क्या है "टेट्रालजी आफ फालट "और इसके लक्षण ? "टेट्रालजी आफ फालट " में 'टेट्रालजी' का अर्थ है नाटक -चतुष्टय (ना...
क्या है "टेट्रालजी आफ फालट "और इसके लक्षण ?
"टेट्रालजी आफ फालट "में 'टेट्रालजी' का अर्थ है नाटक -चतुष्टय (नाट्य शाश्त्र की शब्दावली रही है यह ,ऐसी संगीत नाटिका जो एक के बाद एक आयें परस्पर संबद्ध उपन्यासों के लिए भी प्रयुक्त होता आया है यह शब्द टेट्रालजी। ).
तथा 'फ़ॉलोट' एक फ्रांस के मशहूर काया -चिकित्सक रहें हैं(पूरा नाम Étienne-Louis-Arthur) जिन्होनें हृदय से सम्बंधित एब्नॉर्मेलिटीज़ (जन्मजात या बाद में आई विकृतियों का भी पहली मर्तबा पता लगाया था। इनमें उन चार वजहों का भी एक समुच्चय है जो जन्मजात होती हैं ,इन्हें ही आज टेट्रालजी आफ फ़ॉलोट के नाम से जाना जाता है। ये वजहें जो आमतौर पर (अक्सर एक साथ )उपस्थित रहतीं हैं दिल की बनावट को असरग्रस्त करतीं हैं। इनके चलते हृदय से ऐसा रक्त बाकी शरीर को पहुँचने लगता है जिसमें घुलित ऑक्सीजन की मात्रा पर्याप्त नहीं रहती है। ऐसे नौनिहालों की चमड़ी इसीलिए नीलीया जाती है नीला -पन लिए रहती है।
रोगनिदान और फिर ज़रूरी शल्य चिकित्सा ,के संग दवादारू तुरता मिल जाने पर ये नौनिहाल सामान्य जीवन जीते हैं अलबत्ता सस्टेनेन्स डोज़ दवाओं की ता-उम्र लेते रहना ज़रूरी रहता है। कुछ खास किस्म के व्यायाम भी मुल्तवी रखे जाते हैं बचा जाता है ऐसी अवांछित कसरतों से जिन्हें करने की काया एवं हृद चिकित्सक इज़ाज़त नहीं देते हैं।
लेकिन कुछ मामलों में इसकी शिनाख्त बालिग़ होने पर ही हो पाती है -जो दोष या हृद -विकृति की गंभीरता पर निर्भर रहती है उग्र होते लक्षणों से ही इसका पता चल पाता है।
क्या हैं इस मेडिकल कंडीशन के लक्षण तथा कारण (वजूहातें )?
लक्षणों में पर्याप्त वैभिन्न्य मिलता है जो इस बात पर निर्भर करता है ,दाएं निलय से निकल फ़ेफ़डों तक जाने में रक्त प्रवाह में कितना अवरोध आ रहा है।
(१) चमड़ी के रंग का नीलापन लिए होना जिसकी वजह रक्त में आक्सीजन की कमीबेशी बनती है। सामन्य रक्त का रंग लाल एक प्रोटीन हीमोग्लोबिन की वजह से रहता है।
(२ )जल्दी -जल्दी साँस लेना कसरत ,खेल कूद के दौरान सांस का जल्दी फूल जाना खासकर वातापेक्षी व्यायाम के दौरान जिनमें ऑक्सीजन की खपत ज्यादा रहती है जो यहां पहले ही खून में कमतर है।
(३)नीम होशी या फिर बे -होशी भी दिख सकती है।
(४ )कॉन्वेगज़ीटि (convexity )यानी ज्यादा घुमाव लिए हो सकतीं हैं उंगलियां और नाखून। इसे अंग्रेजी में कहेंगे -कलब -बिंग आफ फिंगर्स एन्ड नेल्स।
(देखें :http://www.medicinenet.com/image-collection/clubbed_nails_picture/picture.htm
https://www.google.com/search?q=clubbing+of+fingers+and+toes+pictures&rlz=1CAACAP_enUS646US647&oq=clubbing+of+fingers+and+toes+pictu)
(५)नौनिहालों की बढ़वार के अनुरूप वजन का न बढ़ पाना
(६ )खेल कूद कसरत आदि में जल्दी थककर चूर हो जाना
(७ )स्वभाव में चिड़चिड़ापन दिखलाई देना
(८ )देर तक रोना धोना चीखना चिल्लाना (फेफड़ों की कसरत है रोना, ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए छटपटाहट है यहां )
(९ )दिल के धड़कने पर लुब डुब की सामान्य आवाज़ से हटके सरसर बहता पानी या हवा जैसी आवाज़ (Whooshing and or Swishing noise) का सुनायी देना
इस रोग 'टेट्रालजी आफ फ़ॉलोट' में कई मर्तबा बच्चा एक दम से नीला पड़ जाता है।(चमड़ी नाखून आदि सब नीले पड़ जाते हैं ,बहुत देर बाद सांस लेता है बच्चा मुंह खोल के रोने के बाद। हम सबने ये नज़ारा कभी न कभी देखा है।
डॉक्टरी सहायता लीजिये यदि आप देखें कि बच्चा -
(१ )सांस लेने में दिक्कत महसूस कर रहा है
(२ )चमड़ी का रंग उतरने लगा है नीला पड़ने लगा है
(३ )बे -होशी की तरफ जाने लगा है ,कंपकपाहट है आंगिक
(४ )बेहद की कमज़ोरी और
(५ )चिड़चिड़ापन दिखता है
अलबत्ता फ़ोरी उपाय और राहत के तौर पर बच्चे को फ़ौरन एक करवट से लिटा दीजिये घुटनों को मोड़के उसकी छाती तक लाने की कोशिश कर सकते हैं ऐसा करने से फेफड़ों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति में लाभ मिलेगा।
टेट्रालजी रोग के कारण (कारक और वजूहातें ):पढ़िए अगला अंक
"टेट्रालजी आफ फालट "में 'टेट्रालजी' का अर्थ है नाटक -चतुष्टय (नाट्य शाश्त्र की शब्दावली रही है यह ,ऐसी संगीत नाटिका जो एक के बाद एक आयें परस्पर संबद्ध उपन्यासों के लिए भी प्रयुक्त होता आया है यह शब्द टेट्रालजी। ).
तथा 'फ़ॉलोट' एक फ्रांस के मशहूर काया -चिकित्सक रहें हैं(पूरा नाम Étienne-Louis-Arthur) जिन्होनें हृदय से सम्बंधित एब्नॉर्मेलिटीज़ (जन्मजात या बाद में आई विकृतियों का भी पहली मर्तबा पता लगाया था। इनमें उन चार वजहों का भी एक समुच्चय है जो जन्मजात होती हैं ,इन्हें ही आज टेट्रालजी आफ फ़ॉलोट के नाम से जाना जाता है। ये वजहें जो आमतौर पर (अक्सर एक साथ )उपस्थित रहतीं हैं दिल की बनावट को असरग्रस्त करतीं हैं। इनके चलते हृदय से ऐसा रक्त बाकी शरीर को पहुँचने लगता है जिसमें घुलित ऑक्सीजन की मात्रा पर्याप्त नहीं रहती है। ऐसे नौनिहालों की चमड़ी इसीलिए नीलीया जाती है नीला -पन लिए रहती है।
रोगनिदान और फिर ज़रूरी शल्य चिकित्सा ,के संग दवादारू तुरता मिल जाने पर ये नौनिहाल सामान्य जीवन जीते हैं अलबत्ता सस्टेनेन्स डोज़ दवाओं की ता-उम्र लेते रहना ज़रूरी रहता है। कुछ खास किस्म के व्यायाम भी मुल्तवी रखे जाते हैं बचा जाता है ऐसी अवांछित कसरतों से जिन्हें करने की काया एवं हृद चिकित्सक इज़ाज़त नहीं देते हैं।
लेकिन कुछ मामलों में इसकी शिनाख्त बालिग़ होने पर ही हो पाती है -जो दोष या हृद -विकृति की गंभीरता पर निर्भर रहती है उग्र होते लक्षणों से ही इसका पता चल पाता है।
क्या हैं इस मेडिकल कंडीशन के लक्षण तथा कारण (वजूहातें )?
लक्षणों में पर्याप्त वैभिन्न्य मिलता है जो इस बात पर निर्भर करता है ,दाएं निलय से निकल फ़ेफ़डों तक जाने में रक्त प्रवाह में कितना अवरोध आ रहा है।
(१) चमड़ी के रंग का नीलापन लिए होना जिसकी वजह रक्त में आक्सीजन की कमीबेशी बनती है। सामन्य रक्त का रंग लाल एक प्रोटीन हीमोग्लोबिन की वजह से रहता है।
(२ )जल्दी -जल्दी साँस लेना कसरत ,खेल कूद के दौरान सांस का जल्दी फूल जाना खासकर वातापेक्षी व्यायाम के दौरान जिनमें ऑक्सीजन की खपत ज्यादा रहती है जो यहां पहले ही खून में कमतर है।
(३)नीम होशी या फिर बे -होशी भी दिख सकती है।
(४ )कॉन्वेगज़ीटि (convexity )यानी ज्यादा घुमाव लिए हो सकतीं हैं उंगलियां और नाखून। इसे अंग्रेजी में कहेंगे -कलब -बिंग आफ फिंगर्स एन्ड नेल्स।
(देखें :http://www.medicinenet.com/image-collection/clubbed_nails_picture/picture.htm
https://www.google.com/search?q=clubbing+of+fingers+and+toes+pictures&rlz=1CAACAP_enUS646US647&oq=clubbing+of+fingers+and+toes+pictu)
(५)नौनिहालों की बढ़वार के अनुरूप वजन का न बढ़ पाना
(६ )खेल कूद कसरत आदि में जल्दी थककर चूर हो जाना
(७ )स्वभाव में चिड़चिड़ापन दिखलाई देना
(८ )देर तक रोना धोना चीखना चिल्लाना (फेफड़ों की कसरत है रोना, ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए छटपटाहट है यहां )
(९ )दिल के धड़कने पर लुब डुब की सामान्य आवाज़ से हटके सरसर बहता पानी या हवा जैसी आवाज़ (Whooshing and or Swishing noise) का सुनायी देना
इस रोग 'टेट्रालजी आफ फ़ॉलोट' में कई मर्तबा बच्चा एक दम से नीला पड़ जाता है।(चमड़ी नाखून आदि सब नीले पड़ जाते हैं ,बहुत देर बाद सांस लेता है बच्चा मुंह खोल के रोने के बाद। हम सबने ये नज़ारा कभी न कभी देखा है।
डॉक्टरी सहायता लीजिये यदि आप देखें कि बच्चा -
(१ )सांस लेने में दिक्कत महसूस कर रहा है
(२ )चमड़ी का रंग उतरने लगा है नीला पड़ने लगा है
(३ )बे -होशी की तरफ जाने लगा है ,कंपकपाहट है आंगिक
(४ )बेहद की कमज़ोरी और
(५ )चिड़चिड़ापन दिखता है
अलबत्ता फ़ोरी उपाय और राहत के तौर पर बच्चे को फ़ौरन एक करवट से लिटा दीजिये घुटनों को मोड़के उसकी छाती तक लाने की कोशिश कर सकते हैं ऐसा करने से फेफड़ों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति में लाभ मिलेगा।
टेट्रालजी रोग के कारण (कारक और वजूहातें ):पढ़िए अगला अंक
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