Attachments”, “Folders”, “Compose”, “Forward”, “Reply”, “Address Book”, “Groups”, “Return Receipt”, “Sorting”. These capabilities were all to be provided in a software program having a sufficiently simple interface that needed no expertise in computer systems to use efficiently to “Send” and “Receive” mail electronically. इन सभी को शिवा जी ने ही अपने कंप्यूटर प्रोग्राम के दौरान बनाया था
शिवा जी के ईमेल सॉफ्टवेयर के यही सब वो फंक्शन हैं जो उनकी आधुनिक ईमेल सिस्टम कि इन्वेशन को पहले से मौजूद टेक्स्ट मेस्सजिंग या जिसकी श्रीवास्तव जी बात कर रहे हैं उस से अलग दर्शाते हैं
2) यहाँ आप एक एक ऐसा पॉइंट 3 लिख रहे हैं जो आपको शोभा नहीं देता , पॉइंट नंबर 3 में आपने कहा कि " इमेल के लिये मैसेज, मैसेज प्रेषक, आपरेटींग सीस्टम, नेटवर्क प्रोटोकाल, नेटवर्क सब चाहिये होता है, क्या इसका आविष्कार कोई अकेला व्यक्ति कर सकता है?"
बिलकुल सही कहा ,लेकिन मैं ने अपनी पोस्ट में ऐसा कुछ नहीं लिखा कि इन सबका आविष्कार शिवा जी ने किया है,
अब जैसा कि हम जानते हैं कि कंप्यूटर पर काम करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम कि जरूरत पड़ती है , अब अगर हम विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम कि बात कहे तो उसका श्रेय बिल गेट जी को जाता है पर इसका मतलब ये नही निकलता कि बिल गेट जी ने कंप्यूटर बनाया है "
ऑपरेटिंग सिस्टम का आविष्कार , नेटवर्किंग कांसेप्ट , टी सी पी /आई पी प्रोटोकॉल और OSI मॉडल , ईमेल के लिए प्रयोग होने होने वाला प्रोटोकॉल SMTP , ईमेल बॉक्स से ईमेल पढ़ने या रीट्रीव करने वाला प्रोटोकॉल POP, इन सब प्रोटोकॉल के लिए प्रयोग होने वाली प्रोग्रामिंग लैंग्वेज , नेटवर्क्स को जोड़ने में प्रयोग होने वाले रॉउटर्स इन सभी चीज़ो को अलग अलग लोगो की टीम ने बनाया है.
3) आपके पॉइंट 4और पॉइंट 5 के बारे में मैं कहना चाहूंगा कि 1982 में अमेरकी सरकार के कॉपीराइट ऑफिस ने उन्हे ये मान्यता दी है. अमेरिकी सरकार ने ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बड़े टेक्नीकल इंस्टिट्यूट MIT ने भी शिवा जी को ईमेल सिस्टम का इन्वेंटर माना है
हाँ इस बात से मैं इंकार नही करता कि ईमेल इन्वेंशन एक विवादस्पद विषय जरूर रहा है जिसको मुझे अपनी पोस्ट लिखते समय अपनी पोस्ट में लिखना चाहिए था.
परंतु अमेरिकी सरकार और मिट इंस्टिट्यूट को शिवा जी द्वारा उपलब्ध कराये गए डॉक्यूमेंट और प्रमाण के आधार पर आधुनिक ईमेल सिस्टम के इन्वेंशन का श्रेय शिवा जी को ही जाता है ये कोई अफवाह नहीं बलिक अमेरिकी सरककर और MIT दवरा मान्य एक तथ्य है.
श्रीवास्तव जी मेरा भी आपसे कोई विरोध नहीं है बल्कि मैं तो धन्यवाद देना चाहूंगा आपको कि आपकी वजह से मुझे ARPANET प्रोजेक्ट के बारे में अधिक जानकारी मिली और साथ ही साथ मुझे और पाठको को ईमेल इन्वेंशन के विवादस्पद वाले नजरिये के बारे में भी जानने को मिला जो मैं पोस्ट में नही लिख पाया पाया था उसके बारे में भी मुझे थोड़ा लिखना चाहिए था !
अच्छी जानकारी !
ReplyDeleteआशीष जी, हालांकि आपकी कही हुई बातें अपनी जगह पर सही हैं, किन्तु हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। मनोज जी ने शिवा अय्यादुरई के पक्ष को सामने रखा। भले ही उनके तर्क विवादित हों, किन्तु उसके बारे में जानना भी अपने आपमें बेहद रूचिकर है। आशा है इस पोस्ट की मूल भावना को समझेंगे और आगे भी अपना स्नेहभाव बनाए रखेंगे।
ReplyDeleteवादे वादे जायते तत्वबोधः
ReplyDeleteआनंद आया इस विमर्श पर और ज्ञानवर्धन भी हुआ
@ ka invention kisne kiya tha
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