सूक्ष्म तरंगों (मोबाइल और ओवन) के दुष्‍प्रभाव।

Microwaves Bad Effects Hindi Article

मोबाइल फोन और माइक्रोवेव अवन यूं तो हमारे लिए बेहद सुविधाजनक हैं, लेकिन इनके द्वारा निकलने वाला रेडिएशन सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक भी होता है। यह सिर्फ चि‍ड़चिड़ेपेन और भुलक्कड़पन जैसी आदतों ही नहीं कैंसर जैसी भयानक बीमारियों का भी कारक बन सकता है। पढिए डॉ. गुरू दयाल प्रदीप का शोधपरक आलेख।
radiation effects
सूक्ष्म तरंगों का खेला : बन न जाए कोई नया झमेला
द्वारा अल्पना वर्मा (मूल आलेख: डॉ. गुरू दयाल प्रदीप)

आजकल सूचना संप्रेषण के क्षेत्र में मोबाइल फोन ने धूम मचा रखी है। क्या शहर, क्या कस्बा, क्या गाँव... सभी जगह- क्या अमीर, क्या गरीब... जिसे देखो वही जेब में मोबाइल लिए घूमता है और जब चाहता है तब देश परदेश कहीं भी अपने प्रियजनों का चलते-फिरते हाल-चाल जानकर आश्वस्त हो जाता है। सूचना संप्रेषण के क्षेत्र में कितनी बड़ी सुविधा एवं क्रांति ले आया है यह मोबाइल! दूसरी तरफ बिना किसी धुएँ-धक्कड़ के त्वरित ढंग से खाना पकाने अथवा गरम करने के लिए माइक्रोवेव अवन का चलन भारत जैसे विकासशील देश में धीरे-धीरे बढ़ ही रहा है। बीसवीं सदी के आविष्कृत क्रांतिकारी घरेलू उपभोक्ता उपकरणों में संभवतः इसका स्थान अनूठा है।

वास्तव में मोबाइल फोन पहले से ही उपयोग में रहे ट्रांस्मिटर्स का एक प्रकार से परिष्कृत रूप है। फर्क इतना है कि ट्रांस्मिटर पर एक समय में एक ही तरफ से बात की जा सकती है तो मोबाइल पर एक ही समय बात भी की जा सकती है तथा सुनी भी जा सकती है। साथ ही सेल टेक्नॉलॉजी के कारण इसकी सूचना संप्रेषण तथा ग्रहण क्षमता कई गुना बढ़ गई है। मोबाइल फोन में माइक्रोवेव का संप्रेषण एवं संग्रहण दोनों ही होता है। यह उपकरण बहुत ही कम वैटेज तथा निम्न-आवृत्ति दर पर कार्य करता है।

वहीं माइक्रोवेव अवन में उच्च-आवृत्ति दर वाले माइक्रोवेव्स (सामान्यत: २५०० मेगा हर्ट्ज या 25 गीगा हर्ट्ज) का उत्पादन होता है (माइक्रोवेव अवन में माइक्रोवेव्स का उत्पादन सामान्यतया विशेष प्रकार के इलेक्ट्रॉन ट्यूब मे किया जाता है। सामान्य ट्रायोड इलेक्ट्रोड ट्यूब्स की तरह माइक्रोवेव्स का उत्पादन करने के लिए भी निर्वातित ट्यूब के अंदर कैथोड,एनोड तथा एक ग्रिड की व्यवस्था की जाती है, परंतु इनकी रूप-रेखा थोड़ी अलग होती है। कारण, इनमें उच्च-आवृत्ति दर वाले माइक्रोवेव्स का उत्पादन करना होता है। ट्यूब में एक इलेक्ट्रोड से दूसरे इलेक्ट्रोड की दूरी तय करने में लगने वाले समय का तरंगों की आवृत्ति का सीधा संबंध होता है। क्लाइस्ट्रॉन, मैग्नेट्रॉन तथा ट्रैवेलिंग-वेव ट्यूब - तीन मुख्य प्रकार के माइक्रोवेव ट्यूब्स हैं जिनका उपयोग रडार से लेकर माइक्रोवेव अवन तक में होता है।

उच्च-आवृत्ति दर वाले ये माइक्रोवेव्स जहाँ पानी, वसा तथा कार्बोहाइड्रेटस द्वारा आसानी से शोषित कर लिए जाते हैं तो वहीं कागज़, प्लास्टिक, ग्लास तथा सिरैमिक द्वारा नहीं शोषित होते तथा अधिकांश धातुओं द्वारा ये परावर्तित हो जाते हैं। जिन पदाथों द्वारा इनका शोषण होता है उनके परमाणुओं को ये उद्वेलित कर ताप उर्जा का उत्पादन करते हैं। इस प्रकार उत्पादित ताप ऊर्जा का उपयोग खाना गर्म करने से ले कर उसे पकाने के लिए होता है। कागज़, प्लास्टिक, ग्लास या सिरैमिक के बर्तन में माइक्रोवेव्स द्वारा खाना पकाने में परंपरागत इलेक्ट्रिकल अवन की तुलना में काफी कम ऊर्जा खर्च होती है तथा बहुत ही कम समय लगता है। कारण, इसमें माइक्रोवेव्स का उपयोग केवल खाने के अणुओं को उद्वेलित करने में ही खर्च होती है तथा भोजन एक सार रूप से एक ही समय अंदर से बाहर की ओर पकता है जबकि इलेक्ट्रिकल अवन में ताप संचालन द्वारा बाहर से अंदर की ओर जाता है, फलत: पहले अवॅन की हवा गर्म होती है, फिर बर्तन, तब कहीं जा कर भोजन बाहर से अंदर की ओर गर्म होता है, वह भी धीरे-धीरे। इसी लिए इसमें समय ज्यादा लगता है। ज्यादा समय लगने का अर्थ है ज्यादा ऊर्जा की खपत। यदि उचित समय तक तथा सही ताप पर भोजन पकाया जाय तो उसके अंदर से कच्चा रह जाने का अंदेशा रहता है या फिर बाहरी हिस्से के जल जाने का खतरा रहता है।

300px-Mobile_phone_evolutionचूँकि मोबाइल फोन तथा माइक्रोवेव अवन की कार्य-विधि के पीछे `माइक्रोवेव्स' का हाथ है, अत: आइए इनके बारे में थोड़ी और जानकारी हासिल कर लें। दृश्य-अदृश्य प्रकाश, गामा एवं एक्स-रे, रेडियो फ्रीक्वेंसीज़ आदि की तरह ये भी एक प्रकार की विद्युत-चुंबकीय तरंगें हैं। इनका तरंग-दैर्ध्य (wavelength) सामान्यतया 1 से.मी. से ले कर 30 से.मी. अथवा इससे भी कहीं अधिक 50 से.मी. होता है तथा आवृत्ति दर (frequency) 3 से 300 गीगा हर्ट्ज़ (1 गीगा हर्ट्ज़, एक अरब हर्ट्ज़ के बराबर होता है) तक परिसीमित होती है।

सामान्य रेडियों तरंगों की तुलना में माइक्रोवेव्स की आवृत्ति दर कई गुना अधिक होती है। सूचना संप्रेषण की क्षमता का सीधा संबंध तरंगों की आवृत्ति दर से होता है, फलत: ये तरंगें रेडियो तरंगों की तुलना में कई गुना अधिक सूचना का वहन कर सकती हैं। इन माइक्रोवेव्स की एक और विशेषता यह है कि ये तरंगें `नॉन आयोनाइज़िंग' प्रकार की होती है अर्थात् इनमें इतनी ऊर्जा नहीं होती है कि एक्स-रे जैसी ऑयोनाइज़िंग किरणों की तरह जैविक कोशिकाओं के परमाणुओं से टकरा कर उनसे इलेक्ट्रॉन्स को अलग कर सामान्यतया गंभीर क्षति पहुँचा सकें।

हाँ, एक समस्या अवश्य है - उच्च वैटेज पर कार्य करने वाले उपकरणों द्वारा उत्पादित उच्च-आवृति दर वाले माइक्रोवेव्स जैविक कोशिकाओं का ताप बढ़ा कर उन्हें गंभीर क्षति पहुँचा सकते हैं। लेकिन सूचना संप्रेषण के लिए उपयोग में लाए जा रहे मोबाइल फोन्स बहुत ही कम वैटेज का उत्पादन करते हैं। एनॉलॉग फोन्स लगभग 600mW तथा डिजिटल फोन्स मात्र 125mW का उत्पादन करते हैं। साथ ही इनमें कम आवृति दर वाले माइक्रोवेव्स (लगभग 900 अथवा 1900 मेगा हर्ट्ज) का उपयोग होता है (जीएसम फोन्स मात्र 1800 मेगा हर्ट्ज पर कार्य करते हैं) इतने कम वैटेज पर उत्पादित निम्न आवृति दर वाले मोक्रोवेव्स द्वारा जैविक कोशिकाओं को पहुँचने वाली हानि के बराबर है - ऐसा बहुतेरे अनुसंधानकर्ताओं तथा मोबाइल कंपनियों का मानना है और ऐसा ही वे अपने द्वारा प्रायोजित अनुसंधानों द्वारा सिद्ध करने के प्रयास में लगे रहते हैं।

दूसरी ओर माइक्रोवेव अवन में उच्च आवृति दर वाले माइक्रोवेव का उपयोग अवश्य होता है लेकिन इस अवन में ऐसी पक्की व्यवस्था की जाती है कि ये वेव्स अवन के बाहर निकल सकें। अत: माइक्रा्रेवेव अवन के उपयोग से हमारे शरीर के किसी भी हिस्से को क्षति पहुंचने की संभावना के बराबर होती है। शर्त यह है कि माइक्रोवेव अवन किसी भी प्रकार से दोषयुक्त हो।

माइक्रोवेव्स के आधार पर चलने वाले मोबाइल फोन, अवन या ऐसे ही अन्य उपकरण, जिनके कारण हमारा शरीर इन वेव्स के सीधे संपर्क में आता हो अथवा वे पदार्थ, जिन्हें माइक्रोवेव्स के संपर्क में रखने के बाद हम अपने उपयोग में ला रहे हों के संदर्भ में सामान्य जन से ले कर वैज्ञानिकों का एक समूह शुरू से ही शंकालू रहा है। इन उपकरणों के उपयोग की वकालत करने वालों की लाख दलीलों के बावज़ूद इनका मानना है कि माइक्रोवेव्स किसी किसी रूप में हमारे शरीर को क्षति अवश्य पहुँचाते हैं।

Microwaveovenयूरोपियन सोसाइटी ऑफ ह्यूमन रिप्रोडक्शन ऐंड एंब्रियोलॉजी की मीटिंग में हंगेरियन वैज्ञानिकों की एक टीम ने मात्र 221 व्यक्तियों पर एक छोटे से अध्ययन के बाद यह बात उठाई कि मोबाइल फोन को पैंट के पॉकेट में लगातार रखने पर शुक्राणु की संख्या लगभग 30 प्रतिशत की कमी होने की संभावना होती है। हालांकि इस रिपोर्ट को सीमित अध्ययन के कारण सोसाइटी ने जारी करने से मना कर दिया दिया, लेकिन मीडिया में इसका खूब प्रचार हुआ और इसने एक बार फिर से माइक्रोवेव्स के हानिकारक प्रभावों के मुद्दे को गर्मा दिया
 
मोबाइल फोन को लोग अक्सर कान के पास रख कर बात करते हैं अर्थात् कान के आस-पास के ऊतक तथा मस्तिष्क के इस हिस्से की कोशिकाएँ लगातार माइक्रोवेव्स के संपर्क में रहती हैं। भले ही ये वेव्स कम आवृत्ति दर तथा वैटेज की हों, फिर भी आस-पास की कोशिकाओं के अणुओं को कुछ सीमा तक उद्वेलित तो करती ही हैं। इस प्रकार के लगातार उद्वेलन के दुष्प्रभाव को ले कर लोग शंकालू भी रहे हैं। इसे ट्यूमर तथा कैंसर से जोड़ कर देखने का प्रयास किया गया है। 1992 में डेविड रेनार्ड नामक व्यक्ति ने फ्लोरिडा के एक कोर्ट में एक केस किया जिसमें उसने आरोप लगाया कि मोबाइल फोन के उपयोग के कारण उसकी पत्नी को ब्रेन कैंसर हो गया।

हालाँकि 1995 में कोर्ट ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में इस केस को समाप्त कर दिया, फिर भी इसने मोबाइल फोन के उपयोग के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों के कान खड़े कर दिए। नतीजा- कैंसर तथा माइक्रोवेव्स के संदर्भ में वृहद् पैमाने पर शोध कार्य। ध्यान रहे ऐसे अधिकांश शोध-कार्य मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों के धन के बल ही चल रहे थे। इन शोध-कार्यों में ध्यान इस बात पर था कि ये फोन वास्तव में कैंसर के कारण हैं या नहीं। लंबे समय तक किए गए ये अनुसंधान या तो जानवरों पर केंद्रित रहे या फिर ब्रेन कैंसर से पीड़ित या मृत व्यक्तियों द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग की काल-अवधि के आकड़ों का विश्लेषण करते रहे। इन्हें मोबाइल फोन तथा कैंसर में कोई सीधा संबध नज़र नहीं आया। लेकिन यह भी सिद्ध नहीं हो पाया कि इन दोनों में बिल्कुल ही कोई संबंध नहीं है। यह सिद्ध कर पाना वास्तव में मुश्किल भी है क्योंकि कैंसर किसी एक वजह से नहीं होता। यह उन्हें भी होता है जो मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करते और उन्हे भी जो मोबाइल फोन का उपयोग लगातार करते रहते हैं।
cellphonecancer
शुक्राणुओं की संख्या में कमी के पीछे निश्चित रूप से मोबाइल फोन ही हैं, कह पाना कठिन है। नोकिया के उत्पादन में संलग्न फिनलैंड के लोगों में शुक्राणुओं की संख्या बिल्कुल ठीक-ठाक पाई गई। लेकिन यह कह पाना भी कठिन है कि शुक्राणुओं की संख्या में कमी के पीछे मोबाइल फोन्स का हाथ बिल्कुल ही नहीं है। कुछ भी सुनिश्चित ढंग से कहने के लिए अभी भी लंबी अवधि तक किए जाने वाले व्यवस्थित अनुसंधानों की आवश्यकता है।

दूसरी ओर माइक्रोवेव अवन में पकने वाले भोजन पर भी कुछ प्रश्न चिह्न हैं। उच्च वैटेज पर माइक्रोवेव अवन के मैग्नेट्रॉन ट्यूब से 25 गीगा हर्ट्ज की उच्च आवृत्ति दर वाली माइक्रोवेव्स से भोजन को पकाया जाता है। ये माइक्रोवेव्स, भोजन (विशेषकर उसमें उपस्थित पानी) के अणुओं की पोलैरिटी को प्रति सेकेंड लाखों बार परिवर्तित करते रहते हैं। इनके इसी उद्वेलन के फलस्वरूप उत्पन्न घर्षण ऊर्जा द्वारा भोजन गर्म हो कर पकता है। इस अति उच्च आवृत्ति पर उद्वेलित अणु भोजन में उपस्थित आस-पास के अन्य अणुओं-परमाणुओं में स्थाई-अस्थाई संरचनात्मक तथा रासायनिक विकृति की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। इन विकृत भोज्य पदार्थों का हमारे शरीर पर किस सीमा तक कुप्रभाव पड सकता है, यह गंभीर शोध का विषय है।

मोबाइल फोन की तरह 1991 में ओकलहामा के कोर्ट में कमर की शल्य चिकित्सा के दौरान माइक्रोवेव में गर्म कर रक्त दिए जाने के फलस्वरूप नोर्मा लेविट नामक महिला रोगी की मृत्यु से संबंधित एक केस था। इसमें यह दावा किया गया था कि माइक्रोवेव्स द्वारा गर्म किए जाने के कारण रक्त में कुछ ऐसे परिवर्तन हुए जिनके फलस्वरूप महिला की मृत्यु हुई। हालांकि निचित रूप से कुछ कह पाना संभव नहीं है फिर भी इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि माइक्रोवेव्स ने दिए जाने वाले रक्त में कुछ ऐसा परिवर्तन किया होगा जो महिला की मृत्यु का कारण बना।

इस संदर्भ में 1989 में स्वीडिश भोजन वैज्ञानिक डॉ हैन्स उल्रिच हर्टेल तथा स्वीडिश फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नॉलॉजी से संबद्ध प्रो.बर्नार्ड ब्लॉंक के शोध कार्य उल्लेखनीय है। स्वयंसेवकों के दल के सदस्यों को दूध तथा सब्जियों को कच्चे रूप में तथा उन्हें तरह-तरह से पका कर,जिसमें माइक्रोवेव अवन भी शामिल था, नियंत्रित रूप से दिया गया। ऐसा भोजन देने के पूर्व तथा बाद में इन स्वयंसेवकों के रक्त के नमूने की लगातार जांच की गई। माइक्रोवेव अवन में गर्म किए गए दूध तथा पकी सब्जियों का सेवन करने वाले स्वयंसेवकों के रक्त में हीमोग्लोबिन तथा अच्छे कोलेस्टेरॉल की मात्रा कम अनुपात में थी, साथ ही लिम्फोसाइट प्रकार की श्वेत रूधिर कणिकाओं की संख्या में भी अस्थाई रूप से कमी देखी गई। जैसे ही इन्होंने अपने शोध के परिणामों का प्रकाशन आरंभ किया, स्विश असोसियेशन ऑफ डीलर्स फॉर इलेक्ट्रो-अपरेटसेज़ फॉर हाउसहोल्ड इंडस्ट्रीज़ तुरंत हरकत में गई एवं स्वीडिश कोर्ट ने 1993 में इनके शोध कार्य के परिणामों के प्रकाशन पर रोक लगा दी। एक लंबी लड़ाई के बाद यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स ने 1998 में इस रोक को समाप्त किया।

माइक्रोवेव्स का हमारे स्वास्थ्य पर क्या-क्या प्रभाव पड़ता है- इस संदर्भ में किए गए तथा किए जा रहे शोध कार्यों की कमी नहीं है। इसमें रूस तथा जर्मनी के वैज्ञानिक अग्रणी रहे हैं। अमेरिका तथा अन्य देशों के वैज्ञानिकों ने भी इस विषय पर काफी-कुछ शोध किया है। रूसी वैज्ञानिकों के शोध के परिणाम निश्चय ही इतने गंभीर थे कि 1975-76 में तत्कालीन रशियन सरकार ने माइक्रोवेव्स के आधार पर चलने वाले सभी प्रकार के उपकरणों के सामान्य जन द्वारा उपयोग पर रोक लगा दी थी।

इस आलेख में माइक्रोवेव्स के संदर्भ में लगभग आधी शताब्दी से चल रहे तमाम शोध-कार्यों पर चर्चा कर पाना तो संभव नहीं है फिर भी उनके परिणामों का सार-संक्षेप प्रस्तुत है:

लगातार नियमित रूप से माइक्रोवेव अवन में पकाए भोजन के सेवन करने वाले लोगों में आमाशय तथा आंत के कैंसर की संभावना ज्यादा रहती है। साथ ही पाचन तथा उत्सर्जन तंत्र की कार्यकी में क्रमश: ह्रास का खतरा रहता है। भोजन में पाए जाने वाले विभिन्न पोषक तत्वों विशेषकर विटामिन्स बी12, सी, , आवश्यक खानिज तथा वसा जमा होने की प्रक्रिया रोकने वाले लीपोट्रॉपिक रसायनों की मात्रा में काफी कमी आती है। बी 12 की तो लगभग पांच गुना कमी देखी गई है। परंपरागत ढंग से भोजन पकाने पर भी विभिन्न पोषक तत्वों की मात्रा में कमी आती है लेकिन इतनी नहीं। वनस्पतियों में पाए जाने वाले नाना प्रकार के पोषक तत्व यथा अल्कल्याड्स, ग्लूकोसाइड्स, गैलेक्टोसाइड्स आदि को भी माइक्रोवेव्स आंशिक रूप से कैंसर जनक रसायनों में बदल सकता है।

माइक्रोवेव्स के प्रभाव से कुछ प्राकृतिक एमिनो एसिड्स की संरचना में परिवर्तन हो सकता है। ऐसे परिवर्तित एमिनो एसिड्स तथा अन्य रसायन हमारे शरीर में विषैले पदार्थ का कार्य कर सकते हैं, जिसके कारण लिम्फैटिक तंत्र प्रभावित हो सकता। परिणाम-प्रतिरोध क्षमता में कमी तथा कैंसर का खतरा। माइक्रोवेव्स, सब्जियों के कुछ खनिजों को कैंसर उत्पन्न करने वाले फ्री रेडिकल्स में बदल सकते हैं। मांस में भी ये कुछ पोषक तत्वों को डी-नाइट्रोसोडाइएथेनॉलएमाइन जैसे कैंसर जनक पदार्थों में बदल सकते हैं। दूध तथा अनाज के कुछ एमीनो एसिड्स भी कैंसर जनक रसायनों में परिवर्तित हो सकते हैं।

माइक्रोवेव्स के नियमित तथा लंबे समय तक सीधे संपर्क का प्राथमिक कुफल निम्न रक्तचाप एवं धीमी नाड़ी गति के रूप में परिलक्षित होता है जो बाद में उच्च रक्तचाप तथा तनाव के लक्षणों के रूप में सामने आता है। इनके साथ-साथ सरदर्द, चक्कर आना, आंखों में दर्द, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन आदि तरह-तरह के लक्षण भी परिलक्षित हो सकते है। कुछ का तो यहाँ तक मानना है कि माइक्रोवेव्स के नियंत्रित तथा नियमित उपयोग से लोगों की मानसिकता भी कुछ सीमा तक प्रभावित की जा सकती है।

ऐसे अध्ययन तो बड़ा ही भयानक चित्र प्रस्तुत कर रहे हैं। एक बुद्धिमान व्यक्ति को माइक्रोवेव्स तथा इनसे चालित उपकारणों से कोसों दूर रहना चाहिए और यदि वह ऐसे उपकरणों का उपयोग कर रहा है तो इसे फौरन कचड़े में फेंक देना चाहिए। लेकिन नहीं, उपरोक्त नकारात्म परिणाम पूरी तरह यह सिद्ध करने में सक्षम नहीं है कि ये सारी हानियाँ माइक्रोवेव्स के कारण ही हैं। इनको नकारने वाले लोग अपना ही तर्क देते हैं और इस वाद-विवाद का अंत नहीं हो सकता।

दोनों ही पक्ष अपने-अपने तर्कों को सही सिद्ध करने के लिए प्रमाण जुटाते रहते हैं। जब भी माइक्रोवेव्स के उपयोग की वकालत करने वालों के विरुद्ध कोई नया प्रमाण आता है तो ये लोग बड़े पुरजोर तरीके से इसका विरोध करने में जुट जाते हैं। कारण, संभवत: इनसे जुड़ी लाखों-करोड़ों डॉलर का उद्योग जगत है। साथ ही सामान्य जन अपना हित तात्कालिक समय-सीमा के अन्दर ही देखा पाते है, अत: भविष्य को अनदेखा कर देते हैं। निश्चय ही ऐसे उपकरण सुविधा की दृष्टि से बेजोड़ हैं। जब तक लोगों में तात्कालिक लाभ तथा सुविधा की मानसिकता बनी रहेगी, ऐसे उपकरणों का उपयोग होता रहेगा तथा दीर्घ कालीन हानियों को लोग अनदेखी ही रहे गी। काश! जन-मानस में दूरगामी परिणामों को देखने-समझने की थोड़ी और समझ जाती तो भविष्य में ऐसी ही कितनी हानियों से वह बच जाता।
-Written by Dr. G.D. Pradeep
keywords: microwaves effects in hindi, harmful effects of microwave cooking in hindi, side effects of microwave in hindi, effects of microwave oven in hindi, effects of microwave on human body in hindi, effects of microwave radiation on human body in hindi, microwave effect on food in hindi, impact of microwave in hindi, side effects of microwave radiation in hindi, side effects of microwave cooked food in hindi, side effects of microwave oven on health in hindi, side effects of microwave oven cooking in hindi, harmful effects of radio waves in hindi, microwaves frequency and wavelength in hindi, microwaves bad for you in hindi, microwaves bad for us in hindi, microwaves bad for babies in hindi, microwaves bad during pregnancy in hindi, microwaves bad effects in hindi, microwaves bad for brain in hindi, microwaves bad effects in hindi, mobile phones microwaves dangers in hindi, mobile phones microwave radiation in hindi, mobile phones bad for health in hindi, mobile phones bad effects in hindi, mobile phones bad for your health, mobile phones bad for babies in hindi,

COMMENTS

BLOGGER: 22
  1. वाकई यह आंखें खोलने वाला आलेख है। आज जिस तरह से हम लोग इलेक्ट्रानिक उपकरणों के आदी होते जा रहे हैं, ऐसे में उनको प्रयोग करते समय सावधानी आवश्यक है।
    इस महत्वपूर्ण आलेख के लिए गुरू दयाल जी को बहुत बहुत बधाई। और अल्पना जो इसे यहां प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद।

    ReplyDelete
  2. इस रोचक और जनोपयोगी जानकारी के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद
    प्रणाम स्वीकार करें

    ReplyDelete
  3. बहुत श्रम से लिखा जानकारीपरक लेख है -क्या माईक्रोवेव वरदान ही हैं ? या खतरे की घंटी ?
    आईये विचारें ! साधुवाद !

    ReplyDelete
  4. जितनी सुविधा मिलती जाती है उतनी ही इंसान उसका आदि होता जाता है ..लेख बहुत अच्छा लगा ..बहुत सी चीजे हम इस्तेमाल करते हैं पर उसके इस पहलु से वाकिफ नहीं होते हैं ..शुक्रिया अल्पना इस लेख को पढ़वाने के लिए

    ReplyDelete
  5. bahut sundar. very informtive
    pl let me know how to reply in Hindi ( how to get the Hindi text)
    thanx for visiting my my blog

    ReplyDelete
  6. kafi upyogi jankariyo wala alekh hai ye...

    ReplyDelete
  7. डा० प्रदीप जी के आलेख सदैव ही गम्भीर और सारगर्भित होते हैं। इस बार भी उन्होंने बहुत ही अच्छे ढंग से महत्वपूर्ण जानकारियों को लेख में पिरोया है।
    अल्पना जी, इस उपयोगी आलेख को हम तक पहुंचाने का बहुत बहुत आभार।

    ReplyDelete
  8. ज्ञानवर्धक लेख के लिए बधाई!

    ReplyDelete
  9. ऐसे महत्वपूर्ण आलेख को पढ़वाने के लिए शुक्रिया.

    ReplyDelete
  10. अत्यन्त सारगर्भित और उपयोगी आलेख । विस्तृत जानकारी का शुक्रिया ।

    ReplyDelete
  11. ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी जानकारी से भरपूर आलेख...
    धन्यवाद्!!

    ReplyDelete
  12. बहुत विस्तार से जानकारी दी आपने, इन माइक्रो-वेव्स से अब तो बच पाना नामुमकिन है.....

    ReplyDelete
  13. तकनीक के बड़ते कदमो को रोकना अब नामुमकिन हि हमे इसके साथ जीने की आदत तो डालनी ही पड़ेगी हाँ उसके सम्भावित खतरो से भी सावधान रहना जरूरी है । इस लेख के लिये धन्यवाद आप सभीको ।

    ReplyDelete
  14. Good information about microwave effects.

    ReplyDelete
  15. लम्बे-चौडे आलेख में सिर्फ़ यह एक तथ्य निकला कि सुविधाओं के पीछे एकदम हाथ धोकर नहीं भागना चाहिये ,सिर्फ़ अत्यावश्यक परिस्थिति में व सीमित उपयोग ही उचित है। तथा--
    ---विग्यान भी,किसी भी बिन्दु पर फ़ुल्-प्रूफ़ तथात्मक सत्य प्रस्तुत नहीं कर पाता है।

    ReplyDelete
  16. Kya apne hi hathon ek din apna vinash kar lenge hum?

    ReplyDelete
  17. Acchi prastuti ke liye Alpana ji tatha majedar shirshak ke liye Zakir Ali ji ko Dhanyavad evam Badhai

    Guru Dayal Pradeep

    ReplyDelete
  18. Arey haan,
    Apane priya evam viddvan pathak jan ko isi aalekh ko hi nahi apitu meri anya rachanao ko parhane tatha sarahane ke liye to dhanyavaad dena hi bhool gaya.Aasha hai aap sabhi merey bhulakkarpan tatha aalasi svabhav ko xama kareinge saath hi aagey bhi uttsahvardhan karatey raheingey.Aalochana bhi mujhe utani hi priya lagati hai.Is blog ko sanchalit karane mein lagey sabhi viddvat janon ko mera
    sat-sat pranaam evam badhai svikar ho.

    ReplyDelete
  19. AANKH VA DIMAAG DONO KO KHOL KAR RAKH DIYA AAPNE, BAHUT BAHUT SHUKRIYA IS ROCHAK JAANKAARI KE LIYE AASHA HAIN AAP AAGE BHI AISI HI JAANKARI DETE RAHENGE

    ReplyDelete
  20. बहुत उपयोगी

    ReplyDelete
  21. सार्थक प्रयास । बधाई।

    ReplyDelete
  22. सार्थक प्रयास । बधाई।

    ReplyDelete

Name

- दर्शन लाल बावेजा,1,- बी एस पाबला,1,-Dr. Prashant Arya,2,-अंकित,4,-अंकुर गुप्ता,7,-अभिषेक ओझा,2,-अल्पना वर्मा,22,-आशीष श्रीवास्‍तव,2,-इन्द्रनील भट्टाचार्जी,3,-काव्या शुक्ला,2,-जाकिर अली ‘रजनीश’,56,-जी.के. अवधिया,6,-जीशान हैदर जैदी,45,-डा प्रवीण चोपड़ा,4,-डा0 अरविंद मिश्र,26,-डा0 श्‍याम गुप्‍ता,5,-डॉ. गुरू दयाल प्रदीप,8,-डॉ0 दिनेश मिश्र,5,-दर्शन बवेजा,1,-दर्शन लाल बवेजा,7,-दर्शन लाल बावेजा,2,-दिनेशराय द्विवेदी,1,-पवन मिश्रा,1,-पूनम मिश्रा,7,-बालसुब्रमण्यम,2,-योगेन्द्र पाल,6,-रंजना [रंजू भाटिया],22,-रेखा श्रीवास्‍तव,1,-लवली कुमारी,3,-विनय प्रजापति,2,-वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई),81,-शिरीष खरे,2,-शैलेश भारतवासी,1,-संदीप,2,-सलीम ख़ान,13,-हिमांशु पाण्डेय,3,.संस्‍था के उद्देश्‍य,1,।NASA,1,(गंगा दशहरा),1,100 billion planets,1,2011 एम डी,1,22 जुलाई,1,22/7,1,3/14,1,3D FANTASY GAME SPARX,1,3D News Paper,2,5 जून,1,Acid rain,1,Adhik maas,1,Adolescent,1,Aids Bumb,1,aids killing cream,1,Albert von Szent-Györgyi de Nagyrápolt,1,Alfred Nobel,1,aliens,1,All india raduio,1,altruism,1,AM,18,Aml Versha,1,andhvishwas,5,animal behaviour,1,animals,1,Antarctic Bottom Water,1,Antarctica,9,anti aids cream,1,Antibiotic resistance,1,arunachal pradesh,1,astrological challenge,1,astrology,1,Astrology and Blind Faith,1,astrology and science,1,astrology challenge,1,astronomy,4,Aubrey Holes,1,Award,4,AWI,1,Ayush Kumar Mittal,1,bad effects of mobile,1,beat Cancer,1,Beauty in Mathematics,1,Benefit of Mother Milk,1,benifit of yoga,1,Bhaddari,1,Bhoot Pret,3,big bang theory,1,Binge Drinking,1,Bio Cremation,1,bionic eye Veerubhai,1,Blind Faith,4,Blind Faith and Learned person,1,bloggers achievements,1,Blood donation,1,bloom box energy generator,1,Bobs Award,1,Breath of mud,1,briny water,1,Bullock Power,1,Business Continuity,1,C Programming Language,1,calendar,1,Camel reproduction centre,1,Carbon Sink,1,Cause of Acne,1,Change Lifestyle,1,childhood and TV,1,chromosome,1,Cognitive Scinece,1,comets,1,Computer,2,darshan baweja,1,Deep Ocean Currents,1,Depression Treatment,1,desert process,1,Dineshrai Dwivedi,1,DISQUS,1,DNA,3,DNA Fingerprinting,1,Dr Shivedra Shukla,1,Dr. Abdul Kalam,1,Dr. K. N. Pandey,1,Dr. shyam gupta,1,Dr.G.D.Pradeep,9,Drug resistance,1,earth,28,Earthquake,5,Einstein,1,energy,1,Equinox,1,eve donation,1,Experiments,1,Facebook Causes Eating Disorders,1,faith healing and science,1,fastest computer,1,fibonacci,1,Film colourization Technique,1,Food Poisoning,1,formers societe,1,gauraiya,1,Genetics Laboratory,1,Ghagh,1,gigsflops,1,God And Science,1,golden number,2,golden ratio,2,guest article,9,guinea pig,1,Have eggs to stay alert at work,1,Health,70,Health and Food,14,Health and Fruits,1,Heart Attack,1,Heel Stone,1,Hindi Children's Science Fiction,1,HIV Aids,1,Human Induced Seismicity,1,Hydrogen Power,1,hyzine,1,hyzinomania,1,identification technology,2,IIT,2,Illusion,2,immortality,2,indian astronomy,1,influenza A (H1N1) virus,1,Innovative Physics,1,ins arihant,1,Instant Hip Hain Relief,1,International Conference,1,International Year of Biodiversity,1,invention,5,inventions,30,ISC,2,Izhar Asar,1,Jafar Al Sadiq,1,Jansatta,1,japan tsunami nature culture,1,Kshaya maas,1,Laboratory,1,Ladies Health,5,Lauh Stambh,1,leap year,1,Lejend Films,1,linux,1,Man vs.Machine,1,Manish Mohan Gore,1,Manjeet Singh Boparai,1,MARS CLIMATE,1,Mary Query,2,math,1,Medical Science,2,Memory,1,Metallurgy,1,Meteor and Meteorite,1,Microbe Power,1,Miracle,1,Misconduct,3,Mission Stardust-NExT,1,MK,71,Molecular Biology,2,Motive of Science Bloggers Association,1,Mystery,1,Nature,1,Nature experts Animal and Birds,1,Negative Effects of Night Shift,1,Neuroscience Research,1,new technology,1,NKG,4,open source software,1,Osmosis,1,Otizm,1,Pahli Barsat,1,pain killer and pain,1,para manovigyan,1,PCST 2010,5,pencil,1,Physics for Entertainment,1,PK,2,Plagiarism,5,Prey(Novel) by Michael Crichton,1,Pshychology,1,psychological therapy in vedic literature,1,Puberty,1,Rainbow,1,reason of brininess,1,Refinement,1,Research,4,Robotics,1,Safe Blogging,1,Science Bloggers Association as a NGO,2,Science communication,1,science communication through blog writing,4,Science Fiction,16,Science Fiction Writing in Regional Languages,1,Science Joks,1,Science Journalism and Ethics,3,Science News,2,science of laughter,1,science project,1,Science Reporter,1,Science Theories,9,scientific inventions,2,Scientist,47,scientists,1,Search Engine Volunia,1,Secret of invisibility,1,Sex Ratio,1,Shinya Yamanaka,1,SI,1,siddhi,1,Solar Energy,1,space tourism,1,space travel,1,Spirituality,1,Stem Cell,1,Stephen Hawking,1,stonehenge mystery,1,Summer Solstice,1,Sunspots and climate,1,SuperConductivity,1,survival of fittest,1,sweet 31,1,Swine flue,1,taantra siddhee,1,tally presence system,1,Tantra-mantra,1,technical,1,technology,18,telomerase,1,Theory of organic evolution,1,Therapy in Rig veda,1,tokamak,1,Top 10 Blogger,1,Transit of Venus,1,TSALIIM Vigyan Gaurav Samman,1,tsunami warning,1,Tuberculosis Bacillus,1,tyndall effect,1,universe,14,Urdu Science Fiction Writer,1,vedic literature,1,VIDEO BOOK,1,Vigyan Pragati,1,Vigyan Prasar,1,Vision,1,Vividh Bharti,1,water,1,Web Technology,1,Wild life,3,Women Empowerment,1,Workshop,5,World Health Day,1,World no tobacco day,1,world trade center,1,Wormhole concept,1,Ya Perelman,1,yogendra,2,π,1,अंक,1,अंक गणित,1,अंतरिक्ष,1,अंतरिक्ष में सैर सपाटा,1,अंतरिक्ष यात्रा,1,अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन,1,अतिचालकता,1,अतीन्द्रिय दृष्टि,1,अतीन्द्रिय बोध,1,अथर्ववेद,1,अंध-विश्वास,2,अंधविश्‍वास,1,अंधविश्वास को चुनौती,3,अधिक मास,1,अध्यात्म,1,अनंत,1,अनसुलझे रहस्य,1,अन्तरिक्ष पर्यटन,3,अन्धविश्वास,3,अन्धविश्वास के खिलाफ,1,अभिषेक,8,अभिषेक मिश्र,4,अमरता,1,अम्ल वर्षा,1,अयुमु,1,अरुणाचल प्रदेश,1,अर्थ एक्सपेरीमेंट,3,अर्शिया अली,1,अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी,1,अलौकिक संगीत,1,अवसाद मुक्ति,1,अस्थि विज्ञान,1,आई आई टी,1,आई साईबोर्ग,1,आईएनएस अरिहंत,1,आकाश,1,आकाशगंगा,2,आटिज्‍म,1,आध्यात्म,1,आनंद कुमार,1,आनुवांशिक वाहक,1,आर्कियोलॉजी,1,आलम आरा,1,आविष्कार,1,आविष्कार प्रौद्योगिकी मोबाईल,1,इंटरनेट का सफर,1,इंडिव्हिजुअल व्हेलॉसिटी,1,इनविजिबल मैन,1,इन्जाज़-ऊंट प्रतिकृति,1,इन्द्रधनुष,1,इन्द्रनील भट्टाचार्जी,1,इन्द्रनील भट्टाचार्य,1,इशारों की भाषा,1,ईश्वर और विज्ञान,1,उजाला मासिक,1,उन्माद,1,उन्‍मुक्‍त,1,उप‍लब्धि,3,उबुन्टू,1,उल्‍कापात,1,उल्‍कापिंड,1,ऋग्वेद,1,एड्स जांच दिवस,1,एड्सरोधी क्रीम,1,एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया,1,एल्कोहल,1,एल्फ्रेड नोबल,1,औरतों में दिल की बीमारी का खतरा,1,कदाचार,1,कपडे,1,कम्‍प्‍यूटर एवं तकनीक,4,कम्प्यूटर विज्ञान,1,करेंट साइंस,1,कर्मवाद,1,किसानों की आत्महत्याएँ,1,कीमती समय,1,कृत्रिम जीवन,1,कृत्रिम रक्‍त,1,कृषि अवशेष,1,केविन वार्विक्क,1,कैसे मजबूत बनाएं हड्डियां,1,क्रायोनिक्स,1,क्रैग वेंटर,1,क्षय मास,1,क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञान कथा लेखन,2,खगोल,1,खगोल विज्ञान,2,खगोल विज्ञान.,1,खगोल वेधशाला,1,खतरनाक व्‍यवहार,1,खाद्य विषाक्‍तता,1,खारा जल,1,खूबसूरत आँखें,1,गणित,3,गति,1,गर्भकाल,1,गर्भस्‍थ शिशु का पोषण,1,गर्मी से बचने के तरीके,1,गुणसूत्र,1,गेलिलियो,1,गोल्डेन नंबर,2,गौरैया,1,ग्रह,1,ग्रीष्मकालीन अयनांत,1,ग्रुप व्हेलॉसिटी,1,ग्रेफ़ाइट,1,ग्लोबल वार्मिंग,2,घाघ-भड्डरी,1,चंद्रग्रहण,1,चमत्कार,1,चमत्कारिक पत्थर,1,चरघातांकी संख्याएं,1,चार्ल्‍स डार्विन,1,चिकत्सा विज्ञान,1,चैटिंग,1,छरहरी काया,1,छुद्रग्रह,1,जल ही जीवन है,1,जान जेम्स आडूबान,1,जानवरों की अभिव्यक्ति,1,जीवन और जंग,1,जीवन की उत्‍पत्ति,1,जैव विविधता वर्ष,1,जैव शवदाह,1,ज्योतिष,1,ज्योतिष और अंधविश्वास,2,झारखण्‍ड,1,टिंडल प्रभाव,1,टीलोमियर,1,टीवी और स्‍वास्‍थ्‍य,1,टीवी के दुष्‍प्रभाव,1,टेक्‍नालॉजी,1,टॉप 10 ब्लॉगर,1,डा0 अब्राहम टी कोवूर,1,डा0 ए0 पी0 जे0 अब्दुल कलाम,1,डाइनामाइट,1,डाटा सेंटर,1,डिस्कस,1,डी•एन•ए• की खोज,3,डीप किसिंग,1,डॉ मनोज पटैरिया,1,डॉ. के.एन. पांडेय,1,डॉ० मिश्र,1,ड्रग एडिक्‍ट,1,ड्रग्स,1,ड्रग्‍स की लत,1,तम्बाकू,1,तम्‍बाकू के दुष्‍प्रभाव,1,तम्बाकू निषेध,1,तर्कशास्त्र,1,ताँत्रिक क्रियाएँ,1,थर्मोइलेक्ट्रिक जेनरेटर,1,थ्री ईडियट्स के फार्मूले,1,दर्दनाशी,1,दर्शन,1,दर्शन लाल बवेजा,3,दिल की बीमारी,1,दिव्‍य शक्ति,1,दुरबीन,1,दूरानुभूति,1,दोहरे मानदण्ड,1,धरोहर,1,धर्म,2,धातु विज्ञान,1,धार्मिक पाखण्ड,1,धुम्रपान और याद्दाश्‍त,1,धुम्रपान के दुष्‍प्रभाव,1,धूल-मिट्टी,1,नई खोजें,1,नन्हे आविष्कार,1,नमक,1,नवाचारी भौतिकी,1,नशीली दवाएं,1,नाइट शिफ्ट के दुष्‍प्रभाव,1,नारायणमूर्ति,1,नारी-मुक्ति,1,नींद और बीमारियां,1,नींद न आने के कारण,1,नेत्रदान और ब्लॉगर्स,1,नेत्रदान का महत्‍व,1,नेत्रदान कैसे करें?,1,नैनो टेक्नालॉजी,1,नॉटिलस,1,नोबल पुरस्कार,1,नोबेल पुरस्कार,2,न्‍यूटन,1,परमाणु पनडुब्‍बी,1,परासरण विधि,1,पर्यावरण और हम,1,पर्यावरण चेतना,2,पशु पक्षी व्यवहार,1,पहली बारिश,1,पाई दिवस,1,पुच्‍छल तारा,1,पुरुष -स्त्री लिंग अनुपात,1,पूर्ण अँधियारा चंद्रग्रहण,1,पृथ्वी की परिधि,3,पृथ्‍वेतर जीवन,1,पेट्रोल चोरी,1,पेंसिल,1,पैडल वाली पनडुब्बी,1,पैराशूट,1,पॉवर कट से राहत,1,पौरूष शक्ति,1,प्रकाश,2,प्रज्ञाएँ,1,प्रतिपदार्थ,1,प्रतिरक्षा,1,प्रदूषण,1,प्रदूषण और आम आदमी,1,प्ररेणा प्रसंग,1,प्रलय,2,प्रलय का दावा बेटुल्गुयेज,1,प्रसव पीड़ा,1,प्रेम में ।धोखा,1,प्रोटीन माया,1,प्लास्टिक कचरा,1,फाई दिवस,1,फिबोनाकी श्रेणी,1,फिबोनाची,1,फेसबुक,1,फ्रीवेयर,1,फ्रेंकेंस्टाइन,1,फ्रेंच किसिंग,1,बनारस,1,बायो-क्रेमेशन,1,बायोमैट्रिक पहचान तकनीकियाँ,2,बाल विज्ञान कथा,1,बालसुब्रमण्यम,6,बिग-बेंग सिद्धांत,1,बिजली,1,बिजली उत्‍पादन,1,बिजली कैसे बनती है?,1,बिजलीघर,1,बिली का विकल्‍प,1,बी0एम0डब्ल्यू0,1,बीरबल साहनी,1,बुलेटप्रूफ,1,बैल चालित पम्प,1,ब्रह्मण्‍ड,1,ब्रह्मा,1,ब्रह्माण्‍ड,1,ब्रह्माण्‍ड के रहस्‍य,1,ब्रह्मान्ड,1,ब्रेन म्‍यूजिक,1,ब्लॉग लेखन,1,ब्लॉग लेखन के द्वारा विज्ञान संचार,2,ब्लॉगिंग का महत्व,1,भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद,1,भारतीय विज्ञान कथा लेखक समिति,1,भारतीय वैज्ञानिक,2,भारतीय शोध,1,भूकंप के झटके,1,भूकम्‍प,1,भूगर्भिक हलचलें,1,मंगल,1,मधुमेह और खानपान,1,मनजीत सिंह बोपाराय,1,मनीष मोहन गोरे,1,मनीष वैद्य,1,मनु स्मृति,1,मनोरंजक गणित,1,महिला दिवस,1,माचू-पिचू,1,मानव शरीर,1,माया,1,मारिजुआना,1,मासिक धर्म,1,मिल्‍की वे,1,मिशन स्टारडस्ट-नेक्स,1,मीठी गपशप,1,मीमांसा,1,मुख कैंसर,1,मृत सागर,1,मेघ राज मित्र,1,मेडिकल रिसर्च,1,मेरी शैली,1,मैथेमेटिक्स ओलम्पियाड,1,मैरी क्‍यूरी,2,मैरीन इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज लि,1,मोटापा,1,मोबाईल के नुकसान,1,मौसम,1,यजुर्वेद,1,युवा अनुसंधानकर्ता पुरष्कार,1,यूरी गागरिन,1,योगेन्द्र पाल,1,योगेश,1,योगेश रे,1,रक्षा उपकरण,1,राईबोसोम,1,रूप गठन,1,रेडियो टोमोग्राफिक इमेजिंग,1,रैबीज,1,रोचक रोमांचक अंटार्कटिका,4,रोबोटिक्स,1,लखनऊ,1,लादेन,1,लालन-पालन,1,लिनक्स,1,लिपरेशी,1,लीप इयर,1,लेड,1,लॉ ऑफ ग्रेविटी,1,लोक विज्ञान,1,लौह स्तम्भ,1,वजन घटाने का आसान तरीका,1,वाई गुणसूत्र,1,वायु प्रदुषण,1,वाशो,1,विज्ञान,1,विज्ञान कथा,3,विज्ञान कथा सम्मेलन,1,विज्ञान के खेल,2,विज्ञान चुटकले,1,विज्ञान तथा प्रौद्यौगिकी,1,विज्ञान प्रगति,1,विज्ञान ब्लॉग,1,विज्ञापन,1,विटामिनों के वहम,1,विद्युत,1,विवेकानंद,1,विवेचना-व्याख्या,1,विश्व नि-तम्बाकू दिवस,1,विश्व पर्यावरण दिवस,1,विश्व भूगर्भ जल दिवस,1,विष्णु,1,वीडियो,1,वीडियो बुक,1,वैज्ञानिक दृष्टिकोण,1,वैद्य अश्विनी कुमार,1,वोस्तोक,1,व्‍यायाम के लाभ,1,व्हेलॉसिटी,1,शिव,1,शुक्र पारगमन,1,शुगर के दुष्‍प्रभाव,1,शून्य,1,शोध परिणाम,1,शोधन,1,श्रृष्टि का अंत,1,सं. राष्ट्रसंघ,1,सकारात्‍मक सोच का जादू,1,संक्रमण,1,संख्या,1,संजय ग्रोवर,1,संज्ञात्मक पक्षी विज्ञान,1,सटीक व्‍यायाम,1,संत बलबीर सिंह सीचेवाल,1,सत्यजित रे,1,समय की बरबादी को रोचकने के उपाय,1,समाज और हम,1,समुद्र,1,संयोग,1,सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस,1,सर्प संसार,1,साइकोलोजिस्ट,1,साइनस उपचार,1,साइंस ब्लागर्स मीट,1,साइंस ब्लागर्स मीट.,2,साइंस ब्लॉग कार्यशाला,2,साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन अवार्ड,1,साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन रजिस्ट्रेशन,1,साइंस ब्लॉगर्स ऑफ दि ईयर अवार्ड,1,साइंस ब्लोगिंग,1,साईकिल,1,सामवेद,1,सामाजिक अभिशाप,1,सामाजिक चेतना,1,साहित्यिक चोरी,2,सिगरेट छोड़ें,1,सी. एस. आई. आर.,1,सी.वी.रमण विज्ञान क्लब,1,सीजेरियन ऑपरेशन,1,सुपर अर्थ,1,सुपर कम्प्यूटर,1,सुरक्षित ब्लॉगिंग,1,सूर्यग्रहण,2,सृष्टि व जीवन,3,सेक्स रेशियो,1,सेहत की देखभाल,1,सोशल नेटवर्किंग,1,स्टीफेन हाकिंग,1,स्पेन,1,स्मृति,1,स्वर्ण अनुपात,1,स्वाईन-फ्लू,1,स्वास्थ्य,2,स्‍वास्‍थ्‍य और खानपान,1,स्वास्थ्य चेतना,3,हमारे वैज्ञानिक,4,हरित क्रांति,1,हंसी के फायदे,1,हाथरस कार्यशाला,1,हिंद महासागर,1,हृदय रोग,1,होलिका दहन,1,ह्यूमन रोबोट,1,
ltr
item
Science Bloggers' Association: सूक्ष्म तरंगों (मोबाइल और ओवन) के दुष्‍प्रभाव।
सूक्ष्म तरंगों (मोबाइल और ओवन) के दुष्‍प्रभाव।
Microwaves Bad Effects Hindi Article
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEitjw1ZNqfrptRH7pBEqFoCtPONpSzSg18DdOx7YciCe223UZGcGQKut39_Nl82IJYhMcLB_iAa1qkMcpl3OoAKYpvmNq7NpmnZnczNnvyJtingDF-F9u1I5sVmhYoRAZFQhKFws_BlC3U/s400/radiation+impact.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEitjw1ZNqfrptRH7pBEqFoCtPONpSzSg18DdOx7YciCe223UZGcGQKut39_Nl82IJYhMcLB_iAa1qkMcpl3OoAKYpvmNq7NpmnZnczNnvyJtingDF-F9u1I5sVmhYoRAZFQhKFws_BlC3U/s72-c/radiation+impact.jpg
Science Bloggers' Association
https://blog.scientificworld.in/2016/02/microwaves-bad-effects-in-hindi.html
https://blog.scientificworld.in/
https://blog.scientificworld.in/
https://blog.scientificworld.in/2016/02/microwaves-bad-effects-in-hindi.html
true
1415300117766154701
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy