Salt is an important ingredient of our diet which adds flavour to food but too much of it can cause several health problems such...
उपयोगी जानकारी।
सेंधा नमक और चाय का कुछ तूफानी कर देते हैं
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सेंधा नमक : भारत से कैसे गायब कर दिया गया, जबकि शरीर के लिए यह सर्वोत्तम सस्ता सहज सुलभ एल्केलाइज़र (Alkalizer )था।
आम भाषा में कहें तो क्षारक (एल्केलाइज़र )एक ऐसी चीज़ है ऐसा पदार्थ या अभिकर्मक ,नायाब एजेंट है जो किसी चीज़ की अम्लीयता को कम कर देता है।उसे उदासीन बना देता है या उसके हाइड्रोजन पोटेंशिअल(pH) मान को ७ से बढ़ा देता है।
pH वेल्यू से आप वाकिफ हैं।०-१४ अंकों वाले पैमाने पर सातवां अंक उदासीनता बतलाता है सात से ज्यादा क्षारीय तथा सात से कम खाद्य अथवा पेय की अम्लीय प्रकृति बतलाता है।
पेट के लिए बड़ा मुफीद है क्षारक खासकर उन लोगों के लिए जो अम्ल शूल का शिकार रहते हैं।
आप सोच रहे होंगे की ये सेंधा नमक बनता कैसे है ?? आइये आज हम आपको बताते हैं कि नमक मुख्य कितने प्रकार के होते हैं।
एक होता है समुद्री नमक दूसरा होता है सेंधा नमक (rock salt) । सेंधा नमक बनता नहीं है पहले से ही बना बनाया
है। पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को ‘सेंधा नमक’ या ‘सैन्धव नमक’, लाहोरी नमक
आदि नाम से जाना जाता है । जिसका मतलब है ‘सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ’। वहाँ नमक के बड़े बड़े पहाड़ हैं सुरंगे हैं । वहाँ से ये नमक आता है। मोटे मोटे टुकड़ो मे होता है आजकल पीसा हुआ भी आने लगा है यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन में मदद रूप, त्रिदोष ( वात -पित्त -कफ़ )शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने में हल्का है । इससे पाचक रस बढ़्ते हैं। तो अंतत : आप समुद्री नमक के चक्कर से बाहर निकले। काला नमक ,सेंधा नमक प्रयोग करें , क्योंकि ये कुदरत का बनाया है प्रकृति के नियमों से स्वत :तैयार हुआ है ,ईश्वर का बनाया हुआ है। और सदैव याद रखे इंसान जरूर शैतान हो सकता है लेकिन भगवान कभी शैतान नहीं होता।
आम भाषा में कहें तो क्षारक (एल्केलाइज़र )एक ऐसी चीज़ है ऐसा पदार्थ या अभिकर्मक ,नायाब एजेंट है जो किसी चीज़ की अम्लीयता को कम कर देता है।उसे उदासीन बना देता है या उसके हाइड्रोजन पोटेंशिअल(pH) मान को ७ से बढ़ा देता है।
pH वेल्यू से आप वाकिफ हैं।०-१४ अंकों वाले पैमाने पर सातवां अंक उदासीनता बतलाता है सात से ज्यादा क्षारीय तथा सात से कम खाद्य अथवा पेय की अम्लीय प्रकृति बतलाता है।
पेट के लिए बड़ा मुफीद है क्षारक खासकर उन लोगों के लिए जो अम्ल शूल का शिकार रहते हैं।
आप सोच रहे होंगे की ये सेंधा नमक बनता कैसे है ?? आइये आज हम आपको बताते हैं कि नमक मुख्य कितने प्रकार के होते हैं।
है। पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को ‘सेंधा नमक’ या ‘सैन्धव नमक’, लाहोरी नमक
आदि नाम से जाना जाता है । जिसका मतलब है ‘सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ’। वहाँ नमक के बड़े बड़े पहाड़ हैं सुरंगे हैं । वहाँ से ये नमक आता है। मोटे मोटे टुकड़ो मे होता है आजकल पीसा हुआ भी आने लगा है यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन में मदद रूप, त्रिदोष ( वात -पित्त -कफ़ )शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने में हल्का है । इससे पाचक रस बढ़्ते हैं। तो अंतत : आप समुद्री नमक के चक्कर से बाहर निकले। काला नमक ,सेंधा नमक प्रयोग करें , क्योंकि ये कुदरत का बनाया है प्रकृति के नियमों से स्वत :तैयार हुआ है ,ईश्वर का बनाया हुआ है। और सदैव याद रखे इंसान जरूर शैतान हो सकता है लेकिन भगवान कभी शैतान नहीं होता।
भारत मे 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था विदेशी कंपनियाँ भारत में नमक के व्यापार में आज़ादी के पहले से उतरी हुई हैं , उनके कहने पर ही भारत के अँग्रेजी शासन द्वारा भारत की भोली - भाली जनता को आयोडिन मिलाकर समुद्री नमक खिलाया जाता रहा है,गौरांग प्रभु गए तो गंदुमी आ गए।
हुआ ये कि जब भूमंडलीय करण के बाद बहुत सी विदेशी कंपनियों (अनपूर्णा,कैपटन कुक आदिक ) ने नमक बेचना शुरू किया तब ये सारा खेल शुरू हुआ ! अब समझिए खेल क्या था ?? खेल ये था कि विदेशी कंपनियों को नमक बेचना है और बहुत मोटा लाभ कमाना है और लूट मचानी है तो पूरे भारत में एक नई बात फैलाई गई कि आयोडीन युक्त नमक खाओ , आयोडीन युक्त नमक खाओ !
आप सबको आयोडीन की कमी हो गई है। ये सेहत के लिए बहुत अच्छा है आदि आदि बातें पूरे देश मे प्रायोजित ढंग से फैलाई गईं । और जो नमक किसी जमाने में 2 से 3 रूपये प्रति किलो बिकता था , उसकी जगह आयोडीन युक्त नमक के नाम पर सीधा भाव पहुँच गया 8 रूपये प्रति किलो और आज तो 20 रूपये को भी पार कर गया है।
दुनिया के 56 देशों ने अतिरिक्त आयोडीन युक्त नमक 40 साल पहले प्रतिबंधित कर दिया था अमेरिका में नहीं है जर्मनी में नहीं है फ्रांस में नहीं ,डेन्मार्क में भी नहीं है , डेन्मार्क की सरकार ने 1956 में आओडीन युक्त नमक बैन कर दिया क्यों ?? उनकी सरकार ने कहा हम ने नादानी में आयोडीन युक्त नमक खाया !नतीज़न (1940 से 1956 तक ) अधिकांश लोग नपुंसक हो गए ! जनसंख्या इतनी कम हो गई कि देश के खत्म होने का खतरा हो गया ! हमारे विज्ञानियों ने कहा कि आयोडीन युक्त नमक बंद करवाओ तो उन्होंने बैन लगाया। और शुरू के दिनो में जब हमारे देश में ये आयोडीन का खेल शुरू हुआ इस देश के काबिल नेताओं ने कानून बना दिया कि बिना आयोडीन के नमक भारत मे बिक नहीं सकता । कुछ समय पूर्व जब किसी ने कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया , ये बैन हटाया गया।
आज से कुछ वर्ष पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था सब सेंधा नमक ही खाते थे ।
सेंधा नमक के फ़ायदे:
सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप के अलावा भी और बहुत सी गंभीर बीमारियों पर नियन्त्रण रहता है । क्योंकि ये अम्लीय नहीं क्षारीय प्रकृति का है (alkaline) है।
क्षारीय चीज जब अम्लीय या अम्ल में मिलती है तो वो न्यूटल (उदासीन )हो जाता है और रक्त अम्लता (अम्ल शूल या acidity ) खत्म होते ही शरीर के तकरीबन 48 रोग ठीक हो जाते हैं ।
ये सेंधा नमक शरीर में पूरी तरह से घुलनशील है आत्मसात हो जाता है । और सेंधा नमक की शुद्धता के कारण को आप एक और बात से पहचान सकते हैं कि उपवास ,व्रत में सब सेंधा नमक ही खाते हैं । तो आप सोचिए जो समुंदरी नमक आपके उपवास को अपवित्र कर सकता है वो आपके शरीर के लिए कैसे लाभकारी हो सकता है ??
सेंधा नमक शरीर मे 97 पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है ! इन पोषक तत्वों की कमी ना पूरी होने के कारण ही लकवे (paralysis) का अटैक आने का सबसे बढ़ा जोखिम होता है सेंधा नमक के बारे में आयुर्वेद में बोला गया है कि यह आपको इसलिये खाना चाहिए क्योंकि सेंधा नमक वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है।
यह पाचन में सहायक होता है और साथ ही इसमें पोटैशियम और मैग्नीशियम खनिज भी पाया जाता है जो हृदय के लिए लाभकारी होता है। यही नहीं आयुर्वेदिक औषधियों में जैसे 'लवण- भाष्कर ','हिंगाष्टिक' ,'कायम 'आदिक , पाचक चूर्ण आदि में भी प्रयोग किया जाता है।
समुद्री नमक के नुकसान :
ये जो समुद्री नमक है आयुर्वेद के अनुसार अपने आप में ही बहुत खतरनाक है ! क्योंकि कंपनियाँ इसमें अतिरिक्त आयोडीन डाल रही हैं । अब आयोडीन भी दो तरह का होता है एक तो कुदरत (भगवान) का बनाया हुआ जो पहले से नमक में होता है । दूसरा होता है “industrial iodine” ये बहुत ही खतरनाक है। तो समुद्री नमक जो पहले से ही खतरनाक है उसमें कंपनिया अतिरिक्त industrial iodine डाल कर पूरे देश को बेच रही हैं । जिससे बहुत सी गंभीर बीमारियाँ हम लोगो को घेर रही हैं । ये नमक मानव द्वारा फ़ैक्टरियों मे निर्मित है।
आम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले इस समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप (high BP ) ,डाइबिटीज़, आदि गंभीर बीमारियों के खतरे का वजन भी बढ़ता है ।जबकि औसत भारतीय जरूरत से कहीं ज्यादा टेबिल साल्ट खा रहा है।
चटनी, अचार, पापड़ के अलावा चाट और नमकीन इसके हमारी खुराक में छद्म रूप हैं। इसका एक कारण ये है कि ये नमक अम्लीय (acidic) होता है । जिससे रक्त अम्लता बढ़ती है और रक्त अम्लता बढ्ने से ये सब 48 रोग घेर लेते हैं। । ये नमक पानी में कभी पूरी तरह नहीं घुलता हीरे (diamond ) की तरह चमकता रहता है इसी प्रकार शरीर के अंदर जाकर भी नहीं घुलता और अंत में इस प्रकार किडनी से भी नहीं निकल पाता और पथरी का भी कारण बनता है ।
समुद्री नमक नपुंसकता और लकवा (paralysis ) का बहुत बड़ा कारण है समुद्री नमक से सिर्फ शरीर को 4 पोषक तत्व मिलते है ! और बीमारियां बे -हिसाब। मोटापे की एक वजह हमारा हाइड्रोलिक वेट भी है।
रिफाइण्ड नमक में 98% सोडियम क्लोराइड ही है शरीर इसे विजातीय पदार्थ के रुप में रखता है। यह शरीर में घुलता नहीं है। इस नमक में आयोडीन को बनाये रखने के लिए Tricalcium Phosphate, Magnesium Carbonate, Sodium Alumino Silicate जैसे रसायन मिलाये जाते हैं जो सीमेंट बनाने में भी इस्तेमाल होते हैं । विज्ञान के अनुसार यह रसायन शरीर में रक्त वाहिनियों को कड़ा बनाते हैं, जिससे प्लाक्स (plaque ) बनने की संभावना और आक्सीजन के आने -जाने में परेशानी होती है। जोड़ों का दर्द और गठिया , प्रोस्टेट की बीमारियां आदिक होती हैं । आयोडीन युक्त नमक के सेवन से पानी की जरुरत बढ़ जाती है ।
1 ग्राम नमक अपने से 23 गुना अधिक पानी खींचता है। यह पानी कोशिकाओं के पानी को कम करता है। इसी कारण हमें प्यास ज्यादा लगती है।
1 ग्राम नमक अपने से 23 गुना अधिक पानी खींचता है। यह पानी कोशिकाओं के पानी को कम करता है। इसी कारण हमें प्यास ज्यादा लगती है।
निवेदन :पांच हजार साल पुरानी आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भी भोजन में सेंधा नमक के ही इस्तेमाल की सलाह दी गई है। भोजन में नमक व मसाले का प्रयोग भारत, नेपाल, चीन, बंगलादेश और पाकिस्तान में अधिक होता है। आजकल बाजार में ज्यादातर समुद्री जल से तैयार नमक ही मिलता है। जबकि 1960 के दशक तक देश में लाहौरी नमक मिलता था। यहां तक कि राशन की दुकानों पर भी इसी नमक का वितरण किया जाता था। स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता था। अत :समुद्री नमक के बजाय सेंधा नमक का प्रयोग होना चाहिए।
आप इस अतिरिक्त आयोडीन युक्त समुद्री नमक को खाना छोड़िए और उसकी जगह सेंधा नमक खाइये !! सिर्फ आयोडीन के चक्कर में समुद्री नमक खाना समझदारी नहीं है, क्योंकि जैसा हमने ऊपर बताया आयोडीन हर नमक में होता है सेंधा नमक में भी आयोडीन होता है बस फर्क इतना है इस सेंधा नमक में कुदरत के नियमों द्वारा तैयार आयोडीन होता है इसके इलावा आयोडीन हमें आलू, अरवी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है
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चाय एक मीठा जहर है?
काफी बार सुना होगा पर भरोसा रखने को मन नही करता.जब बडे -बड़े डॉ. आहार विशेषज्ञ, वैज्ञानिक बताएँगे तभी भरोसा रखने की आदत जो हैं और एक दृष्टिकोण से वो सही भी हैं.
अब चाय का ऑपशन मैं बताता हू. डेट्स (छुआरा) की गुठली जमा करनी हैं, इन्हें धूप मे सुखाना है बाद में इन्हें आंच पर तवे पर लाल होने तक गरम करो ,मिक्सी में पावडर बनाओ । जब आप चाय बनाओगे तब दूध और पानी के मिश्रण में चायपत्ती की इस प्रकार तैयार एक चम्मच पावडर, एक इलायची, एक लॉंग .
चीनी की जगह अगर गुड़ (jaggery powder )का उपयोग करेंगे तो सोने पे सुहागा. रामदेव जी की शक़्कर भी उत्तम है। इस आयुर्वेदिक चाय का टेस्ट आपको बेहद जबरदस्त फील और ज़ायका देगा . 90 का पैग, पटियाला पैग मारने वालों को तो इस चाय में वो भी किक मिलेगी, टल्ली बनाने वाली. जिसका sperm count कम है वो भी नॉर्मल लेवल पे आ जायेगा इस चाय के नियमित सेवन से . अदभूत है :ये घरेलू नुस्खे वाली चाय.।
काफी बार सुना होगा पर भरोसा रखने को मन नही करता.जब बडे -बड़े डॉ. आहार विशेषज्ञ, वैज्ञानिक बताएँगे तभी भरोसा रखने की आदत जो हैं और एक दृष्टिकोण से वो सही भी हैं.
अब चाय का ऑपशन मैं बताता हू. डेट्स (छुआरा) की गुठली जमा करनी हैं, इन्हें धूप मे सुखाना है बाद में इन्हें आंच पर तवे पर लाल होने तक गरम करो ,मिक्सी में पावडर बनाओ । जब आप चाय बनाओगे तब दूध और पानी के मिश्रण में चायपत्ती की इस प्रकार तैयार एक चम्मच पावडर, एक इलायची, एक लॉंग .
चीनी की जगह अगर गुड़ (jaggery powder )का उपयोग करेंगे तो सोने पे सुहागा. रामदेव जी की शक़्कर भी उत्तम है। इस आयुर्वेदिक चाय का टेस्ट आपको बेहद जबरदस्त फील और ज़ायका देगा . 90 का पैग, पटियाला पैग मारने वालों को तो इस चाय में वो भी किक मिलेगी, टल्ली बनाने वाली. जिसका sperm count कम है वो भी नॉर्मल लेवल पे आ जायेगा इस चाय के नियमित सेवन से . अदभूत है :ये घरेलू नुस्खे वाली चाय.।
साभार।
विशेष :हमारे विचार में भारत के एवं अन्यत्र भी विश्व में जहां जहां जल और मिट्टी में आयोडीन की कमी वाले क्षेत्र हैं वहां दोनों किस्म के नमक काम में लिए जाएँ। अति सर्वत्र वर्जयते :अति का भला न बोलना अति की भली न चूप (चुप )
विशेष :हमारे विचार में भारत के एवं अन्यत्र भी विश्व में जहां जहां जल और मिट्टी में आयोडीन की कमी वाले क्षेत्र हैं वहां दोनों किस्म के नमक काम में लिए जाएँ। अति सर्वत्र वर्जयते :अति का भला न बोलना अति की भली न चूप (चुप )
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